
Chauhan Industries,,,
सुबह का वक्त,,,
ध्वनि इस वक्त बेड पर naked सोई हुई थी। उसके बदन पर इस वक्त कोई भी कपड़ा नहीं था… कपड़ा ही क्या, उसके बदन पर इस वक्त ब्लैंकेट तक नहीं थी। ध्वनि के हाथ अभी तक bed rest से बंधे हुए थे और अब उसके हाथों पर इतनी बुरी तरह से ज़ख्म हो चुके थे कि रगड़ खा-खा कर उसके हाथों से हल्का-हल्का खून भी निकलने लगा था।
वहीं दूसरी तरफ आदर्श इस वक्त एक ब्लैक पैंट में बालकनी में खड़ा था और सामने की तरफ देख रहा था। सुबह के सिर्फ 5:00 बजे थे, पर उसकी आंखों से नींद जैसे कोसों दूर थी। उसकी आंखों के सामने सुहानी की की गई बेवफाई अभी तक घूम रही थी, जिससे वह अपने हाथ में पड़ी हुई सिगरेट बार-बार जलाकर मसलकर फेंक रहा था। उसका गुस्सा अभी तक उसके चेहरे से साफ दिखाई दे रहा था। उसकी लाल आंखें सब कुछ बयान कर रही थी।
आदर्श की आंखों में गुस्सा तो था ही, पर एक अलग ही दर्द भी था, जो शायद उसकी आंखों की नमी से कहीं ना कहीं बाहर आ रहा था। फिर भी उसने अपना आप संभाला और अंदर आया। अंदर जाकर उसने ध्वनि की तरफ देखा, जो गहरी नींद में सो रही थी।
उसकी हालत देखकर, एक पल के लिए आदर्श को उस पर तरस आ गया। उसने उसके पास जाकर ध्वनि के हाथ खोल दिए। हाथ खोलकर आदर्श बड़े गौर से उसके जख्मों को देखने लगा। फिर वार्डरोब से मेडिकल बॉक्स निकालकर उसने एक gel निकाली और ध्वनि के हाथों पर अप्लाई करने लगा। वह gel काफी ठंडी थी जिससे ध्वनि की shiver निकल गई, पर गहरी नींद में होने की वजह से अगले ही पल उसके एक्सप्रेशन नॉर्मल हो गए।
आदर्श ने उसके हाथों में gel लगाकर, उन्हें सही तरीके से रखकर उसके ऊपर ब्लैंकेट डाल दी। कहीं ना कहीं उसे यह एहसास हो रहा था कि वह सुहानी का गुस्सा ध्वनि पर निकाल रहा है।
वहीं ध्वनि पूरी तरह से इस बात से अनजान, गहरी नींद में सो रही थी। आदर्श अब उसके पास आकर दूसरी तरफ लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा। तकरीबन आधा घंटा करवट बदलते-बदलते बीत गया, पर आदर्श को नींद नहीं आई। अब उसकी नज़र दोबारा से ध्वनि पर पड़ी और अगले ही पल उसने ध्वनि को पीछे से hug कर अपनी तरफ खींचा और बाहों में समेटकर आंखें बंद कर ली। देखते-देखते 15 मिनट में उसे नींद आ गई।
जब से सुहानी ने उसके साथ धोखा किया था, वह कितनी ही रातें बिना सोए गुज़ार चुका था। और आज 15 मिनट में उसे नींद आ जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। कभी-कभी तो उसे नींद लाने के लिए गोलियों की भी ज़रूरत पड़ती थी, पर आज पहली बार ऐसा हुआ कि आदर्श को बिना किसी सप्लीमेंट्री के नींद आ गई थी।
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सुबह के तकरीबन 9:00 बजे,,,
ध्वनि की आंखें हल्की-हल्की फड़फड़ाई और अगले ही पल उसकी नींद खुल गई। नींद खुलते ही उसके मुंह से आह निकल गई क्योंकि उसके हाथों में बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था।
पिछले दो दिन से आदर्श ने उसे बेड से बांधकर रखा था। आज सुबह ही आदर्श ने ध्वनि को खोला था, जिस वजह से उसके हाथों में हद से ज़्यादा ज़ख्म हो चुके थे। हालांकि आदर्श ने उन पर मरहम लगाया हुआ था, इसलिए उसे दर्द थोड़ा कम हो रहा था। वहीं आदर्श अभी भी उसके बगल में सोया हुआ था। उसके बिखरे बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे और इस वक्त वह बेहद हैंडसम लग रहा था।
ध्वनि की नज़र जैसे ही आदर्श पर पड़ी, एक पल के लिए उसकी नज़र आदर्श पर ही टिक गई। उसे अपने हाथों का दर्द महसूस होना भी बंद हो गया। वह बेहद गौर से आदर्श के चेहरे को देख रही थी। उसका हैंडसम, attractive चेहरा ध्वनि को हद से ज़्यादा अट्रैक्ट कर रहा था, जिससे उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा।
ध्वनि तकरीबन 5 मिनट आदर्श को ऐसे ही देखती रही। पर तभी उसकी आंखें हैरत से फैल गई, जब आदर्श ने अपनी आंखें खोली।
आदर्श की आंखें खुलते ही उसकी नज़रें ध्वनि की नज़रों से टकराई। एक पल के लिए ध्वनि की धड़कन जैसे रुक ही गई। वह अपनी जगह पर सुन हो गई, जैसे उसने कोई भूत देख लिया हो।
"ये भूतनी इतनी जल्दी उठ कैसे गया? मुझे लगा था उठेगा ही नहीं।" — ध्वनि ने मन ही मन सोचा।
वह उठने को हुई, पर अगले ही पल आदर्श ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा। ध्वनि उसके ऊपर जा गिरी और उसका चेहरा सीधा आदर्श के सीने से टकराया। ध्वनि का चेहरा एकदम लाल पड़ गया। उसका लाल चेहरा देखकर आदर्श एक पल के लिए उसे देखता ही रह गया।
उसे भी ध्वनि के boobs अपने सीने पर महसूस हो रहे थे। ध्वनि इस वक्त पूरी तरह से naked थी, वहीं आदर्श ने सिर्फ पैंट पहनी हुई थी और उसका ऊपरी बदन पूरी तरह से naked था।
आदर्श ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा —
“चुपचाप लेटी रहो, मुझे थोड़ी और नींद चाहिए।”
जैसे ही आदर्श ने यह बात कही, ध्वनि दांत पीसकर बोली —
“तो सो जाओ! तुम्हें किसने मना किया है? मुझे क्यों अपने ऊपर घसीट रहे हो? तुम्हारा काम खत्म हो गया ना, अब मुझे जाने दो। मुझे नहाना है और अपने घर वापस जाना है।”
जैसे ही ध्वनि ने घर वापस जाने की बात की, आदर्श ने उसे घूरकर देखा। ध्वनि एक पल के लिए चुप हो गई, पर अगले ही पल दांत पीसकर फिर बोली —
“अपना घूरना अपने पास रखो! मुझे यहां से जाने दो, समझे? बहुत हो गया तुम्हारा ये ड्रामा!”
ध्वनि बोल ही रही थी कि अगले ही पल आदर्श ने उसे दोबारा से अपने नीचे कर दिया। उसकी आंखों में देखते हुए आदर्श ने उसका हाथ उसकी pussy की तरफ ले जाकर वहां spank किया।
ध्वनि की चीख निकल गई क्योंकि उसकी pussy में बहुत ज़्यादा स्वेलिंग थी। आदर्श ने अब दूसरा हाथ उसकी गर्दन के पीछे ले जाकर कसकर पकड़ा और उसकी आंखों में देखते हुए बोला —
“अभी तो साथ सुला ही रहा हूं। अगर ज़्यादा तड़पोगी ना, तो दोबारा से शुरू कर दूंगा। और ये जो हाथ तुम्हारे खुले छोड़े हैं ना, इन्हें फिर से बेड से बांध दूंगा। और अपना ये डो-पेज मुझ पर चलाने की ज़रूरत नहीं है। मार्शल आर्ट मैं भी जानता हूं।”
उसकी बात पर ध्वनि उसकी तरफ देखते ही रह गई। वहीं आदर्श अब उसके बगल में लेट गया और दोबारा से उसे बाहों में भरकर आंखें बंद कर ली। तकरीबन 15 मिनट बाद आदर्श फिर से गहरी नींद में चला गया।
वहीं ध्वनि को अब नींद नहीं आ रही थी। आदर्श की गहरी सांसें जब उसकी गर्दन पर महसूस हुईं, तो उसने तुरंत उसका हाथ अपने सीने से हटाया और उठकर धीरे-धीरे बाथरूम की तरफ चली गई।
जैसे ही ध्वनि बाथरूम में आकर शावर के नीचे खड़ी होकर नहाने लगी, उसने राहत की सांस ली। क्योंकि 2 दिन से आदर्श उसे बिल्कुल भी छोड़ नहीं रहा था। उसकी lower body में तो स्वेलिंग आ ही गई थी, ऊपर से बाकी बॉडी पर पड़े नीले निशान उसे हद से ज़्यादा दर्द दे रहे थे।
पर यह सुख उसका बस 5 मिनट का ही था। अगले ही पल दरवाज़ा खुला और आदर्श अंदर आया। इस बार आदर्श पूरी तरह से naked था और उसका dick पूरी तरह से रिएक्ट मोड पर था।
आदर्श को अंदर आता देख ध्वनि की धड़कन एक पल
के लिए रुक गई और उसकी आंखें हैरत से फैल गई…
Chauhan industries,,
Private room,,
ध्वनि इस वक्त शावर ले रही थी और अभी-अभी बाथरूम का दरवाजा खुला था जिससे आदर्श अगले ही पल अंदर की तरफ आ गया था। आदर्श का dick इस वक्त पूरी तरह से खड़ा था और ध्वनि जो कि शावर के नीचे पूरी तरह से naked खड़ी थी, जैसे ही दरवाजा खुला उसकी नज़र दरवाजे की तरफ गई तो उसका दिल जैसे एक पल के लिए रुक गया। क्योंकि सामने आदर्श बड़े आराम से अंदर की तरफ आ रहा था।
और ऊपर से उसका dick देखकर ध्वनि को तो जैसे आज हार्ट अटैक ही आने को हो रहा था। वही आदर्श बड़े आराम से ध्वनि के पीछे आकर खड़ा हुआ और उसके साथ शावर में भीगने लगा।
आदर्श को अपने पीछे खड़ा पाकर ध्वनि का दिल इस वक्त ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा था। उसकी सांसें जैसे गले में ही कहीं अटक गई थीं क्योंकि आदर्श इस वक्त इतना पास खड़ा था कि उसे अपनी सांस उस पर छुपती हुई feel हो रही थी। ध्वनि की सांस अब गहरी होने लगी, उसका दिल इस वक्त कांप रहा था।
क्योंकि पिछले दो दिनों से कंटीन्यूअस आदर्श उसके साथ intimate हो रहा था, जिस वजह से उसकी pussy में काफी ज्यादा swelling हो गई थी और अपनी pussy पर वह अपना खुद का हाथ भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।
पर तभी ध्वनि के रोंगटे खड़े होने लगे क्योंकि आदर्श ने अपना dick पीछे से उसकी thighs के बीच में डाल दिया और thighs में ही dick को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। उसकी thighs इतनी ज्यादा जुड़ी हुई थीं कि आदर्श का dick जैसे-जैसे उसकी thighs में मूव हो रहा था उसकी dick की स्किन को बहुत अच्छे से रगड़ खा रही थी, जिस वजह से आदर्श की सांस गहरी होनी शुरू हो गई थी।
वह उसके पास कान में फुसफुसाते हुए बोला —
"You gonna mad me my slut..."
आदर्श के मुंह से यह शब्द सुनकर एक पल के लिए ध्वनि तड़प उठी। उसकी आंखों में नमी लिए वह दांत पीसकर बोली —
"अपनी बकवास बंद करो… मैं तुम्हारी…."
इतना कहते हुए वह रुक गई और उसकी आंखों में आंसू उसके गालों पर आ गए।
पर शावर के पानी की वजह से उसकी आंखों में आंसू गिरते हुए महसूस नहीं हुए और उसकी आंखें इस वक्त बेहद लाल थीं। ध्वनि का चेहरा इस वक्त पूरी तरह से लाल हो चुका था। वह गुस्से से कांप रही थी।
ध्वनि की हालत देखकर आदर्श के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई। वहीं अगले ही पल आदर्श ने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसकी आंखों में देखते हुए बोला —
"Of course baby, you are my slut… What is our relationship? You will be standing in this place, in front of my bathroom. And one more thing… you are very well done to your work, like a slut…"
आदर्श के मुंह से दोबारा वही शब्द सुनकर ध्वनि ने कसकर अपनी आंखें बंद कर लीं और अपने कानों पर हाथ रख लिए। और वह गुस्से में बोली —
"मैं नहीं हूं तुम्हारी…."
इससे आगे वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी क्योंकि जो शब्द आदर्श बड़े इज़िली बोल रहा था, उसे बोलने में भी ध्वनि को शर्म आ रही थी।
वही आदर्श अब बड़े गौर से उसके चेहरे को देखते हुए तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोला —
"You are baby… accepted… you are my slut…"
आदर्श ने इतना ही कहा था कि अब ध्वनि काबू से बाहर हो गई और अगले ही पल उसने अपना हाथ आदर्श के ऊपर उठा दिया। इससे पहले कि ध्वनि का हाथ आदर्श के गालों को छूता, आदर्श ने उसका हाथ पकड़कर पूरी तरह से मरोड़ कर कमर पर लगा दिया।
"Aaahha aha aha… baby don’t revine your mistake… unless… पहले की गई गलती की सजा तो तुम अब तक भुगत रही हो। लेकिन अब अगर तुमने मुझ पर हाथ उठाया, तो तुम सोच भी नहीं सकती कि तुम्हारी हालत क्या हो जाएगी…"
आदर्श की बात सुनकर ध्वनि की दिल की धड़कन जैसे स्किप हो गई।
वह एक बार कृपया आदर्श के आगे हाथ जोड़ते हुए बोली —
"प्लीज मुझे छोड़ दीजिए मिस्टर चौहान… मैंने आपका क्या बिगाड़ा है? क्यों आप मेरी इज्जत के पीछे पड़े हैं? वैसे भी आपने मेरी इज्जत तो लूट ही ली है… अब इससे ज्यादा आप क्या ही करेंगे… प्लीज मुझे जाने दीजिए…"
तभी आदर्श ने उसके गालों को कसकर पकड़ते हुए बोला —
"No baby… you never ever getting back this place… because I like your body…"
इतना कहते हुए आदर्श ने अपनी नशीली आंखों से उसके पूरे बदन को देखा।
ध्वनि का बदन दिखने में ही बहुत ज्यादा attractive और खूबसूरत था। उसके boobs काफी भरे हुए थे, जिसे देखकर आदर्श के dick में दर्द महसूस होने लग गया था। आदर्श अब उसके कान के पास फुसफुसाया —
"अब तुम्हें हर रोज मुझे satisfy करना होगा… because अगर नहीं करोगी तो… आराध्या को मैं नहीं छोड़ूंगा…"
आराध्या का नाम सुनकर ध्वनि के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। आराध्या ध्वनि की छोटी बहन थी, जो गांव में उसके मौसी-मौसा के पास रहती थी। और उसका सारा खर्च ध्वनि चला रही थी। वह हैरान थी कि आदर्श को आराध्या के बारे में कैसे पता चला।
वह रोते हुए बोली —
"तुम जैसा घटिया इंसान मैंने आज तक नहीं देखा… क्यों मेरी बहन के पीछे पड़े हो… क्या चाहते हो मुझसे तुम?"
तभी आदर्श उसके बदन पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोला —
"यह बदन सिर्फ अब मेरा है… तुम्हें मेरे साथ contract sign करना होगा। और अब यह जिस्म तुम्हें मुझे देना होगा। अगर नहीं दे सकती… तो अपनी बहन का सौदा कर दो…"
उसकी बात सुनकर ध्वनि का दिल जैसे धड़कना ही भूल गया। वह तड़प कर रोते हुए बोली —
"ऐसा मत कीजिए मिस्टर चौहान… मैं बर्बाद हो जाऊंगी… already आपने मुझे बर्बाद कर दिया है…"
वही आदर्श अब devil smile के साथ बोला —
"अभी तो तुम्हारे जिस्म का हर एक कतरा मुझे destroy करना है…"
आदर्श की बात पर ध्वनि उसकी तरफ देखते ही रह गई।
"देखना चाहोगी अपनी बहन को…?"
आदर्श की बात सुनकर ध्वनि एक पल के लिए confusion से आदर्श को देखने लगी। तभी आदर्श ने उसका हाथ पकड़ा और उसे ऐसे ही रूम की तरफ ले जाने लगा।
कुछ ही सेकंड में आदर्श ध्वनि को रूम की तरफ लेकर आया और अगले ही पल उसने अपना फोन में कुछ किया और ध्वनि के सामने कर दिया।
और फोन का नज़ारा
देखकर ध्वनि का दिल की धड़कन जैसे वहीं पर थम गई…
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To be continue..=
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