
Rathore villa,,
Mrituejaye's room,,
धानी बेड पर बैठी अपना सिर हेडरेस्ट पर टिका कर बैठी थी। वो उस रूम में अकेली थी। मृत्युजय कही बाहर गया था। असल में आज उसने राठौर इंडस्ट्री जानें का फैसला लिया था। क्युकी कुछ देर के लिए,, वो राठौर इंडस्ट्रेज संभालने वाला था। क्युकी,, अभी उसका बाहर जानें का मूड नहीं थी।
वहीं धानी की आंखो से लागतार पानी बह रहा था। उसे अपने पापा की कही बात याद आ रही थी। वहीं कुछ देर पहले जो मृत्युजय और उसके बीच जो एक बार फिर से बिहेंस हुई थी। वो बात बार खटक रही थी।
कुछ देर पहले,,
जब धानी रो रही थी। तो मृत्युजय ने उसे अपना रुमाल दिया था। पर धानी की हालात उस वक्त बिलकुल भी नॉर्मल नही थी। उसकी आँखें हद से जायदा लाल थी। वहीं मृत्युजय एक घुटने के बल बैठ कर बोला,, यही जिंदगी का दुसरा नाम है।
यहां अच्छे वक्त में सब अपना साथ देते है। और बुरे वक्त में खुद के मां बाप भी साथ छोड़ देते है। इतनी बात कहते हुऐ,, मृत्युजय की आंखे संस्कृति जी और kashab जी पर थी। जो गुस्से से मृत्युजय को देख रहे थे।
वहीं धानी,, गुस्से में बोली ,,,, अगर आप जगह जगह मुंह मारेंगे तो मां बाप गलत कहा से हुए,, जब हमारी गलती है। तो मां बाप तो नाराज होंगे ही न,,, हमे सिर्फ इतना पता है। की हमारे बाबा ने हमे पढ़ाने को खातिर क्या नही किया,,
धानी की बात पर मृत्युजय का चहरा काला पड़ गया,, क्युकी अभी अभी धानी ने इनडायरेक्ट जगह जगह मुंह मरने वाला बोल दिया था। और अब मृत्युजय उसके पास से खड़ा हुआ,, और एक बार उसे कंधो से कस कर पकड़ा,, उसका पकड़ना इतना ज़ोर से था। की धानी का चहरा लाल होना शुरू हो गया था।
वो अपनी अपनी तड़पती हुई आवाज से बोली,, क्या कर रहे है।MR हमे दर्द हो रहा है। तभी मृत्युजय उसके कान के पास अपनी गर्म सांस छोड़ते हुऐ अपनी सर्द आवाज में,, तुमने क्या कहा अभी की,, मैं जगह जगह मुंह मरता फिरता हु। आज तुम्हें रात तक सब पता चल जायेगा की जगह जगह मुंह मरना किसे कहते है।
मृत्युजय की बात पर धानी की आंखे बडी हो गई। तभी मृत्युजय ने उसे छोड़ा तो धानी लडखडा गई। और वो खुद बहर की तरफ चला गया,, वहीं धानी का दिल धक सा रह गया,, क्युकी मृत्युजय ने जो कहा था। वो धानी को कहीं से भी नॉर्मल नही लग रहा था।
Present time,,
धानी अब भी मृत्युजय के बारे में सोच रही थी। और उसे बहुत जायदा घबराहट हो रही थी। सारा दिन ऐसे ही चिंता करते हुऐ बीत गया,, संस्कृति जी कई बार कमरे में आई पर धानी ने दरवाज़ा नही खोला,, और ना ही कुछ खाया,,
रात के 11 बजे,,
धानी अभी भी वैसे ही बैठी थी। और उसकी आंखो से नींद कोसों दूर थी। उसकी आंखो के सामने मृत्युजय का चहरा घूम रहा था। जिस वजह से उसका मन बेहद घबरा रहा था। ऊपर से मृत्युजय एक पल के लिए घर पर नहीं आया था।
और धानी का अब दिल की बेइचैनी और भी बड़ गई थी। वो अपनी जगह से उठी,, और balcony में चली गई। रात का एक बज गया पर अभी तक मृत्युजय का कुछ पता नहीं था।
वहीं धानी की नजर बाहर के गेट पर थी।
वहीं दूसरी तरफ,,
Red welwat bar,,
मृत्युजय वहा पर बैठ कर ड्रिंक कर रहा था। उसकी आंखो के सामने धानी का चहरा घूम रहा था। और जो धानी ने उसे जज किया था। वो शायद उसे बिलकुल पसंद नहीं आया था। और रह रह कर उसके कानो मे धानी की बाते घूम रही थी।
और उसकी आँखें हद से जायदा लाल थी। उसने इतनी जायदा ड्रिंक की हुई थी। पर उसको देख कर कोई नही कह सकता था। की उसने इतनी जायदा ड्रिंक की हो उसके आगे कई शराब की बोतल पड़ी हुई थी। और अभी भी,, उसने एक और शराब की बोतल खुलवा ली थी।
अभी वो ड्रिंक कर ही रहा था। के तभी एक लड़की,, जिसने मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी। वो लड़की दिखने में ही पता चल रहा था। के वो उस बार में ही काम करती होगी,,
अब वो लड़की मृत्युजय के पास आकर खड़ी हुई,, और उसके सीने पर उंगली चलाते हुए,, बोली,,,, क्या बे हैंडसम,, चल तेरे को जन्नत की सैर करवाऊ,, उसकी बात पर मृत्युजय ने अपनी लाल आंखो से सामने लड़की की तरफ देखा,, उसका सावला रंग ऊपर से हद से जायदा मैकअप देख कर एक पल के लिए,,
मृत्युजय के होंठो के कोने मुड़ गए,, वो उसकी तरफ देख कर बोला,, जन्नत पता भी है। कैसी होती है। मृत्युजय की बात पर उस लड़की करिश्मा ने बड़ी हेरानगी से देखा,, और बोली तुझे बड़ा पता है। जन्नत कैसे होती है।
वहीं मृत्युजय बोला,, हां मैने देखी है। इतना कहते हुऐ,, उसकी आंखो के सामने धानी का वो मदहोश कर देने वाला बदन घूम रहा था। उसको अपनी यादों में गुम देख,, करिश्मा ने उसके आगे चुटकी बजाते हुए,, बोली लगता है। बीवी से बेपनाह मुहोब्बत करते हो,,
जैसे ही करिश्मा ने इतना कहा मृत्युजय को एक बार फिर से धानी की वहीं बात याद आ गई,, और अब उसके दोबारा से उसके जबड़े कसने लगे,, अब उसने करिश्मा के आगे एक पैसे को गाडी रखी,, और बोला,, मेरे लिए एक काम करना है। उसकी बात पर करिश्मा की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई। पर उसने कहा कुछ नहीं। पर तभी मृत्युजय ने एक गाड़ी और रखी,,
ये देख करिश्मा को आंखे बड़ी हो,, गई वो जल्दी से बोली करना क्या होगा,, उसकी बात पर मृत्युजय के होंठो पर डेविल स्माइल आ गई।
वहीं दूसरी तरफ,,
Rathore villa में,,
धानी अभी भी बाल्कनी में खड़ी थी। और मृत्युजय की वेट कर रही थी। उसके चेहरे को देख कर पता चल रहा था। जैसे दुनिया जहा की थकावट उसके चेहरे पर,, उसकी वो खूबसूरती जैसे उसकी उदासी के नोचे दब रही थी।
एक तो उसके पापा का उसे छोड़ कर जाना और ऊपर से मृत्युजय की बेरुखी ये दोनो चीजे उसे तोड़ रही थी। शादी का पहला दिन था।पर मृत्युजय तो जैसे पत्थर बन कर बैठा था।
वहीं नीचे संस्कृति जी और खशाब जी का कमरा,,
संस्कृति जी और kashab जी भी अभी भी जाग रहे थे। उन्हे नींद आती भी कैसे घर का माहोल ही इतना ख़राब हो रखा था। उन्हे धानी की भी चिंता हो रही थी,, क्यूंकि धानी ने सुबह से कुछ नही खाया था।
उन्हे सिर्फ इतना ही पता था। और अभी उन्हे ये नही पता था। की मृत्युजय अभी तक घर ही नही आया था।
वहीं ऊपर D,M room,,
धानी की आंखो में अब पानी आने लगा था। क्युकी अब ढाई बज चुके थे। पर तभी उसका फोन बाजा,, और उसके फोन पर unkown नंबर से कॉल था।
उसने no देखा और अगले ही पल फोन उठा लिया,, और कुछ दूसरी तरफ से कहा गया,, जिसे सुन धानी का दिल धक धक करने लगा, वो जल्दी से अपने कमरे से निकली एक पल के लिए उसका सिर चकरा गया,, पर अगले ही पल उसने अपनें आप को संभाला और,,
नीचे आई और बाहर की तरफ चली गई। और बाहर की तरफ एक ड्राइवर खड़ा था। जिसे देख वो जलदी से कार में बैठी,, और ड्राइवर से बोली,,
Rathore farmhouse,,
उसकी बात पर ड्राइवर ने हां में सिर हिला दिया,, जब की ड्राइवर को ऑर्डर देने वाली धानी नही मृत्युजय था। कुछ आधे घंटे बाद उनकी कार farmhouse के बाहर आकर रूकी अब तक रात के 3 बज गए थे। आसमान में बादल गरजने लगे थे।।
पता नही क्यू धानी को इस वक्त बेहद डर लग रहा था। बढ़ते पल के साथ उसकी दिल की धड़कन बेहद तेज चल रहीं थी। वो चल तो रही थी। पर उसके पैर इतने भारी हो रहे थे। के उसका साथ नही दे रहे थे।
अब धीरे धीरे बारिश होने लगी थी। किसी तरह वो अंदर पहुंची और अंदर का नजारा देख धानी का दिल धक सा रह गया,, उसकी सांस ही रुक गई थी।
Rothore farmhouse,,
Dhaani की कार राठौर फॉर्महाउस पर आकर रूकी और अब वो कार से बाहर निकली,, पता नही क्यू farmhouse को देखते ही उसे कुछ कुछ होने लगा था। उसके पेट में पता नही क्यो अब दर्द होने लगा था। वो किसी तरह से हिम्मत कर यहां तो आ गई थी। पर अब उसकी हिम्मत जवाब दे गई थी। उसके पैर उसके साथ नही दे रहे थे। वो अपने कदम आगे तो बडा रही थी। पर उसके कदम जैसे उसका साथ छोड़ रहे थे।
पर किसी तरीके से वो अब फार्महाउस के गेट पर पहुंची,, जैसे ही उसने अंदर का नजारा देखा,, उसका दिल धक सा रह गया,, उसकी आंखो में पानी झर झर बहने लगा,, क्युकी सामने मृत्युजय सोफा पर बैठा था। और एक लड़की उसके सामने थी। और वो भी सर्फ ब्रा और पैंटी में,,
और वो अब मृत्युजय के ऊपर झुक रही थी। वहीं मृत्युजय की तिरछी नजर अब दरवाजे पर थी। जहां पर धानी खड़ी थी। धानी तो जैसे अपनी जगह पर जैसे जम सी गई थी। उसके टांगे कांप रही थी।
और ऊपर से अब उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी,, उसकी सांसे चौक होने लगी थी। और ऊपर से उसे अब चक्कर आने लगें थे। और अगले ही पल वो बेहोश हो गई,, वहीं उसको बेहोश देख कर मृत्युजय की आंखे बडी हो गई,, अगले ही पल उसने करिश्मा को धक्का दिया,,
करिश्मा पीछे जा टेबल से टकरा गई,, उसकी पीठ पर टेबल लग गया जिससे उसकी पीठ से खून निकले लगा,, पर मृत्युजय ने एक बार भी करिश्मा की और नही देखा,, वो जल्दी से भांग कर धानी के पास आया,, जो की पूरी तरह से स्वेट थी। उसका बदन पूरा पसीने से भीगा हुआ था। पर जब मृत्युजय ने उसके गालों को हाथ लगाया,, उसकी आंखे बडी हो गई,
क्युकी धानी का शारीर बर्फ सा ठंडा पड़ा हुआ,, एक पर के लिए, मृत्युजय का दिमाग घूम गया,, उसने अभी जो इतनी जायदा ड्रिंक की हुई थी। वो सारी अब उतर चुकी थी। उसने अगले ही पल धानी को गोद में उठाया और,, अपने कमरे की और भागा,,
वहीं करिश्मा जिसकी पीठ पूरी तरह से चल गई थी। उसका चेहरा अब गुस्से से कांप रहा था। वो अपने कपडे पहनते हुए बोली,,,,, ये एडा है। क्या,, साले ने कितनी जोर का धक्का दिया,, मेरी पीठ छिल गई,,
इतना कह कपडे पहन कर,,, अब मृत्युजय के पास आई जो फोन पर किसी से बात कर रहा था। शायद dr से,,
वहीं उसने अब करिश्मा को देखा जो अभी अभी,, उसके सामने आकर खड़ी हुई थी। वो अपने दांत पीस कर बोली अबे ओ एडा है। क्या,,
अगर नही कुछ करना था। न करता,, तूने धक्का क्यू दिया,, तेरी वजह से मेरी पीठ छिल गई,, अगर इतना ही था। लेकर कहे कु आया मेरे को इधर,, उसकी बात पर अब मृत्युजय की आइब्रो ऊपर की तरफ उठ गई,, और अगले ही पल,, उसने अपनी जेब से नोटो की एक और गड़ी निकाली और उसकी तरफ बढ़ाते हुए बोला दफा हो जाओ अब दोबारा यहां दिखा मत जाना,,
वहीं पैसे को देख कर करिश्मा की आंखे बडी हो गई,, उसकी तो जैसे रॉल टपकने लगी अगले ही पल उसने अब वो नोटो का बंडल लिया,, और जल्दी से वहां से निकल गई,, वहीं मृत्युजय अब रूम में आया,, और धानी के पास आकर खड़ा हो गया,, और एक टक उसका वो लाल हो चूका चेहरा देखने लगा जो अब फीका पढ़ने लगा था।
उसे देखते हुऐ,, मृत्युजय अभी कुछ देर पहले जब धानी को बेहोश होते देखा तो वो याद कर उसका दिमाग एक पल के लिए,, दोबारा घूम गया,, क्यूंकि आज तक उसने कभी किसी के लिए ऐसा कुछ फील नही किया था। और जब धानी को बेहोश होते देखा,, तो उसे पता नही क्या हुआ था,,
वो खुद उस फीलिंग को समझ नही पा रहा था। जिस वजह से उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी। वो अब बाल्कनी में गया,, बारिश अभी भी हो रही थी। रात का तावरीना 4 बज गए थे। वहीं बाल्कनी में मृत्युजय का मन बेचैनी से भरा हुआ था।
वो सिगरेट पर सिगरेट पिए जा रहा था। पर उसके दिल को चैन नहीं मिल रहा था। तकरीबन सड़े चार बजे एक car आकर फॉर्महाउस पर रूकी उसमे से एक ल़डका,, जो की दिखाने में काफी हैंडसम था। पर मृत्युजय से कम वो जल्दी से अंदर की तरफ आया,,
उसके हाथ में सूट केस था। और अब वो लड़का अंदर की तरफ आया,, और उसकी साथ शायद और कोई भी था। पर वो car में ही थी। वो लड़का अब सीधा ऊपर आया और मृत्युजय के कमरे में आकर मृत्युजय के पास आकर खड़ा हुआ,, और बोला,, तू इंडिया कब आया MR,,
वहीं मृत्युजय जो अभी अभी आकर डोर पर खड़ा हुआ था। वो उसकी तरफ देख कर बोला,, जल्दी करो उसकी तबियत....
इतना कह वो चुप हो गया,, और उसे खुद अजीब लग रहा था। की वो धानी के लिए ये सब कुछ कर रहा था। वहीं को लड़का कार्तिक,, जो की मृत्युजय का पुराना दोस्त था। वो अब धानी के पास आया और,, जैसे ही वो धानी को हाथ लगाने को हुआ,, के तभी मृत्युजय ने उसका हाथ पकड़ लिया,, और,,
अगले ही पल वो कार्तिक के सामने आकर खड़ा हुआ,, और बोला तूझे कुछ कहा था। मैंने और तू खुद इसे टच नही कर सकता,, अभी थोड़ी देर पहले मैंने तुझे कहा था। ना?
मृत्युजय की बात पर कार्तिक ने उसे आंखे छोटी कर देखा और बोला,, तू भी ना पता नही कितना जलेगा,, हां में अपनी girlfriend को लाया हु। रुक,,
कितना जलता है। तू मृत्यु,, भाभी है। वो हमारी और,, अभी वो बोल ही रहा था। के मृत्युजय सर्द लहजे में बोला,, उसे कोई हाथ नहीं लगाएगा,,
उसकी बात पर एक पल के लिए। कार्तिक उसे देखता ही रह गया,, उसकी लड़कियों की लत के बारे में पता तो कार्तिक को भी था। पर कभी वो किसी को लेकर उसका ऐसा बिहेव कार्तिक ने आज पहली बार देखा था। वो बड़ी गौर से मृत्युजय को देख रहा था। पर कुछ बोल नहीं रहा था। वहीं मृत्युजय की नजर अब एक टक धानी के चेहरे पर बनी हुई थी।
थोड़ी देर में कार्तिक को girlfriend,, धानी को चेक कर रही थी। और फिर उसके पास से उठी और मृत्युजय के पास आकर खड़ी हुई। और बोली आपकी वाइफ को पैनिक अटैक आया है। और शायद इन्हें अस्थमा की प्रॉब्लम है। जब ये जायदा स्ट्रेस लेती है। तब इनकी सांस रुकने लगती है। और इनको पैनिक अटैक भी इसी वजह से हुआ है। शायद आज पहली बार ये इतना जायदा,, पैनिक हुई है। जिसका असर इनकी बॉडी पर हुआ है। ये बहुत जायदा ट्रिगर हो गई थी।
और इनका inhealer कहा है। वहीं dr की बात सुन एक पल के लिए,, मृत्युजय अपनी जगह पर जम सा गया था। और,, उसकी हालात देख कार्तिक और श्रेया को उसकी हालात देख पता चल गया था। शायद मृत्युजय को इस बारे में कुछ नही पता,,
वो बोली ,, कोई बात नही Mr Rathore हो जाता है मैंने कुछ दवाइया लिख दी है।inhealer भी लिख दिया है। अब please इनका खास खयाल रखिएगा,, और specialy ये की इनको कोई चीज ट्रिगर न करे,, वरना कुछ भी हो सकता है।
उसकी बात सुन एक पल के लिए मृत्युजय की मुठिया बंध गई। वहीं वो अब अपनी बात कह वहां से चले गए ,,,
और मृत्युजय की अब आंखे लाल होने लगी थी। और उसने अब जल्दी से अरव को फोन लगाया,, और उसे medicine की स्क्रिप्ट की पिक भेजते हुए,, बोला,,15 मिनट में ये दवाई मेरे पास पहुंच जानी चाहिए,, एक मिनट भी ऊपर नही होना चाहिए,, मृत्युजय की बात सुन अरव के होश उड़ गए,, क्युकी वो इस वॉट अपने apartment में सो रहा था। और उसका apartment farmhouse से 1 घंटे की दुरी पर था। ऊपर से मृत्यजय ने अपनी बात कह अब फोन काट दिया था। और बेचारा अरव अब फस चूका था।और एक बार फिर से उसकी नजर अब धानी पर ठहर गई,,
मृत्युजय की आंखे आज बहुत कुछ बोल रही थी।
Pehle kyun na mile hum
Tanha hi kyun jale hum
Milke muqammal hue hain
Yaa thhe tanha bhale hum
Saware.. saware.. saware..
मृत्युजय अब धानी के पास आकर बैठा और उसके चेहरे को देखने लगा,, और उसके गाल पर हाथ रखने वाला था। के कुछ सोच कर अपना हाथ पीछे कर लिया,, पर उसकी नजरे एक टक धानी,, के चेहरे पर बनी हुई थी।
Na humaara hua na tumhara huaa
Ishq ka ye sitam na gawara hua (x2)
Sun bairiya sanware
Sun bairiya sanware
Pal pal ginke guzara
Maano karza utaara
Tum se munaasib huaa hai
Phir se jeena humaara
Sanware.. sanware..
Sanware.. hmm..
Na humaara hua, na tumhara hua
Ishq ka ye sitam na gawara hua (x2)
Sun bairiya sanwre
Sun bairiya sanwre
आज पहली बार मृत्युजय अपने अंदर एक अजीब सी भावनाओ से लड़ रहा था। जिस बारे वो खुद नही जानता था। और अब वो अपनी जगह से खड़ा हुआ,, और फिर से बाल्कनी में जाकर सिगरेट पीने लगा,, उसके जबड़े पुरी तरह से कसे हुए थी। जैसे वो खुद को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा था।
Dhalti raat ka ik musaafir
Subah alvida keh chala
Jeete jee tera ho saka na
Marke haq adaa kar chalaa
O...
{ Na humaara hua, na tumhara hua
Ishq ka ye sitam na gawara hua (x2) }
Sun bairiya.. sanware..
मृत्युजय अब अपनी जगह खडे खडे जानें कितनी सिगरेट फूंक चूका था। पर उसके सीने को जलन कम होने का नाम नहीं ले रही थी।
अब वो बाल्कनी से ही उसने धानी को देखा और बोला,, मत जगाओ इन एहसासों को घुट कर रह जाएगी,, क्यू खुद को बंदी बनाना चाहती हो,,, मत जगाओ उन्हें नही तो मेरी आग में जल जाओगी,, फिर कभी निकल नही पाओगी,, ये तलब ishq की कभी बूझ नही पायेगी और तुम
इसी तलब में तड़पती पर जाओगी इतना कह मृत्युजय ने आंखे बंद कर अपना चेहरा,, ऊपर की तरफ उठा लिया,,,
To be continue.......
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