
राठौर फार्महाउस,,
धनी इस वक्त नेकेड मृत्युंजय के सामने खड़ी थी ।,और मृत्युंजय अपनी गहरी नजरों से धानी को देख रहा था । मृत्युंजय अपनी कोल्ड वॉइस में बोला__" तुम बहुत पछताने वाली हो,""wifey"
तभी Dhani उसकी आंखों में देखते हुए__""अपने पति को किसी और के साथ देखने से ऐसा पछताना अच्छा,, धानी की बात पर मृत्युंजय की नजरे उस पर और भी गहरी हो गई। वही मृत्युंजय की नजरे खुद पर पा कर धानी का दिल जोरो से धक धक कर रहा था। हर बढ़ाते पाल के साथ उसके दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी।
वही मृत्युंजय अब उसके बिल्कुल सामने आकर खड़ा हुआ और उसे अपनी गहरी नजरों से देखते हुए ,,,उसने धानी का हाथ पकड़ उसे गोल घुमा दिया और उसे दीवार से सटा दिया। धानी की बैक इस वक्त मृत्युंजय के सामने थी। उसकी वह गोरी curv लेती हुई बैक देख मृत्युंजय अपनी मदहोशी भरी नजरों से धानी को देख रहा था। पर पर एक बार फिर मृत्युंजय उसके कान के पास झुकते हुए उसके दोनों कंधों को पड़कर उन पर दबाव बनाते हुए,,,
धानी के कान पर अपनी गहरी सांस छोड़ते हुए,,""अभी भी वक्त है।""wifey"" अगर एक बार मैं शुरू हो गया तो तुम्हें अपनी ,,दिए हुए जुबान पर अफसोस होगा,, तभी धानी हो जाने दीजिए अफसोस आपको उससे क्या आपको तो सिर्फ अपने जिस्म की तलब पूरी करनी है,,, धानी की बात पर मृत्युंजय की पकड़ उसके कंधों पर काश गई। जिससे धानी की सिक्सी निकल गई।
मृत्युंजय अपनी सर्द आवाज में बोला,,,""तुम्हें नहीं लगता""wifey"" कि तुम कुछ ज्यादा ही बोल रही हो,, कहीं ऐसा ना हो कि आज तुम्हारी बोलती मैं अच्छी तरह से बंद कर दूं,, धनी व्यंग्य से हंसते हुए,,,,""हमने कुछ गलत कह दिया क्या ? मिस्टर राठौर,, हमने तो सिर्फ अपनी बात कही पर आपको बुरा क्यों लग रहा हैं ।बात तो सच्च है ।कि आपको सिर्फ जिस्म की पड़ी है। अगर नहीं होता तो आप आज उस लड़की के साथ नहीं होते,,
हम नहीं जानते हमें क्यों बुरा लग रहा है पर हम सिर्फ इतना जानते हैं कि हमारे दिल में एक अनचाहा दर्द उठ रहा है जो हम शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं ना चाह कर भी हम बार-बार वह बात याद आ रही है। जब वह लड़की आपके ऊपर झुकी हुई थी और......
धानी ने बस इतना ही कहा था कि उसकी आंखों में एक बार फिर से नम हो गई। धानी की आंखों में नमी देखकर मृत्युंजय के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। और मृत्युंजय उसकी आंखों में देखते हुए,,,,aww मेरी"" wifey"" को रोना आ रहा है,, don't worry wifey,, मैं आज के बाद कभी किसी के पास नहीं जाऊंगा। पर आज तुम्हें अपने शब्दों पर पछताने के लिए मजबूर कर दूंगा इतना मजबूर कि तुम अपने आप को छुड़ाने की मुझे भीख मांगेगी पर मैं फिर भी तुम्हें नहीं छोडूंगा,,,
मृत्युंजय की बात सुनकर धनी ने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली,, और अगले ही पल उसकी सांसे गहरी होना शुरू कर दिया,, क्योंकि मृत्युंजय ने उसके कंधों पर अपने होंठ रख दिए थे और उसे प्यार से चूमने लगा,, मृत्युंजय के होंठ अपने कंधों पर पा कार ,, धानी की हाथों की मुट्ठियां कस्ती जा रही थी।और उसकी धड़कनों में ने रफ्तार पकड़ ली हर बढ़ाते पाल के साथ उसका दिल जोरो से धक-धक करने लगा,, उसकी पूरी बॉडी में एक अलग ही सीरन दौड़ रही थी।
धानी की सांस इतनी गहरी हो गई थी कि उसका तूफान उसके सीने में दिखाई दे रहा था जो की पूरी तरह से ऊपर की तरफ उठ रहा था। धानी के गोल बूब्स पूरी तरह से ऊपर की तरफ उठ रहे थे और उसका उफान इतना तेज था कि मृत्युंजय को पागल कर रहा था। भले ही मृत्युंजय उसके कंधों पर चूम रहा था पर उसकी नजर धानी के बूब्स पर था।अब उसने अपने हाथों को धानी के बूब्स पर ले जाकर उन्हें हल्का-हल्का प्रेस करना शुरू किया,,
जिससे धनी की सिसकियां निकलनी शुरू हो गई,, धानी ने अपनी आंखों को कसकर बंद कर लिया,, वही मृत्युंजय ने अब उसके बालों को उसके कंधे से अपनी उंगलियों से सेंशुअल वे में टच करते हुए,, हटाया,, जिससे धनी के शरीर में रोंगटे खड़े होने लगे
और धानी ने अपने होठों को कस के भेज लिया। दूसरे हाथ से मृत्युंजय ने शावर ऑन कर दिया और अब वह दोनों पानी में भीग रहे थे। बढ़ते पाल के साथ बाथरूम में एक अलग ही टेंपरेचर क्रिएट हो रहा था। मृत्युंजय अब उसकी पूरी पीठ को चूमे जा रहा था और उसकी पीठ को चूमते हुए हर पल के साथ उसके बूब्स को जोरो से प्रेस करता जिस वजह से उसकी निपल्स बिल्कुल हार्ड हो गई थी और ऊपर की तरह उभर गई थी उसकी वह पिक निपल्स,, पूरी तरह से रेड हो चुकी थी।
धानी भी कहीं ना कहीं अब उसके स्पर्श में खोती जा रही थी वह खुद नहीं जानती थी कि आखिर क्यों जब भी मृत्युंजय उसके पास आता है वह खुद से उसे रिस्पांस देने लग जाती थी उसे कभी भी मृत्युंजय का स्पर्श अंजना नहीं लगा ना ही कभी उसे बेगानापन महसूस हुआ हां मृत्युंजय की आदतें जरूर खराब थी। पर कहीं ना कहीं उसे खुद पर भरोसा था कि एक न एक दिन की शायद मृत्युंजय ठीक हो जाए पर अभी तो शादी की शुरुआत थी।
वही मृत्युंजय ने अब से गोल घुमाया,, और उसके चेहरे को गौर से देखने लगा,, धानी का चेहरा इस वक्त उसके गाल नाक और होंठ बिल्कुल लाल हो चुके थे जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका सारा खून उसके गालों और होठों पर उतर आया हो,,, उसका वह गोरा बदन मृत्युंजय को पूरी तरह से पागल कर रहा था। हर बढ़ाते पाल के साथ मृत्युंजय में इंटेंसिटी बढ़ती जा रही थी।
मृत्युंजय ने एक नजर उसके पूरे चेहरे पर घुमाई पहले उसके माथे जिस पर उसके गीले बाल चिपके हुए थे।और वह बोल उसके कई बेस पर भी आ रहे थे।फिर उसका आंखें,,, वह आंखें देखकर,,, एक पल के लिए मृत्युजय उनमें में कही खो जाना चाहता था पर आज पता नहीं क्यों एक अजीब सी सिहरन मृत्युंजय की भी बॉडी में भी दौड़ रही थी आज मृत्यु जय के दिल में भी एक अजीब सी हलचल पैदा हो रही थी जो वह खुद नहीं पहचान पा रहा था।
मृत्युंजय ने अब धीरे-धीरे उसकी नजर धानी के छोटे से प्यार से नाक फिर और में उसकी नजर उसके होठों पर जो की सुर्ख लाल हो चुके थे। मृत्युंजय की नजरे उन होठों रुक गई। और उन होठों मे मानो जैसे रस उतर आया हो। और मृत्युंजय उस रस को पीना चाहता था। धानी के वह फड़फड़ाते होंठ मृत्युंजय को अपनी और आकर्षित कर रहे थे भले ही धानी की आंखें बंद थी पर वह पूरी तरह से मृत्युंजय का स्पर्श को महसूस कर रही थी।
वही मृत्युंजय अब उसके ऊपर झुका और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए कुछ देर उसके होठों पर होंठ ऐसे ही टिके रहे पर मृत्युंजय उन्हें चूम नहीं रहा था वह अपनी खुली आंखों से धनी का चेहरा देख रहा था जो की बिल्कुल मदहोश हुआ पड़ा था और उसकी आंखें एकदम बंद थी।
उसका वह मासूम चेहरा देखकर मृत्युंजय को कुछ-कुछ होने लगा था। पर तकरीबन 5 मिनट बाद मृत्युंजय ने अपनी आंखें बंद कर ली और धीरे-धीरे कर धानी के होठों को अपने होठों में दबाने लगा और अगले ही पल उसे चूमने लगा वह कभी धानी के ऊपर ऊपर के होंठ को चूमता तो कभी निचले होंठ को चमता वह उसके होठों को अपने होठों में भरकर suck कर रहा था।
और इसके साथ अब मृत्युंजय के हाथ अब धानी के बदन पर इंटेंसिटी से घूमने लगे थे। मृत्युंजय के हाथ धानी के बूब्स को हल्का-हल्का चल रहे थे। और जिस धानी की हल्की-हल्की सिसकियां निकल रही थी जो की मृत्युंजय के होठों में दब कर रह जा रही थी। पता नहीं क्यों पर आज मृत्युंजय बिल्कुल भी उसके साथ वाइल्ड नहीं था उसने कहा तो था बट फिर भी उसने धानी के साथ बिल्कुल भी वाइल्डनेस नहीं दिखाई,,
वह बेहद सॉफ्ट तरीके से धानी के बदन को सहला रहा था धीरे-धीरे कर उसके हाथ अवधाने के बदन पर फिसलते हुए नीचे की तरफ जाने लगे,, और नीचे की तरफ आते हुए उसके हाथ उसकी p*ssy पर ठहर गए,, मृत्युंजय ने उसकी puss*y की प्लेयर्स को खोल और उसके क्लीटोरिस को अपनी दो फिंगर से हल्का-हल्का रब करने लगा,,
जिससे Dhani का दिल और भी जोरों से धड़कने लगा,, और अब dhaani की बॉडी भी इस चीज का रिस्पांस देने लग गई थी। मृत्युंजय अब उसको किस करते हुए ही उसकी पूसी को सलाह रहा था। वही धानी भी अपने होठों को खोलकर मृत्युंजय को रिस्पांस दे रही थी,,,अब मृत्युंजय ने उसके होठों को छोड़ा और फिर एक नजर उसके होठों को देखा जो की पूरी तरह एक चेरी की तरह लाल हो चुके थे।
मृत्युंजय अब उसके होठों की तरफ देखकर बोला ____""मानना पड़ेगा तुम्हारे होंठ है बहुत रसीले""उसकी बात पर धानी ने अगले ही पल अपनी आंखें खोली ,, और जैसे ही उसकी नज़रें मृत्यु जैसे टकराई तो उसने अपनी पलकों को नीचे झुका लिया,,
आज उन दोनों के बीच एक अलग सी खामोशी थी पर उसे खामोशी में भी उन दोनों के दिल जैसे कुछ ना कुछ गुफ्तगू कर रहे थे। दूरियां थी कई चीजों को लेकर पर कहीं ना कहीं,, धानी के मन में उम्मीद जिंदा थी,, कि शायद मृत्युंजय कभी उससे प्यार करेगा,,, पर वह यह नहीं जानती थी कि उसके अपने मन में मृत्युंजय के लिए क्या है वह अपनी फिलिंग्स को खुद नहीं पहचान पा रही थी पर बढ़ते पाल के साथ उसकी फिलिंग्स बढ़ती जा रही थी अभी उनकी शादी को सिर्फ दो दिन हुए थे पर फिर भी उसे ऐसा लग रहा था जैसे मानो कितनी ही देर हो गई हो
वही मृत्युंजय अब उसके ऊपर फिर से झुका और उसके गर्दन पर अपने होंठ रख हल्का-हल्का चूमने लगा और धीरे-धीरे उसकी नाजुक सी त्वचा को अपने होठों में लेकर दबा कर suck करने लगा,, वही धानी की सांसों ने फिर से गहरा होना शुरू कर दिया था और उसका तूफान एक बार फिर से उसके सीने में दिखाई देने लगा जिसे देख मृत्युंजय को अपने शरीर में एक अलग ही गर्माहट महसूस हो रही थी।
उनके ऊपर शावर का पानी गिर रहा था पर फिर भी उनके बदन भट्टी की तरह ताप रहे थे। वही शावर का ठंडा पानी उनके तपते दो बदन पर कुछ नहीं कर पा रहा था। मृत्युंजय अब उसके गले को चुनते चुनते उसके क्लीवेज तक जाकर उसके लिए नाजुक त्वचा को अपने होठों में दबाकर उसे suck किया जा रहा था,,
मृत्युंजय अब थोड़ा पीछे हुआ और उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किया वह एक टक धानी को ही देखे जा रहा था। वही धानी की नज़रे नीचे झुकी हुई थी। उसकी मृत्युंजय के और देखने तक की हिम्मत नहीं हो रही थी। वही मृत्युंजय उसकी और देखकर अपनी डोमिनेटिंग वॉइस में बोला,,,,,, look at me shy girl,, उसके कहने का तरीका कुछ इस तरह का था की धानी को अपने शरीर मे रोंगटे खड़े हो रहे थे।
पर धानी ने नजर उठाकर मृत्युंजय की और नहीं देखा,, वही मृत्युंजय एक बार फिर से बोला__""I said look at me shy girl,,""जैसे ही धानी में मृत्युंजय की ओर देखा मृत्युंजय ने अपनी गहरी नजरे उस पर और भी गहरी कर दी,, भले ही उसे बाथरूम का शावर ऑन था पर वहां का टेंपरेचर हद से ज्यादा गर्म था वही मृत्युंजय अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए उसने एक झटके से अपनी शर्ट उतार कर जमीन पर फेंक दी और धानी को देखते हुए बोला_____""kiss on my chest wifey,, मृत्युंजय की बात पर धानी का दिल और जोरो से धक-धक करने लगा,,
उसने अपना सर झुका लिया और मृत्यु जी को बोली आप खुद ही कर लीजिए ना,, हमसे यह सब नहीं होगा,,, और हमें यह सब नहीं आता""तभी मृत्युंजय उसकी बात बीच में काटते हुए बोला तो फिर मैं एक काम करता हूं ।एक बार फिर से उसी लड़की को बुला लेता हूं।
मृत्युंजय की बात सुनकर एक बार फिर से धानी की आंखों में नमी छाने लगी और वह अपने कांपती हुई आवाज में बोली ___""हम करेंगे हम वही करेंगे जो आपको ठीक लगेगा,,,, पर ऐसा मत कहिए कि हम किसी और के पास जाएंगे हम हम खुद नहीं जानते हमें क्यों ऐसा महसूस हो रहा है पर जब आप किसी और के पास जाने की बात करते हैं तो हमें दर्द होता है,,
धानी की बात पर मृत्युजय ने ,,,कुछ देर धनी की आंखों में देखा मानो कुछ ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं। और वह मन में बोला _____""आखिर क्या हो तुम क्यों लगता है कि तुम्हारी मासूमियत सच्ची है। बहुत सी लड़कियां देखी हैं।""even"" लड़कियां तो मुझ पर मरती हैं । ""But I don't know why..…....
इतना कह उसने अपने मन को शांत कर लिया क्योंकि आगे उसके बोलने को कुछ बचा ही नहीं था। मृत्युंजय ने अब धानी को अपने पास आने का इशारा किया ,, और इशारा पाते ही धानी मृत्युंजय के पास आकर खड़ी हो गई पर उसकी पलकें अभी भी झुकी हुई थी मृत्युंजय अपनी बात रिपीट करते हुए बोला ,, kiss on me wifey,,, I can feel your lips on my chest,, मृत्युंजय की बात पर ,,धानी ने उसके चेस्ट पर अपने होंठ रख,, हल्के हल्के चूमना शुरू किया। धानी के चूमते हुए होंठ एक मुलायम पंखुड़ी जैसे लग रहे थे ।मृत्यु जय को उसके होठों से कुछ-कुछ हो रहा था और उसकी सांसे गहरी होनी शुरू हो गई थी धीरे-धीरे मृत्युंजय के हाथ धानी के कमर पर कसने लगे थे। और उसके हाथों की छाप धानी की गोरी कमर पर छपनी शुरू हो गई थी धानी जैसे-जैसे मृत्युंजय की चेस्ट पर किस कर रही थी मृत्युंजय की हार्डनेस बढ़ती जा रही थी।
मृत्युंजय अब धनी की आंखों में देखकर अपनी मदहोशी भरी आवाज में बोला___open the button of my pant,,
जैसे ही मृत्युं
जय ने यह कहा धानी का दिल धक सा रह गया।
To be continue.......
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