
Rathore Villa
In the hall
धानी इस वक्त मृत्युंजय के सामने सुन होकर खड़ी थी क्योंकि अभी-अभी मृत्युंजय ने उसके सामने तलाक के पेपर्स धानी के हाथ में दिए थे। जो कि अभी-अभी आरव मृत्युंजय के ऑर्डर्स पर ही लेकर आया था। धानी के हाथ बुरी तरह से कांप रहे थे। और उसके हाथों में इस वक्त डाइवोर्स के पेपर थे। और उसकी आंखों से लबालब आंसू बह रहे थे।
वही मृत्युंजय जी की नजरे धानी पर एकदम गहरी थी। धानी का दिल जैसे आज धड़कने से इनकार कर रहा था। धानी एकटक मृत्युंजय को ही देखे जा रही थी। भले ही उसके हाथ में पेपर्स थे पर फिर भी उसके पूरा ध्यान मृत्युंजय पर था। वही मृत्युंजय भी गौर से उसके चेहरे को देख रहा था ,और मृत्युंजय का चेहरा इस वक्त बिलकुल ही एक्सप्रेशंस less था...!
पर अगले ही पल धानी ने खुद को संभाला, और एक व्यंग्य भरी मुस्कान देकर उसने पीछे खड़ी प्रियंका को देखा , और अपने कुछ कदमों चल कर प्रियंका के सामने आकर खड़ी हुई, वही मृत्युंजय अभी भी अपनी जगह पर खड़ा था, उस जैसे कोई फर्क ही नहीं पढ़ रहा था की धानी पर क्या बीत रही होगी...!
वही dhani अब प्रियंका के सामने आकर खड़ी हुई और उसकी आंखों में देखकर बोली...!
" क्या आप इसे प्यार करती हैं???
जैसे ही धनी ने प्रियंका से यह सवाल किया अगले ही प्रियंका अपने बालों को झटक कर बोले...!
" of course I love him and I love him a lot...!!!
प्रियंका की बात पर धानी एक बार व्यंग्य से हंसी और प्रियंका की आंखों में देखकर बोली____!!
" how much???
तभी प्रियंका उसका जवाब देते हुए___!!
"I said a lot,, and what about you,, do you love mrityunjay?
प्रियंका की बात पर धानी...!
" No I can't love him...!!
जैसे ही धानी ने यह कहा प्रियंका के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई वही मृत्युजय के चेहरा डार्क होने लगा, पर अगले ही पल जो धानी ने कहा उसे सुनकर मृत्युंजय का दिल जोरो से धड़क उठा...!
" love is only a attraction, but I am not attract on him, you know what, my world is surrounding for him, और अगर तुम्हें हिंदी में बताऊं तो इश्क करती हूं मैं उनसे...!!!
धानी की बात पर मृत्युंजय जो का दिल जैसे आज धड़कने से ही इनकार कर रहा था। मृत्युंजय को आज कुछ कुछ हो रहा था और वो कुछ नहीं समझ पा रहा था कि उसे हो क्या रहा है। आज तक मृत्युंजय ने यह सब कभी किसी के लिए महसूस नहीं किया था जो की dhani के लिए उसे महसूस हो रहा था...!
पर कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था मृत्युजय के अंदर कुछ तो चल रहा है, अब अगले ही पल मृत्युंजय धानी के सामने आकर खड़ा हुआ और उसकी आंखों में देखकर दांत पीसते हुए बोला ...!
" बकवास करना बंद करो और तलाक दो , दफा हो जाओ यहां से..!
मृत्युंजय की बात पर धानी एक प्यारी सी मुस्कुराहट के साथ बोली...!
" इतनी भी क्या जल्दी है मिस्टर राठौर? में तलाक के कप पेपर्स पर लिखा है , कि मैं आपको 3 महीने तक तलाक नहीं दे सकती , बेशक से मेरे साइन हो जाए बट हमारा तलाक 3 महीने तक मान्यता में नहीं आएगा...!!
वही मृत्युंजय उसकी बात पर दांत पीसकर बोला
" मुझे तुमसे तलाक चाहिए ,समझी तुम...!!
वही मृत्युंजय की बात पर , धानी एक बार व्यंग्य से हंसी, उसकी उसे हंसी में एक अलग से और अगले अलग सी तकलीफ थी, और वह तकलीफ आज मृत्यु जय को भी अंदर से झागजोड़ रही थी, पर वह यह चीज को मारने को तैयार नहीं था। धानी मृत्युंजय की आंखों में देखकर बोली..!
" आपको तलाक चाहिए मिल जाएगा पर मेरी एक शर्त है।"!!
धानी की बात पर मृत्युंजय के चेहरे पर सवालिया एक्सप्रेशन आ गए, वही धानी उसकी आंखों में देखते हुए बोली..!
" इन तीन महीना में आपको हर वक्त मेरे साथ रहना होगा, और आप इसकी शक्ल तक नहीं देखेंगे...!!
उसकी बात पर मृत्युंजय की आंखें एक पल के लिए सर्द हो गई। वह अपने दांत पीते हुए बोला...!!
" चुपचाप तलाक दे दो और निकल जाओ यहां से जो चाहिए तुम्हें दे दूंगा क्यों आवारा की तरह मेरे पीछे पड़ी हो...!!
मृत्युंजय की बात पर धानी की आंखें एक पल के लिए नम हो गई, पर अगले ही पल एक बार फिर से तकलीफ से मुस्कुराते हुए, बड़े प्यार से मृत्युंजय की तरफ देखकर बोली...!
" मिल जाएगा Mr Rathore...!
धानी के इतने प्यार से बात करने से मृत्युंजय की हाथों की मुट्ठियां काश गई, पर अंदर से उसका दिल जोर-जोर से ढक-ढक कर रहा था...!
मृत्युंजय को अपने ही एहसास अंदर ही अंदर खाए जा रहे थे, वही धानी अब एक बार फिर से प्रियंका के सामने आकर खड़ी हुई, वहीं प्रियंका ने तो जैसे अपने दांत ही भीचे हुए थे उसे धानी को देखकर हद से ज्यादा गुस्सा आ रहा था...!
वही धानी प्रियंका की आंखों में देखकर बोली..!
" 3 महीने वेट कर सकती हो???
उसकी बात पर प्रियंका एक्सप्रेशन लेस होकर बोली..!
" जिंदगी भर कर सकती हूं..!!
उसकी बात पर धानी के चेहरे पर तकलीफ भरी मुस्कान आ गई और वह बोली...!
" बस फिर 3 महीने की बात है ।।उसके बाद.....!
इतना कहकर धानी शांत हो गई , क्योंकि इससे आगे वो बोल भी नहीं पा रही थी।
वही मृत्युजाय को गुस्सा हद से ज्यादा बढ़ता जा रहा था। संस्कृति की और कश्यप जी बीच में आने लगे तो धानी ने उन्हें हाथ दिखाकर रोकते हुए बोली...!
" नहीं मां आप बीच में नहीं आएंगे, ये हम दोनों का मामला है"!!!
वही मृत्युंजय अब अपने तेज कदमों से अपने रूम की ओर चला गया, मृत्युंजय के जाते ही प्रियंका भी उसके पीछे जाने लगी, तभी धानी ने उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए कहा...!
" मैंने तुम्हें 3 महीने का वक्त दिया है , और यह मत सोचो कि तुम अभी भी उनके कमरे में उनके साथ रह सकती हो, अभी भी उनकी पत्नी में ही हूं, 3 महीने तक तुम सिर्फ गेस्ट रूम में रहोगी , एक गेस्ट बनकर समझी...!
उसकी बात पर प्रियंका के जबड़े कस गए और अगले ही पल वह पैर पटकते हुए गेस्ट रूम की तरफचली गई..!!
वही धानी ने अपने लड़खड़ाते हुए कदम अपने रूम की तरफ रख दिए, संस्कृति जी उसे रोकने को हुई पर कश्यप जी ने उन्हें हाथ पकड़ कर रोक कर ना में सरहिला दिया..!
वही संस्कृति की तकलीफ से भरे लहजे मे बोली..!
" वो तकलीफ में है...!!
संस्कृति जी की बात पर कश्यप जी बोले...!
" उसे अपनी तकलीफ को संभालना आता है..., और यह 3 महीने मैं यह भी जानता हूं, कि यह रिश्ता सुधरेगा जिस हिसाब से धानी की आंखों में मैं विश्वास देखा है, मुझे लगता है मृत्युंजय का सुधारने का वक्त आ गया है"!!!
वहीं दूसरी तरफ रूम में,
रूम में आते ही मृत्युंजय ने गुस्से में अपनी शर्ट फाड़ कर एक साइड पर फेंक दी, और बालकनी में जाकर सिगरेट पीने लगा, और अगले ही पल उसने अपनी आंखों को बंद कर लिया, और अपना चेहरा ऊपर की तरफ उठा लिया कि तभी, उसकी आंखों के सामने इस वक्त एक छोटी बच्ची का चेहरा घूम रहा था, और उसके साथ ही एक ऐसा इंसान का चेहरा घूम रहा था । जो कि उस बच्ची के साथ ही जमीन पर लेटा हुआ, शायद उसके आखिरी दिन गिन रहा था...!!
वही मृत्युंजय भी उसे शख्स को एक तक देख रहा था और उसकी आंखों में बेहिसाब पानी था...!
कुछ देर बाद मृत्युंजय ने अपनी आंखें खोली, और खुद में ही बड़बड़ाया ...!
" मैं नहीं जानता यह क्या है? पर मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकता , गलती हो गई मुझसे..!!
इतना कहकर वह चुप हो गया,
वहीं दूसरी तरफ धानी अभी-अभी कमरे में आई थी, और अगले ही पल उसकी नजर बालकनी पर गई, बालकनी में मृत्युंजय अभी भी सिगरेट पी रहा था, जैसे ही धानी अंदर की तरफ आई, मृत्युजय को भी इस चीज की भनक लग चुकी थी।
धानी अब अपने कपड़े लेकर बाथरूम की तरफ जाने लगी, के तभी मृत्युंजय तेज कदमों से बालकनी से आया , और उसका हाथ पड़कर सीधे ही दीवार से सटा दिया, वही मृत्युंजय के दीवार से सटाते ही धानी का दिल जोरो जोरो से धक-धक करने लगा, पर उसकी आंखों में एक तकलीफ भरी नमी थी।
वह अपने दांत पीसकर बोला ..!
" यह क्या इश्क मोहब्बत की बातें लगा रखी है , दफ़ा क्यों नहीं हो जाती मेरी जिंदगी से तुम...!!
वही मृत्युंजय की बात पर धानी बड़े प्यार से मुस्कुराई, पर उसकी मुस्कुराहट में दर्द साफ नजर आ रहा था, और उसके गाल पर हाथ रख कर बोली,...!
" हम झूठ नहीं बोल रहे हैं मिस्टर राठौर सच कह रहे हैं हम आपसे इश्क कर बैठे हैं"!!!
जैसे ही धानी ने यह बात कही मृत्युंजय का दिल जैसे धड़कन ही भूल गया, एक पल के लिए मानो जैसे समा रुक सा गया था।
To be continue.......
Write a comment ...