06

Garam sanse

Pathani house,,

असुर अभी-अभी बाथरुम से नहा कर बाहर निकाला था और अपनी लाल आंखों से सामने बैठी कनिका को देख रहा था, जो कि अपनी सूनी आंखों से अभी भी उस सोफा को देख रही थी जहां पर असुर बैठा हुआ था। उसकी ऐसी हालत देखकर असुर के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आ चुके थे।

कनिका अभी भी बंधी हुई थी। वहीं असुर अब उसके पास गया और उसके ऊपर झुक कर उसके कान के पास अपनी गर्म सांस छोड़कर बोला—

“कैसा लगा किसी के बदन का दीदार करके…?”

कनिका के कान में जैसे ही असुर की यह बात पड़ी उसने अपनी आंखों को कस कर भींच लिया और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया। उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सांस नहीं आ रही हो और उसकी आंखों में आंसू लबालब उसके गालों पर बह रहे थे।

कनिका को ऐसे मुंह फेरता देख असुर के जबड़े अब पूरी तरह से कस गए और अगले ही पल उसने कनिका के गालों को अपनी उंगलियों में भींच कर उसकी ओर उसका मुंह घुमाया। वह उसकी आंखों को देखने लगा जो कि पूरी तरह से बंद थी।

उसकी बंद आंखें देखकर असुर उसके चेहरे को गौर से देखने लगा— उसकी वह प्यारी सी आंखें, छोटी सी नाक और पिंक नेचुरल हॉट होठ हद से ज्यादा खूबसूरत थे… और ऊपर से रो-रो कर लाल हुआ चेहरा।

कनिका हद से ज्यादा खूबसूरत थी। एक पल के लिए असुर की नजरें उसके चेहरे पर ठहर चुकी थीं, पर अगले ही पल उसकी आंखों के सामने उसकी बहन का चेहरा घूम गया और दूसरे ही पल उसके जबड़े फिर से कस गए।

उसे अपनी सर्द नजरों से देखते हुए बोला—

“आंखें खोल।”

लेकिन कनिका ने एक बार भी आंखें नहीं खोली।

कनिका को आंखें ना खोलता देख, असुर फिर उसके कान के पास गया और धीमे पर खतरनाक सुर में बोला—

“आई said… open your eyes.”

लेकिन इस बार भी कनिका ने आंखें नहीं खोली।

कनिका को आंखें ना खोलते देख असुर झुका और उसके कान में कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर कनिका का दिल तड़प उठा और अगले ही पल उसने अपनी आंखें झट से खोल दीं।

नमी भरी आंखों से असुर को देखते हुए वह ना में सिर हिलाते हुए बोली—

“ऐसा मत कीजिएगा… और बाबू, आप जो कहेंगे मैं वह करूंगी… पर मेरे भाई को छोड़ दीजिए असुर बाबू…”

उसकी बात पर अब असुर ने उसके गालों को और कस के दबाया, जिससे कनिका के मुंह से आह निकल गई।

“अपने पर आई तो बहुत दर्द हुआ? और दूसरों पर क्या बीती होगी कभी सोचा है?”

उसकी बात पर कनिका की आंखों में नमी छा गई और उसने एक बार फिर अपनी आंखें बंद कर लीं।

उसे दोबारा आंखें बंद करते देख असुर फिर झुक कर उसके कान के पास बोला—

“आंखें बंद करने से सच्चाई नहीं छुप जाएगी कनिका देवी। अब जल्दी बता… उस रात क्या हुआ था। नहीं तो—”

अभी वह बोल ही रहा था कि कनिका ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमाकर रोते हुए कहा—

“हम नहीं बता सकते असुर बाबू…”

जैसे ही कनिका ने यह बात कही, असुर के जबड़े पूरी तरह कस गए।

अगले ही पल उसने अपना हाथ सीधे दीवार पर दे मारा, जिससे भारी धम की आवाज हुई।

जैसे ही उसने हाथ मारा, कनिका सहम गई और उसका चेहरा घुमा कर असुर की तरफ देखा… और उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं, दिल तड़प उठा क्योंकि असुर के हाथ से खून बहने लगा था।

असुर की आंखें इस वक्त हद से ज्यादा लाल थीं और वह उसे देखते हुए बोला—

“तो तू नहीं बताएगी? चल… थोड़ी देर पहले तुझे trailer दिखाया था… अब तुझे पूरी picture दिखाता हूं।”

इतना कहकर वो कनिका की ओर बढ़ा।

कनिका के चेहरे पर फिर से सवालिया एक्सप्रेशन आ चुके थे।

असुर ने उसके हाथ खोले, उसे बालों से पकड़कर खड़ा किया और बेड से नीचे पटक दिया।

जैसे ही वह जमीन पर गिरी, कनिका की कमर पर जोर से चोट लगने की वजह से उसकी जोरदार चीख पूरे कमरे में गूंज गई।

वहीं असुर अभी भी पत्थर दिल होकर जबड़े कसे उसके सामने खड़ा था। उसे जैसे कनिका के दर्द से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था।

अगले ही पल असुर उसके ऊपर झुका और बोला—

“जो पहली लड़की नहीं कर पाई… वह अब दूसरी लड़की करेगी।”

इतना कहते ही असुर ने बेड साइड रखी घंटी बजाई।

घंटी बजाते ही उसने अपने कमर से टॉवल हटाया और बेड पर पूरी तरह फैल कर बैठ गया। इस वक्त वह पूरी तरह बेली-बाज़ था।

पांच मिनट बाद दोबारा दरवाजा नॉक हुआ।

जैसे ही नॉक की आवाज आई, कनिका का दिल धक सा रह गया।

वह अब सब समझ चुकी थी—

असुर दोबारा वही हरकत करने जा रहा है, और इस बार शायद वह हर हद पार कर दे।

वह तड़प कर उसके पैरों के पास बैठते हुए हाथ जोड़ कर बोली—

“ऐसा मत करिए असुर बाबू… मैं जीते-जी मर जाऊंगी… आप मेरे दिल में इतनी तकलीफ पहुंचाकर क्या पा लेंगे…?”

अभी वह बोल ही रही थी कि दरवाजा दोबारा नॉक हुआ।

असुर डेविल एक्सप्रेशन से मुस्कुराया—

“जा… जाकर दरवाजा खोल।”

कनिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा—

“मैं मर जाऊंगी पर किसी को अंदर नहीं आने दूंगी…”

उसकी बात पर असुर डेविल स्माइल के साथ बोला—

“तो मर जा… पर वो लड़कियां तो अंदर आएंगी।”

इतना कहकर असुर खुद दरवाजा खोलने ही वाला था कि तभी पीछे से कनिका ने उसे बाहों में भर लिया।

जैसे ही उसने उसे थामा, एक पल के लिए असुर वहीं थम गया… उसकी आंखें एक पल के लिए बंद हो गईं।

कनिका उसे पीछे से पकड़े, रोते हुए बोली—

“मत कीजिए असुर बाबू… मत कीजिए… हम मानते हैं, हमसे गलती हो गई… पर इश्क की इतनी बड़ी सज़ा किस किताब में लिखा हुआ है…?”

जैसे ही कनिका ने इश्क का नाम लिया, असुर उसकी तरफ पलटा, उसके बालों में मुट्ठी भर कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी आंखों में आंखें डालकर बोला—

“किसने कहा कि मुझे तुझसे इश्क है? और तूने सोच भी कैसे लिया कि तू जैसी घटिया, बाजारू लड़की से मैं इश्क करूंगा…?”

उसकी बात सुनकर कनिका ने अपनी आंखें फिर से बंद कर लीं।

उसके होंठ बुरी तरह फड़फड़ा रहे थे।

असुर की नजर एक पल के लिए उसके होठों पर ठहर गई…

गुलाबी, कांपते हुए…

धीरे-धीरे वह उसके चेहरे के पास झुकने लगा।

वह खुद भी नहीं जानता था कि कब उनकी सांसें आपस में उलझने लगीं।

असुर इ

स वक्त उसके चेहरे के इतना करीब था कि हवा भी बीच से न निकल सके…

लेकिन उनके होंठ अभी भी जुड़े नहीं थे…

To be continued…

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