
Chauhan industries,,
Office separate room,,
सुबह के 6:00 बजे,,
आदर्श अभी-अभी ध्वनि के ऊपर से जाता था वो बुरी तरह से हाफ रहा था। वही ध्वनि उसकी आंखों में लबालब आंसू भरे हुए थे। क्योंकि आदर्श उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था उसका बदन पूरी तरह से टूट रहा था। ऊपर से उसके हाथ आदर्श ने दोबारा से बेड रेस्ट से बांध दिए थे,, क्योंकि ध्वनि अपने हाथ पैर बहुत ज्यादा चला रही थी, जो कि आदर्श को इरिटेट कर रहा था।जिस पर गहरे जख्म बन चुके थे पर आदर्श को उस चीज से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था ।
ध्वनि को इस वक्त खुद पर गुस्सा आ रहा था कि क्यों वह आदर्श पर भरोसा करके यहां पर आई थी , और अब , आदर्श उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था उसने बहुत बार कोशिश कर ली थी खुद को छुड़ाने की पर आदर्श बहुत ज्यादा पावरफुल था।
वैसे तो वह पावरफुल था ही पर उसका शरीर ,भी बहुत ज्यादा सुडौल था। जिस वजह से ध्वनि हर जगह कमजोर पड़ रही थी।
वहीं आदर्श अब अपनी जगह से उठा ,, एक नजर ध्वनि की तरफ देखने के बाद वॉशरूम में चला गया। कुछ ही देर में वह क्विक शावर लेकर जल्दी से वॉशरूम से बाहर आया और, उसने अब अपने हाथ में एक छोटा सा bowl पकड़ा हुआ था जिसमें काफी पानी था और उसमें एक वाइट कलर का कॉटन का कपड़ा रखा हुआ था अब वह ध्वनि के पास आया और उसे कॉटन के कपड़े से ध्वनि को क्लीन करने लगा। ,
जैसे ही उसने कॉटन के कपड़े को भिगोकर वेट करके ध्वनि के बॉडी पर लगाया ध्वनि उसे घिन भरी नजरों से देखने लगी,,, वो आदर्श की तरफ देखकर बोली !!
""तुम्हें खुद पर घिन नहीं आती कितने गिरे हुए इंसान हो तुम,,!!
ध्वनि की बात पर आदर्श के चेहरे पर डेविल् स्माइल आ गई और वो ध्वनि पर हंसते हुए बोला...!
", घिन और खुद पर,, अरे नहीं मुझे तो ना खुद पर प्राउड हो रहा है क्या बजाय मैं तुम्हें यार क्या बजाया है ! कल सुबह फिर सुबह से लेकर शाम और फिर शाम से लेकर रात , रात से लेकर सुबह तक,,oye hoye hoye मुझे तो मजा ही आ गया। अभी मेरा मन थोड़ी भरा है अभी तो मैं तुम्हें क्लीन कर रहा हूं , उसके बाद में एक मीटिंग पर जाना है मीटिंग पर जाऊंगा फिर वहां से दोबारा आऊंगा फिर तुम्हें बजाऊंगा...!!!
आदर्श की बात पर ध्वनि उसे आंखें फाड़े देखे जा रही थी।वो गुस्से में दांत पीसकर बोली!!
" तुम्हारे आने तक में यहां से गायब हो जाऊंगी और तुम देखना , मैं अपनी बेइज्जती का बदला तुमसे लेकर रहूंगी तुमने मेरा रेप किया है। You bloody rapist''!!!!
ध्वनि के मुंह से अपने लिए रेपिस्ट शब्द सुनकर आदर्श की आंखें अब सर्द हो गई, जो वह इतनी देर से मजाक से ध्वनि से पेश आ रहा था अगले ही पल उसने ध्वनि के बालों को अपनी मुट्ठी में भारत और बोला...!
" मुझे मजबूर मत करो कि मैं अभी दोबारा से शुरू हो जाऊं नहीं तो अब शुरू हुआ ना तो कल सुबह से पहले तुम्हें छोडूंगा नहीं और एक बात याद रखना इस बार तुम्हें सिर्फ बजाऊंगा नहीं तोडूंगा,,, उसकी बात पर ध्वनि एक पल के लिए उसे देखते ही रह गई...!!!!
वही आदर्श अब दोबारा से अपनी अपनी मजाकिया मोड में बोला ..!
" वैसे तुम्हें बजाने का तो मजा ही अलग है , क्या मजा आता है ना जब तुम मेरा di*k तुम्हारी पूसी के अंदर जाता है फिर हमारी स्किन स्लैपिंग की आवाज इस पूरे कमरे में गूंजती है पटक पटक पटक पटक ....!!!
आदर्श की बात सुनकर धानी का चेहरा एक पल के लिए लाल पड़ गया, उसने अपना फेस दूसरी तरफ घूम लिया , वहीं उसने अपनी बात को नहीं छोड़ा वह उसे और भी ज्यादा मजाक करते हुए बोला !
" वैसे तुम्हें पता है कैसी आवाज आती है जब एक होते हैं मतलब समझ रही हो ना तुम,,,,!!!!
आदर्श की बात पर ध्वनि ने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली शर्म के मारे वह अब आदर्श की तरफ देख भी नहीं पा रही थी,,, वही आदर्श अपने di*k को सहलाते हुए बोला ...!
" वैसे तो मुझे जाना पड़ेगा पर एक बार दिल कर रहा है कि अपने भूखे शेर को निवाला दोबारा से खिला ही दूं। अगर तुम चाहो तो एक बार फिर वह मदहोशी भरा आलम फिर से इस कमरे में हो सकता है।
आदर्श की बात पर अब ध्वनि ने अपने जबड़े कसते हुए बोला ...!
" तुम घटिया ही नहीं निहायती बदतमीज भी हो,, तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसी बातें करते हुए,,!!!
" अरे यार इसमें शर्म की क्या बात है , अब देखो यह तो लॉजिक वाली बात है ना कि जब मेरा di*k तुम्हारी पूसी के अंदर जाता है तो पटक पटक पटक पटक की आवाज आती है , यह तो लॉजिकल बात हुई भी , जब हमारी स्किन आपस में बजती है , जब मैं तुम्हें बजाता हूं तो तुम्हें भी तो आवाज सुनाई दी होगी अब पूरी रात तुम्हें इस तरह से बजी हो तुम्हें भी तो पता ही है"!!!!
वही ध्वनि की आंखें सिकुड़ गई है। वह गुस्से में अपने दांत भीच कर बोली...!
" you shut up ! अपनी एक गंदी जुबान बंद रखो , कितनी गंदे हो तुम एक ही बात बार-बार दोहराए जा रहे हो, तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसे पर्सनल बातों को इतनी ऊंची ऊंची बोलते हुए, अगर किसी ने सुन लिया तो...!!!
" अरे यार सुन भी लिया तो क्या हुआ अपनी....….
उसने इतना ही कहा था कि ध्वनि के चेहरे पर सवालिया एक्सप्रेशन आ गए,, आदर्श अब डेविल एक्सप्रेशन के साथ बोला ..!!
" मिस्ट्रेस के साथ ही तो कर रहा हूं जो कर रहा हूं ..!!
आदर्श की बात पर ध्वनि का एक पल के लिए दिल तड़प उठा,, उसकी आंखों में एक पल के लिए पानी आ गया पर उसने उसे पानी को बाहर बहाने नहीं दिया वह गुस्से में दांत पीसकर बोली ...!
" तुम घटिया बदतमीज जो भी दुनिया जहां का तुम्हारे लिए शब्द use किया जाए ना वह भी काम है तुम इतने कुत्ते चीज हो ...!!!
वही आदर्श अब अपने चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन लिए बोला ...!
" कुत्ती चीज तो भाई मैं हूं। पहले मैं सोच रहा था कि तुम्हें बेड पार्टनर बना लू और , फिर मैं तुम्हें सोच रहा था कि , मैं तुम्हें अपनी लाइफ पार्टनर बनाऊं पर तुम्हारी जुबान देखकर तुम्हें लाइफ पार्टनर का बनाने का ना जो सपना है, ना वो अब चकनाचूर हो चुका है। तुम लाइफ पार्टनर तो क्या तुम तो सिर्फ मेरी बेड पर बेड पर मेरी bich बनने के लायक हो , सोचो जब रोज रात को तुम मेरे सामने मेरी कुतिया बनाकर अपनी ठुई उठाकर..!!
अपनी पूसी खोल कर मेरे सामने एक बीच की तरह कहोगी ।
ohhhhh f*uck me Adarsh f*uck me f*uck me deeper and harder ..!
और जब मै अपने di*k को तुम्हारे अंदर तक thrust करूँगा , oh my god that was awesome feeling for me I feel you very badly in the bed,,
उसके इरादे जानकर ध्वनि का दिल धक से रह गया। उसकी आँखों में उभर आई नमी अब गालों पर ढुलक चुकी थी।
वह रोते हुए बोली —
"मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है… प्लीज़ मुझे जाने दो। मेरी एक फैमिली है… जो गाँव में रहती है। मैं यहाँ सिर्फ जॉब करने आई थी। क्यों नहीं तुम मुझे छोड़ देते? अरे यार, मैं भी इंसान हूँ… मेरे अंदर भी दिल है। तुम्हारे अंदर दिल नाम की कोई चीज़ नहीं है क्या?
तुम क्यों मुझे हर पल मजबूर कर रहे हो… कि मैं तुम पर पुलिस कंप्लेंट करूँ? मैं एक बार यहाँ से निकल गई… तो मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं!"
आदर्श उसकी बात सुनकर तिरछा मुस्कुराया, जैसे उसकी बेबसी और आँसू उसके लिए सिर्फ खेल हों।
वह ठंडी आवाज़ में बोला —
"तुम्हें छोड़ेगा कौन? तुम यहीं रहोगी… मैंने तुम्हें कहा था ना, तुम सिर्फ मेरी बेड पार्टनर बनकर रहोगी। और तुम इसी लायक हो… क्योंकि तुम्हारी ये जुबान है ना, इसे मैं अपने कंट्रोल में रखूँगा। तुम्हें हर वक्त ये एहसास दिलाऊँगा… कि तुम्हारी जुबान की वजह से ही तुम आज यहाँ फँसी हो।
और इन तुम्हारे प्यारे से हाथों की वजह से… जिनमें इतनी हिम्मत आ गई थी कि मेरे गाल पर चलें… मैं इन्हें भी भूलने नहीं दूँगा।"
वो अभी ध्वनि से बात कर ही रहा था कि उसका फोन बजा — स्क्रीन पर असिस्टेंट कुणाल का नाम चमक रहा था। आदर्श ने कॉल रिसीव की। दूसरी तरफ से कुणाल ने कुछ कहा… जिसे सुनकर आदर्श की आँखें एक पल के लिए और भी ठंडी हो गईं।
"I am coming…" — उसने बेहद सर्द आवाज़ में कहा।
इतना कहकर आदर्श ने जल्दी से कपड़े पहने और ध्वनि को वैसे ही बंधा छोड़कर बाहर निकल गया।
बाहर, उसकी असिस्टेंट — जो सिर्फ उसका शेड्यूल मैनेज करती थी — अपने रूम से बाहर आई। उसकी नज़र उस लड़की पर पड़ी जो कमरे के बाहर बैठी थी। आदर्श ने उसकी तरफ देखते हुए आदेश दिया —
"उसे खाना खिला दो… और याद रखना, उसके हाथ नहीं खुलने चाहिए जब तक मैं वापस नहीं आ जाता। और उसे किसी भी तरह की मदद नहीं करनी है। बस खाना खिलाना… और उसे कपड़े पहना दो...!
अगर आप चाहें तो मैं इसमें ध्वनि के इमोशन्स और आदर्श की कोल्ड पर्सनैलिटी को और गहरा करके, डायलॉग्स में ज्यादा तीखापन डाल सकता हूँ ताकि सीन पढ़ते वक्त पूरा माहौल भारी हो जाए।
आदर्श की बात पर प्रतिभा — जो कि एक लड़की थी — ने हल्के से हाँ में सिर हिलाया और बिना कुछ कहे अगले ही पल केबिन के अंदर चली गई।
अंदर जाते ही, वह पर्सनल रूम में जाने ही वाली थी कि पीछे से आदर्श की सख़्त और ठंडी आवाज़ गूंजी —
"उसका ध्यान रखना… और उसके हाथों पर जो ज़ख्म हैं, उन पर डिटॉल वगैरह लगा देना। और हाँ… उसके हाथ खुलने नहीं चाहिए। अगर उसके हाथ खुले… तो तुम अपनी जान से हाथ धो बैठोगी।"
उसकी बात सुनते ही प्रतिभा के चेहरे पर डर साफ झलकने लगा। उसने सिर झुकाकर आदर्श के आदेश को स्वीकार किया। आदर्श अपने शब्दों का बोझ उसके कंधों पर छोड़कर वहाँ से निकल गया।
अब प्रतिभा अंदर आई। उसकी नज़र ध्वनि पर पड़ी — वह पूरी तरह naked थी। यह देखते ही प्रतिभा ने एक पल के लिए अपना चेहरा झुका लिया, जैसे नज़रों में शर्म और डर दोनों मिलकर उतर आए हों। अगले ही पल उसने वार्डरोब से कुछ कपड़े निकाले और ध्वनि को पहनाने लगी।
फिर उसकी नज़र ध्वनि के हाथों पर पड़े रगड़ के गहरे निशानों पर गई। वह धीरे-धीरे डिटॉल लगाने लगी। ध्वनि शांति से ये सब देख रही थी, पर उसके दिमाग में तूफ़ान चल रहा था — यहाँ से निकलना है… लेकिन कैसे?
अचानक, ध्वनि के होंठों पर एक डेविल स्माइल तैर गई। उसकी गहरी नज़रें प्रतिभा की आँखों से टकराईं… वो नज़र जैसे कह रही थी कि खेल अब शुरू होने वाला है।
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कहीं और…
ग्लोब कॉरपोरेशन, सुबह 7:30 बजे
आदर्श की कार ग्लोब कॉरपोरेशन के बाहर आकर रुकी। वह जल्दी से उतरा और सीधा अंदर चला गया। लिफ्ट में पहुँचकर उसने टॉप फ्लोर का बटन दबाया। कुछ ही पलों में वह अपने केबिन में था।
अंदर उसने देखा — एक लड़की सोफ़े पर बैठी उसकी प्रतीक्षा कर रही थी। आदर्श को देखते ही वह तुरंत खड़ी हुई और अगले ही पल उसके गले लग गई।
आदर्श का चेहरा बिल्कुल एक्सप्रेशनलेस था। उसकी आँखों में कोई नरमी नहीं थी।
लड़की दर्द से तड़पते हुए बोली —
"मुझे माफ़ कर दो आदर्श… मैं तुम्हें छोड़ना नहीं चाहती थी। पर अब एहसास हो गया है कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती… मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।"
ये सुनते ही आदर्श की आँखें लाल हो गईं। जबड़े कस गए। उसने लड़की के बाल पकड़कर उसका चेहरा ऊपर किया और ठंडी, धारदार आवाज़ में कहा —
"Just shut up… तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई दोबारा मेरी ज़िंदगी में कदम रखने की?"
वह लड़की — सुहानी — जो शायद उसकी एक्स-गर्लफ्रेंड थी, हड़बड़ाई —
"प्लीज़ आदर्श, ऐसा मत कहो… मैं अभी भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। मजबूरी थी तुम्हें छोड़कर जाने की। मेरे बाबा तुम्हारे साथ शादी के लिए नहीं मान रहे थे… मैं तो शादी करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। मैं क्या करती?"
आदर्श की आँखों में एक तिरछी, व्यंग्य भरी मुस्कान उभरी —
"Ohhh… तो तुम्हारा मतलब है कि इतने दिनों से तुम अपने बाबा के साथ ही…"
वह अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया कि सुहानी ने जल्दी से ‘ना’ में सिर हिला दिया। लेकिन आदर्श की मुस्कान और गहरी हो गई। उसने कोट की जेब से कुछ तस्वीरें निकालीं — तस्वीरों में सुहानी किसी और लड़के को किस कर रही थी।
तस्वीर देखते ही सुहानी की आँखें चौड़ी हो गईं —
"ये… ये झूठ है! ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं तो उसे जानती भी नहीं।"
आदर्श का चेहरा अब गुस्से से काँपने लगा। उसने दाँत पीसते हुए कहा —
"इससे पहले कि मैं तुम्हारी जान ले लूँ… दफा हो जाओ यहाँ से।"
आदर्श के गुस्से ने सुहानी की जान सूखा दी। वह बिना एक शब्द कहे पीछे मुड़ी और तेज़ी से बाहर निकल गई।
लेकिन अब आदर्श के भीतर का गुस्सा काबू से बाहर जा चुका था। उसकी आँखों के सामने सबसे पहले ध्वनि का चेहरा आया… और अगले ही पल वह सीधा चौहान इंडस्ट्रीज की ओर निकल पड़ा।
Chauhan industries,,
Parking area,,
आदर्श की कार अभी-अभी पार्किंग एरिया में आकर रुकी थी और उसकी आंखें इस वक्त बेहद लाल थी और उन लाल आंखों में आज एक अलग ही आग थी। आदर्श अपनी कार से बाहर निकला और सीधे अंदर चला गया।
अंदर जाते ही आदर्श का असिस्टेंट उसके सामने आकर खड़ा हुआ और मीटिंग के बारे में कुछ बताने को हुआ तो आदर्श ने उसे हाथ दिखाकर रोकते हुए कहा, "I am not interested in that thing so please stay away from me."
आगे से आदर्श का असिस्टेंट बोला, "...but sir it's important meeting,..."
वहीं आदर्श ने उसे सर्द नजरों से देखा और बोला, "I don't damn care about any fucking meeting."
इतना कह कर आदर्श सीधा लिफ्ट में गया और उसने टॉप फ्लोर का बटन दबा दिया। वहीं आदर्श के असिस्टेंट के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी।
दूसरी तरफ,,
ध्वनि अभी भी बेड से बंधी हुई थी पर अब उसे नींद आ गई थी और वो गहरी नींद में सोई हुई थी। उसके हाथ में अब हद से ज्यादा जख्मी हो गए थे क्योंकि उसे बंधे हुए काफी टाइम हो गया था। आदर्श ने उसे रात को ही दोबारा बांध दिया था।
वहीं आदर्श सीधा अपने केबिन में आकर जल्दी से सेपरेट रूम में आ गया और अगले ही पल उसने अपने कपड़े अपने बदन से एक झटके से उतारने शुरू कर दिए। उसकी गहरी नज़रे इस वक्त ध्वनि पर थीं जो अभी भी बेड पर नेक्ड लेटी हुई थी। ना ही उस पर ब्लैंकेट था और ना ही कोई चीज।
वहीं आदर्श अब उसके पास आया और अगले ही पल उसके ऊपर झुक कर उसके गले को चूमने लगा। उसके चूमते ही ध्वनि धीरे-धीरे कसमसा कर जाग गई।
जैसे ही उसने अपनी आंखें खोली और आदर्श को अपने करीब देखा, एक पल के लिए ध्वनि सहम गई पर अगले ही पल वो गुस्से से दांत पीस कर आदर्श से बोली, "तुम्हारे पास कोई काम नहीं है हवसी दरिंदे!"
ध्वनि की बात पर एक पल के लिए आदर्श के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट आ गई और अगले ही पल उसने ध्वनि को फिर से चूमना शुरू कर दिया और बोला, "अभी तो हवसी दरिंदा बनना बाकी है जब इस कमरे में पटक पटक की आवाज आएगी।"
उसकी बात पर ध्वनि आंखें बड़ी करके उसे देखती ही रह गई। अगले ही पल वो गुस्से से बोली, "एक बार मेरे हाथ खोल दो। मैं कसम से तुम्हारा सिर फोड़ दूंगी।"
तभी आदर्श उसकी बात का जवाब देते हुए बोला, "मेरा सिर बाद में फोड़ना। अभी मैं तुम्हारी फाडने के मूड में हूं।"
उसकी बात पर ध्वनि के तो जैसे होश ही उड़े जा रहे थे कि आदर्श इतने जवाब ला कहां से रहा है।
वो अपने मन में बोली, "ये क्या खाकर पैदा हुआ था जो इतनी हाजिर जवाबी करता है!"
आदर्श उसके एक्सप्रेशन पढ़ कर तिरछा मुस्कुराया और बोला, "मेरी मां को पता है वो। मुझे तो नहीं पता, उसने मुझे क्या खाकर पैदा किया है। अभी तो मैं तुम्हें खाने के मूड में हूं। So please keep quiet now.
अगर अब तुमने शोर मचाया ना तो कसम से कह रहा हूं तुम्हें ऐसा बजाऊंगा ना, ऐसा बजाऊंगा कि तुम सारी उम्र याद रखोगी कि तुम्हें आदर्श चौहान ने बजाया था।"
तभी ध्वनि गुस्से से दांत पीसते हुए बोली, "You bloody bhen*chod!"
ध्वनि के मुंह से गाली सुनकर आदर्श उसे छोटी आंखों से देखते हुए बोला, "ये गाली गलौच कहां से सिखा तुमने?"
आदर्श की बात पर ध्वनि दांत पीसते हुए बोली, "तुम जैसे रेपिस्ट के लिए सीखना पड़ता है।"
जैसे ही उसने दोबारा से आदर्श को रेपिस्ट कहा तो आदर्श की आंखें एक पल के लिए सर्द हो गई और अगले ही पल आदर्श उसके बालों को मुट्ठी में भरकर दांत पीसकर बोला, "रेपिस्ट नाम तो तुमने दे ही दिया है पर अब सच में तुम्हारा रेप होगा। तुम्हें भी तो पता चले आखिर रेप होता कैसे है।"
जैसे ही आदर्श ने ये कहा ध्वनि के होश उड़ गए। उसकी आंखें फटी की फटी रह गई और दिल जोरो से धक-धक करने लगा।
आदर्श ने अब अपनी बात कह कर ध्वनि के ब्रेस्ट की तरफ देखा जिसके निपल्स पिंक पिंक पूरी तरह से हार्ड हुए पड़े थे और अगले ही पल उसने उसके बूब्स को अपनी मुट्ठी में कसकर भरा और उन्हें जोर जोर से मसलने लगा।
जैसे ही आदर्श ने ध्वनि के बूब्स को जोर-जोर से मसलना शुरू किया तो ध्वनि दर्द से तड़पने लगी। ध्वनि की चीख अब उस कमरे में गूंजने लगी। वहीं आदर्श यहीं नहीं रुका। वो जोर जोर से ध्वनि के ब्रेस्ट पर spank कर रहा था।
कभी वो उसके बूब्स को spank करता तो कभी उन्हें जोर-जोर से मसलने लगता जिससे ध्वनि के लिए बर्दाश्त करना काफी ज्यादा मुश्किल हो रहा था। आदर्श अब ध्वनि के ब्रेस्ट पर झुका और उसे अपने दांतों में लेकर मसलने लगा और धीरे-धीरे अपने दांत उसके बूब्स पर गड़ाने लगा।
अब ध्वनि की आंखों में आंसू आने लगे थे क्योंकि उसे हद से ज्यादा दर्द हो रहा था जो आदर्श कर रहा था, उससे। वो बहुत जल्दी अपनी हदें पार कर रहा था।
अब वो ऊपर की तरफ उठा और अगले ही पल उसने ध्वनि की बेल्ट बेड रेस्ट से निकाली जो कि उसके हाथों से बंधी हुई थी और अगले ही पल उसने बेड के प्लाट पर उसकी बेल्ट अटका दी और उसे उल्टा लिटा दिया।
अब वो पीछे की तरफ से ध्वनि की Ass पर spank कर रहा था और अगले ही पल उसकी ass को पकड़ के अपने हाथों में जोरो जोरो से मसलते हुए गोल-गोल घुमाने लगा। आदर्श की नजरें इस वक्त ध्वनि पर बेहद गहरी थी।
वो उसे जोरों से spank करते हुए बोला, "क्या कहा था तुमने? ब्लडी रेपिस्ट!"
आदर्श के इतना जोर से spank करते ही ध्वनि की चीख कमरे में और भी जोर से गूंज गई।
वो रोते हुए बोली, "छोड़ो मुझे, मुझे दर्द हो रहा है। ऐसे कौन करता है? तुम जानवर हो जो इस तरह से मेरे साथ बिहेव कर रहे हो।"
तभी आदर्श अपनी सर्द आवाज में बोला, "हां, मैं हूं जानवर। तुमने मुझे जानवर बनने पर मजबूर किया। तुमने कहा मैं एक रेपिस्ट हूं। अब मैं तुम्हें रेप करके बताऊंगा कि रेप होता कैसे हैं।"
उसने एक बार और जोर से ध्वनि की ass पर spank किया जिससे ध्वनि बुरी तरह से तड़प उठी और वो रोते हुए बोली, "सॉरी, मुझसे गलती हो गई। प्लीज, प्लीज, प्लीज! मुझे छोड़ दो। मैं ये बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी। प्लीज, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं। ये चीज मेरे साथ मत करो। मैं हाथ जोड़ती हूं तुम्हारे..."
वहीं आदर्श अब अपनी डोमिनेटिंग वॉइस में बोला, "Then okay, अगर तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारे साथ रेप ना करूं तो तुम्हें भी मेरी एक बात माननी होगी।
अगर तुम बात मानोगी तो मैं तुम्हारे साथ नाइसली बिहेव करके बहुत प्यार से fuck करूंगा और अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हारी कही रेपिस्ट वाली बात मैं अच्छे से पूरी कर दूंगा।"
आदर्श की बात सुनकर ध्वनि अंदर तक कांप गई और वो डरते हुए बोली, "कैसा काम?"
आदर्श ने कहा, "अपनी Ass को ऊपर की तरफ उठाओ। मेरे सामने डॉगी बनो।"
उसकी बात पर ध्वनि के होश उड़ गए। अगले ही पल उसका चेहरा गुस्से से कांपने लगा और वो गुस्से से आदर्श से दांत पीसकर बोली, "तुम पागल तो नहीं हो गए हो? ये कैसी गंदी हरकतें मुझे करने के लिए बोल रहे हो?"
आदर्श उसकी तरफ देखकर तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोला, "then okay, तो तुम्हें आराम से सेक्स करने का मूड अब मेरा भी नहीं है। अब तुम रेप होते हुए देखो अपना।
आदर्श की बात को सुनकर ध्वनि की आंखें फटी की फटी रह गई और अगले ही पल जब आदर्श उसके हिप पर दोबारा से spank करने को हुआ तो ध्वनि ने जल्दी से अपनी Ass को ऊपर की तरफ उठा लिया और उसका चेहरा नीचे बेड की तरफ लगा हुआ था।
ये देखकर आदर्श के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आ गए। अब उसने ध्वनि की एस को बड़े प्यार से सहलाया और धीरे-धीरे कर उसकी पुसी पर झुक कर उसकी पुसी को हल्का-हल्का ऊपर से lick करने लगा।
आदर्श के ऐसे उसके पूसी को lick करने पर ध्वनि अंदर तक काँप गई। ध्वनि को कुछ-कुछ होने लगा था। उसने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली।
वहीं आदर्श अब यही नहीं रुका। उसने अपनी दो फिंगर को ध्वनि की पूसी में इंटर किया और फिंगर fuck करने लगा और और अगले ही पल एक बार फिर से आदर्श अपनी जगह से खड़ा हुआ।
उसने अपनी जो लोअर वेयर पहनी हुई थी अब उसने वो लोअर वेयर उतारी और उसका 7.6 इंच long एंड thik dick ध्वनि के सामने थी जिसे देखकर ध्वनि के होश उड़ गए। वहीं ध्वनि के होश उड़े देखकर आदर्श के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन आ गए।
वो ध्वनि की तरफ देखकर अपने dick को धीरे-धीरे सहलाने लगा और उसने पास का ड्रॉ खोलकर उसमें से एक लुब्रिकेंट निकाला जो की काफी एक्सपेंसिव था।
उसने वो लुब्रिकेंट अपने dick पर लगाया ही था कि तभी उसका फोन बज उठा। फोन बजते ही उसने फोन की तरफ देखा और फोन पर नाम देखकर ही आदर्श की आंखें एकदम से सर्द हो गई और उसका चेहरा पूरी तरह से काला पड़ गया।
To be continue......
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