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Devil adarsh

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आदर्श इस वक्त ध्वनि के सामने पूरी तरह से नग्न खड़ा था वहीं ध्वनि के होश पूरी तरह से उड़े हुए थे। आदर्श का डिक देखकर ध्वनि उसे आंखें फाड़े देख रही थी और कुछ देर पहले ही आदर्श ने ऐसी लैंग्वेज उसे बोली थी जिसे सुनकर ध्वनि के कानों से धुआं निकल रहा था।

ध्वनि (गुस्से में दांत पीसते हुए) – दफा हो जाओ यहां से…

वहीं आदर्श उसकी तरफ आंखों में आंखें डाल कर बोला –

आदर्श – ऐसे कैसे दफा हो जाऊं? पहले आज तुम्हें चोद तो दूँ… वैसे भी मेरे लंड को बहुत प्यास लगी है आज।

वहीं ध्वनि तो बस एकटक आदर्श को देखे जा रही थी क्योंकि दो-तीन दिन से आदर्श ने ऐसी लैंग्वेज बिल्कुल भी उसे नहीं बोली थी और अचानक से आदर्श की ऐसी लैंग्वेज सुनकर ध्वनि के रोंगटे खड़े हो रहे थे।

आदर्श अब ध्वनि के करीब आते हुए बोला –

आदर्श – क्या हुआ? तुम्हारी चूत को प्यास नहीं लगी?

आदर्श की बेशर्मी देखकर ध्वनि ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया और गुस्से से कांपते हुए बोली –

ध्वनि – मेरे से दूर हो जाओ… मुझे घिन आ रही है तुमसे।

वहीं उसकी ऐसी बात सुनकर आदर्श के जबड़े एक पल के लिए कस गए, पर अगले ही पल उसने खुद को कंट्रोल करते हुए तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोला –

आदर्श – कोई बात नहीं, तुम घिन कर लो… तो मैं माया के पास चला जाता हूँ।

वह कौन-सा काम सेक्सी है…

एक बार फिर से आदर्श के मुंह से माया का जिक्र सुनकर ध्वनि के रोंगटे खड़े हो गए और अगले ही पल उसने आदर्श का हाथ पकड़ा और उसकी तरफ देखते हुए बोली –

ध्वनि (बेचैनी से) – प्लीज़, प्लीज़ ऐसा कुछ मत करना। ठीक है… ठीक है… मैं कुछ नहीं बोलूंगी। मैं फालतू बात ही नहीं करूंगी।

ध्वनि के ऐसे रोकने से आदर्श के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट और भी लंबी हो गई और अगले ही पल वह ध्वनि की आंखों में देखकर बोला –

आदर्श – Take off your clothes now.

जैसे ही आदर्श ने कहा, अगले ही पल ध्वनि की हार्टबीट एक पल के लिए स्किप हो गई। वह अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली –

ध्वनि – पर लेकिन…

तभी आदर्श बोला –

आदर्श – I said, take off your clothes now… unless you will regret this, अगर मगर।

उसकी बात पर अब ध्वनि ने गहरी सांस ली। हालांकि उसकी आंखों में बार-बार नमी जा रही थी पर फिर भी उसने किसी तरह खुद को कंट्रोल किया क्योंकि वह माया को मुसीबत में नहीं डालना चाहती थी। इसीलिए अब उसने चुपचाप अपने कपड़े उतारे। कुछ ही देर में पूरी तरह से नग्न ध्वनि आदर्श के सामने खड़ी थी।

वहीं आदर्श अब उसके बदन को पूरी तरह से घूर कर देख रहा था। उसके बूब्स काफी ज्यादा सेक्सी थे जिन्हें देखकर आदर्श के जिस्म में अलग ही सेंसेशन फील हो रही थी।

वहीं आदर्श की निगाहें खुद पर महसूस कर ध्वनि का दिल जोर-जोर से धक-धक कर रहा था। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके बदन में से उसकी जान निकाल रहा हो। वह खुद में ही सिमटने में लगी हुई थी।

आदर्श अब हंसी भरी निगाहों से देखते हुए बोला –

आदर्श – जल्दी उन पेपर्स पर साइन करो। जब तक तुम पेपर्स पर साइन नहीं करोगी तब तक माया बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।

अब ध्वनि के होश पूरी तरह से उड़ चुके थे। वह लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली –

ध्वनि – साइन करना जरूरी है क्या? तुम्हें जो करना है तुम इसी तरह कर लो… शादी करने से क्या होगा?

उसकी बात पर अब आदर्श के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट दोबारा से फैल गई। अगले ही पल वह ध्वनि के पास आकर उसके गाल पर अपनी उंगली फिरते हुए बोला –

आदर्श – जरूरी है मेरी जान… जरूरी है। क्योंकि जितना मुर्गी को शिकंजे में कसोगे तभी तो फड़फड़ाएगी।

अगले ही पल आदर्श ने उसका हाथ पकड़ा और उसे झुकाया और पीछे से उसके ऊपर झुका हुआ था। आदर्श का डिक पीछे से उसकी पुसी के ऊपर लग रहा था। उसकी हार्डनेस पूरी तरह से ध्वनि को फील हो रही थी जिससे उसके बदन में एक अलग ही करंट दौड़ रहा था।

आदर्श का डिक उसकी पुसी पर पीछे से क्लिटोरिस पर रगड़ खा रहा था जिससे ध्वनि के रोंगटे खड़े हो रहे थे। वहीं आदर्श के हाथ इस वक्त ध्वनि के हाथ पर थे जो कि जबरदस्ती उससे पकड़कर ध्वनि का सिग्नेचर करवा रहे थे।

तकरीबन 5 मिनट में ही ध्वनि ने अब पूरी तरह से सिग्नेचर कर दिए थे। सिग्नेचर करते ही ध्वनि की आंखों में नमी छा गई और वह आदर्श की तरफ देखकर बोली –

ध्वनि (रोते हुए) – क्या मिला आपको ये करके? क्या पता मैं किसी और से प्यार करती हूं…

जैसे ही ध्वनि ने यह बात की, अगले ही पल आदर्श के जबड़े कस गए और उसने ध्वनि के गले पर अपना हाथ रखकर पीछे की तरफ ले जाना शुरू कर दिया।

वहीं आदर्श के हाथ अपने गले पर महसूस कर ध्वनि की आंखें बड़ी हो गईं और देखते ही देखते आदर्श ने ध्वनि को दीवार से लगा दिया। इस वक्त आदर्श के हाथ पूरी तरह से ध्वनि की गर्दन पर कस गए थे जिससे ध्वनि को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।

ध्वनि (लड़खड़ाती सांसों में) – छोड़ो मुझे… दर्द हो रहा है… मुझे सांस नहीं आ रही है…

वहीं आदर्श जबड़े कसते हुए बोला –

आदर्श – तुम सभी लड़कियां एक जैसी होती हो… धोखेबाज़ और गोल्ड डिगर।

आदर्श के मुंह से अपने लिए गोल्ड डिगर सुनकर ध्वनि की आंखों में आंसू आ गए। वह रोते हुए बोली –

ध्वनि – मैं गोल्ड डिगर नहीं हूं… मैंने तुमसे शादी करने को नहीं कहा। तुमने ही जबरदस्ती मुझसे शादी की है।

वहीं आदर्श ने अब अगले ही पल अपने हाथ उसकी गर्दन से हटाए और उसे पूरी तरह से घुमाकर दीवार से लगा दिया। इस वक्त ध्वनि का सीना पूरी तरह से दीवार से सटा हुआ था और उसकी बैक आदर्श के सामने थी, जो पूरी तरह से बाहर की ओर निकली हुई थी। उसकी वह बंसी बैक देखकर आदर्श के चेहरे पर एक बार फिर से तिरछी मुस्कुराहट आ गई।

अगले ही पल उसने ध्वनि की बैक पर जोर से स्पैंक किया,

जिससे ध्वनि की चीख पूरे कमरे में गूंज गई क्योंकि आदर्श ने बहुत जोर से उसकी ass पर स्पैंक किया था। उसकी पूरी ass रेड हो गई थी और ऊपर से बाउंस देखकर आदर्श की नजरें और भी सेडक्टिव हो गईं।

अगले ही पल उसने पीछे से ध्वनि को गार्डन से पकड़ा और ले जाकर बेड पर डॉगी पोज़िशन में खड़ा कर दिया। इस वक्त ध्वनि का सीना पूरी तरह से बेड पर था और गर्दन, जो आदर्श के हाथ में थी, वह उसने बेड पर दबाई हुई थी।

आदर्श ने अब उसकी ass पर स्लैप किया और अपनी दो फिंगर उसकी ass में इंटर कर दीं और फिंगर फक करने लगा।

वहीं ध्वनि अब बुरी तरह से झटपटाने लगी। वह रोते हुए आदर्श से बोली –

ध्वनि (चीखते हुए) – मुझे बहुत दर्द हो रहा है… प्लीज़ मिस्टर चौहान, ऐसा मत कीजिए… मुझे दर्द हो रहा है… छोड़ दीजिए मुझे…

वहीं आदर्श अब बड़े ही सेडक्टिव वे में उसके कान के पास आकर बोला –

आदर्श – अभी से दर्द होने लगा? अभी तो मेरा लौड़ा अंदर जाएगा… तब तुम्हारा सोचो क्या होगा।

आदर्श की बात सुनकर ध्वनि की धड़कन एक पल के लिए

स्किप हो गई और अगले ही पल एक जोरदार चीख ध्वनि की वहां पर गूंज गई।

To be continue....

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