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True face

Rathore farmhouse,

DM room,

अभी-अभी मृत्युंजय ने जो धानी से कहा था उसे सुनकर धानी के पैरों तले जमीन खिसक गई थी। उसका दिल जैसे धक सा रह गया था। अभी-अभी मृत्युंजय ने धानी से उसका व्रत खुलवाने के बदले उसे तलाक मांगा था, जिसे सुनकर धानी का कलेजा फटने को आ गया था। उसकी आंखों में पानी बहने लगा और उसकी आवाज जैसे चोक होने लग गई थी।

वहीं धानी की आंखों में पानी देखकर मृत्युंजय को कुछ-कुछ होने लगा था। वह दांत पीसकर धानी की तरफ देखकर बोला –

“अपने यह आंसू बंद करो, मुझे यह चीज बिल्कुल पसंद नहीं है। कोई बात कैसे करो, नहीं… तुम्हारे आंसू पहले ही बाहर निकल आते हैं।”

मृत्युंजय की बात सुनकर धानी ने अपने आंसू साफ कर उसकी आंखों में देखते हुए कहा –

“हमने आज से पहले ही कहा है कि हमें 3 महीने का टाइम चाहिए और जब तक 3 महीने पूरे नहीं हो जाते हम आपको डिवोर्स नहीं देंगे।”

इस वक्त उसकी आवाज में तड़प साफ दिखाई दे रही थी, जो मृत्युंजय भी महसूस कर पा रहा था।

“आपको पानी पिलाना है तो पिलाइए, नहीं पिलाना तो आपकी मर्जी।”

जैसे ही धानी ने मृत्युंजय से यह बात की, मृत्युंजय की मुट्ठियां कस गईं। अगले ही पल वह धानी के पास आकर उसके बालों को जकड़कर उसका चेहरा ऊपर की तरफ उठाकर खुद उसके चेहरे के पास लाकर गुस्से में दांत पीसकर बोला –

“समझती क्यों नहीं हो तुम… कितनी जिद्दी हो!”

मृत्युंजय की बात पर धानी के चेहरे पर एक गहरी मुस्कराहट तैर गई। वह मुस्कुराते हुए मृत्युंजय की आंखों में देखते हुए बोली –

“आपसे कम।”

मृत्युंजय एक पल के लिए धानी की आंखों में देखता ही रह गया। धानी की बात सुनकर मृत्युंजय का हाथ उसके बालों पर से ढीला हो गया, जिसे देखकर धानी के चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट और भी ज्यादा खिल गई।

अब एक्सप्रेशंस बदलते हुए मृत्युंजय बोला –

“ठीक है, तुम्हें तुम्हारा व्रत खोलना है, मैं खोलूंगा। पर आज मैं तुम्हें अपना ऐसा चेहरा भी दिखाऊंगा… उसके बाद देखूंगा कि तुम्हारा इश्क कहां हवा हो गया।”

मृत्युंजय की बात पर धानी उसकी तरफ देखते हुए बोली –

“मिस्टर राठौर, इश्क दिल से किया जाता है… दिमाग से नहीं।”

उसकी बात पर अब मृत्युंजय ने कुछ नहीं कहा और अगले ही पल टेबल पर से गिलास उठाकर धानी के होठों से लगा दिया। दो-चार घूंट के बाद धानी ने अपना चेहरा पीछे कर लिया। उसके चेहरे को देखकर मृत्युंजय के चेहरे पर अब डेविल एक्सप्रेशन थे, ऐसा लग रहा था जैसे उसके दिमाग में कुछ चल रहा है।

पानी पिलाने के बाद मृत्युंजय ने धानी का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए बाहर की तरफ ले जाने लगा। धानी को खींचकर जाते हुए मृत्युंजय अपने मन में –

“आज तुम टूटोगी धानी… बहुत दावे करती हो ना अपने इश्क के, कि तुम्हें मुझसे बहुत इश्क है। आज तुम्हारा इश्क बिखर जाएगा। कोई मृत्युंजय राठौर को अपने आगे नहीं झुका सकता… तुम भी नहीं।”

इतनी बातें अपने मन में करते हुए मृत्युंजय के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे। वहीं धानी का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसे न जाने क्यों अच्छा नहीं लग रहा था, क्योंकि कहीं ना कहीं उसे डर लग रहा था कि आखिर मृत्युंजय करने वाला क्या है।

पर उसने मृत्युंजय से कोई सवाल नहीं पूछा और मृत्युंजय के पीछे-पीछे चलती रही। 5 मिनट में मृत्युंजय धानी को अपनी कार के पास लेकर गया और उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर खुद दूसरी ओर बैठ गया।

और अगले ही पल उनकी कार राठौर फार्महाउस से निकल गई। पूरे रास्ते ना मृत्युंजय ने कुछ धानी से कहा, ना धानी ने मृत्युंजय की तरफ कोई सवाल किया। पर न जाने क्यों धानी को अपने दिल में एक अलग सी बेचैनी महसूस हो रही थी। धानी की धड़कनें बढ़ते पल के साथ जैसे उसका साथ छोड़ रही थीं। उसकी सांसें इस वक्त बेहद गहरी चल रही थीं।

तकरीबन आधे घंटे बाद, मृत्युंजय की गाड़ी एक बार के सामने आकर रुकी –

Blue Light Hookah Bar.

बार को देखकर एक पल के लिए धानी की आंखें बड़ी हो गईं। उसने एक नजर मृत्युंजय की तरफ देखा, जिसके चेहरे पर इस वक्त डेविल स्माइल थी। पर इससे पहले धानी कुछ पूछती, मृत्युंजय कार से बाहर निकला और अंदर की तरफ जाने लगा।

वहीं धानी अभी तक गाड़ी से बाहर नहीं निकली थी क्योंकि उसे अब बहुत ज्यादा घबराहट हो रही थी। जब मृत्युंजय को 2 सेकंड अपने पीछे किसी की प्रेज़ेन्स महसूस नहीं हुई तो उसने मुड़कर गाड़ी की तरफ देखा। धानी अभी गाड़ी में ही बैठी थी।

उसे देखकर एक बार फिर से मृत्युंजय गाड़ी की तरफ आया और धानी की ओर का दरवाजा खोलकर बोला –

“क्या हुआ? अभी से हवा निकल गई? अभी तो तुमने मेरा असली चेहरा देखा ही नहीं। बड़े इश्क के दावे कर रही हो… चलो ना, आज तुम्हारे इश्क को मिट्टी में मिलाता हूं।”

उसकी बात पर धानी ने उसकी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुराकर मृत्युंजय की ओर देखकर बोली –

“जो मैं मिट्टी में मिल जाए… वह इश्क ही क्या मिस्टर राठौर।”

उसकी मुस्कुराहट देखकर एक पल के लिए मृत्युंजय की मुट्ठियां कस गईं और उसके जबड़े भी। धानी उसे हर जगह क्लीन बोल्ड कर रही थी, जो उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। धानी पहली इंसान थी जो मृत्युंजय को बोलने तक का मौका नहीं दे रही थी और उससे पहले ही मृत्युंजय को चुप करवा दे रही थी।

इससे मृत्युंजय को कहीं ना कहीं लग रहा था कि धानी उसके लिए… उसकी कमजोरी बन जाएगी। क्योंकि मृत्युंजय के सामने जुबान खोलने की हिम्मत किसी की नहीं पड़ती थी और धानी कैसी इंसान थी जो उसे हर जगह क्लीन बोल्ड कर रही थी।

धानी की मुस्कुराहट पर झुंझलाते हुए अब मृत्युंजय ने उसका हाथ पकड़कर खींचते हुए उसे बार के अंदर ले जाना शुरू किया। वहीं धानी का दिल इस वक्त जोर-जोर से धड़क रहा था।

तकरीबन 15 मिनट बाद वह दोनों एक कमरे में एक शख्स के सामने बैठे थे और उस शख्स के आसपास दो लड़कियां थीं जिन्होंने बहुत छोटी ड्रेस पहनी हुई थी और वह शख्स को सेड्यूस कर रही थीं। और कहीं ना कहीं वह लड़कियां मृत्युंजय को भी इशारों से सेड्यूस करने की कोशिश कर रही थीं।

पर मृत्युंजय को आज पहली बार किसी लड़कियों को इस तरह देखकर बिल्कुल भी खिंचाव महसूस नहीं हो रहा था।

वहीं वह लड़कियां जो उस शख्स के साथ बैठी थीं, वह उसकी मिस्ट्रेस थीं। मृत्युंजय के सामने बैठा शख्स जिसका नाम हेनरी था, मृत्युंजय की तरफ देखकर बोला –

“मिस्टर राठौर, वैसे आज आपके लिए बहुत good deal लेकर आया हूं मैं… If you like, can I show you?”

हेनरी की बात सुनकर मृत्युंजय ने उसकी तरफ देखकर इशारा किया। तो हेनरी ने अपनी एक मिस्ट्रेस को इशारा किया। उस लड़की ने पीछे से टेबल पर रखा एक बैग उठाकर मृत्युंजय के सामने रख दिया।

अगले ही पल उस बैग को खोल दिया गया। बैग को देखकर धानी के चेहरे पर सवालिया एक्सप्रेशन आ गए। उसमें छोटी-छोटी पुड़िया थीं जिनमें व्हाइट कलर का पाउडर भरा हुआ था।

उन्हें देखकर धानी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था आखिर वह चीज क्या है।

वहीं हेनरी का ध्यान बार-बार धानी पर जा रहा था। उसे देखकर हेनरी कहीं ना कहीं धानी की तरफ आकर्षित हो रहा था, पर उसने इस चीज को जाहिर नहीं होने दिया।

फिर हेनरी ने अपनी मिस्ट्रेस को एक और इशारा किया। अगले ही पल उस मिस्ट्रेस ने उस लिफाफे को टेबल पर लाइन की तरह बिछाना शुरू किया और फिर एक पाइप लाकर मृत्युंजय के हाथ में दे दिया।

इसे देखकर धानी बड़े गौर से नोटिस कर रही थी – आखिर यह चीज है क्या?

पर अगले ही पल जो धानी ने देखा, उसे देखकर धानी का दिल धक सा रह गया…

To be continue......

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