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Baichain somya

Venue पर,

सौम्या इस वक्त एक साइड टेबल पर बैठी हुई थी क्योंकि अभी-अभी धानिष्क ही उसे यहां पर बैठा कर गया था। सौम्या की नजर बार-बार इधर-उधर घूम रही थी। वह इस वक्त धानिष्क को ढूंढ रही थी, पर धानिष्क उसे कहीं नजर नहीं आ रहा था। वह खुद में ही बड़बड़ाते हुए बोली, “पता नहीं क्यों मेरा दिल बहुत घबरा रहा है।” इतना कहकर सौम्या ने अपने सीने पर हाथ रखकर एक गहरी सांस भरी और एक बार फिर से अपनी नजर इधर-उधर आने लगी।

पर अफसोस, उसे धानिष्क कहीं पर भी नहीं मिला। लेकिन कोई था जिसकी नजर पूरी तरह से सौम्या पर थी और वह अपनी गहरी नजरों से सौम्या को ही देख रहा था। और यह शख्स पार्टी में आए हुए ही फेमस गेस्ट अहंकार गुलरिया थे। अहंकार गुलरिया सिंगापुर की जानी-मानी हस्ती थे जो यहां पर प्रिया की पार्टी इंजॉय करने आए थे। लेकिन इसी बीच उनकी नजर धानिष्क के साथ खड़ी सौम्या पर पड़ी और तब से ही उनकी नजर सौम्या पर ठहर गई थी। दिखने में अहंकार काफी ज्यादा हैंडसम थे। उम्र के हिसाब से वह इस वक्त 40 साल के थे पर दिखने में वह इस वक्त 32 से कम नहीं लगते थे।

वहीं दूर खड़ी प्रिया भी अहंकार को देख रही थी और अहंकार की नजरें सौम्या पर कब से अब्ज़ॉर्ब कर रही थीं, और यह देखकर उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कराहट तैर गई। अगले ही पल प्रिया अपनी जगह से अहंकार की तरफ आई और उनकी तरफ देखकर बोली, “हेलो मिस्टर गुलरिया।”

जैसे ही अहंकार को प्रिया की आवाज आई तो अहंकार ने प्रिया की तरफ देखा और गहरी नजरों से देखते हुए बोला, “नीस टू मीट यू, मिस सिंघानिया।”

उसकी बात पर प्रिया तिरछा मुस्कुराते हुए बोली, “बाय द वे, पार्टी कैसी लगी आपको?”

जैसे ही प्रिया ने यह बात कही, एक बार फिर से अहंकार की नजर सौम्या पर जाकर ठहर गई और वह बेहद seductive voice में बोला, “Ssssss... बेहद sexy।”

इतना कहते हुए अहंकार की नजर सौम्या पर और भी ज्यादा गहरी हो गई। वहीं प्रिया अब एक बार फिर से उसकी नजर सौम्या पर महसूस कर तिरछी मुस्कराहट से बोली, “चखना चाहेंगे?”

जैसे ही प्रिया ने यह बात कही, अहंकार के चेहरे पर हैरानी भरे एक्सप्रेशन आ गए।

वह प्रिया की तरफ देखते हुए बोला, “Really?”

उसकी बात पर प्रिया तिरछा मुस्कुराते हुए बोली, “Of course, Mr. Guleria।”

जैसे ही प्रिया ने यह बात कही, अहंकार के चेहरे पर तिरछी मुस्कराहट आ गई और वह प्रिया की तरफ देखते हुए बोला, “तो देर किस बात की, मिस सिंघानिया?”

इतना कहते हुए एक बार फिर से उसकी नजर सौम्या पर जाकर ठहर गई थी।

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वहीं दूसरी तरफ, Venue पर,

सौम्या अभी भी धानिष्क को ढूंढ रही थी। उसका दिल अब हद से ज्यादा बेचैन होने लगा था, लेकिन तभी उसके पास एक सर्वेंट आया जिसके हाथ में कोल्ड ड्रिंक थी।

उस कोल्ड ड्रिंक को देखकर सौम्या ने एक बार उठाने को हुई पर अगले ही पल उसने अपना हाथ पीछे खींचते हुए बोली, “नहीं, अभी मुझे प्यास नहीं है, आप ले जाइए।”

जैसे ही उसने इतनी बात कही, सर्वेंट के चेहरे पर परेशानी छलकने लगी।

सर्वेंट अब सौम्या से रिक्वेस्ट करते हुए बोला, “प्लीज, मैम ले लीजिए, आपकी हालत देखकर ऐसा लग रहा है कि आपका गला सूख रहा है।”

सर्वेंट की बात सौम्या को थोड़ी अजीब लगी। वह कुछ कहने ही वाली थी कि तभी पीछे से आवाज आई—

“लीजिए ना मिस शेखावत।”

जैसे ही यह आवाज आई, सौम्या ने पीछे पलटकर देखा तो सामने मिस्टर अहंकार गुलरिया खड़े थे।

अहंकार गुलरिया को देखकर सौम्या के चेहरे पर सवालिया एक्सप्रेशन आ गए।

तभी मिस्टर गुलरिया उसकी तरफ देखकर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए बोले, “हेलो मिस शेखावत, I’m अहंकार गुलरिया। AS शेखावत मुझे जानते हैं, even हम friends रह चुके हैं।”

इतना कहते हुए गुलरिया ने अपना हाथ सौम्या की तरफ बढ़ाया।

वहीं सौम्या अपनी अजीब सी नजरों से मिस्टर गुलरिया के हाथ को देख रही थी। उसे पता नहीं क्यों एक अजीब सी वाइब आ रही थी, पर AS का नाम सुनकर उसने अपना हाथ मिस्टर गुलरिया के हाथ में रख दिया।

जैसे ही मिस्टर गुलरिया ने उसका हाथ पकड़ा, तो सौम्या की धड़कन एक पल को थम गई — उसे एक अजीब सा एहसास हुआ। अगले ही पल उसने जल्दी से अपना हाथ पीछे की तरफ खींच लिया।

वहीं मिस्टर गुलरिया अब सौम्या को अपनी गहरी नजरों से देखते हुए बोले, “क्या बात है मिस शेखावत, आप घबरा क्यों गईं?”

उसकी बात पर सौम्या पिकासा मुस्कुराई और पास में खड़े वेटर को देखकर जल्दी से बोली, “वेटर, मेरी वो ड्रिंक लाई थी, उसे जल्दी से उठाइए।”

वह जल्दी से ड्रिंक उठाकर पीने लगी।

जैसे ही सौम्या ने ड्रिंक उठाकर होंठों से लगाई, अहंकार के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आ गए और वह मन ही मन बोला, “फंस गया शिकार।”

सौम्या ने अब एक ही झटके में ड्रिंक खत्म कर ली और अपना गिलास सामने वेटर की ट्रे में रख दिया।

वहीं दूसरी तरफ, प्रिया जो कि दूर खड़ी यह सब देख रही थी, उसके चेहरे पर भी अब और गहरी मुस्कराहट आ गई।

अगले ही पल वह अपनी जगह से उठी और अंदर की तरफ चली गई — अंदर हॉल में जाकर देखा, जहां पर धानिष्क और मिस्टर सिंघानिया (जो कि प्रिया के डैड थे) बैठे थे।

प्रिया अब सामने अपने डैड के पास जाकर बैठ गई और उसने सामने वेटर जो कि वहां ड्रिंक सर्व कर रहा था, उसे अपनी गहरी नजरों से देखा तो वेटर ने हामी में सिर हिला दिया।

अगले ही पल उसने अपनी ड्रिंक लेकर धानिष्क की तरफ बढ़ गया।

वहीं धानिष्क, जो कि सामने मिस्टर सिंघानिया से किसी डील के बारे में बात कर रहा था, उसने जब वेटर की तरफ देखा तो कुछ देर वेटर को देखता रहा, फिर कुछ सोचकर उसने उसकी ट्रे में से ड्रिंक उठा ली और धीरे-धीरे पीने लगा।

जैसे ही धानिष्क ने ड्रिंक उठाई, प्रिया के चेहरे पर एक बार फिर से डेविल एक्सप्रेशन आ गए।

प्रिया अपने मन में बोली —

“प्रिया सिंघानिया जिस चीज पर हाथ रखे और वो उसकी ना हो, ऐसा हो नहीं सकता।”

इतना कहते हुए प्रिया के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे।

धानिष्क चुपचाप ड्रिंक पी रहा था, लेकिन तभी उसने तिरछी नजरों से प्रिया की तरफ देखा और उसके होठों के कोने मुड़ गए।

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वहीं दूसरी तरफ, बाहर,

सौम्या इस वक्त पूरी तरह से चक्कर खाकर मिस्टर गुलरिया की बाहों में झूल रही थी।

मिस्टर गुलरिया उसे धीरे-धीरे लेकर अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया और कुछ ही देर में उन्होंने सौम्या को अपनी गाड़ी में बिठाया और गाड़ी लेकर वहां से निकल गए।

आधे घंटे बाद उनकी गाड़ी डायमंड रिसॉर्ट के आगे आकर रुकी।

अब मिस्टर गुलरिया ने सौम्या को अपनी गोद में उठाया।

सौम्या इस वक्त हल्की-हल्की आंखें खोल रही थी, वह पूरी तरह से नशे में थी।

देखते ही देखते मिस्टर गुलरिया सौम्या को अंदर की तरफ ले गए।

उन्होंने इस वक्त डायमंड रिसॉर्ट पूरी तरह से बुक करवा रखा था, इसीलिए वहां पर कोई भी नहीं था।

अब वह सौम्या को लेकर सीधा अंदर की तरफ आए और सामने लिफ्ट में ले जाकर टॉप फ्लोर पर चले गए।

वहां टॉप फ्लोर में एक सबसे लग्ज़रीयस रूम में जाकर मिस्टर गुलरिया ने सौम्या को बिस्तर पर लेटा दिया और उसे अपनी डेविल नजरों से देखने लगे।

वहीं सौम्या अपनी अधूरी आंखों से बोली, “तुमने मेरे साथ क्या किया?”

इतना कहते हुए वह अपने हाथ मारने की कोशिश कर रही थी।

वहीं मिस्टर गुलरिया अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए बोले, “अभी तो कुछ किया नहीं जान, अभी तो करने वाला हूं।”

इतना कहते हुए मिस्टर गुलरिया के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे।

इतना कहते हुए अब वह सौम्या के ऊपर झुक गया।

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अगली सुबह,

7 बजे,

सौम्या की आंख खुली।

सौम्या के सिर में इस वक्त जोर से दर्द हो रहा था। उसने एक बार अपनी आंख खोली तो आंखें सही से खुली नहीं, तो उसने अपनी आंखें कसकर बंद कर लीं।

उसे अपने सिर में हद से ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था। अगले ही पल उसने एक बार फिर से अपनी आंखें खोलकर आसपास देखा तो उसका रंग पूरी तरह से उड़ चुका था।

उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। अब उसने ऊपर की तरफ देखा तो ब्लैंकेट जो उसके सीने पर ढकी हुई थी, नीचे की तरफ सरकने लगी। तब जाकर उसे ख्याल आया कि वह इस वक्त पूरी तरह से naked है।

अपनी यह हालत देखकर सौम्या अपनी जगह पर सुन होकर बैठ गई और तभी उसकी नजर सामने बालकनी पर पड़ी।

वहां एक शख्स उसकी तरफ पीठ करके खड़ा था। उसकी पीठ पर एक साइड दिल का निशान बना हुआ था और उस दिल में कुछ लिखा हुआ था जो साफ दिखाई नहीं दे रहा था — ऐसा लग रहा था जैसे यह टैटू के रूप में बना हो।

वहीं सौम्या का दिल एक पल के लिए धड़कने से इनकार करने लगा।

खुद की हालत देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी।

उसकी आंखों में आंसू लबालब बहने लगे...

सांस गहरी हो गई...

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To be continued...

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