
पठानी हाउस,,
अभी-अभी कनिका बेड की और बढ़ रही थी और वहीं पास बैठा असुर उसे गहरी नजरों से देख रहा था की तभी उन दोनों के कानों में किसी की आवाज गूंजी,, अबे ओ असुर नामर्द कहीं के कहां छुपा बैठा है बाहर निकाल,, जैसे ही यह आवाज असुर के कानों में पड़ी असुर का चेहरा पूरी तरह से काला पड़ गया और वह गुस्से से कंपने लगा,, वही कनिका का दिल तो बुरी तरह से कांप गया था उसका दिल इस वक्त जोर-जोरों से धक धक कर रहा था,, और उसकी सांसे जैसे उसके गले में ही अटक गई थी उसके चेहरे से देखकर ऐसा लग रहा था कि जिसकी भी यह आवाज थी उसे कनिका बहुत अच्छे से जानती थी और अब उसके हाथ पैर पूरी तरह से ठंडे पड़ चुके थे,, अगले ही पल उसने असुर की तरफ देखा जो कि गुस्से से लाल आंखों से अब कनिका को देख रहा था वही कनिका आंखों में नमी लिए ना में सर हिला रही थी,,,
वह रोते हुए हाथ जोड़कर असुर की आंखों में देखते हुए बोली,, उसे माफ कर दीजिए असुर बाबू वह भी बच्चा है, कनिका का ईतना ही कहना था की असुर के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आ गए और वह बेहद डोमिनेटिंग वॉइस में अब नामर्द की मर्दानगी तो उसे दिखानी पड़ेगी ना,,, कनिका देवी...
असुर की बात सुनकर कनिका की सांस जैसे उसके गले में ही अटक गई थी वही असुर अब अपनी जगह से खड़ा हुआ और अगले ही पल वार्डरोब की तरफ बढ़ गया,, इधर वह लड़कियां जो असुर के पास बैठी थी उनके चेहरे पर फ्रस्ट्रेशन भरे भाव आ चुके थे ,, कनिका जो की पास ही खड़ी थी उसके हाथ पर पूरी तरह से ठंडा पड़ चुके थे इस वक्त उसकी जान जैसे उसके गले में अटक चुकी थी असुर को वार्ड रूम में जाता देख जल्दी से वह दरवाजे की तरफ बढ़ने को हुई कि तभी वार्डरोब से आवाज आई अगर तेरा कम इस कमरे से बाहर गया,,, तो वह लड़का जिंदा नहीं बचेगा इतना कहकर असुर खामोश हो गया वही उसका इतना ही कहना था कि कनिका के कदम वहीं पर जम गए,,
और सांस उसके गले में अटक गई,, वह मन में दरख्वास्त करते हुए है महादेव,, समर की रक्षा करना वह बच्चा है,, तुम तो सब जानते हो ना महादेव किस परिस्थितियों में,, मेरे बाबा को असुर से बचाया है अगर असुर को पता चल गया कि उसकी बहन का गुनहगार.. मैं नहीं बाबा है तो. .... इतना सोचो वह बुरी तरह से अंदर तक डर चुकी थी,, अब उसके चेहरे पर समर के लिए परेशानी झलक रही थी जो कि बाहर,, अभी भी ऊंची ऊंची आवाज़ असुर को लग रहा था,,
बाहर हाल में,,
समर जो की कनिका का छोटा भाई था वह गुस्से से ऊपर आने की कोशिश कर रहा था और समर के बॉडीगार्ड्स ने उसे पकड़ रखा था और वह ऊपर जाने से उसे रोक रहे थे,, और समर उनके हाथों से निकाल कर झटपट आते हुए ,ऊपर की तरफ भाग रहा था लेकिन वह कहां ही बॉडीगार्ड से छूट पता क्योंकि वह बॉडीगार्ड काफी हैट-काटते थे और उनके सामने समर अभी बच्चा था समर में एक 20 21 साल का बच्चा था जो कि अपनी कॉलेज लाइफ एंजॉय कर रहा था,, और जब उसे कनिका के बारे में पता चला तो वह दौड़ता हुआ राठौर हाउस आ गया वह यह जानता था कि कनिका राठौर हाउस ही होगी,,,
यह बात उसे उसकी मां कुर्बानी जी ने ही समर को बताई थी,, वही समर जो की हाल में दो जोर-जोर से चिल्ला रहा था उसके चेहरा इस वक्त गुस्से से कांप रहा था। और गुस्से की वजह से उसकी सांस भी फूलने लगी थी,, लेकिन तभी ऊपर से कदमों की आवाज हुई और समर एक बार फिर से ऊपर की तरफ देखने लगा और अब तो उसका गुस्सा साथ में ही आसमान पर पहुंच गया,, क्योंकि असुर इस वक्त कनिका को उसकी गर्दन पर पीछे से हाथ रख कस के पकड़ उसे नीचे की तरफ ला रहा था,, और यह देखकर समर की आंखों में आंसू और उसके चेहरे पर गुस्सा हद से ज्यादा बढ़ चुका था,,
वह गुस्से से चिल्लाते हुए असुर की तरफ देखकर बोला नामर्द कहीं के यह क्या हरकत है किसी औरत पर जुल्म ढाने की,,,,, अरे जो आदमी एक औरत पर जुल्म रहता है वह मर्द हो ही नहीं सकता तुम तो नामर्द हो कायर कहीं के,,, उसकी बात पर असुर जो की कनिका को उसकी गर्दन से पड़कर नीचे की तरफ ला रहा था अब वह उसके सामने आकर खड़ा हुआ और उसने झटके से कनिका को छोड़ा और अगले ही पल अपने कदम समर की तरफ बढ़ा दिए जैसे ही उसने अपने कदम समर की तरफ़ बढ़ाए तभी कनिका उनके बीच आकर खड़ी हो गई,, और अगले ही पल असुर के आगे हाथ जोड़ते हुए बोली नहीं असुर बाबू वह बच्चा है हम आपके आगे हाथ जोड़ते हैं वह बहुत छोटा है अभी उसे इस चीज की कोई समझ नहीं,,
वही असुर जिसकी इस वक्त मुठिया कसी हुई थी और उसके चेहरा पूरी तरह से सख्त हो चुका था और जबड़े पूरी तरह से कैसे हुए थे,, वह कनिका की तरफ देखकर बोल बच्चा होगा अपने घर इसकी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ऐसी बात करने की...
इसकी बात में कनिका भी कुछ कहती कि तभी पीछे से समर नामर्द को नामर्द ही कहा जाता है,, और तुम जैसे नामर्द का कहना ही क्या जो एक औरत के साथ इस तरह की हरकत कर रहा है और वह भी वह औरत जो उस हद से ज्यादा इश्क करती हो,,, जैसे ही सामान्य यह बात कही अब तो असुर का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया,, असुर ने कनिका को अब उसके कंधे से पड़कर साइड करते हुए,,तेजी से समर की तरफ बढ़ गया,, और अगले ही पल समर का गला पकड़ लिया और उसे हवा में लटका दिया,,,
जैसे ही असुर ने समर का गला पकड़ कर उसे हवा में लटकाया समर की सांस उसके गले में अटक गई उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी सांस लेने में दिक्कत तो उसे पहले ही हो रही थी जब वह जोर-जोर से असुर का नाम लेकर चिल्ला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही हो,,, लेकिन अब असुर के गला पकड़ने से उसे और भी ज्यादा सांस चौक होने लगी,, उसकी आंखें ऊपर की तरफ होने लगी वही कनिका अंदर तक कांप गई उसकी आंखें बाहर को आने को हो गई वह अगले ही पल असुर के पैरों में गिरते हुए असुर बाबू जो सजा देनी है मुझे दीजिए वह बच्चा है जो कुछ मेरे साथ हो रहा है उसे उसे वह बर्दाश्त नहीं हुआ माफ कर दीजिए उसे वह बच्चा है छोड़ दीजिए..
वह चिल्लाई जा रही थी पर असुर को उसकी बात का कोई भी असर नहीं हो रहा था वह गुस्से से कांपते हुए बोला इसे बहुत पता है कि मर्द और नामर्द होता क्या है,, आज मैं इसे बताता हूं कि मर्द होता क्या है,, इतना कह कर उसने अपने हाथ उसकी गर्दन पर कस दिए,, जिससे समर अब उसके हाथों में झटपट आने लगा और उसका बदन पूरी तरह से शिवर कर रहा था,, और उसका चेहरा पूरी तरह से लाल पड़ रहा था और यह देखकर कनिका के हाथ पैर ठंडे पड़ गएवह जोरों से चिल्लाते हुए बोली छोड़ दीजिए उसे सांस लेने दीजिए नहीं तो वह मर जाएगा असुर बाबू,,, तभी वह गुस्से से दांत भेजते हुए बोला मर जाने दो जो असुर सिंह पठानी के दरवाजे पर आकर उसे नामर्द का जाए उसे असुर सिंह पठानी छोड़ेगा ही नहीं,, यह थोड़ा सा जवान क्या हुआ इसे तो पर आ गए भूल गया अपनी औकात तुम लोग एक गंदी नाली के कीड़े हो,,,,
और चले हो असुर पठानी के सामने अपनी जुबान खोलने,, इतना कहते हुए असुर के चेहरे पर घमंड और गरुड़ साफ नजर आ रहा था,, उसका वह गुरुर देखकर कनिका एक पल के लिए उसकी तरफ देखते ही रह गई और वह मन ही मां बोली यह मेरीअसुर नहीं हो सकते मैं जिस असुर बाबू से प्यार किया था उसे तो गुरूर रति भर नहीं था और यह यह तो इंसान नहीं है वहां है इतना कहते हुए कनिका ने अपने दिल पर हाथ रख लिया और उसकी आंखों में हद से ज्यादा नमी आने लगी और अब तो उसकी नमी गालों पर आ चुकी थी वह रोते हुएबोली,, अरे आप इतने पत्थर दिल कैसे हो सकते हैं एक बच्चे को आप,, अभी वह बोल ही रही थी कि तभी असुर दांत पीसकर उसकी और देखने लगा और बोला तुम अपना मुंह बंद ही रखो अभी तुम्हारा हिसाब किताब बाकी है अभी तो इसको मौत के घाट उतार रहा है मुझे इसने असुर सिंह पठानी को ललकारा है,,
जैसे ही असुर के मुंह से समर को मारने की बात सुनी,, कनिका अपनी जगह पर खड़ी जड़ रह गई उसका दिल धक सा रह गया,,, वह एक बार फिर से असुर के पैरों में नाक रगड़ते हुए बोली ऐसा मत कीजिए असुर बाबू मेरा छोटा भाई बहुत मासूम है गलती हो गई उसे छोड़ दीजिए अब तक समर का चेहरा भी लाल से नील पड़ने लग गया था,,, वह एक-एक सांस लेने के लिए मोहताज होने लगा था उसकी दिल की धड़कन अब मध्यम पढ़नी शुरू हो चुकी थी,, क्या चाहिए आपको आप मुझसे ले लीजिए जो चाहिए मैं वह करूंगी पर मेरे भाई को छोड़ दीजिए असुर बाबू आप जो कहेंगे जिस तरह से कहेंगे मैं आप पर कुर्बान तक हो जाऊंगी पर प्लीज मेरे भाई को छोड़ दीजिए,,
कनिका की बात पर एक पल के लिए असुर के हाथ समर पर दिले पड़ गए और अगले ही पल असुर ने उसे छोड़ दिया जिससे समर नीचे जमीन पर जा गिरा और अब अचानक से उसने जोर-जोर से खाना शुरू कर दिया अभी भी उसे सांस लेने में हद से ज्यादा दिक्कत हो रही थी,,, और अब तो उसकी सांस वैसे ही चौक होने लगी थी,, असुर अब उसे अपनी गहरी नजरों से देखने लगा,, उसकी नज़रें इस वक्त समर पर इतनी ज्यादा गहरी थी मानो नजरों ही नजरों में जैसे समर की जान लेना चाहता हूं लेकिन उसे अब कनिका को सबक सिखाना था इसीलिए उसने समर को छोड़ दिया तभी कनिका आप अपनी जगह से उठी और उसकी तरफ बढ़ने लगी के असुर ने उसकी बहन पकड़ ली और बोली तुम कहां चली अभी तो तुम्हारा हिसाब किताब करना बाकी है इतना क्या है वह कनिका को अपनी तरफ खींच लिया,,
कनिका को इस तरह से अपनी तरफ खींचना देख समर एक बार फिर से चिल्लाने को हुआ लेकिन उसे सांस ही नहीं ली जा रही थी इसीलिए उसकी आवाज उसके गले में ही अटक गई और समर की ऐसी हालत देखकर असुर के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई,, वही कनिका अपनी बहन छुड़ाते हुए गिंगड़ते हुए बोली असुर बाबू बस कुछ देर मुझे छोड़ दीजिए उसके पास उसकी सांस लेने वाली,, इनहेलर नहीं है अगर उसे सांस ना आए तो वह मर जाएगा मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूं एक पल के लिए मुझे छोड़ दीजिए,,, कनिका को इस तरह से गिड़गिड़ाते देखकर समर और भी ज्यादा झटपट आने लगा वह अपनी चौक आवाज से बस अपने मुंह से दीदी ही निकल पा रहा था,,
अपनी अटकती हुई सांस से दी इस इंसान.... इतना कहते हुए समर और भी जोरो जोरो से खांसने लगा और अब दोबारा से उसका चेहरा नील पड़ने लगा और यह देखकर कनिका के हाथ पैर और भी ढीले पड़ रहे थे वह एक बार फिर से असुर के हाथ जोड़ते हुए प्लीज ससुर बाबू हमें जाने दीजिए, उसको ऐसे गिड़गिड़ाता देख असुर अब भी एक्सप्रेशन लैस था लेकिन अचानक से उसने कनिका का हाथ छोड़ दिया जिससे कनिका की जैसे जान में जान आ गई और अगले ही पल वह दौड़ती हुई समर के पास आई और उसके जेबों को टटोलने लगी वही समर तो जोर-जोरों से खांसी ही जा रहा था,,,
उसका चेहरा पूरी तरह से नीला होने लगा था लेकिन उसकी जेबों को टटोलना पर भी उसकी जेब में से इनहेलर नहीं मिल रहा था,, जैसे ही उसे इनहेलर नहीं मिला तो उसने अगले ही पल समर के गालों को अपने हाथों में भरकर उसके चेहरे को थपथपाते हुए बोली समर बच्चे तुम्हारा इनहेलर कहां है जल्दी बोलो जल्दी भेजें कुछ-कुछ बताओ मुझे इनहेलर कहां है तुम्हारा लेकिन समर से कुछ बोला ही नहीं जा रहा था उसकी आंखें हद से ज्यादा लाल हो रही थी और ऊपर की तरफ चढ़ने लगी थी,, और उसकी आंखों से पानी बहने लगा था वही असुर दूर से यह सब देख रहा था अब वह आराम से सामने सोफा पर जाकर बैठ गया,, असुर बेपरवाही से अपने नाखूनों की तरफ देखते हुए बोल जल्दी करो मुझे ड्रामा बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,
उसके इतना कहते पर कनिका बस बस 2 मिनट असुर बाबू अभी हो जाएगा वही समर को अब सांस और भी ज्यादा लेने में दिक्कत आने लगी तो उसके मुंह से हल्का सा खून का चिता उसकी जीभ से बाहर निकल आया,, जिसे देख देख कनिका की अब जान निकलने लगी वह रोते हुए बोली तुम्हें कुछ नहीं होगा मैं मैं अभी देखती हूं अभी मेडिकल स्टोर से तुम्हारे लिए इनहेलर लेकर आता हूं इतना कहकर वह अपनी जगह से खड़ी हुई और बाहर की तरफ कदम बढ़ाने ही वाली थी कि तभी असुर ने बॉडीगार्ड्स को कुछ इशारा किया जिसका इशारा पाकर वह अगले ही पल कनिका के आगे आकर खड़े हो गए जैसे ही बॉडीगार्ड से कनिका के आगे आकर खड़े हुए कनिका अपनी जगह पर खड़ी-खड़ी जम गई उसकी सांसे एक पल के लिए उसके गले में अटक गई,, और उसकी आंखों में अब नामी तैरने लगी,,एक तरफ वह समर को देख रही थी जो बुरी तरह से खास रहा था और उसका चेहरा नीला पड़ता जा रहा था और सांस मध्य और दूसरी तरफ असुर था जो की एक्सप्रेशंस होकर कनिका को और समर को देख रहा था,,
बॉडीगार्ड्स को अपनी आगे आता देखकर कनिका समझ चुकी थी की असुर नहीं चाहता कि वह बाहर की तरफ जाए अब कनिका दोबारा से असुर की तरफ पलटी और उसके पैरों में गिरते हुए,, हम जानते हैं आप ऐसा क्यों कर रहे हैं क्यों मजबूर कर रहे हैं कभी तो आपने हमसे इश्क किया होगा असुर बाबू मैं ऐसे ही तो आपकी दीवानी नहीं बन बैठी थी,, भाई असुर को तो जैसे उसकी बातों का कोई असुर ही नहीं हो रहा था वह बिना किसी भाव के बोल,, मैंने तुम्हें अपनी दीवानी बनने के लिए नहीं कहा था और ना ही मुझे इश्क करने के लिए और मैं तो कभी तुमसे इश्क नहीं किया मैं तो पहले भी तुमसे नफरत करता था और अभी तुमसे नफरत करता हूं,,
जैसे ही असुर ने यह बात कही कनिका एक पल के लिए जम गई वह अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली आप मुझे इश्क नहीं करते थे,, कनिका की बात पर असुर अब डेविल स्माइल के साथ बिल्कुल भी नहीं तुम्हें क्या लगा तुम जैसी दो कौड़ी की लड़की मेरे दिल में अपनी जगह बना लोगी कभी भी नहीं मैं असुर सिंह पठानी हूं आदि से ज्यादा दुनिया मेरे कदमों में है और तुम जैसी दो कौड़ी की लड़की के,,, मैं छुट्टियों में खरीद सकता हूं मुझे तो बस तुम्हारा घर घमंड तोड़ना था जो तुम्हारे अंदर कूट-कूट कर भरा हुआ था उसे तोड़ने के लिए ही तो मैंने यह सारा षड्यंत्र रचा था लेकिन तुमने तो मेरे साथ ही षड्यंत्र रच दिया मेरी ही बहन को किसी के हाथ भेज दिया और उसकी जान तक ले गई तुम,, उसकी बात पर अब कनिका ने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली,, और अपने दिल पर हाथ रखकर एक पल के लिए गहरी सांस भरने लगी,,
तकरीबन 5 मिनट बाद उसने अपनी आंखें खोली इस वक्त उसकी आंखें गहरी लाल थी,, अब उसके चेहरे पर व्यंग्य भारी हंसी थी,, उसकी व्यंग्य भारी हंसी देखकर असुर के माथे पर सिलबटें पड़ गई वह गुस्से में दांत भेजते हुए बोला तुम्हारी यह हंसी मुझे पसंद नहीं आ रही,, तभी कनिका आप मुझे इश्क नहीं करते थे,,, तभी असुर दांत पीसकर नहीं करता था,, कनिका अब उसकी आंखों में देखते हुए यह कनिका का दिल है असुर बाबू जो आपकी हर रामज को पहचानती है। आपने जितनी भी सांस मेरे साथ अब तक ली है ना उन सांसों के हर पल हर घड़ी की खबर इस कनिका के दिल को है और आप कहते हैं इश्क नहीं किया,, उसकी बात पर अब असुर के जबड़े पूरी तरह से कस गए और वह गुस्से से एक बार फिर से कनिका के वाहन को पड़कर अपने बराबर खड़े करता हो बोल बकवास बंद करो अपनी तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हारी बकवास में आ जाऊंगा,, अभी वह बात कर ही रहे थे तभी समर और भी गहरी गहरी सांस भरने लगा और इस वक्त उसका हल और भी ज्यादा बड़ा होने लगा था उसकी सांसे बहुत ज्यादा मध्य पढ़ने लग गई थी और यह देखकर कनिका अब जम सी गई थी अगले ही पल उसने असुर का हाथ झटक और भागती हुई समर की तरफ आई,,
उसकी आंखों में आंसू अब लबालब बहने लगे थे और यह देखकर असुर के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन आ चुके थे। असुर अब गुस्से में तेल मिलता हुआ यह दोनों का ड्रामा मुझे अब और भी ज्यादा गुस्सा दिला रहा है इतना कहते हुए वह अब ऊपर की तरफ अपने कमरे में चला गया और उसको अपने कमरे में जाता देख कनिका की आंखें और भी ज्यादा बहने लगी,, एक तरफ समर था जिसे सांस नहीं आ रही थी दूसरी तरफ असुर था जो उसे बाहर जाने ही नहीं दे रहा था अगर वह अब बाहर नहीं गई तो हो सकता था समर बच ना पाए और उसका बाहर जाना बहुत ज्यादा जरूरी था,,
और कनिका उसे तो ऐसा लग रहा था जैसे कि वह बेड़ियों में जकड़ी हुई हो,, ना असुर काम था और ना उसकी जिद वह रोते हुए समर को देख ही जा रही थी लेकिन अगले ही पल जो हुआ वह अपनी जगह पर जम गई,,
वहीं दूसरी तरफ,,london में,,
एक लग्जरियस से होटल में,
टॉप फ्लोर पर एक लड़की जो की एक लड़के के साथ थी और उसे लड़की की मदहोशी भारी सिसकियां उसे कमरे में गूंज रही थी। वह लड़का उसे लड़की के ऊपर पूरी तरह से झुका हुआ था और खुद को उसकी तरफ पुश कर रहा था,, वही वह लड़की उसे लड़के के नाम पर मौन पर मौन किए जा रहे थे,, वही वह लड़का खुद को उसके तरफ वाइडऐली पुश करते हुए कम ऑन बेबी, come on yes yes, वह लोग इस वक्त पैशनेटली एक दूसरे के साथ ईंट**ty हो रहे थे,,
तकरीबन 1 घंटे बाद उसे लड़की की गहरी गहरी सांस उसे कमरे में गूंज रही थी और वही वह लड़का उसके बराबर में लेटा हुआ,, क्या सुहानी क्या दाव खेला है तुमने अपने भाई के साथ,, वह बेवकूफ़ तुम्हें मार हुआ समझ रहा है और तुम यहां पर मेरे साथ मजे कर रही हो,, तभी सुहानी जो की असुर की बहन थी,, वह है इस लाइक बेवकूफ बहुत उसने नाचा लिया था मुझे अपने इशारों पर अब मुझे गुस्सा आ रहा था उसे पर बचपन से लेकर आज तक जो मिला उसे मिला जब भी मिला मन भी उसी से प्यार करती थी और मैं मैं तो उनके लिए गफ्फार थी जैसे पता नहीं किसी ने मुझे बाहर से पकड़ कर लाया हूं यार मैं तो सीरियसली तंग आ गई थी इसलिए मैंने यह षड्यंत्र रचा और तुम्हें पता है वह मुझसे प्यार बहुत करता था और मुझे उसे के प्यार अच्छा भी लगता था जब वह मुझे प्यार करता था लेकिन उसने गलती यहां पर कर दी वह उसे कनिका से प्यार कर बैठा,
वह लड़की बाजारू,,, I hate her,, कितना कहते हुए उसके लिए कनिका के लिए नफरत उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी, p अब वह गुस्से में दांत पीसते हुए बोली इसीलिए मैंने करने का एक्टिंग की क्योंकि कुछ देर के लिए मुझे यह एक्टिंग जारी रखनी होगी बाद में कोई ना कोई बहाना बना दूंगी अभी फिलहाल भाई को उसे लड़की से दूर करना जरूरी है वह लड़की बहुत ज्यादा ड्रैमेटिक है जो कि मुझे बिल्कुल नहीं पसंद,,
तुम्हें पता है भाई को यह लगता है कि उसे लड़की ने मेरा रेप करवाया और तुम एक और बात बता दो उसका सारा एग्जाम उसके बाप के सिर पर है और भाई को अभी यह चीज नहीं पता जब पता चलेगी वह उसके आप को भी टपक डालेगा इतना कहते हुए सुहानी जोरो से हंसने लगी और वही वह लड़का जो कि उसका बॉयफ्रेंड था,, क्रिस्टल वह भी हंसने लगा,,,
अब सुहानी अपनी जगह पर खड़ी हुई और उसने अपना लैपटॉप बेड से उठाया जैसे ही उसने बेड के दूसरी तरफ से अपना लैपटॉप उठाया क्रिस्टल के चेहरे पर सवाली एक्सप्रेशन आ गए वह सुहानी की तरफ देखकर बोला यह तुम लैपटॉप क्यों उठा रही हो अरे यार घर में कैमरास लगाए रखे हैं थोड़ा बहुत ड्रामा देखना चाहती हूं कल से तो ड्रामा देख ही रही हूं कि क्या कुछ हो रहा है मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है उसे लड़की की बैंड बजाते हुए देखकर बहुत नफरत थी मुझे इस लड़की पर इस लड़की ने मेरी उंगलियों पर नाचते हुए भाई को अपनी तरफ कर लिया था और यही बात मुझे परेशान कर रही थी,, और वह बेवकूफ मेरा भाई उससे तो मुझे शुरू से नफरत थी लेकिन बेचारा समझ नहीं पाया कभी लेकिन एक बात और मुझे समझ नहीं आती की यह लड़की भाई के इतने पास आ कैसे गई मुझे समझ नहीं आता,,
वह तो कभी किसी लड़की की ओर देखा भी नहीं था और इस लड़की को वह पिछले कई सालों से जानता है मुझे लगा सिर्फ जान पहचान है पर जब मुझे इश्क के बारे में पता लगा इनके तब मैं जाकर शोर हुई और तब से मुझे इस लड़की से नफरत होने लगी थी क्योंकि इसके कारण ही भाई मुझ पर ध्यान देना बंद कर दिया था और ऊपर से मेरे हाथ से प्रॉपर्टी भी निकलने लगी थी लेकिन अब किसी तरह से मुझे अपनी प्रॉपर्टी वापस चाहिए और भाई के हिस्से की भी,,,इतना कहकर सुहानी के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आगे वही क्रिस्टल भी उसकी तरफ देखते हुए बोला तुम सच में उसकी बहन ही होना,, उसकी बात पर सुहानी तिरछी मुस्कुराहट के साथ कोई शक है क्या,, तभी क्रिस्टल उसकी तरफ देखते हुए बोला लग नहीं रहा तुम उसकी सौतेली बहन ज्यादा लगतीहो,,
उसकी बात पर सुहानी जोरों से हंसते हुए बोली सही का पड़ा तुमने मैं उसकी सगी बहन नहीं हूं सौतेली बहन हूं फिर भी उसने मुझे सगी बहनों से ज्यादा प्यार किया पर अफसोस मुझे यह प्यार रास नहीं आया इतना कहकर वह और भी ऊंचे से हंसने लगी वही क्रिस्टल भी अब उसके साथ हंसने लगा,, थोड़ी देर बाद उसने अब लैपटॉप ऑन किया और लैपटॉप में वीडियो चला कर देखने लगी और वीडियो चला कर जब उसने देखा तो उसकी आंखें बड़ी हो गई और अब वह गुस्से से कंपने लगी थी,,
वहीं दूसरी तरफ,,
India में,,
पठानी हाउस,,
एक कमरे में समर लेटा हुआ था और इस वक्त उसे डॉक्टर चेक कर रहे थे वहीं कनिका दरवाजे पर खड़ी थी और उसकी आंखों में बेहिसाब नमी थी और अब उसकी नज़रें सामने खड़े असुर पर थी जो अपनी लाल आंखों से खिड़की के पास खड़ा बाहर की तरफ देख रहा था उसका चेहरा इस वक्त गुस्से से लाल हुआ पड़ा था क्योंकि कुछ देर पहले जो उसने किया था उसे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था,, क्योंकि कुछ देर पहले असुर जब ऊपर गया था वह जल्दी से अपने कमरे में से एक इनर इनहेलर पढ़ा हुआ था उसके पास मेडिकल की हर एक फैसिलिटी उसके घर में ही पड़ी हुई थी क्योंकि वह अपने पास हर तरह की फैसिलिटी अवेलेबल रखता था वह जानता था कि कभी ना कभी किसी न किसी चीज की कोई ना कोई जरूरत जरूर पड़ेगी इसीलिए वह अपने पास हर तरह की मेडिकल फैसिलिटी अवेलेबल रखता था,,
और आज असुर ने अपने हाथों में इनहेलर लेकर अगले ही पल नीचे की तरफ आया और इनहेलर लाकर नीचे की तरफ घुटने के बल बैठ और समर के होठों से लगा दिया और यह देखकर कनिका अपने जगह पर जड़ रह गई थी,, और उससे पहले ही उसने डॉक्टर की टीम को फोन कर दिया था,, कुछ ही देर में डॉक्टर वहां पर पहुंच गए थे यह देखकर कनिका की आंखों में नमी जाने लगी थी एक तरफ असुर उससे इश्क ना करने के दावे करता था और दूसरी तरफ उसने जिस तरह से समर की जान बचाई कनिका के दिल में एक उम्मीद जैसे जिंदा हो चुकी थी की उसका असुर अभी भी इस पत्थर दिल असुर में जिंदा है,,
वह बस एक तक असुर को ही देखे जा रही थी लेकिन असुर ने एक बार भी कनिका की तरफ नहीं देखा,, लेकिन उसे कनिका की नजरे खुद पर साफ महसूस हो रही थी। उसे अपनी हरकत पर इतना ज्यादा गुस्सा आ रहा था । उसका दिल कर रहा था कि वह अपने दिल को ही अपने सीने से बाहर निकाल कर साइड पर रख दे,, वही कनिका जो की एक तक उसी को देखे जा रही थी अब असुर को और भी ज्यादा गुस्सा दिला रही थी,, जब बासुर उसकी नज़रें खुद पर और भी ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया अब वह जल्दी से पीछे मुड़कर अपने कदम बाहर की तरफ बढ़ने लगा के तभी कनिका ने उसका हाथ पकड़ लिया,, जैसे ही कनिका ने असुर का हाथ पकड़ असुर के कदम वहीं पर रुक गए और उसके चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन आ गए,,
और उसके जबड़े अब पूरी तरह से कस गएथे,, अभी कनिका कुछ कहती इससे पहले ही असुर ने उसका हाथ झटक और उसकी बाह को पकड़ कर दीवार से सटा दिया,, और उसके ऊपर झुक कर उसके चेहरे को बड़े गौर से देखने लगा वह आंसुओं से भरी आंखें न लाल नाक रो-रो कर सूझ चुकी आंखें,,, उसे ऐसे देखकर,, असुर के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई,, इस वक्त असुर उसके ऊपर पूरी तरह से झुका था जिससे कनिका को उसकी गर्म सांसे अपने होठों पर महसूस हो रही थी और उसके होंठ अब फड़फड़ा रहे थे,,
वही असुर अब डेविल स्माइल करते हुए बोला इन आंसुओं को संभाल के रखो कनिका देवी अभी इन आंसुओं को और भी ज्यादा बहाना है आज वह बच गया कल का क्या पता चल ना बच पाया तो,, जैसे ही असुर ने यह बात कही कनिका का दिल धक सा रह गया और उसकी आंखों में एक बार फिर से लबालब बहने लगी,, वह अपनी धड़कते हुए दिल के साथ बोली ऐसी बात मत करिए असुर बाबू एक तरफ आप साबित कर देते हैं कि आप....
अभी वह बोल ही रही थी की असुर बोला क्या साबित कर देता हूं यही कि मैं रक्षास हूं हां हूं मैं रक्षास और अब यह राक्षस तुम्हें बहुत अच्छी तरह से बताता हूं तुम्हें रक्षा होता क्या है इतना कहकर अब असुर ने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ा और छुटकी बजाई जैसे ही चुटकी बजाए सभी डॉक्टर्स की टीम असुर की तरफ दे
खने लगी वहीं अब कनिका का दिल जोरो जोरो से धड़कने लगा,, और उसकी सांसे गहरी होने लगी,,
to be continue.....









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