
Rathore villa,,
Mrituejaye's room,,
मृत्युजय और धानी इस वक्त बाथरूम में,, था और मृत्यु जय वाल्डली धानी के अंदर खुद को thrust कर रहा था। और उसकी नजरे धानी की आंखो में थी। वो continue धानी के अंदर खुद को थ्रस्ट कर रहा था। वहीं धानी बूरी तरह से चीख रही थी। वो मृत्युजय की आंखो में देखते हुऐ बोली please MR मुझे छोड़ दिजिए,, हमे बहुत दर्द हो रहा है
और ये दर्द हमसे बर्दाश्त नही हो रहा,, और हमे वाशरूम उसे करना है। लगाता है। हमे पोरोड्स हो गए है। पर मृत्युजय की आंखो में तो जेसे जिद सवार थी। उसने फिर भी धानी को नही छोड़ा,,
धानी की चीखे निकलते हुए,, देख,, मृत्युजय को एक अलग ही मजा आ रहा था। उसे अंदर से एक प्लेजर फील हो रहा था। अब मृत्यु जय ने एक झटके से अपना di*ck एक झटके से धानी की puss*y से बाहर निकाला और उसे अपनी तरफ घुमाया,, और एक नजर मृत्युजय ने अपने di*ck को देखा,, उसपर धानी का ब्लड लगा हुआ था।
जिसे देख कर मृत्युजय के चेहरे पर डेविल expression आ गए थे। वही धानी इतना जायदा अनकॉफोर्टेबल हो गई थी। की उसकी आंखो में नमी उतर आई थी। उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया था।
पर मृत्युजय को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा,, उसने अब धानी को कमर से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया,, धानी की आंखे हैरत से फैल गई,, और अगले ही पल उसके पैर खुद ब खुद मृत्युजय की कमर पर लिपट गए,,
और अगले ही पल मृत्युजय ने खुद को उसके अंदर एक बार फ़िर से फोर्स से इंटर किया,, और इस बार मृत्युजय की force इतनी जायदा थी। की धानी की चीख तो निकली ही साथ में बेचारी का pee भी नीकल गया,,
पर मृत्यु जय नही रूका,, ना जानें कितनी देर वो धानी कै साथ बाथरूम में इंटिमेट होता रहा,, इतने में कई बार सर्वेंट आए और गेट नोक कर चले गए,, संस्कृती जी भी दोबारा आई,, पर मृत्युजय कोई जवाब नही आया,, आता भी कैसे मृत्यजय तो बेचारी धानी की बैंड बजाने में लगा हुआ था। और अलग अलग पोजीशन ट्राई कर रहा था।,, अब तीन घंटे बाद मृत्युजय अपनी क़मर पर टावल लपेटे और धानी को बाथरूब पहनाए,, रूम में लेकर आया,, धानी के शारीर में अब इतनी जान नही बची थी। की वो उठ भी सके,, वहीं मृत्यु जय अब वार्डरोब की तरफ गया और अपने कपडे पहन कर बाहर आया,,
और उसने एक नजर धानी की तरफ देखा जो थक कर सो चुकी थी। वो उसकी तरफ देख कर बोला,, वैसे कुछ तो बात है। तुम में जो मृत्युजय राठौर की नजर बार बार तुम पर आकर ठहर जाती है। ये तुम्हारी भोली सूरत मासूम सा चेहरा,, ऊपर से ये जो तुम्हारा.....
इतना कह रुक गया,,,, उसकी नजर अब धानी के जिस्म की और थी,, जिसे वो ऊपर से नीचे तक देख रहा था। उसे एक बार फिर से अपने dic*k sensitivity फील हो रही थी पर इस बार उसने अपनी नज़रे धानी से हटा ली और तेज कदमों से बाहर की तरफ चला गया,,
और दरवाज़ा पूरी तरह से लॉक कर गाया,,,
वहीं दूसरी तरफ़,,
हाल में,,
अरु धानी को कब से ढूंढ रही थी। उसे धानी को ढूंढते हुए,, तक़रीबन 1 घंटा हो गया था। पर धानी का कही भी पता नही चल रहा था। वो अपनी मोम संस्कृति जी से बोली मां मैं क्या करूंगी,, अगर धानी के पापा को पता चल गया की धानी मिसिंग है।
और मिल नही रही तो वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे और,, अभी कुछ दिन बाद उसकी भी मांगनी थी। और इसके पापा ने मेरे फोर्स करने पर उसे यहां भेजा था। यार मैं क्या मुंह दिखाऊंगी उन्हे,, वहीं संस्कृति जी के चेहरे पर परेशानी की लकीरें थी। क्युकी कहीं न कही,, वो भी अब परेशान होने लगी थी। क्युकी सुबह से उन्होंने धानी को नही देखा था।
सब ने पूरा राठौर विला छान मारा था। पर परी कही भी नही मिली थी। और अब तो लगभग दुपहर के 1 बज गए थे। आज हल्दी थी। पर हल्दी भी बिच में रोक दी गई थी।
संस्कृती जी अब अरु को गले लगाते हुए,, बोली बेटा चिंता मत कर मिल जायेगी धानी,, और कहा जा सकती है। यही पर होगी संस्कृती जी की बात पर अरु"" no mom I found her everywhere ""but still she never anywhere,,
तभी पीछे से कड़क आवाज उन सब के कान में पड़ी ये क्या हो रहा है । और हल्दी अभी तक शुरू क्यू नही हुई। उसकी बात पर अरु भागते हुए,, आकर मृत्युजय के गले लग कर सुबक कर रोने लगी,,
तभी मृत्युजय hey my baby,,what happened? क्यू रो रही हो,, आज तो तुम्हारी तो आज हल्दी है। न और हल्दी का function अभी तक हुआ क्यू नही?
तभी संस्कृती जी बोली क्युकी धानी कहीं नहीं मिल रही हम उसे कब से ढूंढ रहे है। पर वो कहीं मिल नही रही।
संस्कृति जी की बात पर मृत्युजय का चहरा एक दम expression less हो गया,, और अगले ही पल बोला,,she is in my room,,,
और वो कल रात से मेरे साथ ही है। मृत्युजय की बात पर संस्कृती जी और अरु के चेहरे पर सवालिया expression आ गए,, तभी संस्कृति जी पर को तुम्हरे कमरे....
अभी वो इतना ही बोली थी। की आगे जो मृत्युजय ने कहा उससे संस्कृति जी का दिल मानो धड़कन ही छोड़ गया,,
वहीं मृत्युजय अपनी बात आगे बढ़ाते हुए,, बोला,,,she is now my wife mom,, सो अब वो मेरे कमरे में नही रहेगी
तो कहा रहेगी।
Rothore villa,,
हॉल में,,
हॉल में सब लोग हैरानी से मृत्युजय को देख रहे थे। क्योंकि जो बात अभी अभी,, मृत्युजय ने कही थी। उसे सुन संस्कृति और अरु के चेहरे को हवाइयां उड़ गई थी। अरु के तो जैसे पैरो में जान ही नहीं बची थी। पर तभी संस्कृति मृत्युजय की बात को नकारते हुए बोली,, कैसे बाते करते हो मृत्यु ये कोई 4मजाक का वक्त नही है। धानी सच में ......
अभी वो बोल ही रही थी। की मृत्युजय एक दम स्पॉट लहजे में बोला,, इसमें मजाक की कौन सी बात आ गई मोम,, और आपको मेरी शक्ल देख कर लगाता है। की मैं किसी तरीके के मजाक के मूड में हु। मृत्युजय की बात पर अब संस्कृति जी को पुरी तरह से भरोसा हो गया था।
क्युकी मृत्युजय का चहरा बिलकुल expression less था। जिससे साफ पाता चल रहा था। की वो झूठ नही बोल रहा,, वहीं अरु तो जैसे बस उसकी जान निकली बाकी रह गई थी। क्योंकि वो बड़ा भरोसा दिला कर,, धानी के पापा को,, धानी को यहां लाई थी।
और ऊपर से कुछ दिन बाद ही,, धानी की भी इंगेजमेंट थी। उसके पैर लडखडा गए,, तभी पीछे से अरु का होने वाला पति vikram bhansali,, उसने अरु को संभाल लिया,,bhansal family पूरी राठौर विला में थी। क्युकी आज अरु और विक्रम की हल्दी की रसम थी।
क्योंकि सुबह से धानी का कुछ भी पता नही चल पा रहा था। पर अब जब पता चला था। तब सबके होश उड़ चुके थे। तभी संस्कृति जी आगे आईं,, और वो मृत्युजय पर हाथ उठने लगी पर अगले ही पल मृत्युजय ने संस्कृति जी का हाथ पकड़ लिया,, और दांत पीस कर बोला,,
मोम ये हरकत मत कीजिएगा,, मैं ऐसा बेटा नही की किसी से भी थप्पड खा लू,, और ये तो आप है,, इस लिए कुछ नहीं कहा,, यही अगर कोई और होता तो,, उसकी बाजू उसके जिस्म से अलग हो चुकी होती,,
मृत्युजय की बात पर संस्कृति का दिल,, से एक टीस उठ रही थी। वो मृत्युजय की तरफ देख कर बोली,, हमने गलती करदी मृत्यु तुम्हें यहां बुला कर,, हमसे गलती हो गई,,,, अरे इस बच्ची की कुछ दिन बाद सगाई थी। और ये तुमने क्या किया,, हम क्या मुंह दिखाएंगे,,
इतना कह वो पीछे होते हुए बोली तुम्हें पता भी तुम्हाती इस गलती की सजा धानी के लिए कितनी बड़ी होने वाली है। अरे उसके बाबा को जब ये बात पता चली,, वो धानी को छोड़ देंगे,,
वहीं मृत्युजय अब भी expression less होकर बोला,,so what can I do,,, I don't care about that,, की उसके बाबा क्या कटते है। मुझे बस इतना पता है। की वो अब सिर्फ़ मेरी है।
तभी सस्कृती जी अरे वो अमानत थी। किसी की,, अभी मृत्युजय दांत पीस कर बोला,, वो सिर्फ़ मेरी है। और रही बात अमानत की को किसा रात को खत्म हो चूका है। और अब वो पूरी तरह से मेरी हो चुकी है। मैने उसको हर तरीके से अपनी बना लिया है।you now ना what I mean mom,,
उसकी बात पर संस्कृती जी उसे घिन भारी निगाहों से देख रही थी। वहीं अरु तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। पर संस्कृति जी अब आगे कुछ बोलने को हुई। की तभी kashab राठौर जी मृत्युजय के पापा की आवाज संस्कृति संस्कृति के कानो में पड़ी,,
बस बहुत हो गई बहस संस्कृति,, जिसे तुम सुना रही हो उसे कुछ फरक भी पड़ रहा है। और अब इस बात से कुछ,, भी पहले जैसा नही हो सकता,, और धानी इस घर की बहु है। तो अब कल के मंडप में एक और,, शादी होगी,, मृत्युजय और धानी की,,,
Khasab जी की बात पर मृत्युजय हमारी शादी हो चुकी है। और अब मुझे फालतू के ड्रामे नही चाहिए,,,
मृत्युजय की बात पर kashab जी दांत पीस कर बोले,, ये शादी तुम्हें करनी होगी,, क्युकी आज ही धानी के बाबा को यहां बुलाया जाएगा उनसे शादी की बात की जायेगी,,, समझे,, और तुम इस चीज से दूर रहना,, तुमने अपनी मर्जी तो कर लो अब हमारी बारी है।
And this is my order,, तभी मृत्युजय उनकी बात बीच में कटते हुए,, मृत्युजय राठौर को कोई ऑडर दे ये किसी में दम नहीं और मृत्युजय खुद में ही एक order है। लोगो को उसकी इंस्ट्रक्शन पर चलना पढ़ता है। इतना कह मृत्युजय अपने रूम में वापिस चला गया,, वहीं kashab जी के जबड़े कसने लगे थे।
वो गुस्से में कांपते हुए बोले,, ये शादी तो तुम्हें करनी पड़ेगी चाहे उसके लिए ,, मूझे धानी को क्यो न बिच में लाना पड़े,,, उन्होंने अब संस्कृति जी को,, धानी के पापा,, सौरव गुप्ता को फोन करके बुलाने को कहा,,
वहीं दूसरी तरफ रूम,,
धानी बड़े आराम से उसी बैथरोब में सोई हुई थी। जो वो बाथरूम से पहन कर आई थी। के तभी उसे अपना बाथरोबे खुलते हुए महसूस हुआ,, और फ़िर उसे अपने बूब्स में हलकी हलकी सेंसेशन फील होने लगी जिससे वो नींद में कसमसाने लगी,,
पर उसकी आंखे अभी भी नही खुली थी। क्युकी देख कर ऐसा लग रहा था। वो काफी गहरी नींद में सोई हुई हो,, तभी उसे अपनी pussy पर कुछ गरम गरम फील होने लगा,, जिससे उसकी सांसे गहरी होने लगी,, और अगले ही पल उसकी आंखे खुल गई।
और अगले ही पल उसकी आंखे बड़ी हो गई,, क्योंकि धानी का बाथरूब पुरी तरह से खुला हुआ था। और मृत्युजय ने उसके पैरों को पूरी तरह से फैला रखा था। और उसकी p*ussy पर अपने होंठ रखे हुए थे। और उसके clitoras को suck कर रहा था। और उसकी नजरे धानी के चेहरे पर लागतार बनी हुई थी।
उसकी आंखे खुलती देखी,, तो उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई,, और अब उसने अपनी दो फिंगर धानी की pussy में इंटर कर दिया,, उसकी finger काफी मोटी थी। जिससे अगले ही पल धानी की सिसकियां नीकल रही थी।
और वो request भरी निगाहों को देखते हुऐ बोली please अब नही हमसे नही होगा हमरा बदन टूट रहा है। तभी मृत्युजय अपनी fingers को move करवाते हुऐ,,sorry shy girl अभी कुछ देर पहले,, तुम्ही ने मुझे प्रोवोक किया था। और अब तो तुम सारा दिन और कल की सुबह तक इस कमरे से बाहर नही जाओगी ,,
उसकी बात पर धानी का दिल जोरो से धक धक करने लगा,, पर अगले ही पल उसके आंखो में नमी तैर गई,, वो बोली आपने ही हमे मजबूर किया बोलने के लिए,, आप ऐसे कैसे कह सकते है। की आप और लड़कियों के साथ...
इतना कहते हुऐ उसकी आवाज अब कांप रही थी। उसका गला भर आया था। एक पल के लिए,, मृत्युजय उसकी आंखो में देखता रहा फिर अगले ही पल दोबारा expretionless होकर बोला,,
ये realty है।shygirl मैं ऐसा ही हु। और इस सच्चाई को तुम्हें except करना सीखना होगा,, और ये तुम्हें बर्दाश्त करना होगा,, उसकी बात सुन धानी की आंखो से आंसू और भी तेज हो गए, वो तड़प कर बोली,, हम नही देख सकते अपको किसी और के साथ,,
हम मर जायेंगे,, उसकी बात पर एक पल के लिए,, मृत्युजय उसकी और देखता ही रह गया,, वहीं धानी अपनी बात को आगे जारी करते हुऐ बोली,, अगर हम ऐसे कल को किसी....
Aaahhhh
अभी उसने बोला ही था। के मृत्युजय ने उसके बालों को मुट्ठी में भरते हुए बोला,, जिस दिन तुम्हें किसी के साथ देख भी लिया न shygirl,, वो दिन तुम्हारी जिंदगी का आखिरी दिन होगा,, तुम्हरे इस जिस्म को छुने का हक सर्फ मेरा है।
तुम्हारे हर अंग हर सांस पर बस मेरा नाम होगा, तभी धानी आप करे तो सही आप भी तो कयो के साथ,, अपना बिस्तर को रंगीन करेंगे अगर हम कर लेंगे......
अभी वो बोल ही रही थी। की मृत्युजय ने उसके होंठो पर अपने होंठ रख उसे किस करने लगा,, और उसकी किस्स,, किस्स कम, लग रही थी। क्युकी वो पूरी तरह से धानी के होंठो को काट रहा था। और बढ़ते पल के साथ,, उसकी किस और जायदा वाइल्ड होती जा रही थी। क्युकी,,dhaani उस किस्स में बिलकुल भी इन्वॉल्व नही हो रही थी।
धानी की आंखो से लागतार आंसू आ रहे थे। पर उसके मुंह से एक बार भी,, एक बार भी सिसकी नही नीकल रही थी। वहीं मृत्युजय ने उसके होठों को छोड़ा तो उसके होंठ से खून रिस रहा था।
वो बोला,, रिस्पॉन्स me god demmn,, तभी धानी ने आंखो में नमी लिए ना में सिर हिला दिया,, और ये बात देख कर अब मृत्युजय दिमाग पूरी तरह से घूम गया,, क्युकी धानी पहली लड़की थी। जो इसे बिना डरे आंखो में आंखे डाल न बोल रही थी। और ये बात शायद मृत्युजय के male ego को हर्ट कर रही थी।
अब उसने अपने शर्ट के बटन खोलते हुए बोला,, करना तो तुम्हें पड़ेगा ही,, तभी धानी,, अगर आप चाहते है। की हम आपकी बात माने तो,, अपको हमे promise करना होगा कि आप किसी लड़की के पास नही जायेंगे,,
वहीं मृत्युजय उसकी बात पर तिरछा मुस्कुराया और बोला ये कभी नही हो सकता बीवी,, मेरा जब मन करेगा मैं तब किसी भी लड़की के साथ sex करूंगा और तुम मुझे रोक नही सकती,,,
तभी धानी हम आपको रोक कर दिखाएंगे,, उसकी बात पर मृत्युजय सरकास्टिक वे में और वो कैसे,, वही धानी अपनी बात आगे बढ़ाते हुए,, हम आपको अपने ishq की ऐसी तलब लगाएंगे की अपके अंदर हमारे सिवा कुछ बचे गा ही नही,, कहते है।ishq एक ऐसा रोग है।
अगर किसी को लग जाए तो उस के इलावा और कुछ चखने की तलब नही रहती और हम आपको अपने ishq की तलब में इतना पागल कर देंगे,, की अपको हमारे सिवा कुछ दिखाई न दे,,
वहीं मृत्युजय का आज पहली बार जैसे दिल की धड़कन को मेहसूस किया,, पर उसने अपने चेहरे पर आने नही दिया,,, वहीं धानी शादी तो आपसे हो ही गई है। और अब हम आपसे वादा करते है। आप ही हमारी शरवात है। और आप ही हमरा अंत,, और ये धानी,,, अपको अपना ishq तो बनाएगी पर उसके साथ,, अपको भी उस इश्क की तलब में जलाएगी,,
एक वक्त आएगा,, तड़पेंगे हम और दर्द अपको होगा,, और वो वक्त बहुत जल्द आएगा,, आप क्या कहते है। की आप किसी के भी साथ.....
इतना कह उसका गला एक बार फिर से भरने लगा था। पर उसने खुद को कंट्रोल किया और बोली जाइए,, हम आप को छूट देते है। जिसके साथ आज भी अपनी रात रंगीन करनी है। कर लिजिए,,
अपको ये धानी राठौर नही रोकेगी,, अपके हाथ खुद आरउकेंगे किसी को छुने से और ये हमरा विश्वास है। इतना कह वो अपनी जगह से उठने लगी तभी मृत्युजय जो की उसकी बाते में कही खो सा गया था। उसने जल्दी से धानी का हाथ पकड़ लिया ,, और बोला,, अगर मैने किसी और के साथ,, रात बीता ली तो,,,
मृत्युजय की बात पर धानी का दिल तड़प रहा था। पर वो अपनी तड़प को छुपा कर बोली,, तो हम यहां से बेहद दूर....
तभी मृत्युजय ने धानी को बेड पर गिरा दिया,, वहीं धानी का दिल जो जोरो से धक धक करने लगा,,
पर तभी उसके कानो में एक जानी मानी आवाज गूंजी वो भी किसी के चिल्लाने की ,,,
Dhaani.........
और ये आवाज थी। सौरव गुप्ता कि,,, वहीं अपने पापा की आवाज सुन
धानी का दिल धक सा रह गया,,
वहीं मृत्युजय के चहरे पर डेविल स्माइल आ गई.....
To be continue.....
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