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Pathar dil

Rathore villa,

Mrityunjay's room,

अभी-अभी मृत्युंजय ने धानी को दीवार से सटा दिया था और दांत पीसकर उसे अपनी जिंदगी से जाने के लिए बोल रहा था पर वही dhani को तो जैसे इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था, वह मृत्युंजय की तरफ देखकर प्यार से मुस्कुराई और उसके गाल पर हाथ रखते हुए बोली--

" हम यह मजाक नहीं है मिस्टर राठौर हम सच में आपसे इश्क कर बैठे हैं।"!!

धानी की बात सुनकर एक पल के लिए मृत्युजय का दिल जैसे धड़क उठा वह एक बार फिर से दांत पीसकर बोला --

" अपनी बकवास बंद रखो, यह तुम्हारे दिमाग का एक फितूर है बस और कुछ भी नहीं, जो तुम्हारे दिमाग का पर चढ़कर बोल रहा है पागल हो गई हो कुछ भी बकवास किए जा रही हो,

वही धानी मृत्युंजय की बात पर उसकी आंखों में आंखें डालकर बोली --

" मेरी आंखों में देखकर बताइए क्या आपको जो मैं बोल रही हूं वह मजाक लग रहा है??

उसकी बात पर मृत्युंजय एक पल के लिए उसकी आंखों में जैसे कहीं खोने लगा था। पर फिर उसने खुद को संभाला और गुस्से से अपने हाथ धानी के बालों में ले जाते हुए, उसके बालों को मुट्ठी में भर लिया ,जिससे धानी का चेहरा ऊपर की तरफ उठ गया, वही ऐसे बाल पकड़ते ही धानी को अपने सिर में बहुत पेन हुआ जिससे उसकी सिसक निकल गई.!

वही मृत्युंजय अपने दांत पीसकर बोला --

" अगर अभी तुम चुप नहीं हुई तो अपना हश्र सोच लेना..!

धानी उसकी आंखों मैं देख कर --

"अब तो हर जो हश्र होगा देखा जाएगा...!

" हमें रुला कर क्या पाओगे तुम, हमें रुला कर क्या पाओगे तुम, अरे हम तो तुमसे इश्क कर बैठे हैं और कितना रुलाओगे तुम...!!!

धानी की बात पर मृत्युंजय का दिल जोरो जोरो से धड़कने लगा , हर बढ़ते पल के साथ उसकी धड़कन जैसे अपनी रफ्तार पकड़ रही थी। पर उसने अपने दिल की गहराइयों में कहीं उन् धड़कनों को छुपा रखा था। वही धानी उसके चेहरे की ओर देखते हुए मुस्कुराई और अगले ही पल उसने अपनी एड़ियां उठाकर मृत्युंजय के होठों पर अपने होंठ रख दिए...!

मृत्युंजय के हाथ जो की धानी के बालों में थे वह और भी ज्यादा कस गए पर धानी पीछे नहीं हटी ,, वह लगातार मृत्युंजय को होठों को चूमे जा रही थी ,,पर मृत्युंजय उसे कोई भी रिस्पांस नहीं दे रहा था,, जहां धानी की आंखें इस वक्त बंद थी ,,वहीं मृत्युजय की आंखें इस वक्त खुली थी जो की एक तक धानी के चेहरे को देख रही थी। उसका दिल जैसे उस दगा करने को तैयार बैठा था पर मृत्युंजय इस चीज से हार नहीं मान रहा था..!

पर ज्यादा देर वह भी खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और धानी को रिस्पांस देने लगा मृत्युंजय इस वक्त हद से ज्यादा वाइल्ड होने लग गया था.।जिससे धानी को अपने होठों पर पेन हो रही थी। पर फिर भी वह रुक नहीं रही थी , उसकी आंखों में आंसू उसके गालों पर आ गए थे, जो की मृत्युंजय साफ देख रहा था,, उसकी आंखों में आंसू देख आज न जाने क्यों मृत्युंजय को कुछ कुछ हो रहा था।

पर अगले ही पल उसने जोर से धक्का देकर धानी को खुद से अलग किया और अपनी शर्ट उठाकर कमरे से बाहर निकल गया।

मृत्युंजय का दिल इस वक्त अपने काबू में नहीं था। वो खुद भी अपने दिल की धड़कनों को पहचानने से इनकार कर रहा था। वो जल्दी से अपनी शर्ट पहनते हुए बाहर की तरफ निकला , वही हाल में बैठी प्रियंका की नजर जब मृत्युंजय पर पड़ी वह उठकर उसके पास आने को हुई , पर उससे पहले ही मृत्युंजय घर से बाहर निकाल , कर अपनी कार में बैठकर वहां से निकल चुका था।

वही कमरे में,

धानी इस वक्त दीवार से सटे अभी भी खड़ी थी ,और उसकी आंखों में लगातार आंसू बहे जा रहे थे। मृत्युंजय के जाते ही धनी अब फूट-फूट कर रोने लगी, उसे अपने दिल में इस वक्त बेइंतह दर्द महसूस हो रहा था।

उसे ऐसा लग रहा था जैसे आज उसके अंदर कुछ टूट रहा हो रोते रोते वह वहीं पर अपने घुटनों में सर देकर बैठ गई और बेइंतेहा रोने लगी।

उसका सिसकने का शोर पूरे कमरे में गूंज रहा था,न जाने कितने ही घंटे धानी ऐसे ही बैठकर रोती रही, और वही रोते-रोते जमीन पर ही बैठे-बैठे सो गई...!

तकरीबन रात के 8:00 बजे,

धानी की आंख जैसे ही धानी की आंख खुली उसे अपने सिर में जोरों से दर्द महसूस हुआ ज्यादा रोने की वजह से उसका सर अब हद से ज्यादा दर्द हो रहा था। अब उसने अपने आसपास देखा अभी तक उसके कमरे में अंधेरा था यानी कि मृत्युंजय अभी तक आया नहीं था।

धानी की आंखें सुबह की बात को याद करके अब एक बार फिर से नम होने लगी वो तड़प कर बोली

" आपको मेरा होना पड़ेगा अगर आप मेरे ना हुए तो मुझे यह जिंदगी ही नहीं चाहिए...!!

इतना कहते हुए धानी किस से बेहद धीमी और गहरी थी।

धानी अपनी जगह से उठी और वॉशरूम में नहाने गई और तकरीबन 1 घंटे बाद नहा धोकर तैयार होकर धानी नीचे की तरफ आई , नीचे देख प्रियंका अभी भी हाल में बैठी थी, और संस्कृति की डिनर लग रही थी। अभी-अभी वह भी खाना बनाकर फ्री हुई थी, उनकी आंखों में भी आज सुना पन भरा हुआ था कहीं ना कहीं उन्हें धानी के लिए बुरा लग रहा था...!!

संस्कृति जी - " अभी नौकर को कहने ही वाली थी की धानी को बुलाकर लाओ पर उससे पहले ही धानी पर उनकी नजर पड़ी जो कि सीडीओ से नीचे आ रही थी।

,धानी को देखकर एक पल के लिए उनकी आंखें दोबारा से नम होनी शुरू हो गई थी..!

वही धनी जो कि सीडीओ से नीचे उतरकर आ रही थी, उसे देखकर प्रियंका का मुंह बन गया और वह तिरछी नजरों से धानी की ओर देखते हुए अपने मन में बोली--

" आ गई अनपढ़ लड़की, पता नहीं क्या देखकर मृत्युंजय ने इससे शादी की? कितनी गंदी आई बहन जी कहीं की..!

वो मन में सोचते हुए अजीब अजीब से मुंह बनाए जा रही थी।

वही धानी अब संस्कृति जी के पास आकर खड़ी हुई और उनकी तरफ देखते हुए बोली..!

" मां वो आ गए??

संस्कृति जी ने बड़े प्यार से‌ धानी के गाल पर हाथ रखा और बोली

" बेटा वह आ जाएगा तुम खाना खा लो तुम खाना खाकर जाओ सो जाओ अभी मुझे लगता है वह जल्दी आने वाला नहीं है क्योंकि मुझे इन्होंने बताया कि उसकी शायद मीटिंग है आज??

संस्कृति जी की बात पर धानी व्यंग्य से हंसी और बोली

" मां झूठ तो ठीक से बोलिए..!!

इतना कहते हुए उसकी हंसी में दर्द साफ झलक रहा था।

इतना कहकर धानी अपने रूम की तरफ वापस जाने लगी पर उससे पहले संस्कृति की उसे रोक कर बोली

" धानी बेटा कल करवा चौथ का व्रत है पहले खाना तो खा लो...!!

वही धानी कुछ देर रुकी पर अगले ही पल बिना कुछ कहे अपने रूम की ओर चली गई। वही आरू जो कि अपने रूम से बाहर आ रही थी। उसकी आंखों में भी अब नमी तैर गई कहीं ना कहीं वो इसका जिम्मेदार खुद को ठहरा रही थी। वह अपने मन में बोली

" काश मैं धानी को यहां पर लाई ना होती काश धानी का रिश्ता भाई के साथ जुड़ा ही ना होता यह सब मेरी वजह से हो रहा है"।

घर में जिस तरह का इस वक्त में होल था उसे देख कर अरु ने अपनी शादी भी कैंसिल करके आगे बढ़ा दी थी। आरू उसका हमसफर भी अच्छा होने के कारण उसने भी आरू की हां मैं हां मिला ली..!

वहीं दूसरी तरफ,

Mrityunjay's room,

धानी इस वक्त बेड पर लेटी लगातार अभी भी रोए जा रही थी हालांकि उसका सर जोरों से दर्द कर रहा था पर फिर भी वह लगातार रोए जा रही थी, के तभी उसके रूम का दरवाजा नोक हुआ,,जिससे एक पल के लिए धानी ने अपने आंसुओं को साफ किया और अगले ही पल ,, बेड से उठी और उसने अपने कदम दरवाजे की और बढ़ा दिए,

दरवाजे पर आकर उसने दरवाजा खोला तो सामने एक मेकअप आर्टिस्ट खड़ी थी जिसके हाथ में एक प्लेट थी जिसमें काफी सारी मेहंदी की कोन रखी हुई थी, उन्हें देखकर एक पल के लिए धानी की आंखें फिर से भर आई, पर उसने अपने आंखों को रोल कर अपने आंसुओं को अंदर ही समेट लिया, और धानी फीका सा मुस्कुरा कर उसने उसे मेकअप आर्टिस्ट को अंदर आने का इशारा किया।

कुछ ही देर में मेकअप आर्टिस्ट धानी को मेहंदी लगा रही थी, तकरीबन डेढ़ घंटे में मेहंदी वाली ने धानी के हाथों में खूबसूरत सी मेहंदी लगा दी थी और वो अपनी मेहंदी लगाकर वहां से चली गई.।

धानी अपनी मेहंदी की तरफ देखकर तकलीफ से भरी मुस्कुराहट के साथ बोली

" कहते हैं जिनके हाथों में मेहंदी का रंग गहरा आता है उसका पति उससे प्यार हद से ज्यादा करता है पर मुझे तो इस चीज की भी उम्मीद नहीं...!

इतना कहते हुए उसका गला भर आया,,

धानी अब बेड की बेड रेस्ट से सिर लगाकर मृत्युंजय का इंतजार करने लगी ।

तकरीबन आधे घंटे बाद....

मृत्युंजय की कर पार्किंग एरिया राठौर पार्किंग एरिया में आकर रुकी, इस वक्त मृत्युंजय ने हद से ज्यादा ड्रिंक की हुई थी ,पर उसकी ड्रिंक भी ऐसी थी जैसे पता ही नहीं चल रहा था ,कि वाकई में मृत्युंजय ने ड्रिंक की हुई हो, जैसे ही मृत्युंजय राठौर विला के अंदर आया और देख सामने मेहंदी वाली संस्कृति जी को मेहंदी लगा रही थी..!

वही संस्कृति की आरु से कल के व्रत के बारे में बात कर रही थी। जिसे सुनकर मृत्युंजय के कदम जो कि सीडीओ की तरफ बड़े थे वो एक पल के लिए रूक गए और व्रत की बात सुनकर उसकी वह लाल आंखें और भी ज्यादा लाल होने लगी, गुस्से से उसकी माथे की नसें दिखने लगी, पर अगले ही पल वो जल्दी से कमरे की और बढ़ गया, वहीं प्रियंका

" व्हाट द fk??? यह क्या हो रहा है इतनी बचकानी हरकतें कौन करता है? ये मेहंदी वेहंदी and all I just hate this I can't believe that,, how can Indian so foolish like that!!!

प्रियंका की बात पर संस्कृति जी ने उनसे घूर कर देखा,, वहीं प्रियंका बेफिक्री से अपना मुंह दूसरी तरफ घूमा कर अंदर की तरफ चल गई...!

वहीं दूसरी तरफ रूम में,

मृत्युंजय तेज कदमों से अंदर की तरफ आया और अंदर आते ही, उसकी नजर धानी पर पड़ी जो बालकनी मैं खड़ी बाहर का नजारा देख रही थी, वही मृत्युंजय उसके करीब गया और अगले ही पल उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया वही अपना हाथ पर किसी का स्पर्श पाकर, धानी का दिल एक पल के लिए जैसे धड़कन ही भूल गया, पर जब उसने मृत्युंजय को अपने हाथ को पकड़ते देखा।

तो उसका दिल जैसे जोर-जोर से धक-धक करने लगा, वही मृत्युंजय ने धानी का हाथ पकड़ा और उसे खींचते हुए बाथरूम की तरफ ले जाने लगा और अगले ही पल जो हुआ उसे देख धानी का दिल एक पल के लिए धक सा रह गया...!!!

To be continue.....

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