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Dhaani's breakdown

Rathore villa,,,

Mrituejaye's room,,

मृत्युजय के चेहरे पर डेविल स्माइल थी। क्युकी अभी अभी हॉल से किसी के चिल्लाने की आवाज आई थी। वही धानी का तो रंग ही पीला पड़ चूका था। उसके होंठ पूरी तरह से सुख चुके थे। और वो अपनी लड़खड़ाती आवाज में बोली पापा,,

और तभी मृत्युजय उसके कान के पास झुक कर,, तुम्हरे पापा को हमारी शादी पता चल गई। देखो न सुबह मैने उन्हे बताया और अब वो आ भी गए,, मृत्युजय की बात पर धानी का दिल की धड़कन एक पल के लिए ड्रॉप हो गई,, उसकी आंखो से आंसु बहने लगे,,

वहीं मृत्युजय एक बार फिर से उसके ऊपर आकर उसे किस्स करने लगा,, और उसकी किस्स इतनी वाइल्ड थी। की धानी को दर्द हो रहा था। और उसकी आंसुओ से भरी आंखे बड़ी हो गई थी। क्युकी नीचे से सौरव जी के लगातार चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वहीं रूम में मृत्युजय उसे छोड़ने का नाम ही नही ला रहा था।

धानी की सांसे अब फूलने लगी थी। पर मजाल है। मृत्युजय धानी को छोड़ा हो,, जब धानी की आंखे बंद होने लगी तब जाकर मृत्युजय ने उसे छोड़ा,, फिर उसके गले पर आकर चूमने लगा और एक बार फिर से उसके बाथरूब की नोड खोलने लगा,, तभी धानी,,please हमे पापा मिलने दिजिए,

वहीं मृत्युजय ने कुछ देर धानी की आंखो में देखा,, फिर expression less होकर बोला,, पहले मुझे sex करना है। और मैने पहले ही कहा है। की तुम कल सुबह से पहले इस रूम से बाहर नही जा सकती,, मृत्युजय की बात सुन धानी की आंखे भर आई,, वो उसके आगे हाथ जोड़ते हुए बोली please,,

आप जो कहेंगे हम वो करेंगे,, उसकी बात पर मृत्युजय ने कुछ देर उसकी और देखा और बोला,, तो तुम्हें जो कहूंगा करोगी,, उसकी बात पर धानी ने हां में सिर हिला दिया,, अब मृत्युजय उसके ऊपर से हटा,, और धानी जल्दी से अपनी जगह से उठी और जल्दी से अपनी बाथरोब की नोट बंधी,, जल्दी से बॉथरूम में भाग गई,,

वहीं उसके जाते ही मृत्युजय के चेहरे पर devil expression लिए बोला तुम अपनी बात में अब खुद फस गई हो shygirl,, अब तुम्हें मुझसे कौन बचाएगा,, आज रात तुम.....

इतना कह वो चुप हो गया,, और उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। अब वो कमरे से बाहर निकला और उसने अरव को धानी के कपडे लाने का messege कर दिया,, और हॉल में चला गया,,

वहीं हॉल में,,

Sourav जी बेहद गुस्से से इधर उधर चक्कर लगा रहे थे। क्युकी उन्हे थोडी देर पहले kashab जी ने सब बता दिया था। जिसके कारण वो बहुत जायदा गुस्से में थें। उन्होंने बहुत बार सौरव जी का गुस्सा शांत करने की कोशिश की पर,,

सौरव जी उसकी एक बात मानने को तैयार नहीं थे। वहीं जब मृत्युजय नीचे आया,, उसने सौरव जी को देखा,, पर अगले ही पल बिना किसी रिएक्शन के सामने सोफ़ा पर जाकर,, सौरव जी की तरफ पैर कर,, काफी टेबल पर पैर टिका कर बैठ गया। और अपने पैर हिलाने लगा,,

वहीं सौरव जी उसका रिएक्शन देख और भी जायदा गुस्से में भर गए,, वहीं kashab जी और संस्कृति जी को भी मृत्युजय पर हद से जायदा गुस्सा आ रहा था। वहीं अरु अभी वहा पर नही थी। क्युकी उसकी तबियत ख़राब हो गई थी, क्युकी वो खुद नही जानती थी। की वो सौरव जी को क्या कहेगी,, सोच सोच कर उसकी तबियत ख़राब हो गई थी।

वहीं मृत्युजय के चेहरे पर किसी तरह की शिकन तक नही थी। वो बड़े गुरूर सोफा पर बैठा था। वहीं मृत्युजय की हराकात पर सौरव जी के जबड़े कसे हुए थे। वो अब kashab को गहरी नजरो से देख रहे थे। जैसे नजरो से ही उन्हे कह रहे थे।

की इसे अपनी बेटी दू,, जो बड़ों का समान करना भी नही जानता,, वहीं kashab जी की तो सौरव जी के सामने नज़रे ही झुक गई थी।

पर सौरव जी की एक बार नजर फिर से मृत्युजय पर आ चुकी थी। और इन्होंने अगले ही पल और भी जायदा क्रोध से,, धानी का नाम पुकारा,,dhaani.........

तभी सीढ़ियों से पायल के छन छनने की आवाज और सभी की नजर सीढ़ियों की तरफ चली गई,, डार्क मेहरून कलर की की नेट की साड़ी,, और ऊपर से लाइट वेट पल्लू पर डायमंड वर्क,, और खुले बाल बिच में पूरी मांग भरी हुई,, छोटी सी बिंदी,, और अब उसके नाक में कोका नही,, छोटी सी डायमंड की नग की नथनी,, और लिप्स पर डार्क मेहरून लिपस्टिक और गले में मानगलसूत्र,, कमर पर भी डिमांड का कमर बंध जिसमे छोटे छोटे मोती लगे थे।

आंखो मे काजल और गाल नेचुरली रेड,, कुल मिला कर धानी आज बवाल लग रही थी। धानी को देख सभी की नजर उस पर ठहर सी गई थी। वहीं मृत्युजय तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया था। उसे वही फीलिंग दोबारा हो रही थी। जो अभी कुछ देर पहले हो रही थी। वो जो feel कर रहा था। उसे खुद को समझ नही पा रहा था। पर अगले ही पल उसके चेहरे पर छोटी सी न देखने वाली smile आ गई,,

वो अपने मन में बोला कुछ बात तो है। तुम में shygirl,, जो हर बार मेरा ध्यान बार बार अपनी और खींच लेती हो,,

वहीं dhaani का पूरा ध्यान अपने पापा पर था। जो लाल आंखो से dhaani को ही घूर रहे थे। गुस्से से उनकी आंखे हद से जायदा लाल थी। अपने पापा की इतनी लाल आंखे देख कर धानी का दिल जोरो से धक धक कर रहा था।

उसे हद से जायदा डर लग रहा था। जिस वजह से उसके पेट में दर्द होने लगा था। और उसकी आंखे हल्की हल्की नम होने लगी थी। वो अब अपने पापा के सामने आकर खड़ी हुई,,

और अगले ही पल हॉल में चटाक की आवाज गूंज गई,,

और धानी अगले ही पल लडखडा गई,, इससे पहले वो गिरती मृत्युजय ने उसे संभाल लिया,, वहीं संस्कृती जी ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया,, और kashab जी ने भी अपनी आंखे कस कर बंद कर ली,,, वहीं मृत्युजय की आंखो में खून उतर आया था। उसका चेहरा पूरा काला पड़ गया और उसकी माथे की नसे तन चुकी थी।

उसकी हाथों की मुठिया कस चुकी थी। उसने अब धानी को पीछे कर अगले ही पल सौरव का कॉलर पकड़ कर झगझोडते हुऐ,,how dare you,,you,,

अभी वो बोल ही रहा था। के धानी ने बिच में आकर मृत्युजय का हाथ पकड़ कर उसे पीछे खींचते हुए,, बोली आपकी हिम्मत कैसे हुई,, हमारे बाबा का गिरेबान पकड़ने की,,

उसकी बात पर,,, मृत्युजय दांत पीस कर,, अभी तो गिरेबान पकड़ा है। दिल तो कर रहा है। इसे जान से मार दू,, इसकी हिम्मत कैसे हुई,, तुम पर हाथ उठाने की,,

उसकी बात पर धानी,,, जबड़े कसते हुए,,जुबान संभाल कर Mr MR,,, मेरे बाबा है। वो थप्पड तो क्या,, उनका हक मुझे जान से मरने का भी है। उसकी बात पर मृत्युजय ने उसके बालों को मुट्ठी में भर कर ,, दांत पीसते हुए,, बोला,, होता होगा तुम पर हक,, पर अब तुम सिर्फ़ मेरी हो,,

और तुम्हारी हर सांस पर सर्फ मेरा हक है। उसकी बात पर सौरव जी की आंखे हद से ज्यादा लाल हो गई,,, पर इन्होंने मृत्युजय को अब भी कुछ नही कहा बस अपनी लाल आंखो से देख रहे थे।

तभी संस्कृति जी मृत्यु ये क्या तरीका है। अपनी बीवी से पेश आने का,, वहीं मृत्युजय ने अपनी मां की बात का कोई जवाब नही दिया,, और एक टक धानी की आंखो में झाक कर देखता रहा,, और अगले ही पल उसकी पकड़ उसके बालों पर ढीली हो गई,,

मृत्युजय ने dhaani के बालों को छोड़ा और उनकी तरफ पीठ कर खड़ा हो गया,, साफ पता चल रहा था। की वो अपने गुस्से को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।

वहीं धानी ने अब अपने पापा की तरफ देखा,, जिनका चहरा अब पूरी तरह से expressionless था। और वो एक टक सीधा देख रहे थे। तभी धानी कुछ बोलने को हुई,, पर अगले ही सौरव जी बैग पैक करो,,

हमे अभी निकलना है। हम कल ही तुम्हारी शादी,, की बात शिवम जी से करेगे,, जैसे ही सौरव जी ने कहा,, धानी के पैरों तले जमीन खिसक गई,,

वहीं मृत्युजय का गुस्सा अब सातवे आसमान पर पहुंच गया था। वो अब अपनी क़मर से गन निकालने ही वाला था। के तभी धानी की आवाज उसके कानो में पड़ी,,

वो अपनी लखड़ाती आवाज में बोली कैसे बाते कर रहे है। आप पापा,, वो हमारे पति है। हमारी सच में शादी हो चुकी है। हम मानते है। वो आपके सामने थोड़ा गुस्सा कर रहे है। पर वो बहुत अच्छे है। पापा,,

उसकी बात पर सौरव जी हां अभी उसकी अच्छाई देख चूका हु। जाओ जाकर कपडे पैक करो,, और हमे अभी निकलना है। सौरव जी की बात पर धानी एक पल के लिए सौरव जी को दिखती रह गई,,

फिर कुछ देर रुक कर नही पापा हम ऐसा नहीं कर सकते,, और अपने ही हमे सिखाया है। हमेशा मायके से लड़की की डोली उठाती है। और ससुराल से हमेशा एक लड़की की अर्थी उठती है। तो हम अपने संस्कारों को कैसे झुटला से पापा,,

धानी की बात पर सौरव जी,, हम अखरी बार पूछ रहे है। हमारे साथ चलोगी या नही,,

तभी धानी पर पापा,,

हां या ना.....

अपने पापा की बात पर धानी की आंखो से आंसु लगातार बहे जा रहे थे। वहीं संस्कृति जी और jashab जी को भी धानी के लिए काफी बुरा लग रहा था।

तभी सौरव जी एक बार फिर से सख्त लहजे में,, हां या ना....

सौरव जी की बात पर अब धानी ने कस कर अपनी आंखे बंद की और बोली नही पापा हम नही जा सकते,, उसकी बात पर एक पल के लिए मृत्युजय के चेहरे पर गुरूर के भाव आ गए,, और उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई।

वहीं धानी पर पापा,, इससे आगे वो कुछ बोलती तभी सौरव जी,, बिना उसकी बात,,, सुने अब हमारा तुमसे कोई नाता नहीं,, और आज से बल्की अब से हमारी बेटी हमारे लिए मर गई।

अपने बाबा की बात सुन कर धानी का दिल धक सा रह गया,, वो आगे बड़ने को हुई,, पर तब तक सौरव जी अपने तेज कदमों से वहां से निकल गए,,

वहीं धानी अब वहां पर घुटनो के बल बैठ कर फुट फुट कर रोने लगी,,

वो आज पुरी तरह से टूट चुकी थी। उसे अपने दिल में एक दर्द महसूस हो रहा था। वो अभी रो ही रही थी।

के तभी किसी ने dhaani के आगे रूमाल किया,, और रू

माल को देख धानी ने अपनी आंखे उठाई तो सामने मृत्युजय भाव हीन खड़ा था।

To be continue......

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