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Dhaani ka dard

Rathore Villa,,

MD room,,

मृत्युंजय ने अभी-अभी धानी को लाकर बेड पर पटका था और वह गुस्से से धानी को देख रहा था। और इस वक्त उसकी आंखें गुस्से से पूरी तरह से लाल थी जिन्हें देखकर धानी अपना सलाइवा गटकते हुए,, आप आप हमें यहां पर क्यों लेकर आये हैं वहीं मृत्युजय उसकी तरफ सर्द नजरों से देखते हुऎ तुम्हें नहीं पता मैं तुम्हें यहां पर क्यों लेकर आया हूं। उसकी बात पर,,,, मृत्यु जय की बात पर धानी एकदम शांत हो गई,, क्योंकि वो सच में नहीं जानती थी की मृत्यु जय क्यों उसे इस तरह से उठाकर रूम में लेकर आया था।,,

वहीं मृत्युंजय अब उसके ऊपर झुका और अगले ही पल उसके बालों को पीछे से कसकर पकढ़ते हुए। अपने दांत भिजते हुए अपनी लिमिट में रहा करो क्या तुम भूल गई हो कि मुझसे तुम्हारी शादी हो चुकी है और फिर भी गैर मर्द को अपनी गोद में सर रखवा रही हो ,,,शर्म नहीं आ रही तुम्हें,, मृत्युंजय की बात पर धानी को अपने अंदर कुछ टूटा हुआ महसूस हो रहा था वह अपनी धीमी और मध्यम आवाज में,, वो तो हमारे देवर है आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं वो तो आपके छोटे भाई हैं। और हमारे भी भाई जैसे हैं।

मृत्युंजय अब उसके बालों पर और भी मजबूत पकड़ करते हुए बकवास बंद करो वह सिर्फ मेरा भाई है और अपनी लिमिट में रहा करो,, मृत्युंजय की बात पर धानी के आंखों में नमी छाने लगी,, वो अपनी तकलीफ से भरी हुई आवाज से,,,,, कम से कम ऐसी बातें तो मत कीजिए मैं तो उन्हें अपने छोटे भाई की तरह समझा है। तभी मृत्युंजय दांत पीसकर मेरे अलावा तुम कभी भी किसी मर्द के नजदीक नहीं जा सकती और ये मैं तुम्हें इसकी इजाजत कभी नहीं दूंगा कभी भी नहीं,, और आइंदा अपनी औकात याद रखना केहने को तुम मेरी बीवी हो,,,

मृत्युंजय ने अभी इतना ही कहा था कि तभी मृत्युंजय के कानों में किसी की आवाज सुनाई दी और यह आवाज किसी लड़की की थी । जो की हाल से आ रही थी। वही धानी जिसकी आंखों में नमी थी उसकी आंखों में अब सवालिया एक्सप्रेशन आ गई क्योंकि उसे भी एक लड़की की आवाज साफ सुनाई दी थी। तभी एक बार और उसे लड़की के चिल्लाने की आवाज आई मृत्यु,, मृत्यु where are you baby I am here,, coming from London,, उस लड़की की आवाज सुनकर मृत्युंजय के चेहरे पर भी अजीब से एक्सप्रेशन आ गए,,

उसने धानी के बालों को छोड़ा और उसे वार्निंग लुक देकर,, कमरे से बाहर निकल गया,, वही धानी की आंखों में जो नमी थी अब वह उसके गालों पर आ गई पर,,, उसने खुद को संभाला और अगले ही पल अपने कपड़े ठीक कर उठी,, और मृत्युंजय के पीछे रूम से बाहर निकल गई। रूम से बाहर निकलते ही वह सीढ़ियां नीचे उतरते हुए हाल में आई पर सामने का नजारा देखकर धानी की सांस एक पल के लिए जैसे थम सी गई उसका दिल धक सा रह गया,, और आंखों में नमी उतर आई और उसे अपने दिल में एक अजीब सा दर्द महसूस होने लगा,,,,

क्योंकि सामने एक लड़की थी जिसे मृत्यु जय को हग किया हुआ था और मृत्युजय ने भी उसको उसी तरह अपनी बांहे उसपर कसी हुई थी। वही संस्कृति जी जो की हाल के बीचो-बीच खड़ी थी उन्होंने जब धानी को देखा तो उनको भी धानी के लिए एक पल के लिए बुरा लग रहा था,,, क्योंकि कहीं ना कहीं वह जानती थी अब धानी को एक और झटका लगेगा क्योंकि अब जो होने वाला था वह धानी के सर के ऊपर से जाने वाला था। और हुआ भी कुछ ऐसा ही,,

वह लड़की जिसने मृत्युंजय को हग कर रखा था वह अब अपने पंजों के बाल खड़ी हुई और अगले ही पल मृत्युंजय के होठों पर अपने होंठ रखने लगी पर मृत्युंजय ने अपना चेहरा धानी की ओर घुमाया,, जिस वजह से उस लड़की के होंठ मृत्युंजय के गालों पर आ गए,, और वही धानी की हालत तो यह देख कर ही खराब हो गई। उसे अपने अंदर एक चुभन सी महसूस हो रही थी,,, पर अगले ही पल उसका दिल बुरी तरह से तड़प उठा जब मृत्युंजय ने खुद उस लड़की के गालों पर अपने होंठ रखें,,, धानी की आंखों से पानी लुढ़कता हुआ उसके गालों पर आ गया,, उसके कदम लडखडाने लगे थे वही मृत्युंजय ने भी यह बात नोटिस कर ली थी और उसके चेहरे पर अब डेविल एक्सप्रेशन आ गए,,

वो मन में बोला,, sorry shy girl, इसकी शुरुआत तुम ने हीं की थी। पर कहीं ना कहीं मैं तुम्हारे अंदर उलझता जा रहा हूं जो मैं बिल्कुल नहीं चाहता तो अब मुझे तुमसे दूरियां तो बनानी पड़ेगी,, क्योंकि कोई मुझे झुका नहीं सकता कोई भी नहीं,,, मृत्युंजय राठौर झुकने के लिए नहीं सर उठाने के लिए बना है। मेरा तुमसे एक वादा है की तुम इस पिंजरे में हर वक्त कैद रहोगी और उस कैद से तुम्हें कोई नहीं रिहा कर सकता,, इतना कहते हुए मृत्युंजय के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे,,

पर अभी तक धानी को यह नहीं पता था कि सामने जो लड़की खड़ी है वह मृत्युंजय की लगती क्या है। वही मृत्युंजय अब उसे लड़की का हाथ पकड़ कर धानी के सामने लेकर आया। और धानी की तरफ देखते हुए बोला____""you know that shy girl who is she""she is my fiance miss Priyanka Rathi,,, मृत्युंजय की बात पर धानी के लिए जैसे उसकी दिल की धड़कन ही रुक गई हो और समय वहीं पर ठहर गया हो उसे अपने कानों पर एक पल के लिए यकीन ही नहीं हो रहा था और वह यकीन करने की कोशिश कर रही थी कि क्या मृत्यु जैसे सच बोल रहा है वही संस्कृति जी ने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली क्योंकि वह यह बात पहले से जानती थी कि यह लड़की कौन है पर उन्होंने सोचा शायद मृत्युंजय ने धानी के साथ शादी कर ली है तो उसने प्रियंका को छोड़ दिया,,

तभी वहां पर हाल में मिस्टर कश्यप की आवाज कुंजी यह क्या बदतमीजी है। तुम्हारी शादी धानी से हो चुकी है। तभी mrityunjay,,, ""oh come on dad stop talking this shaadi and all about shit shaadi shaadi,, I don't believe this shit shaadi all of this you know all about me""

तभी कश्यप जी दांत पीसते हुए पर हम इसे मानते हैं। और धानी इस घर की बहू है और तुम उसके साथ ऐसी हरकत नहीं कर सकते तो इस प्रियंका को कहो यहां से दफा हो जाए,,, dad you don't talk like that my fiance,, वही आदर्श भी वही हाल में खड़ा यह सब पर तमाशा होते देख रहा था उसे भी धानी के लिए बहुत बुरा लग रहा था। घर में छोटा होने के कारण वह ऐसा कुछ बोल नहीं सकता था । पर आज उसे भी अपने बड़े भाई पर गुस्सा आ रहा था।

कश्यप जी अब दांत पीसते हुए बोले वह तुम्हारी फिआंसे थी पर अब तुमने खुद धानी,,, से शादी की है और हम प्रियंका को अब इस घर में दोबारा नहीं देखना चाहते। तभी मृत्युंजय कश्यप जी की बात बीच में काटते हुए,, sorry dad,,, बट अब ऐसा कुछ नहीं हो सकता क्योंकि प्रियंका आज से ही मेरे साथ रहने वाली है और बहुत जल्द में प्रियंका से शादी करने वाला हूं। और अब मैं इस पर कोई और डिस्कशन नहीं करने वाला,,

वही धानी जो कि चुपचाप यह सारी बातें सुन रही थी वह अपनी आंखों में दर्द का समुंदर लिए मृत्युंजय को देख रही थी। वही मृत्युंजय उसकी आंखें खुद पर महसूस तो कर सकता था। उसने धानी की और नहीं देखा। वहीं प्रियंका के भी चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे। अपने अंदर ही अंदर खुश होते हुए बोली क्या बात है यहां तो बैठे-बैठे सब कुछ मिलने वाला है कुछ ही दिनों में शादी और फिर यह पूरा विला मेरा,,

वही कश्यप जी अब एक बार फिर दांत पीसते हुए बोले _____मैं धानी की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दूंगा और तुम समझते क्या हो खुद को तुम ऐसे ही किसी की जिंदगी बर्बाद कर दोगे उस लड़की ने तुम्हारे लिए अपने पिता तक को छोड़ दिया और तुम तुम क्या कर रहे हो तुम उसकी जिंदगी पर बर्बाद करने पर तुले हुए हो,,,, वही मृत्युंजय,, मिस्टर कश्यप की बात पर तो इसमें मेरी क्या गलती है मैने थोड़ी कहा था कि अपने पिता को छोड़ दो,,,

अरे यार शादी ही तो की है इतनी भी बड़ी क्या बात हो गई एक सेक्स करने के लिए शादी क्या करली इन लोगों ने मेरा मजाक ही बना दिया है अरे मैं शादी-वादी all of that I can't believe that so why can't you understand all of you guys,, इतना ही है तो मैं इस शादी को तोड़ देता हूं तलाक चाहिए तो ले लेना यार मुझे यह शादी-वादी एक घंटा लगाती है साफ सी बात है मैं यह शादी में नहीं रह सकता मुझे घुटन हो रही है।,, अगर इतना ही है यार मैं शाम तक डाइवोर्स के पेपर रेडी करवा लेता हूं और फिर जाए जहां जाना है।

मृत्युंजय की बात पर धानी जो कि अपने आप को समेट कर बैठी थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह पूरी तरह बिखर गई हो,, उसके हाथ पैर फूलने लगे थे और कहीं ना कहीं उसके कदम भी पीछे की तरफ लडखडाने लगे थे इससे पहले वह गिरती तभी उसे आदर्श ने संभाल लिया और आदर्श का हाथ धानी के साड़ी में से,, गलती से उसकी कमर पर लग गया और जिस पर मृत्युंजय की मुठिया कश गई,,

और उसके जबड़े कसने शुरू हो गए,, वहीं धानी को तो होश ही नहीं था कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है। इन चार दिनों में चाहे कुछ भी था पर कहीं ना कहीं धानी मृत्युंजय से अटैच हो चुकी थी। और ऐसा लग रहा था कि कहीं ना कहीं धानी मृत्युंजय प्यार भी करने लगी थी। पर आज जो मृत्युंजय ने किया था उसे वजह से धानी बुरी तरह से अंदर से तड़प रही थी। उसके दिल में एक आग जल रही थी जो शायद आज बुझ नहीं सकती थी। जिसका दर्द उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था। आदर्श जो उसे संभाल रहा था धानी ने अब आदर्श को पीछे किया और अपने लड़खड़ाते कदमों से किसी तरीके से रूम की ओर जाने लगी।

वही संस्कृति की धानी को संभालने के लिए थोड़ा सा आगे हुई कि तभी मृत्युंजय ऊंची आवाज में बोला उधर कहां जा रही हूं वह मेरा और मेरी मंगेतर प्रियंका का कमरा है अब,,,

मृत्युंजय की बात सुन धानी के कदम वहीं पर रुक गए,, और वह अपनी जगह पर खड़ी रही,, वही मृत्युंजय ने अब प्रियंका की कमर में हाथ डाला और उसे खुद से सटा लिया और अपने कमरे की ओर लेकर बढ़ गया। वही धानी जो कि सर झुकाए एक ही जगह पर खड़ी थी उसने एक बार भी सर उठाकर मृत्युंजय और प्रियंका को नहीं देखा,, और अब उसकी आंखों से आंसू एक पल के लिए जैसे सूख गए थे। पर अब उसकी हिम्मत जवाब दी गई थी और अब वह वहां पर खड़े नहीं रह पा रही थी और अगले ही पल उसी रूम में चली गई। जिसमें वह पहले रह रही थी। और अगले ही पल वह सीधा बाथरूम में गई और अंदर से दरवाजा लाक कर शावर के नीचे जाकर खड़ी हो गई उसका चेहरा रो रो कर लाल हो चुका था और अब उसकी आंखों में जैसे एक पल के लिए आंसू जो रूख चुके थे वह दोबारा बहने लगे,,

उसने अब शावर ऑन किया और उसकी आंखों में अपनी एक बार फिर से बहने लगा और अगले ही पल उसकी कानों में मृत्युंजय की बातें गूंजने लगी ,, पर अगले ही पल उसने अपने कानों पर हाथ रखा और रोते रोते चीखने लगी और उसकी चीखने की आवाज इतनी जोरों की थी कि कमरे तक आ रही थी पर कमरा साउंड प्रूफ था इसीलिए उसकी आवाज बाहर नहीं जा रही थी।

और वह चीखते चीखते दीवार से लगकर नीचे बैठ गई और अपनी घुटनों में अपना सर देकर फूट-फूट कर रोने लगी,,

वही दूसरी तरफ,,

मृत्युंजय का कमरा,,

मृत्युंजय शर्टलेस होकर बेड पर लेटा हुआ था और प्रियंका भी ब्रा और पेटी में उसके ऊपर झुकी हुई थी। और उसकी चेस्ट को चूम रही थी।

To be continue.........

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