
दिल्ली,,
गाजियाबाद,,
सोना बाई का कोठा,,
अभी-अभी असुर ने कामाख्या को अंदर लाकर बेड पर पटका था,, जिससे कामाख्या के मुंह से आह निकल गई थी,, पर फिर भी वह अपने दर्द को बर्दाश्त करते हुए अपने होठों को दांतो तले दबा दिया,,, वही असुर जो कि अब अंदर की तरफ आया था,, उसने कमरे का दरवाजा बंद किया और अपनी गहरी नजरों से सामने बैठी कामाख्या को देखने लगा,,,
कामाख्या भी अपनी सूनी नजरों से असुर को देख रही थी,, इतनी देर से असुर ने कामाख्या के साथ जिस तरह से पेश आ रहा था एक बार भी कामाख्या ने उफ्फ तक नहीं की थी वह बस अपनी सूनी आंखों से असुर को देखे जा रही थी,, पर जब नीचे असुर ने उसके बदन की बोली लगाने को कहा था तो कामाख्या को अपने अंदर तक दर्द महसूस हुआ था,,
और उसे बात पर कामाख्या की आंखों में आंसू बह रहे थे,, पर जब कामाख्या ने खुद ही अपने बदन की बोली लगने की बात की तो असुर गुस्से से कांपने लगा,, असुर अब अपनी गहरी नजरों से कामाख्या को देखते हुए,, बहुत आग है ना तेरे अंदर चल आज तेरी आग ठंडी करता हूं,, इतना कहते हुए उसने अपने कदम कामाख्या की तरफ बढ़ा दिए,,
जैसे ही असुर ने अपने कदम कामाख्या की तरफ बढ़ाए,, तो कामाख्या अपने आप ही बिस्तर पर पूरी तरह से लेट गई,, जैसे ही कामाख्या बिस्तर पर लेती तो असुर की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई उसकी आंखें और भी ज्यादा लाल हो गई और जबड़े पूरी तरह से कस गए,, अब वह तेजी कदम लेते हुए कामाख्या के पास आया,, और अगले ही पल दोबारा से उसके ऊपर झुका और उसके बालों को मुट्ठी में भरते हुए दोबारा से बिस्तर पर बैठाते हुए उसके ऊपर झुका,, और उसकी आंखों में देखते हुए शर्म नाम की चीज नहीं है तेरे अंदर क्या अरे अपनी आबरू बेच खाई है क्या तूने....
जो किसी के भी सामने ऐसे लेट रही है इतनी ही आग लगी है बदन में मेरे नीचे लेटने की,, उसकी बात पर कामाख्या अभी भी उसकी आंखों में देख रही थी पर अब,,
असुर की बात सुनकर अब जाकर कामाख्या की चुप्पी टूटी और वह दर्द भरी आवाज में बोली,, आपके लिए क्या आबरू असुर बाबू यह कामाख्या तो शुरू से आपसे इश्क करती है,, ये आबरू यह जिस्म सब कुछ आप ही का तो है,, अरे आप तो मेरी आबरू को रौंद भी देंगे ना तो ये कामाख्या उफ्फ तक नहीं करेगी,, उसकी बात पर अब असुर ने उसके बालों को और भी कसके पकड़ और उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोला तुझे क्या लगता है। मैं तुझे अपने सीने से लगाऊंगा,,
ना ना ना कामाख्या देवी,, इतना सस्ता नहीं हूं मैं की जो तेरे जैसी औरत को छुए,, एक पल के लिए सोचा था कि तुझे अपने नीचे रौंद दूं पर नहीं,, अगर मैने तुझे हाथ लगाया तेरी तो कीमत बढ़ जाएगी,, अरे तू तो आबाद हो जाएगी मेरे हाथ लगाने से,, तू तो खुद को सौभाग्यशाली समझेगी,,,तुझे हाथ लगाना तो दूर यह असुर सिंह पठानी,, तुझे छूएगा भी नहीं,, सिर्फ तुझे बर्बाद करेगा,,,, और यह असुर सिंह पठानी का वादा है तुझे,, हर मर्द की नजर तेरे ऊपर होगी सिवाए असुर सिंह पठानी के..
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से कामाख्या के बालों से पकड़ा और खड़ा किया वही कामाख्या अब अंदर तक कांप गई वह ना में है सर हिलाते हुए,, ऐसा मत कीजिए असुर बाबू,, हम जीते जी मर जाएंगे,, आपके सिवा पर हम किसी के सामने इस तरह से... जैसे ही उसने यह बात कही असुर ने उसके बालों को जोर से खींच जिससे कामाख्या की चीख उसे कमरे में गुंज गई,,, असुर उस की आंखों में देखते हुए दांत पीसकर बोला,,, तुम मेरे सामने क्या तू सबके सामने नाचेगी वो भी इसी हाल में नाचेगी,,, इतना कहते हुए वह घसीटते हुए कामाख्या को बाहर की तरफ दोबारा से लेकर आया,,
वही कामाख्या भी आराम से असुर के साथ खींची चली आ रही थी,, आखिर बेचारी की उम्र ही क्या थी 19 साल की उम्र में उसने बहुत से दर्द देखे थे ,, पर सहारा मिला तो वह भी दर्द में बदल गया और उसे सहारे का नाम था असुर...
कामाख्या सोनी सी आंखों से अभी भी असुर की तरफ देखे जा रही थी वही असुर अब घसीटते हुए उसे कोठी के बीचो-बीच लेकर आया सोना भाई जो कि अपने झूले पर बैठी अभी भी सामने खड़ी लड़कियों का मुजरा देख रही थी,, अब उसकी नजर दोबारा से असुर और कामाख्या पर गई,, असुर ने अब कामाख्या को दोबारा से कोठी के बीचो-बीच लाकर धक्का दिया,, और वहां पर खड़े सभी मर्द जो कि यह नजारा देख रहे थे उनकी नज़रें अब कामाख्या पर थी,,
अपनी एक नजर असुर को तो देखा पर अगले ही पल उनकी नज़रें कामाख्या पर आकर ठहर गई कामाख्या थी इतनी खूबसूरत,, इस वक्त कामाख्या ने लहंगा पहना हुआ था जो की मेहरून कलर का था उसका ब्लाउज का गला थोड़ा सा आगे से भी था जिस वजह से उसके हल्के हल्के cleavage शो हो रहे थे,, असुर ने अब सोना बाई की तरफ देखकर बोला अब तुझे क्या सफाई देनी पड़ेगी क्या कर जल्दी से इसके कपड़े बदलवा,,,
जैसे ही असुर ने यह बात कही कामाख्या का दिल धक सा रह गया वह हैरानी से असुर की तरफ देखे जा रही थी..
पर असुर को उसकी नजरों का जैसे रति भर भी असर नहीं हो रहा था वह अपनी सर्द नजरों से देखते हुए कामाख्या की तरफ क्या देख रही है... उसकी बात पर कामाख्या ने कुछ नहीं कहा बस अपनी नज़रें नीचे कर ली,, जिसे देखकर असुर के चेहरे एकदम से एक्सप्रेशन लेस हो गया,,
दूसरी तरफ सोना भाई जो कि अपने झूले पर बैठी हुई थी वह जल्दी से उठी और उसने दो लड़कियों को इशारा किया जो की कामाख्या के पास आई और उसकी दोनों बाजुओं से पकड़ते उसे खड़ा किया और अंदर की तरफ ले गई,, वही कामाख्या तो जैसे अपनी जगह पर जमी हुई थी उसने एक बार भी उनके साथ जाने के लिए विरोध नहीं किया,, कुछ देर में वह लड़कियां उसको अंदर की तरफ लेकर गई और एक छोटा सा घाघरा और उसके साथ बोल्ड ब्लाउज जिसमें से,, उसका सीना हद से ज्यादा बाहर की तरफ रिवील हो रहा था,, वह छोटा सा ब्लाउज उसके सीने को ढकने में नाकामयाब हो रहा था,,
और ऊपर से न्यूड मेकअप उसे पर और भी ज्यादा खेल रहा था,, और बाल खुले,, इस वक्त कामाख्या कर तो उठा रही थी पर अंदर ही अंदर वह पूरी तरह से टूट चुकी थी,, जिस तरह से के कपड़े आज उसने अपने तन पर पहने थे,, उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी आबरू छीन ली हो,, पर वो उसे तक नहीं कर रही थी,, वही वह लड़कियां जो कामाख्या को तैयार कर रही थी वह लड़कियां उसकी तरफ देखकर बोली,, करी बड़ी चुपचाप कपड़े पहन रही है,, नखरे नहीं करेगी,,
उन लड़कियों की बात का कामाख्या ने कोई जवाब नहीं दिया बस चुपचाप उन लड़कियों के साथ तैयार हुई और कुछ ही देर में बाहर की तरफ जब उसने अपने कदम रखे,, तो उन लड़कियों ने उसके चेहरे पर घूंघट कर दिया जो की उसके सीने तक का था,, पर वह घूंघट भी उसका कुछ भी छुपा नहीं पा रहा था। उसमें से उसका चांद सा चेहरा साफ दिखाई दे रहा था,, अब लड़कियों ने कामाख्या को बाहर की तरफ लाया और असुर के सामने लाकर खड़ा कर दिया,,, कामाख्या की आंखें इस वक्त पूरी तरह से झुकी हुई थी उसने एक बार भी अपनी नजरे उठाकर असुर की तरफ नहीं देखा था,, वहां पर खड़े हर शख्स की नजरे इस वक्त कामाख्या पर थी जो कि अपनी गंदी नजरों से कामाख्या को देख रहे थे,,
उनकी नज़रें कामाख्या की टांगों से लेकर उसके सीने पर बार-बार जा रहीथी,, वह बेशर्मी से अपने होठों को कोई काट रहा था तो कोई अपने लोअर बॉडी पर अपना हाथ रखकर आहा भर रहा था,,
वही असुर ने एक जब कामाख्या को दिखा तो उसकी नज़रें कामाख्या पर और भी ज्यादा गहरी हो गई,, और वह उसके ऊपर झुकते हुए बोला,,, बिल्कुल फिट बैठते हैं ऐसे कपड़े तेरे पर तू इसी लायक है,, और क्या कहा तूने इश्क अरे तेरा इश्क जला कर रखना कर दिया मेरा नाम भी असुर सिंह पठानी नहीं..
जैसे ही असुर ने यह बात कही कामाख्या उसकी बात पर व्यंग्य से मुस्कुराई और अब जाकर उसने अपनी आंखें असुर की तरफ उठाई ,, और उसकी आंखें असुर से जा टकराई,, पर अगले ही पल वह व्यंग्य से एक हंसी और अपने ऊंचे स्वर में बोली,, आप नहीं समझेंगे असुर बाबू...
इश्क है इश्क कोई मजाक नहीं,, और एक बात और एक औरत का इश्क ऐसा होता है कि कोई उसे हरा नहीं सकता,, और औरत के इश्क से कोई जीत जाए ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ,, उसकी बात पर अब असुर के जबड़े और भी ज्यादा कस गए अगले ही पल उसने उसने कामाख्या के चेहरे से वह घूंघट उठाकर कोठे के बीचो-बीच फेंकते हुए उसके बालों को कसकर पढ़ते हुए बोला,,, और असुर सिंह पठानी किसी से हारता नहीं है,,
इतना कहते हुए उसने दोबारा से कामाख्या को वहीं पर धक्का दिया और बोला नाच आज तेरा नाच यहां पर खड़ा हर मर्द देखेगा,, दिखेगा क्या तेरे जिस्म को अपनी आंखों से नोचेगा,, चल नाच,, उसकी बात पर कामाख्या की आंखें,, अब भर आई उसका चेहरा अब नीचे की तरफ़ था,, और उसकी आंखों के आंसू जमीन पर गिर रहे थे,, उसका दिल इस वक्त बुरी तरह से तड़प रहा था पर उसने एक बार भी असुर से शिकायत उसका दिल इस वक्त बुरी तरह से तड़प रहा था,,
पर बिना असुर पर सवाल दागे अगले ही पल वह अपनी जगह से उठी,,
और और हल्के से गुनगुनाने लगी,, जैसे ही कामाख्या ने गुनगुनाना शुरू किया असुर अब अपने कदमों को सोना भाई की झूले की तरफ लेकर गया और सोना भाई के जब पास पहुंचा तो उसके अपनी गहरी नजरों से देखने लगा जैसे ही सोना को असुर की नजर खुद पर महसूस हुई वह डरकर कांपते हुए पीछे की तरफ हो गई और झूले से उठकर सामने बेंच पर जाकर बैठ गई,,
वही कामाख्या अब अपनी जगह पर खडी गाना गुनगुनाते हुए अपने हाथों को हवा में लहराने लगी,, वहां खड़े हर शख्स की नजरे कामाख्या पर और भी गहरी हो गई,, और असुर की नजरे उन सब पर गहरी हो गई,,
Teri baahon mein jo sakoon tha mila
Maine dhoondha bahut tha
Phir na milaa...
इतना कहते हुए कामाख्या ने अपनी कलाइयों को बल कहते हुए असुर की तरफ घुमाया,, जैसे ही उसने असुर की तरफ इशारा किया असुर की आंखें उसे पर गड़ गई,, और अगले ही पल उसकी नज़रें कामाख्या पर सर्द हो गई,, वही कामाख्या तो मानो जैसे असुर में ही कहीं कोई हुई थी,, आस-पास कोई है या नहीं है उसे कोई खबर नहीं थी उसने किसी पर भी कोई ध्यान नहीं दिया उसकी नज़रें सिर्फ असुर पर थी वह नाच तो रही थी पर उसके लिए वहां सिर्फ असुर ही बैठा हुआ था बाकी कोई नहीं,,
Duniya chhoona chaahe mujh ko yoon
Jaise un ki saari ki saari main
Duniya dekhe roop mera
Koi na jaane bechaari main
इतना कहते हुए उसने अपनी हाथों को अपने सीने पर ले जाते हुए आंखों से पानी निकल रहा था पर बार-बार उसकी नज़रें असुर पर ठहर रही थी वही असुर की नजरे भी सिर्फ उसी पर टिकी हुई थी,, पर उसे सब खबर था कि आसपास के जितने भी मर्द थे वह किस नजरों से कामाख्या को देख रहे थे,, जिससे अगले ही पल उसने सर्द नजरों से सोना को देखा,, जैसे ही असुर ने सोने को देखा तो सोने का गला सूखने लगा और अगले ही पल उसने वहां पर खड़े बॉडीगार्ड की तरफ देखा तो बॉडीगार्ड उसका इशारा समझ कर वहां पर खड़े सभी मर्दों को बाहर की तरफ भेजने लगे,,, देखते ही देखते सोना ने सारे मर्दों को बाहर की तरफ भेज दिया और अब वहां पर सिर्फ कामाख्या और असुर रह गए थे,, कामाख्या कोठी के बीचो-बीच नाच रही थी और असुर से अपनी गहरी नजरों से देख रहा था,, उसकी नज़रें इस वक्त आग उगल रही थी,,
Haaye, tooti saari ki saari main
Tere ishq mein hoi Awaari main
Koi shaam bulaaye
Koi daam lagaaye
Main bhi upar se hansti
Par andar se haaye..
मोटा होने की वजह से वहां पर शराब का इंतजाम बड़े आराम से किया गया था सामने ही टेबल पर बहुत सी शराब की बोतल पड़ी हुई थी,, और अगले ही पल असुर अपनी जगह पर खड़ा हुआ और उसने शराब की बोतल उठा कर सीधी अपने होंठो से लगा ली और अपनी गुस्से भरी नजरों से नाचती हुई कामाख्या की तरफ देखने लगी,, वही कामाख्या अपनी कमर को लचकते हुए ,, और अपनी बाहों को लहराते हुए नाच रही थी,, पर अगले ही पल आगे के बोल अब असुर ने अपने मुंह से निकले,,
Kyun dard chupaaye baithi hai,
Kyun tu mujh se kehti hai
Main to khud hi bikhra hua.
Haaye andar andar se toota main
Tere ishq mein khud hi se rootha main
जैसे ही असुर ने अपने मुंह से बोल निकल तो कामाख्या के कदम वहीं पर रुक गए और उसकी आंखों में नमी तैरने लगी,, कामाख्या का दिल इस वक्त जोर-जोरों से ढक-ढक कर रहा था क्योंकि असुर ने अपने कदम कामाख्या की तरफ बढ़ा दिए थे,, देखते ही देखते वह कामाख्या के बिल्कुल पास आकर खड़ा हो गया,, और अपनी लाल आंखों से कामाख्या को देखने लगा दोनों की आंखें इस वक्त आपस में मिली हुई थी और कामाख्या की धड़कनें इस वक्त किसी ट्रेन की तरह दौड़ रही थी और सांस गहरी हुई पड़ी थी,, पर अगले ही पहले जो हुआ उसे देखकर कामाख्या की आंखें और भी ज्यादा बहने लगी,, क्योंकि असुर ने अपनी हाथों में पकड़ी हुई शराब की बोतल को सीधे जमीन पर फेंक तोड़ दिया था,, और अगले ही पल कामाख्या की तरफ देखते हुए चल नाच तूने क्या सोचा था कि मैं तुझे रोक दूंगा नाच अब नाच के दिखा,, बड़ी आई इश्क की दुहाई देने वाली,,
इतना कहते हुए असुर ने अपनी गहरी नजरों से कामाख्या को देखा वही कामाख्या फीका सा मुस्कुराते हुए एक बार फिर से उसने अपने कदम अब कांच पर रखा ही था कि तभी उसकी आह निकल गई,, जैसे ही उसने अपने कदम कांच पर रखे,, ससुर की आंखें हद से ज्यादा लाल हो गई पर उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया और सामने झूले पर जाकर दोबारा से बैठ गया,, कामाख्या अब उसे कांच पर नाचने लगी,, और असुर अपने लबों से गाने के कुछ बोल गुनगुना रहा था और उन पर कामाख्या नाच रही थी,,
Main jee bhar ke ro loon
Teri baahon mein so loon
Aa phir se mujhe mil
Main tujh se ye boloon
Tu anmol thi
Pal pal bolti thi
Aisi chup tu laga ke gayi
Saari khushiyaan kha ke gayi
वहां पूरे आंगन में कामाख्या के पैरों के निशान बन गए थे उसके पैरों से बेइंतहा खून निकल रहा था पर फिर भी वह रुक नहीं रही थी,, ना असुर के बोल रुक रहे थे और ना ही कामाख्या के पैर,, कामाख्या की आंखों से पानी आ रहा था पर फिर भी वह रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी आसमान में बादल गरजे और बारिश होनी शुरू हो गई और उसे बारिश में कामाख्या बिना रुके नाच रही थी,,
Haaye, andar andar se toota main
Tere ishq mein khud hi se rootha main
Haaye, teri hoon saari ki saari main
tere liye na saari main
इसी के साथ कामाख्या गोल-गोल घूमते हुए वहीं कांच पर जा गिरी,, उसके सांस इस वक्त बेहद गहरी चल रही थी और देखते ही देखते कामाख्या बेहोश हो गई उसको आंगन के बीच ऐसे लेटे देखकर असुर ने अपने लाल आंखों से कामाख्या को देखा और अपनी जगह से खड़ा हुआ और अपने कदम कामाख्या की तरफ बढ़ा दिए,, और देखते ही देखते उसके ऊपर झुका और उसे अपनी गोद में उठाकर अपनी गहरी नजरों से उसके चेहरे की तरफ देखते हुए,,
तूने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी अब मैं तुझे बर्बाद कर दूंगा..
इतना कहते थे असुर की आंखें हद से ज्यादा लाल थी और अब उसने अपने कदम बाहर की तरफ बढ़ा दिए इस वक्त कामाख्या उसकी गोद में थी
देखते ही देखते ही अपनी गाड़ी में बैठा और कामाख्या को अपनी गाड़ी की बैक सीट पर प्लेट आया और वहां से ले गया,,
To be continue....









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