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Dard ki shuruaat

3 साल बाद,,

सिडनी में,,

Blood cure hospital,,

एक लड़की जो बेड पर बेजान लेटी हुई थी उस लड़की की भूरी आंखें हद से ज्यादा गोरा चेहरा , जो कि बेजान नजर आ रहा था उसका पूरा चेहरा सफेद पड़ा हुआ था , जैसे उस लड़की में खून ही ना हो,, उसके सफेद पड़ चुके होंठ इस चीज को बयां कर रहे थे कि वह लड़की बहुत देर से उस बेड पर पड़ी हुई है,,, उस लड़की की आंखें जो कि भूरी थी वह सीलिंग की तरफ लगी हुई थी,,, अपनी बेजान आंखों से एक टक ऊपर की तरफ ही देखे जा रही थी,,

तभी उस वार्ड का दरवाजा खुला और एक शख्स अंदर की तरफ आया,, और आते ही उस शख्स की नज़रे सीधा बेड पर लेटी लड़की पर ठहर गई,,, वह शख्स दिखने में काफी हैंडसम था उसकी हाइट 6 फुट 4 इंच और आंखें गहरी काली बाल जेल से सेट किए हुए और ऊपर से डॉक्टर कोट पहना हुआ था,,, वह शख्स अब अपने धीमे कदमों से चलते हुए उस बेड पर पड़ी लकड़ी के पास आया,, अऔर बड़े प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोला,,, 3 साल हो गए तुम्हें इस बेड पर आखिर तुम हो कौन तुम्हारे बारे में आज तक मैं कुछ नहीं पता लगा पाया,,, पता नहीं क्यों तुम्हें इस तरह से बेड पर लेटे देख मुझे अच्छा नहीं लगता एक अनचाहा सा रिश्ता बन गया है तुमसे,,

जब भी तुम्हें देखता हूं दिल में एक दर्द सा उठता है जो रोके नहीं रुकता हालांकि मैं तो तुम्हारा नाम भी नहीं जानता इतना कहते हुए उसने बड़े प्यार से उस लड़की के सिर को सहलाने लगा और लड़की के सिर को सहलाते हुए ही एक पल के लिए उसके मन में पता नहीं क्या आया वह उसके ऊपर झुका और उसका माथा चूम कर बोला बस एक बार ठीक हो जाओ तुम । 3 सालों में तुमने आज तक अपनी उंगली तक नहीं हिलाई पता नहीं क्यों आशा है कि तुम ठीक हो जाओगी,, इतना कह कर उस शख्स ने गहरी सांस ली और सीधा होकर खड़ा हो गया,,,

कि तभी उस वार्ड का दरवाजा खुला और एक लड़की अंदर की तरफ आई,, पारुल तुम यहां पर क्या कर रहे हो तुमने तो कहा था कि तुम ओल्ड मैन का ऑपरेशन करने जा रहे हो तुम वहां पर गए नहीं, और तुम फिर से यहां पर आ गए इस लड़की के पास तुम्हें कितनी बार कहा है कि यह लड़की अब नहीं उठने वाली यह सिर्फ नाम के लिए जिंदा है,, जैसे ही उस लड़की ने यह बात कही पारुल के जबड़े पूरी तरह से कस गए,, ये जो सामने डॉक्टर खड़ा था ,, यह सिडनी का जाना माना स्पेशल डॉक्टर पारुल अग्रवाल था । बहुत से चमत्कार इसके हाथों से हुए थे बहुत से पेशेंट को इसने ठीक किया था।

लेकिन अभी तक पारुल इस लड़की को ठीक नहीं कर पाया था। वही वह लड़की अब दोबारा से उसकी तरफ देखकर बोली तुमने इतने पेशेंटस को ठीक किया है पर यह पेशंट एक ऐसा पेशेंट है जो कि ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही तुम खुद ही सोचो ना यह बात,, इतना कहकर उसने चिढ़ भरी नजरों से सामने वेंटिलेटर पर पड़ी हुई लड़की की तरफ देखा जो कि ज़िंदा लाश की तरह पड़ी थी।वहीं पारुल उस लड़की को अपनी सर्द नजरों से देखते हुए,, दांत पीसकर बोला अपनी बकवास बंद रखो 3 सालों में तुमने कौन सा इस लड़की के लिए अच्छा बोला है,,

जब से यह लड़की आई है तुम्हें नहीं लगता काशवी तुम बदल गई हो,, पारुल की बात पर सामने खड़ी लड़की जो की पारुल की बेस्ट फ्रेंड थी। वह फ्रस्टेट होते हुए बोली मैं बदली नहीं हूं पारुल तुम बस इस लड़की को कुछ ज्यादा ही अटेंशन देने लगे हो तुम्हें नहीं लगता हमारी फ्रेंडशिप में कितना गैप आ गया है इस लड़की के आने के बाद,, इतना कहते हुए एक बार फिर से काशवी ने उस लड़की की तरफ देखा जो कि बेड पर पड़ी हुई थी,, अब वह फ्रस्ट्रेशन से एक बार फिर से बोली पता नहीं तुम किस जगह से इसे उठा कर लेकर आए हो 3 साल हो गए इस लड़की के बारे में कुछ भी पता नहीं लगा पाए हो तुम,,

और ऊपर से सारा दिन इसके आगे पीछे घूमते रहते हो जबकि यह लड़की इतनी खूबसूरत भी नहीं है,, एक जिंदा लाश को इस तरह से ट्रीट करने से वह ठीक नहीं हो जाएगी,, तुम मान क्यों नहीं जाते पारुल यह सिर्फ एक जिंदा लाश है और कुछ भी नहीं और अपनी मेहनत इस पर जाया मत करो,, काशवी की बात सुनकर पारुल ने उसके आगे हाथ दिखाकर उसे रोक दिया और बोला तुम्हें मुझे बताने की जरूरत नहीं कि मुझे क्या करना है क्या नहीं मेरे खुद के पास मेरा खुद का दिमाग है,, और वन मोर थिंग यह लड़की जल्द ही ठीक होगी और ,,,that's My challange for you,, पारुल की बात पर काशवी एक पल के लिए उसकी तरफ देखते ही रह गई लेकिन अगले ही पल वह दांत पीसकर अपने पैर पटक कर वहां से चली गई,

जैसे ही वह लड़की उस वार्ड से बाहर आई अब उसकी आंखों में नमी तैरने लगी और वह खुद से बोली तुम बहुत बदल गए हो पारुल,, मैं जानती हूं तुमने मुझसे कभी प्यार नहीं किया लेकिन मैं बेवकूफ अपने दिल को समझा नहीं पाई , सारी दोस्ती से ज्यादा आगे बढ़ गई प्यार कर बैठी मैं तुमसे अब इस दिल का क्या करूं जो तुम्हें इतना चाहने लगा है इतना कह कर उस लड़की की आंखों की नमी उसके गालों पर आ गई और अब उसने अपने गालों से नमी को साफ करते हुए कहा,, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी मैं तुम्हें अपना बना कर रहूंगी पारुल तुम सिर्फ मेरे हो,,

और इसके लिए चाहे मुझे जो भी करना पड़े इतना कहते हुए उसके चेहरे पर गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था,, और उसकी आंखों के सामने इस वक्त उस लड़की का चेहरा घूम रहा था जो कि बेड पर लेटी हुई थी,,

वहीं दूसरी तरफ,,

Singapore,,

रात का वक्त,,,

एक बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर एक शख्स मिरर वॉल के सामने खड़ा हुआ था और बाहर का नजारा देख रहा था जहां से सारा शहर जगमगा रहा था सड़कों पर गाड़ियां दौड़ती हुई किसी चीटियों की तरह लग रही थी। वह शख्स अपनी सूनी आंखों से बाहर की रौनक को देख रहा था लेकिन उसके केबिन में पूरी तरह से अंधेरा था। एक हल्की डिम लाइट जो कि उसके टेबल पर ही जल रही थी उसी से उसके कैबिन में रोशनी हो रही थी,, वह शख्स एक टक सिर्फ बाहर की तरफ ही देख रहा था और उसकी आंखों में ऐसा लग रहा था जैसे दुनिया जहां का दर्द छुपाए बैठा हो,,

तभी पीछे से कैबिन का दरवाजा खुला,, और दूसरे ही पल उस शख्स के कानों में आवाज पड़ी कब तक खुद को यूं बंद करके रखने का इरादा है अरुण,, 3 साल हो गए उस हादसे को लेकिन तुम अभी तक उस हादसे से बाहर नहीं आ पाए हो तुमने अपने आप को इस बिल्डिंग में इस कदर बंद कर लिया है कि तुम मुंबई जाने को तैयार ही नहीं हो,, कल काजल और सूफियाना की बरसी है कम से कम कल तो चल पढ़ो,,, तभी AS अपनी कोल्ड वॉइस में , किसने कहा बरसी रखने को और यह बरसी किस लिए हो रही है, बरसी तो तब होती जब कोई मर जाता है उसके लिए की जाती है। तभी पीछे से आमिर अरे वह मर चुके हैं क्यों नहीं समझता तू.

तभी AS चिल्लाकर , मेरी रैबिट को कुछ नहीं हो सकता,, समझे तुम और अपनी औकात मत भूलो मानता हूं कि तुम मेरे दोस्त हो इसका मतलब यह नहीं कि अपनी औकात भूल जाओ,, उसकी बात पर एक पल के लिए आमिर चुप हो गया लेकिन अगले ही पल वह फिर से उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला,, बस कर यार बस कर बहुत हो गया जिस तरह से घुट घुट के जी रहा है कब तक ऐसा चलेगा,, अरे क्यों नहीं समझता भाभी...

अभी आमिर बोल ही रहा था कि तभी AS ने उसका कॉलर पकड़ा और गुस्से से झकझोरते हुए बोला,, दुनिया इधर से उधर हो सकती है अगर भगवान आकर भी कह दे ना कि मेरी रैबिट अब इस दुनिया में नहीं है तो भी मैं यकीन करने को तैयार नहीं हूं और तू चीज ही क्या है,, अगर मेरी सांसे चल रही है ना तो मेरी रैबिट की भी सांसे चल रही है समझा तू और आज के बाद ना यह बात कहने की हिम्मत मत कर देना कि मेरी रैबिट जिंदा नहीं है। वह है तो मैं हूं और मैं हूं तो वह है हम दोनों का एक दूसरे से वजूद है और कोई हमारे वजूद को ऐसे ही छलनी कर कर नहीं जा सकता,, इतना कहते हुए उसके जबड़े पूरी तरह से कसे हुए थे

अब उसने एक बार फिर से अपना चेहरा विंडो वाल की तरफ किया और बाहर की तरफ देखने लगा,, और अपनी कर्कश आवाज में बोला उस हादसे के बारे में और कुछ पता चला,,AS की बात पर आमिर अब गहरी सांस लेकर बोला,, हां इतना ही पता चला है कि उसमें रवि का कोई हाथ नहीं है,, अरे उसको तो तूने किसी लाइक छोड़ा ही नहीं,,AS ने आमिर की बात का कोई जवाब नहीं दिया,, लेकिन अगले ही पल वह एक बार फिर से अपनी कोल्ड वॉइस में,, मेरी बेटी के बारे में क्या पता चला,, तभी आमिर ने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली क्योंकि पिछले तीन सालों से वह काजल और सूफियाना को ढूंढ रहे थे लेकिन उनका कुछ भी पता नहीं चल रहा था क्योंकि AS को पूरा यकीन था कि काजल और सूफियाना जिंदा है वह इस चीज को मानने को तैयार ही नहीं था कि काजल और सोफियाना अब इस दुनिया में नहीं रहे,,,

वही आमिर अब गहरी सांस लेकर बोला यार तू समझता क्यों नहीं है इस बात को 3 साल हो गए हमें उसे ढूंढते हुए जब उनके बारे में कोई नामोनिशान नहीं पता चल रहा तो कैसे मैं तुझे बता दूं। इससे तो एक ही बात साबित होती है ना कि वह लोग.. इतना कहकर आमिर चुप हो गया। लेकिन AS उसकी सारी बात समझ चुका था। वह अब एक बार फिर से अपनी गहरी और डोमिनेटिंग वॉइस में बोला वह जिंदा है तो मतलब जिंदा है,,, तूने उनके बॉडीज देखी इतना कहकर एक बार फिर से AS आमिर की तरफ घुमा और उसकी आंखों में अपनी लाल आंखों से देखने लगा,, इस वक्त AS की आंखें इतनी ज्यादा लाल थी कि उसका दर्द उसकी आंखें ही बयां कर रही थी।

इतना कहकर AS अब सामने सोफा पर जाकर बैठ गया और अपना सर पीछे टिकाकर उस ब्लास्ट का दिन याद करने लगा जिस दिन शेखावत पैलेस में ब्लास्ट हुआ था।

Blast का din,

जब उस दिन ब्लास्ट हुआ तो AS के सिर में बहुत गहरी चोट लगी थी। ब्लास्ट इतनी ज्यादा तेज हुआ था की AS जो कि अपनी गाड़ी के पास खड़ा था वह सीधे पीछे लगे पेड़ पर जाकर लगा और उसका सर भी उस पेड़ पर जोरों से लगा जिससे उसके सिर में गहरी चोट आई थी। लेकिन किसी तरह से AS हिम्मत करके अपना सिर झटक कर अपनी जगह से खड़ा हुआ। इस वक्त उसके चेहरे से खून बुरी तरह से बह रहा था,, वहीं दूसरी तरफ आमिर का भी कुछ ऐसा ही हाल था,, जो कि शेखावत पैलेस के बैक एरिया में ग्राउंड में फोन से किसी से बात कर रहा था जब शेखावत पैलेस में ब्लास्ट हुआ तो वह भी सीधा सामने की दीवार में जाकर लगा ब्लास्ट इतना तेजी से हुआ था कि आमिर की लेफ्ट साइड का हाथ फ्रैक्चर हो गया था।

और सामने का नजारा देखकर आमिर का दिल जैसे उसके मुंह को आ गया था। वही पैलेस के अंदर इस वक्त सिर्फ काजल थी और सूफियाना थी। क्योंकि अनन्या और कल्याणी जी तो अभी थोड़ी देर पहले ही शॉपिंग के लिए निकली थी क्योंकि उन्हें भी दिव्यांश का फोन आया था जो की सूफियाना के लिए शॉपिंग करने की ही बात कर रहा था क्योंकि आज सूफियाना का नामकरण था जिस वजह से उन्होंने सूफियाना के लिए कुछ गिफ्ट्स वगैरह खरीदने थे।

जिसके लिए अभी थोड़ी देर पहले ही अनन्या और कल्याणी जी निकले थे हालांकि कल्याणी जी जाने को नहीं मान रही थी लेकिन अनन्या उन्हें जबरदस्ती ले गई,, तो अनन्या की ज़िद के चलते कल्याणी जी को उनके साथ जाना पड़ा। उनके जाने के 15 मिनट बाद ही AS की गाड़ी वहां पर आकर रुकी कि तभी शेखावत पैलेस पूरी तरह से ब्लास्ट हो गया।

बाहर खड़ा AS जो कि अपना सिर झटक कर खुद को सही रखने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी कान जैसे पूरी तरह से सन पड़ चुके थे उसे कुछ भी एक पल के लिए सुन और दिखाई देना बंद हो चुका था। और ऊपर से उसके दिल का धड़कना ऐसा था , जैसे अभी बंद हो जाएगा,, उसकी आंखों के सामने काजल का चेहरा बार-बार घूम रहा था,, जिसे याद करके उसकी आंखें हद से ज्यादा भर आई थी और खुद को उठाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उससे किसी भी हालत में उठा नहीं जा रहा था ब्लास्ट में AS की हालत भी हद से ज्यादा खराब हो चुकी थी,, वह बुरी तरह से झटपटा रहा था उठने के लिए लेकिन उससे उठा ही नहीं जा रहा था देखते ही देखते AS की आंखें बंद होने लगी और वह बेहोश हो गया,,

और दूसरी तरफ पीछे के गार्डन में भी कुछ ऐसा ही हाल था जहां पर आमिर पूरी तरह से बेहोश था।

रात के 7:00 बजे,,

AS की आंखे अस्पताल में खुली जैसे ही उसकी आंखे खुली अगले ही पल वह झटके से अपनी जगह से उठा अभी डॉक्टर इसका चेकअप कर ही रहे थे कि तभी वो डॉक्टर को अपने से दूर झड़कते हुए बाहर की तरफ जाने लगा के वहां के वार्ड बॉयस ने उसे पकड़ लिया जैसे ही वार्ड बॉयस ने AS को पकड़ा AS ने भी उन्हें भी धक्का देना शुरू कर दिया,,, वह चिल्लाते हुए बोला रैबिट मेरी रैबिट कहां है मेरी रैबिट कहां है,,AS को यूं तड़पता देख वहां पर खड़े कल्याणी जी,, और अनन्या जी का दिल भी तड़प उठा था अनन्या जी बुरी तरह से रोते हुए दिव्यांश के गले जा लगी ,, वह रोते हुए दिव्यांश को गले लगा कर बोली यह क्या हो गया दिव्यांश सोचा कुछ था हो कुछ और गया क्या कसूर है। छोटे का जो हर बार उसके साथ ही बुरा होता है इतना कहते हुए अनन्या जी फूट-फूट कर रोने लगी,,

वही दिव्यांश को भी बहुत ज्यादा बुरा लग रहा था पर वह क्या ही कर सकता था जब नियती को कुछ और ही मंजूर था। वो किसी तरह से अनन्या को संभालने की कोशिश कर रहा था लेकिन वह संभाले नहीं संभाल रही थी। बड़ी मुश्किल से अनन्या संभाल पाई थी लेकिन अब दूसरा हादसा जैसे अनन्या फिर से टूटने लग गई थी। दूसरी तरफ AS पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल होते जा रहा था हद से ज्यादा स्टाफ बॉयज उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन AS की तड़प बढ़ते जा रही थी वह रोते चीखते हुए बोला मेरी मुझे छोड़ो मुझे मुझे मेरी रैबिट के पास जाना है। लेकिन वह वार्ड बॉयज किसी तरह से AS पर कंट्रोल पाने की कोशिश कर रहे थे,,

AS की चींखे इतनी भयानक थी कि वहां पूरा हॉस्पिटल उसकी चींख सुन पा रहा था जिससे पूरा हॉस्पिटल दहल चुका था,, लेकिन वह वार्ड बॉयज उस पर अपना कंट्रोल बनाते-बनाते जब थकने लगे तो AS ने उन्हें और भी तेजी से धक्का देकर अब बाहर की तरफ भागा वह किसी तरह से शेखावत पैलेस पहुंचना चाहता था अब वह जल्दी से हॉस्पिटल से बाहर आया और इधर-उधर देखने लगा तभी उसने अपने पॉकेट में हाथ डालकर फोन ढूंढने की कोशिश की तो उसे याद आया वह तो इस वक्त हॉस्पिटल में था,, उसके पास इस वक्त उसका फोन भी नहीं था इसीलिए वह ऐसे ही दौड़ते हुए शेखावत पैलेस की तरफ निकल गया,,,

दूसरी तरफ दिव्यांश वह जब अनन्या को प्राइवेट रूम में लेकर गया था तभी AS पीछे से निकल चुका था जिसकी भनक उसे नहीं थी जब उसे पता चला तो वह भी अस्पताल से AS के पीछे निकल चुका था लेकिन उसे AS कहीं भी रास्ते में नजर नहीं आ रहा था। ऊपर से रात के 8:00 बज चुके थे अंधेरा पूरी तरह से हो चुका था जिस वजह से AS उसे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था वह हर जगह AS को ढूंढता हुआ फिर रहा था वहीं दूसरी तरफ AS पागलों की तरह सड़कों पर भाग रहा था। इस वक्त उसके पैरों में चप्पल तक नहीं थी जिस वजह से उसके पैरों में छाले भी होने लगे थे जिस हिसाब से वह भाग रहा था उसके पैरों में पत्थर कंकड़ जो भी घुस रहा था ऐसा लग रहा था उसे उससे भी तकलीफ नहीं हो रही थी । जबकि उसके पैरों की हालत बुरी हो चुकी थी पूरी तरह से फट चुके थे। और खून से लथपथ हो चुके थे।

लेकिन फिर भी AS रुक नहीं रहा था हांफते हुए भागे जा रहा था उसकी सांस इस वक्त इतनी ज्यादा तेज चल रही थी धड़कनों ने भी उसकी स्पीड पकड़ी हुई थी आंखों में नमी लिए वह शेखावत पैलेस की तरफ भागे जा रहा । इस वक्त उसकी आंखों के सामने सिर्फ काजल का वह हंसता हुआ चेहरा जो बार-बार उसे छेड़ने पर होता वह बार-बार याद आ रहा था और जब वह ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था काजल का टोकना उसे अभी भी याद आ रहा था जिससे उसकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे,,,

किसी तरह से वह खुद को संभालते हुए पौने घंटे में शेखावत पैलेस पहुंच गया पर जैसे ही वह शेखावत पैलेस पहुंचा एक पल के लिए उसके कदम वहीं पर जम गए क्योंकि शेखावत पैलेस अब राख में बदल चुका था। और वहां का नजारा देखकर AS का दिल धक सा रह गया पूरा शेखावत जलकर काला पड़ चुका था वह खंडहर की तरह खड़ा शेखावत पैलेस जहां पर अभी भी फायर ब्रिगेड खड़ी थी जो आधे से ज्यादा आग बुझा चुकी थी लेकिन फिर भी वहां पर अभी आग थोड़ी बहुत थी जिसे वह बुझा रही थी,,, उस आग को देखकर बिना किसी चीज के परवाह किए,,AS एक बार फिर से शेखावत पैलेस के अंदर जाने को हुआ कि तभी फायर ब्रिगेड के वर्कर जो की आग बुझा रहे थे उन्होंने जब AS को अंदर जाते देखा तो तुरंत आगे की तरफ आए और उन्होंने AS को रोकते हुए अंदर जाने से मना करने लगे लेकिन AS ने उन्हे भी तेजी से धक्का दिया और पागलों की तरह अंदर की तरफ भागने लगा लेकिन फायर ब्रिगेड वाले एक बार फिर से AS को पकड़ने को हुए पर AS अब उनसे पकड़ा नहीं गया,,

वह जल्दी से अंदर की तरफ भाग गया था,, अब उसने अंदर की तरफ जाकर देखा तो सब कुछ जल चुका था वहां हाल में सब समान जला पड़ा था और अब उसकी नजर सीढ़ीओं पर गई,, जो आधी टूट चुकी थी और कुछ कुछ बची थी। जिन पर वह कदम रख एक-एक सीढ़ी छोड़कर ऊपर चढ़ने लगा हालांकि सीढ़ीओं की हालत इतनी खस्ता हो गई थी जिस पर भी वह पैर रख रहा था सीढ़ी टूट कर नीचे गिर रही थी,,, फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी इस वक्त उसका दिल जोरो जोरो से धक-धक कर रहा था।

वह किसी तरह से अपने और काजल के कमरे में पहुंचाना चाहता था,, किसी तरह से वह सीढ़ियां चढढ़ कर जब ऊपर की तरफ आया,, इस वक्त उसकी सांसे बहुत ज्यादा गहरी चल रही थी पैरों से हद से ज्यादा खून बह रहा था और आंखों से हद से ज्यादा पानी लाल आंखें जैसे अपने अंदर तूफान लेकर आई हो,, उसका दिल इस वक्त धड़कने से इनकार कर रहा था धीरे-धीरे वह कदम अब अपने कमरे की तरफ बढ़ाने लगा,, उसके कदम इतने ज्यादा भारी हो चुके थे कि आगे बढ़ने से इनकार करने लगे थे यहां तक तो वह किसी तरह से पहुंच चुका था लेकिन अब आगे बढ़ने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी। उसके हाथ पैर आज पहली बार कांप रहे थे।

लेकिन किसी तरह से उसने खुद को संभाला अपने कदमों को आगे की तरफ बढ़ाने लगा जैसे-जैसे उसके कदम आगे बढ़ रहे थे उसका दिल उसे ऐसा लग रहा था जैसे सीने से ही बाहर आ जाएगा एक वक्त ऐसा आया कि वह अपने कमरे के दरवाजे के बाहर आकर खड़ा हो गया लेकिन अब उसकी हिम्मत इतनी ज्यादा जवाब दे चुकी थी कि दरवाजे को हाथ लगाकर खोल नहीं पा रहा था हालांकि दरवाजे की हालत इतनी खस्ता थी कि एक तरफ का शिशा पूरी तरह से चकनाचूर हुआ पड़ा था। और उस चकनाचूर हुए शीशे की ओर देखकर उसका बस इतना नहीं चल रहा था कि वह एक बार टेढ़ा होकर उस शीशे से अंदर ही झांक ले,,

कुछ देर वहां पर खड़े रहने के बाद किसी तरह से उसने हिम्मत कर वह दरवाजा खोला और अंदर का नजारा देखा , उसका दिल धक सा रह गया सूफियाना का पालना पूरी तरह से जला हुआ था बेड पूरी तरह से जला हुआ था सारा का सारा सामान जल चुका था लेकिन वहां पर किसी की भी डेड बॉडीज नजर नहीं आई अब AS की हालत और भी खराब हो गई उसने अब किसी तरह से बाथरूम में देखा सब तरफ देखने लगा लेकिन वहां पर किसी की डेड बॉडी नजर नहीं आई,, और यह चीज देखकर AS के अंदर एक उम्मीद पैदा हो गई अब उसने अपने आंसू जल्दी से साफ किए है और दोबारा से एक बार बाहर की तरफ आया और उन फायर ब्रिगेड वालों की तरफ आकर उनसे पूछने लगा कि अंदर से किसी की बॉडी मिली है कि नहीं,,

उन फायर ब्रिगेड वालों ने साफ मना कर दिया उसके बाद दिव्यांश भी वहां पर पहुंच चुका था उसने किसी तरह से AS को संभाला और दोबारा से हॉस्पिटल लेकर आया और अस्पताल वालों से भी यह चीज की जांच पड़ताल की गई लेकिन वहां से भी कुछ खास पता नहीं चला,, और तब से ही AS काजल को ढूंढ रहा था

प्रजेंट टाइम,,

उस वक्त को याद करते हुए,,AS ने अपनी आंखें दोबारा से खोली,, और एक बार फिर से उसकी आंखों से एक कतरा आंसू उसके गालों पर बह गया,, और यह चीज दरवाजे पर खड़ा दिव्यांश भी देख रहा था जो की पिछले एक महीने से यहां पर AS को किसी तरह से मनाने की कोशिश कर रहा था। क्योंकि वह लोग किसी तरह से AS को मुंबई ले जाना चाहते थे। हालांकि यह हर साल का काम था कि जब भी काजल और सूफियाना की बरसी आई थी तो AS पूरी तरह से खुद को अपने कमरे में बंद कर लेता था,,

वह इस चीज पर विश्वास करने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था कि काजल और सूफियाना जिंदा नहीं है,,, आज भी कुछ ऐसा ही होने वाला था।। और यह बात दिव्यांश और आमिर बहुत अच्छी तरह से जानते थे,,

AS जो कि सोफे पर बैठा था उसकी नज़रें अब ऊपर सीलिंग की तरफ थी जहां पर काजल की कुछ तस्वीरें लगी हुई थी उन्हें देखकर ही AS अपने दिन काटता था,,

वहीं दूसरी तरफ,,

मुंबई में,,

एक 3 साल की बच्ची जो ,, दिखने में बहुत खूबसूरत आंखें नेवी ब्लू,, और बाल घने लंबे जो कि उस लड़की से मैच भी नहीं करते थे हालांकि वह लड़की बहुत छोटी थी फिर भी उस लड़की के बाल उसकी कमर से नीचे आते थे।वह लड़की स्कूल में बैठी अपनी टीचर के पास A B C D Read कर रही थी वह अब अपनी टीचर की तरफ देखकर अपनी प्यारी सी आवाज में बोली टीचर टीचर मेरा काम हो गया क्या अब मैं अपने घर जा सकती हूं,, उसकी बात पर उसकी टीचर जो कि सामने बैठी थी वह बड़े प्यार से उसके गाल पर हाथ फेरते हुए बोली , बेटा अभी तुम्हारे पापा लेने नहीं आए हैं जब वह लेने आएंगे तब तुम चली जाना उसकी बात पर वह प्यारी सी बच्ची ok teacher

इतना कहकर अब वह अपने बैग से ड्राइंग निकालने लगी और टेबल पर ड्राइंग रखकर ड्राइंग करने लगी अभी वह ड्राइंग कर ही रही थी , तभी उसे पीछे से आवाज आई,, Senorita मेरा बच्चा क्या कर रहा है जैसे ही यह आवाज उस बच्ची के कानों में पड़ी उस बच्ची का चेहरा पूरी तरह से खिल गया,, और उसकी आंखों में एक अलग ही चमक आ गई और उसने पलट कर पीछे की तरफ देखा...

To be continue....

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