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Jeena nahi chahti

पठानी हाउस,,

इस वक्त असुर कनिका के सामने जमा खड़ा हुआ था उसकी आंखें इस वक्त हद से ज्यादा लाल थी ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आंखों में खून उतर आया हो,, उसके कानों में इस वक्त सर्वेंट की बात गूंज रही थी जो उसे सिर्फ एक रास्ता दिखा कर गई थी,, और वह रास्ता सोच-सोच कर असुर का दिमाग अब खराब होने लगा था,, वो कुछ देर पहले इतना ज्यादा ड्रंक था कि उसे होश भी नहीं था लेकिन अब जैसे पूरी तरह से उसकी उतर चुकी थी,,, अभी-अभी सर्वेंट ने उसे कनिका को अपने बदन की गरमाइश देने को कहा था। जिसे सुनकर असुर अपनी जगह पर खड़ा जम चुका था जो वह चीज नहीं चाहता था आज वह ना चाह कर भी उसके सामने आ रही थी,,,

इस वक्त उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था आखिर क्यों उसने कनिका का यह हाल बना दिया,, हालांकि गुस्सा वह कनिका से अभी भी था लेकिन वह किसी भी हालत में कनिका के साथ वह सब नहीं करना चाहता था,, इस वक्त उसका दिमाग पूरी तरह से जैसे बंद पड़ चुका था उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह करें तो कर क्या, लेकिन फिर भी अब उसने हिम्मत करी , अब वह कनिका की तरफ बड़ा और उसने वह रजाइयां जो पास में पड़ी थी वह अच्छे से उसे लपेट दी और उसके हाथों पैरों को मलने लगा और अगले ही पल उसने एक सर्वेंट को आवाज दी यह वही सर्वेंट थी जो अभी-अभी असुर को सजेशन देकर गई थी, जैसे ही वह सर्वेंट असुर के सामने आकर खड़ी हुई तो असुर ने उसकी तरफ देखकर गर्म तेल करने,, के लिए कहा ताकि कनिका की हथेलियां और पैरों की मालिश की जा सके,,

वही सर्वेंट अब उसकी तरफ देखकर एक बार परेशानी से कुछ बोलने को हुई लेकिन असुर ने अपनी सर्द नजरों से देखा तो सर्वेंट वहीं पर चुप हो गई। फिर पलट कर रूम से बाहर निकल गई वही असुर अभी भी कनिका के हाथ पैर अपने हाथों से मल रहा था। लेकिन कुछ भी असर नहीं हो रहा था बाहर बारिश जोरों से हो रही थी जिस वजह से मौसम में भी काफी ठंडक आ चुकी थी,,, असुर लगातार उसके हाथों को घिसे जा रहा था। लेकिन उसके हाथ गर्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। हाथ गर्म होना तो दूर अभी तक हाथों में ठंडक थोड़ी सी भी नहीं मिटी थी। तभी सर्वेंट अंदर की तरफ आई और इस वक्त उसके हाथ में कटोरी थी जिसमें गर्म तेल था। अब उसने वह कटोरी ले जाकर बेड रेस्ट पर रख ली तो असुर ने उसमें से तेल लेते हुए कनिका के हाथ में गिराना शुरू किया वह गर्म तेल लगातार कनिका के हाथों में घिस रहा था। लेकिन कनिका पर इस चीज का कोई असर नहीं हो रहा था उसका चेहरा अभी भी बेजान का बेजान ही था उसकी सांसे और भी माध्यम पढ़ने लगी थी,,

उसके चेहरे से देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसे सांस लेने में अब तकलीफ होने लगी हो उसकी तरफ देखकर एक पल के लिए असुर की धड़कन जैसे रुक सी गई थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सांस ही उसके गले में अटक गई हो अब उसे वह कनिका के पैरों की तरफ गया और उसके पैरों को जोरो-जोरों से रगड़ने लगा,, इस वक्त उसके जबड़े पूरी तरह से कैसे हुए थे वह गुस्से में दांत पीसते हुए बोला तुम ऐसा नहीं कर सकती,,,, तुम्हें इस तरह से लेटने का कोई हक नहीं है मुझे मेरा बदला चाहिए,, उठो नफरत है मुझे तुमसे तुम्हें मेरी नफरत झेलनी होगी,,,

इतना कहते हुए उसका चेहरा गुस्से से कांप रहा था। तुम नफरत के लायक हो और अब तुम यह ड्रामा क्या पकड़ रही हो कि तुम्हें कुछ हो जाएगा तुम्हें कुछ नहीं होगा मैं तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगा तुमसे मुझे बदला लेना है उठो अपनी आंखें खोलो,,, अगर तुम्हें कुछ हुआ तो मैं दुनिया जलाकर राख कर दूंगा,, तुम्हें उठना होगा इतना कहते हुए लगातार उसके पैरों की तलियों को घिस रहा था। लेकिन कनिका टस से मस नहीं हो रही थी। लेकिन उसकी सांसों की गहराइयों से पता चल रहा था कि उसे अब सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी,,

जब पैर हाथ घिसने से कोई असर नहीं हुआ। असुर के चेहरे पर फ्रस्ट्रेशन साफ दिखाई देने लगी वह एक पल के लिए जैसे पागल सा होने लगा था इस वक्त उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था। वह अब पास खड़ी सर्वेंट से जल्दी से पेरासिटामोल लेकर आओ,, सर्वेंट उसकी बात पर अजीब सा रिएक्ट करते हुए बाहर की तरफ चली गई और कुछ ही देर में पैरासिटामोल की गोली लेकर आई और अब असुर ने उस गोली को लेकर कनिका के बिल्कुल पास जाकर खड़ा हो गया अब सवाल यह था कि कनिका को वह गोली खिलाई कैसे जाएं क्योंकि कहीं ना कहीं उसे शक था कि इतने ठंडे पानी में रहने की वजह से उसके अंदर कहीं ना कहीं बुखार ना हो,, उसने अब एक नजर उस गोली को देखा,,, और अगली नजर कनिका के चेहरे पर बनाई,, फिर उसने एक गहरी सांस भरी और उसे गोली को अपने मुंह में भर लिया,,

और अगले ही पल वह बिना सर्वेंट की परवाह किए अपने होंठों को कनिका के होठों के पास ले जाकर उसके होठों को खोलकर अपने मुंह में जो दवाई उसने ली थी उसे अच्छी तरह से पीस कर कनिका के मुंह में डाल दिया,,, जैसे ही उसने कनिका के मुंह में दवाई डाली और अगले ही पल वह उसके ऊपर से हटा पास ही में पानी का जग पड़ा था उसने अब उस जग को उठाकर ऐसे ही जग को मुंह लगाते हुए पानी का घूंट भरकर एक बार फिर से कनिका के होठों पर अपने होंठ रखकर पानी पूरी तरह से उसके मुंह में डाल दिया जिससे वह दवाई कनिका के अंदर चली गई,, अब एक बार फिर से उसने ऐसे ही जग को मुंह से लगाकर पानी पिया और दोबारा से कनिका के मुंह में पानी डाल दिया,,,, ऐसे ही दो-तीन बार पानी पिलाने के बाद असुर ने एक बार फिर से उसके हाथों पैरों की तलियों को घिसने लगा लेकिन कनिका पर इस चीज का कोई असर नहीं हो रहा था और लगातार अब उसकी सांसे और भी ज्यादा ड्रॉप होने लगी थी,,,

उसकी सांसों को लगातार गिरते हुए देखकर असुर का दिल इस वक्त जोर-जोरों से धड़क रहा था उसके चेहरे पर इस वक्त दुनिया जहां की परेशानी छलक रही थी वही बाहर अब तक अमानत भी उठकर आ चुका था रात के 12 बजने को थे लेकिन असुर के कमरे में हलचल देखकर अमानत जो कि पानी लेने के लिए बाहर की तरफ आया था वह अब असुर के कमरे की तरफ आ चुका था जैसे ही उसने अंदर का नजारा देखा तो उसकी आंखें बड़ी हो गई,, अब वह अंदर की तरफ आकर बोला यह क्या हुआ भाई इन्हें क्या हुआ है और मैंने आपको कहा था ना कि डॉक्टर को बुला लीजिए अब तो बारिश हो रही है अब तो किसी डॉक्टर का मिलना भी बहुत मुश्किल है और ऊपर से इतनी ठंड में इसकी हालत क्या हो गई है सर चेहरा ओ माय गॉड भाई इसका तो पूरा चेहरा सफेद पड़ चुका है ऐसा लग रहा है जैसे इसे बहुत ज्यादा ठंड लग रही है,,

अमानत की बात सुनकर असुर के चेहरे पर परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई लेकिन वह अगले ही पल अमानत की तरफ देखकर बोला तू जा यहां से मैं कर लूंगा जो करना हुआ,, जैसे ही असुर ने यह बात कही अमानत आगे की तरफ आते हुए बोला ओ बस कीजिए भाई,, आपको किसी की हालत नहीं दिखाई दे रही उसकी हालत क्या हो गई है देखिए उसका चेहरा बेजान है अगर अभी कुछ नहीं किया गया यह मर भी सकती है...

उसने इतना ही कहा था कि तभी वहां पर एक जोरदार थप्पड़ की आवाज गूंज गई और यह थप्पड़ किसी और ने नहीं असुर ने अमानत को मारा था यह चीज देखकर अमानत अपनी जगह पर जैसे एक पल के लिए फ्रीज हो चुका था क्योंकि आज तक असुर ने उसे बच्चों की तरह रखा हुआ था उसने कभी भी अमानत पर हाथ नहीं उठाया था और आज उसने अमानत पर हाथ उठाया था यह चीज देखकर अमानत भी अपनी जगह पर खड़ा-खड़ा जम सा गया था। वही असुर जिसने अमानत को थप्पड़ मारा था उसकी गुस्से से मुठिया कस चुकी थी और उसने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली थी क्योंकि कहीं ना कहीं वह भी जानता था कि उसने अभी जो गलती की है वह शायद अमानत के दिल पर वार करें,,

वह अब आगे होकर अमानत के चेहरे को अपने हाथों में भरने को हुआ लेकिन अमानत ने हाथ दिखाकर रोकते हुए बोला बस कीजिए भाई बहुत हो गया शाम को भी आपने मुझे अपने साथ रिश्ता तोड़ने के लिए कह दिया लेकिन तब भी मैं कुछ नहीं बोला और अब आपने सीधा मुझ पर हाथ उठा दिया बस बहुत हो गया वैसे ही कह दीजिए कि आपको मेरा यहां पर आना अच्छा नहीं लगा तभी आप मेरे साथ ऐसा रवैया कर रहे हैं अभी वह बोल ही रहा था कि तभी असुर ने उसके कॉलर को मुट्ठी में भरते हुए गुस्से से दांत पीसकर बोला बकवास बंद कर बच्चा है तू मेरा अगर मैंने हाथ भी उठा दिया तो क्या मां-बाप अपने बच्चों पर हाथ नहीं उठा सकते,, तूने भी मुझे अपने पिता का सम्मान दिया था क्या तब तूने यह सोचा था कि कभी पिता भी बच्चों पर हाथ उठाता है। असुर की बात पर एक पल के लिए अमानत चुप हो गया लेकिन अब उसकी आंखें हद से ज्यादा लाल हो चुकी थी। अब उसने एक नजर कनिका की तरफ देखा और दूसरे ही पल उस कमरे से निकलकर बाहर की तरफ चला गया,,

अमानत जल्दी से पठानी हाउस से निकल उसने अपनी गाड़ी बाहर की तरफ दौड़ा दी कुछ ही देर में उसकी गाड़ी तेजी से हाईवे पर दौड़ रही थी और उसकी आंखों के सामने इस वक्त असुर का चेहरा घूम रहा था जिस तरह से असुर ने उसे आज थप्पड़ मारा था उसे अपने दिल में एक अलग सी हूक उठती हुई महसूस हो रही थी। और इस वक्त उसकी आंखें गुस्से में इतनी ज्यादा लाल थी कि अगर आज उसके सामने कोई आ जाए शायद वह उसकी जान ही ले ले,, वह गुस्से में खुद में ही बडबडाते हुए अआपने ठीक नहीं किया भाई यू नो that how much I love you,,, और आपने आज मुझ पर हाथ उठाकर अच्छा नहीं किया जस्ट बिकॉज आफ डेट कि मैंने उस लड़की के बारे में पूछा अगर आप उस लड़की से इतनी ही नफरत करते हैं तो क्यों उसके लिए मुझ पर हाथ उठाया इतना कहते हुए उसका चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था,,, इस वक्त उसकी गाड़ी इतनी ज्यादा तेज चल रही थी कि,, अगर कोई भी उस गाड़ी के सामने आ जाए तो अमानत ठीक से ब्रेक भी ना लगा पाए,,

वह अपने ही ध्यान गाड़ी चला रहा था कि तभी उसकी गाड़ी के सामने एक शख्स आकर खड़ा हो गया जिससे अमानत की आंखें बड़ी हो गई और अगले ही पल उसने अपना स्टेयरिंग भी घुमा दिया स्टेयरिंग व्हील घूमते ही उसकी गाड़ी सीधा पेड़ में जाकर लगी और,, उसके बोनट में से आग निकलने लगी,, अमानत का सर सीधा स्टैयरिंग व्हील पर जाकर लगा,, लेकिन इससे पहले उसके सिर में चोट लगती उस स्टीयरिंग व्हील में से एक सेफ्टी बैलून निकला जिस वजह से अमानत को जरा भी चोट नहीं लगी लेकिन अगले ही पल अब उसके जबड़े पूरी तरह से कस चुके थे। अमानत गुस्से से तमतमाते हुए अपनी गाड़ी से बाहर निकला,, लेकिन जैसे ही उसने सामने की तरफ देखा एक पल के लिए उसकी आंखें सामने की तरफ जम गई,, अभी कुछ देर पहले जो उसकी आंखें इतनी ज्यादा लाल थी वह अब बिल्कुल स्थिर हो चुकी थी,,

सामने ही एक लड़की खड़ी थी जिसके बाल पूरी तरह से खुले थे और इस वक्त वह सफेद साड़ी में थी उस लड़की को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वह एक विधवा हो,, उस लड़की के लंबे बाल जो कि उसके कमरे पर तक झूल रहे थे रंग गोरा हद से ज्यादा खूबसूरत लड़की,,, वह लड़की पूरी तरह से अभी भी वहीं पर जमी खड़ी थी उसकी आंखों में लबालब पानी जा रहा था,, वही अमानत तो जैसे सांस लेना ही भूल गया था वह लगातार उस लड़की को ही देखे जा रहा था,, क्योंकि आज तक उसने लड़कियां तो बहुत अच्छी देखी थी लेकिन इस लड़की को देखकर जैसे उसकी दिल की धड़कन बढ़ती हुई महसूस हो रही थी,, अब वह उस लड़की के सामने आकर खड़ा हुआ और उसकी तरफ देखकर बोला,,, क्या बात है मैडम आप इस तरह रास्ते में,, अगर मैं वक्त पर गाड़ी नहीं घूमाता तो आपकी जान चली जाती,,

तभी वह लड़की रोते हुए चली जाती तो चली जाती मर जाती ना यही तो लोग चाहते हैं अगर अगर विधवा की कोई जिंदगी होती तो शायद मैं जी लेती लेकिन भगवान को तो कुछ और ही मंजूर है। रोज-रोज मरने से अच्छा है तो मैं एक ही बार में मर जाऊं,, उसकी बात पर एक पल के लिए अमानत उसकी तरफ देखता ही रह गया अब वह उसके पास हुआ और उसके कंधे पर हाथ रखने को हुआ कि तभी वह लड़की डर के मारे पीछे हो गई,, अब जाकर उस लड़की का ध्यान अमानत पर पड़ा जैसे ही उसने अमानत को दिखा,, वह अंदर तक कांप गई और अगले ही पल डर के मारे उसने अपने कदम पीछे लेने शुरू कर दिए,, उसके दिमाग में बस एक ही बात चल रही थी कि यह शख्स कहीं उसके साथ कुछ गलत ना कर दे वह अब पीछे की तरफ कदम लेते हुए भागने को हुई कि तभी अमानत ने उसका हाथ पकड़ लिया जैसे ही अमानत ने उसका हाथ पकड़ा उस लड़की का दिल धक सा रह गया वह लड़की दिखने में 17 से 18 साल की लग रही थी।

अमानत ने जब उसका हाथ पकड़ा वह लड़की पूरी तरह से कांप उठी,, वह रोते हुए गिड़गिड़ाते हुए बोली प्लीज हमें छोड़ दीजिए हम हम चले जाएंगे आप भी हमारे साथ ऐसा कुछ मत कीजिएगा हम हम भीख मांगते हैं आपके आगे,, हाथ जोड़ते हैं वही अमानत कन्फ्यूजन से , आप भी हमारे साथ ऐसा मत कीजिएगा लेकिन आपके साथ ऐसा क्या हुआ जो आप मेरे साथ ऐसी बातें कर रही हैं,, अभी वह बोल ही रहा था कि तभी उस लड़की ने अमानत का हाथ तेजी से झटका और दोबारा से जंगलों की तरफ भाग गई,, वही अमानत तो बस अपनी जगह पर जैसे जमा खड़ा रह गया,, उसकी आंखें बस उस लड़की को देखते ही रह गई लेकिन कुछ देर बाद उसे होश आया और वह दोबारा से उस लड़की के पीछे भागा लेकिन अब तक वह लड़की उन जंगलों में कहीं जैसे गायब हो चुकी थी,,

तकरीबन डेढ़ घंटा अमानत उस लड़की को ढूंढता रहा लेकिन वह लड़की कहीं भी दिखाई नहीं दी,, अमानत दोबारा से जंगल के बाहर आया इस वक्त उसकी आंखों के सामने उस लड़की का चेहरा घूम रहा था उस लड़की का चेहरा याद करते ही एक पल के लिए अनजाने में ही अमानत के चेहरे पर मीठी सी मुस्कुराहट तैर गई लेकिन तभी उसकी नजर जमीन पर पड़ी जमीन पर एक काले रंग का धागा था जिसमें सफेद रंग के चार-पांच मोती बंधे हुए थे वह शायद उस लड़की के पैर का धागा था जो कि जमीन पर गिर चुका था अब अमानत ने उसे धागे को अपने हाथ में कसकर मुट्ठी में जकड़ते हुए अपनी जेब में डाल दिया,, और अगले ही पल उसने गाड़ी की तरफ देखा और गहरी सांस लेकर अपने पॉकेट से फोन निकाल कर,,, बॉडीगार्ड को फोन किया इस वक्त उसके दिमाग में वह सब बातें निकल चुकी थी जो अभी कुछ देर पहले असुर के साथ हुई थी,,

वहीं दूसरी तरफ,,

पठानी हाउस,,,

असुर ने हर मुमकिन कोशिश कर ली थी लेकिन कनिका को होश आने का नाम नहीं ले रहा था उसका शरीर और भी ज्यादा ठंडा पड़ते जा रहा था और सांस हद से ज्यादा मध्यम और ऊपर से अब असुर ने उसके दिल पर अपना कान रख कर देखा तो उसकी धड़कनें भी अब धीमी पड़ती जा रही थी।। जिससे असुर की जैसे जान उसके मुट्ठी में आ चुकी थी, वह दांत पीसते हुए लगातार उसके हाथों को घिसते हुए बोला,, तुम्हें उठना होगा तुम्हें उठना होगा उठो मैंने कहा उठो इतना कहते लगातार उसके चेहरे को अपने हाथों में भरकर हिलाने की कोशिश कर रहा था लेकिन कनिका तो जैसे बेजान ही हो चुकी थी,,

असुर अब सीधा खड़ा हुआ उसने हर मुमकिन कोशिश कर ली थी जिस वजह से कनिका की सांस नॉर्मल हो जाए और हार्टबीट भी लेकिन कुछ भी फायदा नहीं हो रहा था क्योंकि लगातार उसकी सांसे गिरती ही जा रही थी जिस वजह से,,, अब उसकी हालत और भी खराब होने लगी थी,, असुर ने अपनी लाल आंखों से उसे देखा और उसने अब एक नजर सामने खड़ी सर्वेंट की तरफ देखा जैसे ही सर्वेंट को देखा सर्वेंट सर झुका कर बाहर की तरफ चली गई,, अगले ही पल उसने अपनी आंखें बंद की और एक कतरा आंसू उसके गालों पर बह गया,, और अपनी आंखें बंद किए ही उसने अब अपना हाथ अपनी शर्ट पर ले जाकर अपने बटन खोलने शुरू कर दिए इस वक्त उसके एक हाथ की उसकी मुट्ठी इतनी ज्यादा कसी हुई थी जैसे वह यह काम बहुत ज्यादा मजबूरी में कर रहा हो,,,

अभी उसके हाथ उसकी शर्ट पर ही थे अभी उसने अपनी शर्ट के बटन खोल नहीं थे,, असुर ने अब सामने पड़े रिमोट पर अपना हाथ रखा और अगले ही पल रिमोट से दरवाजा बंद कर दिया,,, दरवाजा बंद करते ही उसने अब एक नजर कनिका की तरफ देखा,, जो अभी भी बेजान वैसे ही पड़ी थी,, असुर ने अगले पल अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए देखते ही देखते उसनी अपने शर्ट उतार कर जमीन पर फेंक दी थी अब उसने कनिका के ऊपर से जो रजाई दी थी वह पूरी तरह से हटाई,, और अगले ही पल असुर ने अपना हाथ उसके दुपट्टे पर रख दुपट्टा उसके सीने से अलग कर दिया,, और अब उसने उसके कुरते की तरफ देखा और अपने कांपते हुए हाथों से उसके कुरते को,, उतारने लगा कुछ ही देर में उसने उसका कुरता पूरी तरह से उतार दिया था। देखते ही देखते उसने उसके लोअर बॉडी से कपड़े निकाल दिए थे कुछ ही देर में कनिका पूरी तरह से उसके सामने थी,, उसने आज तक कनिका को इस तरह से कभी नहीं देखा था। जैसे वह आज देख रहा था कनिका को इस तरह से देख असुर के चेहरे के भाव अब बदलने लगे थे। उसकी आंखें जो हर वक्त कनिका के लिए सख्त रहने

लगी थी वह जैसे पिघल गई हो...

To be continue...

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