
Rathore villa,,
Mrityunjay's room,
मृत्युजय अभी भी बालकनी में खड़ा था। सुबह के पांच बज गए थे। पर मृत्युजय की आंखो से नींद कोसों दूर थी। उसकी आंखे एक दम लाल थी। और वो अपनी लाल आंखो से,, सामने बेड पर लेटी धानी को देख रहा था। धानी को बेहोश हुए लगभग 3 घंटे हो गए थे।
उसने अभी तक आंख खोली थी। वहीं मृत्युजय भी बिना पलके झपकाए एक टक धानी को देख रहा था। तक़रीबन सड़े 5 बजे धानी की आंखे फड़फड़ाई,, और अब धीरे धीरे उसने अपनी आंखे खोली,,
आंखे खोलते ही उसने सीधा सीलिंग की तरफ देखा,, किसी अंजान जगह खुद को पाकर एक पल के लिए वो डर गई। और अडबडा कर उठी,, पर अचानक से उसके सिर में जोरो से दर्द उठा तो उसने आंखे बंद कर अपना सिर पकड़ लिया,,
वही मृत्युजय अब उसके पास आया,, और उसकी तरफ देख कर लेट जाओ shygirl,, जैसे ही धानी के कानो में मृत्युजय को आवाज पड़ी उसने आंखे खोल कर देखा,, मृत्युजय इस वक्त उसके सामने शर्टलेस खड़ा था। और मृत्युजय को इस हालत में देख एक बार फिर से धानी की सांसे अटकने लगी,,
उसकी आंखो के सामने वो मंजर घुमाने लगा,, जब करिश्मा,, मृत्युजय के ऊपर झुकी हुई थी। उसकी आंखो में पानी झर झर बहने लगा,, वो अपनी अटकती हुई सांस में बोली,, आप दोनो ने ने एक.... इतना कहते हुए उसकी आवाज बुरी तरह कांपने लगी थी।
वही मृत्युजय उसकी और बीना किसी expression से देख रहा था। वो अब गहरी सांस लेकर धानी के पास आया,, और अगले ही पल उसने धानी को गोद में उठा लिया,, और उसकी आंखो में देखते हुए बोला,,
कुछ नही हुआ,, हम दोनो के बिच,, इतना कह उसने अपनें कदम बाथरूम की तरफ बढ़ा दिए,, वहीं धानी ने जैसे ही ये बात सुनी उसके दिल को जैसे ठंडक पहुंचाने लगी,, धीरे धीरे उसकी सांसे नॉर्मल होने लगी पर उसकी आंखो में नमी अभी भी थी।
वो मृत्युजय को अपनी नाराजगी भरी आंखो से देख रही थी। पर मृत्युजय का ध्यान सामने था। वो बीना धानी की तरफ देख कर बोला,,shygirl ये होता रहेगा,, और इसकी आदत दाल लो,, और तुम्हें इसकी आदत.....
अभी वो बोल ही रहा था। के धानी ने उसकी गोद में झटपटाना शुरू कर दिया,, वो मृत्यु जय की गोद से उतरने की कौशिश कर रही थी। पर मृत्युजय ने उसे नही छोड़ा,, और अपनी डॉमिनेटिंग voice में,,,stop it shygirl,unless you will be regret you action,,,, उसकी बात पर धानी,, उसकी आंखो में देखते हुए,, हमे पछताना मंजूर है। पर हम आपको किसी और के पास नही जानें देंगे,, अपको जो करना है। हमारे साथ किजिए,, हम आपको बिलकुल नहीं रोकेंगे,, पर अपको किसी और के पास जाते देख आज हमारे धड़कन ने हमरा साथ छोड़ दिया था।
धानी की बात पर मृत्युजय अपनी नजर धानी के ऊपर से हटा ही नही पा रहा था। उसकी वो रो रो कर लाल हो चुकी नाक,, जैसे कोई खरगोश हो,, उसकी मासूम आंखे,, एक पल के मृत्युजय के दिल ने हलचल करनी शुरू कर दी थी।
वो चाह कर भी धानी पर से अपनी नज़रे नही हटा पता था,,,। अब तक मृत्यु जय उसे बॉथरूम तक ला चूका था। अब उसने धानी को बाथिंग एरिया में लाकर खड़ा कर दिया,, और अब वहां से जानें को हुआ पर अगले ही पल उसके कदम रुक गए,,, क्युकी धानी ने अब उसकी बाह पकड़ ली थी।,,,, धानी की आंखे जो नम थी अब उसकी आंखो में पानी बहने लगा,,, धानी के एसे हाथ पकड़ने से मृत्युजय रूका जरूर था। पर उसने पलट कर अभी तक दोबारा धानी की और नही देखा था।,,,, वहीं धानी अब रोते हुए बोली,, अगर आपको एसी लडकिया ही पसंद तो हम वैसी लड़की बन जाऊंगी,,
मैं भी छोटे कपडे पहन कर घूमूंगी,, मैं भी दूसरो....…उसने इतना ही कहा था। मृत्युजय झटके उसकी और पलटा और उसने धानी को दीवार से सटा कर उसकी गर्दन को पकड़ कर बोला,,,, अपनी जुबान उतनी चलाओ जितनी बर्दाश्त कर सकू,,
एक बात याद रखना you always belong's to me ,, And I I'll be never ever tolrate that,, Some one......
इतना कह वो शांत हो गया,, पर उसकी आंखो में आज अनकहा तूफान था,, उसकी आंखे आज बहुत कुछ बयां कर रही थी। जो जायदा तर शांत ही रहती थी। अब उसने अपनी पकड़ को उसके बालों पर ढीला कर दिया,,, और पीछे होने को हुआ,,हम पर अगर किसी की नजर भी होगी तो आप बर्दाश्त नही करेंगे,,
और आप? का क्या Mr Rathore,, आप तो खुद दूसरो के पास,,, उसकी बात पर मृत्युजय के जबड़े कस गए थे। वो धानी की आंखो में देख dominating voice में मैं ऐसा ही हु। और ये तुम्हें except करना......
वही धानी उसकी बात को बीच में काट कर बोली,, आप ऐसे थे। पर अब हम आपको किसी के पास नही जानें देंगे,, और अब आप पर सिर्फ़ हमरा हक है। और हम आपको इस कदर अपने आप में ढाल लेंगे की आपका आप में कुछ बचेगा ही नही,, धानी की बात पर मृत्युजय के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई,,
वो बोला by the way,, Biwi ये होगा कैसे,,, उसकी बात पर dhaani का दिल धक धक करने लगा,, उसके मुंह से biwi शब्द उसके रोंगटे खडे कर रहा था। जिससे उसे कुछ कुछ हो रहा था।
वहीं मृत्युजय की नजर उस पर अब गहरी हो गई थी। वो अब उसके पास आकर बोला बताओ ना बीवी,, इतना कहते हुऐ उसने धानी के बाल उसके कान के पीछे कर दिए,, वहीं धानी की आंखे एक पल के लिए बंद हो गई थी। उसकी सांसे अब गहरी होने लगी थी।
वो अपनी लड़खड़ाती हुईं आवाज में बोली,, अपको इश्क कर,, उसकी बात पर एक पल के लिए,, मृत्युजय के हाथ रुक गए,, जो अब उसकी गरदन पर चलने लगें,, थे। तभी मृत्युजय then proof me,, Biwi,,
इतना कह अब उसने अपनी शर्ट के बटन को तोड़ दिए,, वहीं धानी एक पल के लिए मृत्युजय,, की तरफ देख कर बोली इश्क जातने का तरीका जरुरी नही जिस्म से जाता हो,, राठौड़ साहब,,,,
धानी के मुंह से राठौड़ साहब सुन कर एक पल के लिए मृत्युजय के होंठो के कोने मुड़ गए,, पर उसने अगले ही पल उसने अपनें होंठो को स्थिर कर लिया,, वहीं धानी ने अब अपनी आंखे खोली और मृत्युजय की तरफ देखा और कुछ बोल पाती,, उससे पहले ही मृत्युजय ने उसके होंठो पर होठ रख दिए,, और उसे वाइल्डली किस्स करने लगा,,
वहीं धानी की तो सांस ही उसके गले में अटक गई,, मृत्युजय जिस तरह से उसे किस्स कर रहा था। धानी को उससे सांस तक नही आ रही थी। वहीं मृत्युजय तो बस उसके होंठो को खाने में लगा हुआ था। उसके वो नर्म होंठ,,, मृत्युजय जब उन्हें अपने होंठो में भर कर खींचता तो उसके वो नर्म होंठ उसे किसी जेली की तरह लगते ,,,
मृत्युजय की किस्स इतनी वाइल्ड थी। के धानी के होंठो से हल्का हल्का खून आने लगा,, पर धानी ने उसे कुछ नही कहा,, तक़रीबन बीस मिनट बाद जब धानी की सांस रुकने तक आ गई तब जाकर,, मृत्युजय ने उसे छोड़ा,,
और उसकी और देखने लगा,, जिसके वो पिंक लिप्स एक दम रेड हो चुके थे। और उसकी सांसे बेहद लम्बी चल रही थी। वहीं मृत्युजय अब उसके पास आकर उसके ऊपर झुकते हुए,, बोला,, एक किस्स तो तुमसे संभाली नही जा रही और तुम कह रही हो की तुम मुझे,, किसी और के पास जानें के रोकोगी ,,,,
तुमसे वो नही होगा जो मैं चाहता हू। और भुल जाओ तुम मुझे कहीं और जानें से,,,,,
अभी वो बोल ही रहा था। उसकी आंखे बडी हो गई,, क्युकी धानी ने अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया,, और अगले ही पल अपना हाथ पीछे लेजाकर,, अपने ब्लाउज की डोरी खोल दी,, जिससे उसका ब्लाउज पूरी तरह से नीचे गिर गया,,
अब धानी का वो वो गोल बूब्स मृत्युजय के सामने थे। उसके वो पिंक निप्पल जो की एक दम खडे थे। जिसे देख मृत्युजय का शरीर कसने लगा था।उसे अपने शरीर में हलचल महसूस होने लगी थी।
और उसके होंठ सूखते हुए,, मेहसूस हो रहे थे। पर उसने खुद को संभाला और धानी की और देख कर बोला मत उकसाओ मुझे,, पछताओगी,, तुम मुझे नही जानती जानवर हु में नोच डालू गा तुम्हें,,
वहीं धानी एक दम expression less होकर बोली नोच डालिए,, अब कोई फरक नही पड़ता,, जो है। आप ही का है।
धानी की बात सुन एक पल के लिए,, मृत्युजय उसे देखता ही रह गया,, वो मन में बोला,, क्यू पागल कर रही हो मुझे,,,,, मत करो
वहीं धानी एक टक उसे देखते हुए उसने अपनी बाकी साड़ी भी उतार दी,, मृत्युजय अब थोड़ी सख्त आवाज में,,,,,, मत करो ऐसा नहीं तो,, अच्छा नही होगा,, राक्षस हु। मैं,,
धानी भी अपनी सख्त आवाज में बोली,,,, कुछ अच्छा चाहिए भी नही,, और रही बात राक्षस की,,, तो हम खुद इजादत देते है। खुद को नोच डालने की,,,, कभी तो राक्षस पिघलेगा,, और हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे,, और उसके इन्सान बनने का इंतज़ार करेंगे,,,
इतना कह उसने अब अपनी शेप वियर और पैंटी दोनो उतार दिया,, अब धानी पूरी तरह से नेक्ड मृत्युजय के सामने थी। मृत्युजय को अब कुछ कुछ होने लगा था।
To be continue......
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