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Tadap bhari mulaqaat

Antonio,,

रात के 10 बज चुके थे,,

और धानी इस वक्त गहरी नींद में सोई हुई थी हालांकि जब से सौरभ जी और राहुल गए थे तब से धानी सो गई थी और उसे कोई होश नहीं था,, वह बेहद गहरी नींद में सो रही थी कि तभी उसके गले पर किसी के होंठ चलते हुए महसूस हो हुए उसे ऐसा लग रहा था जैसे की कोई उसके गले को चूम रहा हो,, जिससे उसकी आंखें हल्की-हल्की फड़फड़ाने लगी और देखते ही देखते उसकी नींद अब खुलने लगी। लेकिन जैसे ही उसने अपनी आंखें हल्की-हल्की खोलने शुरू की तो उसकी आंखों के सामने एक चेहरा आया और उसे चेहरे को देखकर धानी का दिल धक सा रह गया,,

उसकी सांसे उसके गले में अटक चुकी थी क्योंकि यह चेहरा और किसी का नहीं बल्कि मृत्युंजय का था मृत्युंजय को अपने इतने पास देखकर धानी की जान जैसे उसकी मुट्ठी में आ गई हो,, उसकी सांसों ने गहरा होना शुरू कर दिया था जिसका उफान उसके सीने में उठ रहा था और उसे तूफान की वजह से उसका सीना मृत्युंजय के सीने से टकरा रहा था। वही मृत्युंजय जो उसके गले को चूम रहा था वह बेहद गहरी और कर्कश आवाज में बोला,, तो उठ गई तुम shygirl,,, इतना कहते हुए वह लगातार उसके गले को चूम जा रहा था उसने अपने होंठ उसके गले से अभी तक नहीं हटाई थी वह किसी साइको की तरह उसके लगातार गले को चूम रहा था,,

उसकी इस तरह की हरकत देखकर धानी को और भी ज्यादा डर लग रहा था उसके माथे पर पसीने की बूंदे उभर आई थी,, अब एक बार फिर से मृत्युंजय उसके गले को चूमते तुम हुए क्या सोचकर इतनी देर से मुझसे दूर रह रही थी ? Shygirl,, जैसे ही मृत्युंजय ने यह सवाल पूछा धानी अब तो जैसे उसकी सांस उसका साथ ही छोड़ने लगी थी,, धानी का रिएक्शन देख अब mrituejaye ने बड़े प्यार से उसके बालों में हाथ फेरा और,, उसकी आंख चेहरे के बिल्कुल पास अपना चेहरा लाकर बड़े प्यार से बोल जवाब दो shygirl,,,

लेकिन धानी आई तो इतना ज्यादा डर गई थी कि उसका ही आवाज ही उसके गले से बाहर नहीं निकल रही थी और उसका रिएक्शन देख अब मृत्युंजय के जबड़े कसने लगे थे। अब वह अपनी गहरी आवाज में बोला तुमने सोच भी कैसे लिया कि तुम मुझसे दूर रहोगी और मैं तुम्हें अपने आप से दूर जाने दूंगा की 2 साल मुझे ही पता है मैंने किस तरह से कटे हैं,, उसकी बात पर एक पल के लिए धानी की आंखें नम हो गई और उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया,, लेकिन उसने एक भी शब्द मृत्युंजय से नहीं कहा,,,

धानी को अपनी बातों का जवाब ना देते देखा अब मृत्यु जी ने अपना हाथ उसके सीने की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया इस वक्त उसका एक हाथ उसकी कमर पर था और अब उसका हाथ धानी के सीने की तरफ बढ़ रहा था,,, जैसे ही मृत्युंजय ने अपना हाथ उसके सीने की तरफ बढ़ना शुरू किया धानी की सांसों ने गहरा होना शुरू कर दिया,, उसकी गहरी सांसों का उफान देखकर मृत्युंजय के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई वह बेहद गहरी आवाज में बोला आज भी मेरी छुअन का असर है तुम पर,,

उसकी बात पर अब धानी की आंखों में एक बार फिर से नमी तैरने लगी और एक बार फिर से उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम लिया लेकिन मृत्युंजय से अब नहीं रुका,, अब उसने अपने हाथ पूरी तरह से ऊपर ले जाकर धानी के बूब्स को प्रेस करने लगा जिससे धानी की सिसकियां निकलने लगी और अब उसका ध्यान एक बार फिर से मृत्युंजय पर आ गया और वह अपनी नम आंखों से ना में सर हिला दिया लेकिन मृत्युंजय को इस चीज से कोई फर्क नहीं पड़ा उसे हालांकि धानी ने इस वक्त पूरी तरह से कपड़े पहने हुए थे मृत्युंजय ऊपर से ही उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था,,

लेकिन फिर भी धानी को इस चीज से बेहद फर्क पड़ रहा था मृत्युंजय को छूना भी उसे पिघलने पर मजबूर कर रहा था जबकि वह पिघलने नहीं चाहती थी,, अब क्यों यह तो बस धानी ही जाने,, वही मृत्युंजय अब उसके गले को चूमते हुए दोबारा से पूछने लगा बोलो shygirl,, क्या सोचकर तुम मुझसे दूर रही और इतनी बड़ी सच्चाई तुमने मुझसे छुपाई कि तुम जिंदा हो क्या सोचा था कि मुझे पता नहीं चलेगा,, हम्म....

इतना कहते हुए मृत्युंजय के जबड़े पूरी तरह से कैसे हुए थे,,, और अब वह एक बार फिर से धानी के चेहरे पर आया और उसके बालों को उसके कानों के पीछे लगाते हुए,,,, तुम तो इश्क करती थी ना मुझे,, ऐसा क्या हो गया कि तुम्हारे इश्क की तलब,, झटके में खत्म हो गई जो तुम मुझसे इतना दूर यहां पर छुप कर रह रही थी,, मृत्युंजय की बात पर धानी का दिल जोरो जोरो से ढक-ढक कर रहा था,, लेकिन जैसे ही उसे दोबारा से वह पल याद आया अब उसकी आंखें लाल होनी शुरू हो गई और अब धानी के भी चेहरे के भाव बदलने लगे और उसके चेहरे पर गुस्सा झलकने लगा,, वह गुस्से से मृत्युंजय को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन एक भी शब्द मृत्युजय से का नहीं रही थी वह किसी तरह से मृत्युंजय को अपने ऊपर से हटाना चाहतीथी,, लेकिन मृत्युंजय एक पल के लिए भी उसे हल नहीं रहा था क्योंकि कहां दुबली पतली धानी कहां मृत्युंजय,, धानी को खुद से दूर करता देख मृत्युंजय का चेहरा अब काला पड़ने लगा अब अगले ही पल उसने धानी के बालों को अपने मुट्ठी में भरते हुए उसका चेहरा ऊपर की तरफ उठाया और उसके होठों पर होंठ रख दिए,,,

और वाइल्ड होकर धानी को चूमने लगा,, इस वक्त मृत्युंजय बेहद गहद पैशनेटली मृद्धानी को चूम रहा था जिस वजह से मृत्युंजय के दांत उसके होठों पर लग रहे थे और धानी को अपने होठों में दर्द महसूस होने लगा था,,, मृत्युंजय की आंखें इस वक्त हद से ज्यादा लाल थी,, और इस वक्त उसका दिल पूरी तरह से जल रहा था,, इस वजह से वह पूरी तरह से धानी पर हावी हो रहा था,,

Pehle Kyun Na Miley Hum

Tanhaa Hi Kyun Jale Hum

Milke Muqammal Huye Hain

Yaa They Tanhaa Bhale Hum

मृत्युंजय अब लगातार उसके चुम्मी जा रहा था जिस तरह से मृत्युंजय उसे चूम रहा था धानी को बेहद दर्द हो रहा था जिस वजह से वह अपने हाथ बार-बार मृत्युंजय के कंधों पर मार रही थी लेकिन मृत्युजय को उसके दर्द से ज्यादा आज खुद का दर्द महसूस हो रहा था जैसे,, वहीं धानी की आंखों से अब पानी बहने लगा था उसकी आंखों से पानी भाकर अब उसके गालों पर आ गया था जो मृत्युंजय के गालों पर छूने लगा था जिससे मृत्युंजय को महसूस कर उसने अब अपनी आंखें खोली तो धानी के आंसू देखकर अब वह रुक गया उसने अवधानी के होंठ देख छोड़ें,, उसके होठों से अब खून निकल रहा था और धानी की आंखों से आंसू देख कर मृत्युंजय को अपने दिल में दर्द महसूस हो रहाथा,, अब उसने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली है और धानी के बगल में लेट गया,, जैसे ही वह धानी की बगल में लेट धानी उठकर खिड़की की तरफ आकर खड़ी हो गई इस वक्त वह बुरी तरह से रो रही थी और उसका रोता देख मृत्युजे को अपने अंदर कुछ टूटा हुआ महसूस हो रहा था,,

Saware Saware Saware

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Sun Beriyaan Saware

Sun Beriyaan Saware

मृत्युंजय मैं अब अपनी कसकर आंखें बंद की और अपने चेहरे को अपने हाथों में भरकर वही लेता रहा फिर कुछ सोच कर वह अपनी जगह से उठा और धानी के पीछे आकर खड़ा हुआ वही धानी जो बुरी तरह से रो रही थी। मृत्युंजय ने अब उसे पीछे से आकर अपनी बाहों में भर लिया जैसे ही मृत्युंजय ने उसे बाहों में भरा धनी का दिल जोरो जोरो से धक-धक करने लगा,, एक पल के लिए उसकी सांसे वहीं पर थम सी गई,, वही मृत्युंजय उसे पीछे से हग कर उसके गले में अपना चेहरा छुपाते हुए,,, बहुत अकेला हो गया हूं मैं तुम्हारे बिना बहुत ज्यादा,, इतना कहते हुए उसने अपना चेहरा धानी के गले में छुपा लिया और उसे पीछे से हग कर कर खड़ा हो गया,,

Pal Pal Ginke Ghuzara

Maano Karza Utaara

Tumse Munasib Hua Hai

Phir Se Jeena Hamara

Saware Saware Saware

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Sun Beriyaan Saware

Sun Beriyaan Saware

मृत्युंजय को इस तरह से देखा एक पल के लिए धानी का दिल धक सा रह गया क्योंकि जब तक धानी उसके पास थी उसने मृत्युंजय को इस तरह से इतना बेबस कभी नहीं देखा था,, वही मृत्युंजय अभी भी उसके गर्दन में चेहरा छुपाए चुप खड़ा था लेकिन उसे चुप्पी में भी आज बहुत कुछ बयां हो रहा था,, वही धानी ने अब उसे दूर करने की कोशिश की तो मृत्युंजय उसके रोकते हुए बोला मत करो बहुत अकेला हूं तुम्हारे बिना कुछ देर अपने साथ रहने दो मैं नहीं जानता कि तुम इस तरह से मुझे छोड़कर क्यों चली गई मेरी खता क्या है यह तो बता दो इश्क सिखा कर चले जाना यह भी तो गलत बात है ना shygirl इतना कहते हुए उसकी बातों में बेबसी साफ दिखाई दे रही थी। जो की ढाणी के दिल को धड़कने पर मजबूर कर रही थी,,

Dhalti Raat Ka Ik Musafir

Subaha Alvida Keh Chala

Jeete Jee Tera Ho Saka Na

Marke Haq Adaa Kar Chala Oo..

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Na Hamara Hua Na Tumhara Hua

Ishq Ka Ye Sitam Na Gawara Hua

Sun Beriyaan Saware

Sun Beriyaan Saware..

बढ़नी ने उसके हाथों को पीछे नहीं किया वह बस उसकी गर्म सांसे अपने गर्दन पर महसूस करती रहे जिससे उसकी सांसे भी अब गहरी होने लगी उसने अब अपना चेहरा पीछे की तरफ घुमाया की तभी मृत्युंजय ने अपने हाथ ढीले कर दिए जैसेही मृत्युंजय ने अपने हाथ ढीले किए धानी उसकी तरफ पलटी और उसकी आंखों में देखकर बोली,, मुझे आपसे तलाक चाहिए,,

जैसे ही धानी ने यह बात कही मृत्युंजय की आंखें बड़ी हो गई और अब उसका चेहरा पूरी तरह से काला पड़ गया,, और अगले ही पल उसने उसके बालों को मुट्ठी में भरते हुए उसके ऊपर झुका और उसकी आंखों में देखते हुए बोला कभी नहीं कभी भी नहीं,,, इस मृत्युंजय राठौर की जान चली जाएगी लेकिन वह तुम्हें तलाक कभी नहीं देगा इतना कहते हुए मृत्युंजय की आंखें हद से ज्यादा लाल थी और तभी मृत्युंजय की आंखों का आंसू एक धानी के चेहरे पर आ गिरा,,

जिसे देख धानी का दिल धक सा रह गया और वह अंदर तक तड़प उठी,, मृत्युंजय ने अब उसके बालों को छोड़ा और कमरे से बाहर की तरफ निकल गया,, और धानी वहीं पर खड़ी रह गई,, इस वक्त धानी को अपने अंदर कुछ टूटा हुआ महसूस हो रहा था और अगले ही पल धानी धड़ाम से जमीन पर बैठ गई और फूट-फूट कर रोने लगी,, और वह रोते हुए बोलिए अब हम एक कभी नहीं हो सकते आपने मेरे प्यारे दादू को अपने हाथों से मारा

है,, मैं वह सब जानती हूं इतना कहते हुए धानी फूट फूट कर रोने लगी,,

To be continue....

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