
राणावत फार्महाउस.....
रूद्र की गाड़ी राणावत फार्महाउस के आगे रुकी। राणावत हाफ फार्महाउस को देखकर, अहाना के चेहरे पर परेशानी छा गई। उसका दिल तेजी से धड़क रहा था, और वह बेचैन थी। उसने अपनी नज़रें रूद्र से चुराने की कोशिश की।
रूद्र उसकी हालत देखकर मुस्कुराया। अगले ही पल, वह बाहर निकला और गाड़ी से घूमकर अहाना की तरफ आया। उसने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और अहाना को गोद में उठा लिया। अहाना की आँखें बड़ी हो गईं। गुस्से से, उसने कहा, "यह क्या बदतमीज़ी है सर? ऐसा कोई करता है! आप मेरे साथ ज़बरदस्ती नहीं कर सकते। आप कौन हैं?"
रूद्र ने उसे गहरी नज़रों से देखते हुए कहा, "बताता हूँ... अंदर चलो, इतनी भी क्या जल्दी है?"
अहाना के रोंगटे खड़े हो गए, क्योंकि रूद्र उसे एकटक देख रहा था। उसने दांत पीसकर कहा, "मुझे नीचे उतारिए। आप ऐसे किसी स्टूडेंट को उठाकर नहीं ला सकते। आप कौन हैं मुझे यहाँ लाने वाले?"
रूद्र ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और राणावत फार्महाउस के अंदर चला गया। अहाना का दिल और तेज़ी से धड़कने लगा। उसकी सांसें गहरी हो गईं।
अहाना की सांसों की आवाज़ रूद्र के कानों तक पहुँची, जिससे उसके चेहरे पर एक तिरछी मुस्कराहट तैर गई। वह अहाना को अंदर ले गया। अपने कमरे में ले जाकर, उसने अहाना को बिस्तर पर बैठाया। फिर, उसके कानों के पास झुकते हुए, उसने गर्म सांस छोड़ते हुए कहा, "यह तुम्हारी साँसें इतनी गहरी क्यों चल रही हैं? अभी तो मैंने कुछ किया भी नहीं..."
अहाना के होश उड़ गए। वह लड़खड़ाती आवाज़ में बोली, "वो... वो... दरअसल, मैंने दवाइयाँ खाई हैं, उसकी वजह से मुझे घबराहट हो रही है, इसीलिए मेरी साँसें ऐसे चल रही हैं।"
रूद्र ने एक भौंह ऊपर उठाते हुए पूछा, "Seriously?"
अहाना ने मुंह बनाते हुए कहा, "मैं सच बोल रही हूँ।"
रूद्र ने उसे छोटी आँखों से देखा। अहाना ने "आई डोंट केयर" वाला भाव बनाकर चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
तभी वह पूरी तरह से कांप गई, क्योंकि रूद्र ने उसके बालों को पीछे कर, उसके गले पर अपने होंठ रख दिए। अहाना पूरी तरह से कांप गई। उसका दिल जैसे धड़कने से इनकार करने लगा।
रूद्र उसके गर्दन में अपना मुंह छुपाते हुए, उसे चूमने लगा। हालांकि उसका ध्यान अहाना के गले को चूमने में था, फिर भी उसे अहाना की दिल की धड़कनें सुनाई दे रही थीं। अहाना की सांसें और गहरी होने लगीं, और उसकी आँखें खुद-ब-खुद बंद होने लगीं।
उसकी छाती में आया तूफान देखकर, रूद्र के चेहरे पर तिरछी मुस्कराहट तैर गई। रूद्र के चुने भर से ही अहाना पिघलना शुरू हो गई। अहाना ने लड़खड़ाती आवाज़ में कहा, "यह आप क्या कर रहे हैं सर? मैं आपकी स्टूडेंट हूँ।"
रूद्र उसके कान में झुकते हुए बोला, "पर मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" इतना कहकर, उसने अहाना को अपनी तरफ घुमाया और बिस्तर पर लिटा दिया।
अहाना ने जब रूद्र के मुंह से प्यार का इज़हार सुना, तो एक पल के लिए उसकी आँखें रूद्र के चेहरे पर ठहर गईं। वह लड़खड़ाती आवाज़ में बोली, "पर मैं आपसे प्यार नहीं करती।" इतना कहते हुए, उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
अहाना की बात पर, रूद्र के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कराहट तैर गई और अगले ही पल, वहाँ पर कुछ फटने की आवाज़ आई। अहाना की आँखें बड़ी हो गईं, क्योंकि रूद्र ने उसका टॉप पूरी तरह से फाड़ दिया था। उसने पिंक कलर की नेट की ब्रा पहनी हुई थी। उसे देखकर रूद्र की आँखों में मदहोशी छा गई। रूद्र ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, "पर मैं तो करूँगा प्यार।" इतना कहते हुए, उसने नीचे की तरफ झुका और ब्रा को नीचे सरकाया, जिससे उसके बूब्स पूरी तरह से बाहर आ गए।
उसके बूब्स को देखकर, रूद्र ने अपने होठों पर जीभ घुमाते हुए कहा, "वैसे मेरा वर्क कम कर गया। तुम्हारे boobs का साइज़ बढ़ गया है।"
अहाना का चेहरा लाल हो गया। उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमाते हुए कहा, "आपको शर्म नहीं आती? आप अपनी स्टूडेंट के साथ ऐसी हरकत करते हैं?"
रूद्र ने अहाना का चेहरा अपनी तरफ घुमाते हुए कहा, "यही बात मेरी आँखों में देखकर कहो।"
अहाना बस रूद्र की आँखों में देखती रही, पर वह कुछ बोल नहीं पाई। जब अहाना कुछ देर कुछ नहीं बोली, तो उसके चेहरे पर और भी गहरी मुस्कराहट आ गई। अगले ही पल, वह अहाना के ऊपर झुका और प्यार से उसके बूब्स को अपने हाथों में भरकर, बड़े प्यार से मसाले लगाने लगा और अपनी जीभ को उसके निपल्स पर घुमाने लगा, जिससे अहाना के पैर पूरी तरह से बिस्तर में धँस गए।
रूद्र बड़े प्यार से उसके बूब्स को lick कर रहा था, जिससे अहाना के हाथ खुद-ब-खुद रूद्र के सिर पर आ चुके थे। वह कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। रूद्र अब उसके निपल्स को धीरे-धीरे अपने होठों में भरकर हल्का-हल्का दबाने लगा, जिससे अहाना की सिसकियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। रूद्र ने कभी लेफ्ट निप्पल को शक किया, तो कभी राइट निप्पल को शक किया, तो कभी उसके निप्पल के एरोला पर जीभ को गोल-गोल घुमाते हुए उसे चाटने लगा।
रूद्र ने अब एक नज़र अहाना की तरफ़ देखी जो कि पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी, और अब वह बड़े प्यार से अहाना से बोला, "क्यों कर रही हो ऐसा?"
जैसे ही रूद्र ने यह बात कही, अहाना की आँखें अपने आप खुल गईं, और अगले ही पल उसकी धड़कनें अपनी जगह पर जैसे थम सी गईं, क्योंकि इस वक़्त रूद्र की आँखों में नमी थी, जिसे देखकर अहाना का दिल तड़प उठा...
To bi continue ✍️.....
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