04

Jalous,MR

Rathore villa,,

Dhaani's room,,

अभी अभी धानी भाग कर बाथरूम से बाहर निकली थी। और भाग कर सीधा closet room में जाकर उसने दरवाजा लॉक कर लिया था। इस वक्त धानी पूरी तरह से नेक्ड थी। धानी वहीं closet के डोर से सट कर जमीन पर बैठ गई थी। उसने अपना मुंह अपने घुटोनो में दे अपना मुंह दबा कर फुट फुट कर रोने लगीं थी,,

वहीं बाथरूम में मृत्युजय अभी भी अपनी जगह पर खडा था। वो पूरी तरह से जम चुका था। वो अपने मुंह में बोला she is vergen,, इतना कह,, उसके चेहरे पर अभी तक कोई expretion नही आया था। पर एक बार फ़िर वो खुद से बोला,,she is vergen,, इतना कह इस बार मृत्युजय के चेहरे पर इंटेंस स्माइल आ गई।

अब वो अपने दिल में बोला,, I like it,,shy girl ""now that time,,you all of mine only ""और अब तुम्हें मुझसे कोई नही बचा सकता,,

इतना कह इसके चेहरे की स्माइल और भी इंटेंस हो गई थी। अब वो बाथरूम से बाहर निकला और,, एक नजर उसने closet room की तरफ देखा ,, closet room से अभी भी धानी के सिसकने की आवाज आ रही थी।

वो closet की तरफ देख कर बोला,, रो लो अभी जितना रो सकती हो पर अब से तुम्हारे रोने पर,, हंसने पर,, तुम्हारे दुख दर्द हर एक चीज सिर्फ मृत्युजय राठौड़ का हक होगा,, इतना कह अब मृत्युजय रूम से नीकल कर वहा से चला गया।

वहीं closet में धानी रोते हुए खुद से,, ये हम क्या कर रहे थें। हम इतनी गिरी हुई हरकत कैसे कर सकते है। हम कैसे ऐसे किसी के छूने भर से बहक सकते है। और वो ऐसे कैसे हमे छू सकते है। नही हमे उनसे दूरी बना कर रखनी होगी,, हमे जितना हो सके उनसे दूर रहना होगा,, इतना कह उसने अपने आंखो के अंसो पोंछे,, ओर खुद से बोली_____""उनके वो गंदे word अभी तक हमारे,, दिमाग से नीकल नही रहे,, इतना कह उसे दोबारा मृत्युजय की बात याद आ गई। मैं तुम्हें साथ sex करना चाहता हु। I wana fuck you ""उसकी बात याद आते ही उसने अपने कानों पर हाथ रख लिए। और phir से फुट फुट कर रोने लगीं,, ना जाने कितनी देर तक रोती रही।

ऐसे ही दुपहर पूरी बीत गई। धानी कपडे पहन अपने रूम में रही और आज सुबह का माहौल देख,, हल्दी का function भी कल तक dilay कर दिया गया। आज सिर्फ मेंहदी funtion का डिसाइड किया गया।

अब शाम को मेंहदी की त्यारियाँ हो रही थी। अब तक शाम के सात बज चुके थे। सब ने अपना अपना रेडी होना शुरु कर दिया था। वहीं राठौड़ विला के बाहर,, सब तरफ तैयारियां चल रहीं थी। कुछ 8 बजे तक मेहमानो का आना शुरु हो गया,,, वहीं मृत्युजय अपने रूम की बालकनी में खड़ा बाहर की तरफ देख रहा था। और तभी उसकी नजर,, राठौड़ विला के दरवाज़े की तरफ गई। और एक पल के लिए उसकी आंखे वही पर जम गई।

क्युकी दरवाज़े पर धानी और अरु खडे थे। अरु ने इस वक्त सी ग्रीन शरारा सूट और धानी ने इस वक्त,, सी ग्रीन कलर का सारी पहनी हुईं थी। जिसकी ब्लाउज बहुत छोटी और बोल्ड था। और उस ब्लाउज को सिर्फ डोरियों ने संभाल रखा था। और ऊपर से धानी ने net का अंचल था जिसने उसके सीने को ढका हुआ था। और बाल खुले छोड़े थे। जो की कमर से भी नीचे लहरा रहे थे।

और आंखो में काजल न्यूड मेकअप हल्का,, धानी किसी परी से कम नहीं लग रही थी। वहीं मृत्युजय उसकी तरफ देखता ही रह गया ,,, वो एक टक देखे जा रहा था। पर अगले ही पल उसकी आंखे सर्द हो गई।

क्युकी अभी अभी वहा एक लड़के ने आकर सीधा धानी को हग कर लिया था। वहीं धानी तो बिलकुल शॉक्ड ही रह गई थी।

वहा मृत्युजय की आंखे एक दम सर्द हो गई थी। वो जल्दी से अपने कमरे से बाहर निकला,, वहीं गार्डन में,, जो लड़का धानी के गले लगा था। वो पीछे हुआ,, और धानी की तरफ देख कर बोला,, धानी मैने सोचा नहीं था। की तुम यहां मिलोगी,, तभी धानी अरे युवराज तुम यहां,, तभी युवराज हां यार पापा के ke friend है। काशब राठौड़ so उन्होंने हमें भी इनवाइट किया था।

तो आ गया,, तभी अरु तुम लोग बात करो मुझे अभी जाना होगा मां बुला रही है। अरु की बात पर धानी ने हा में सिर हिला दिया । और स्टेज की और चली गई,, वहीं युवराज धानी से बात कर ही रहा था। वो धानी की तरफ देख कर बोला,, मुझे लगा था। मैं अकेला ही रह जाऊंगा,, क्युकी बड़े होंगे तो मैं बोर हो जाऊंगा,, पर अब तुम जो मिल गई,, तो बोर होने का चांस ही नही बनता,, तभी युवराज का फ़ोन बजा,, वो धानी को excuse कर फोन पर बात करने चला गया,, तभी धानी आगे बड़ने को हुई,, तो धानी को अपनी ब्लाउज को डोरी ढीली महसूस वो जल्दी से दोबारा अंदर की तरफ चली गई।

वो अपने हाथो को पीछे ले जा कर अपनी डोरी को सही करने की कौशिश कर रही थी। जिस चक्कर में उसने अपना सिर झुका रखा,, वो अपनी डोरी सही कर ही रही थी।

की सामने से मृत्युजय आ रहा था। धानी ने मृत्युजय को देखा ही नहीं,, पर मृत्यु जय की सर्द नजर उसी पर थी। वो जल्दी से धानी के पास आया,, और अगले ही पल धानी को गोद में उठा कर ऊपर सीढियां चढ़ने लगा,,

वहीं धानी ऐसे एक दम से मृत्युजय के आने से हड़बड़ा गई। उसे तो पता ही नही चला था। की आखिर अभी अभी हुआ क्या,, तभी जब उसकी नज़र मृत्युजय पर गई,, तो dhaani का दिल धक सा रह गया।

मृत्युजय ने अब धानी को अपने रूम में लाकर बेड पर पटक दिया। मृत्युजय के ऐसे पटकने से धानी बूरी तरह से कांप उठी,, वो अपनी कांपती हुई आवाज में बोली,, आपकी हिम्मत कैसे हुई हमे यहां लाने की,, और ये क्या हरकत है। इतना कह वो पीछे खिसकने लगी,,

धानी की बात पर मृत्युजय ,,,,,हिम्मत की तो बात मत करो,, किसी की भी bund मार लू,, मृत्युजय की बात पर धानी,, और भी डर गई। वो अपने हाथ जोड़ते हुए बोली हमने अपका क्या बिगाड़ा है। जो आप हमारे साथ एसा कर रहे है।

Please हमे जानें दीजिए,, तभी मृत्युजय अब तुम कहीं जानें का सोच भी नही सकती क्युकी अब से तुम सिर्फ मेरी हो,, तुम्हारे बदन पर हँसी पर खुशी पर,, हर एक तुम्हारी चीज पर मेरा हक है।

और अब मृत्युजय धानी पर थोडा झुक कर बोला,, यहां तक तुम्हारी वर्जनिटी भी मेरी है। उसकी बात पर धानी का गाला सूखने लगा,, उसका दिल जोरो से धक धक करने लगा।,, उसने अब मृत्युजय को जोर से धक्का दिया,, और जल्दी से दरवाजा की और भागने लगीं,, पर तभी उसके ब्लाउज की पीछे से एक साइड से डोरी टूट गई।

डोरी टूटते ही धानी के होश उड़ गए,, वहीं मृत्युजय के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। मृत्युजय जो की धानी के धक्का देने से जान बूझ कर बेड के साइड पर गिरा था। उसने अगले ही पल बेड रेस्ट से,, रिमोट उठाया और दरवाजा लॉक्ड कर दिया।

दरवाजा लॉक्ड होते ही धानी के होश उड़ गए,, उसके पैर कांपने लगे,, हलकी मृत्युजय के रूम में AC चल रहा था। फिर भी धानी को पसीना आ रहा था। वो अब कांपते हुए। मृत्युजय की तरफ मुड़ी,, मृत्युजय अब बहुत आराम से अपनी हाथ पर अपना सिर रख कर लेटा हुआ था।

और धानी को अपनी गहरी नजरो से देख रहा था। वहीं धानी का दिल अब और जोरो से धक धक कर रहा था। मृत्युजय अब अपनी जगह से उठा और धानी की तरफ आने लगा,, वहीं धानी भी अपने कदम पीछे की और बढ़ाने लगीं।

उसने जल्दी से अपनी साड़ी के पले से अपनी पीठ को कवर किया। मृत्युजय को इस तरह से अपने पास आता देख,, धानी की जान निकल रही थी। उसे लग रहा था। जैसे उसका दिल उसके सिने से बाहर आ जायेगा,,

वो लगातार अपने कदम पीछे ले रही ,, वहीं मृत्युजय अपने कदम लगातार धानी की और बड़ा रहा था। मृत्युजय नजरे बढ़ते पल के साथ,, धानी पर इंटेंस होती जा रही थी।

जिस वजह से धानी की हालत अब खराब होने लगीं थी। धानी के पीछे होते हुए,, वॉल से जा लगीं,, और अब तो जैसे,, उसके पैरों में भी जान नीकल गई थी।

वहीं मृत्युजय अब उसके पास आकर उसके ऊपर झुका,, उसके चेहरे के बिलकुल पास आकर उसके कान के पास अपनी सर्द आवाज में बोला,, उस लड़के की हिम्मत कैसे हुई। तुम्हें गले लगाने की,, इतना कह उसने धानी के ईयरलॉब को बाइट कर लिया ।

मृत्युजय के बाइट करते ही धानी की सिसक नीकल गई। पहले तो उसे मृत्युजय की बात समझ नही आई। पर जब समझ आई। की मृत्युजय युवराज के बारे में बात कर रहा है।

वो मृत्युजय को देख बोली,, वो हमारा दोस्त है। और हम आपको ये क्यू बताए हम चाहें किसी के भी गले लगे उससे आपको क्या,, धानी ने इतना ही कहा था। के मृत्युजय ने उसके बालो को पीछे से पक्कड़ कर उसका चहरा ऊपर की और कर बोला,, फरक पढ़ता है। क्युकी तुम सिर्फ मेरी हो,,

इतना कह उसने dhaani के होंठों पर होंठ रख किस करने लगा,, वहीं धानी की आंखे फटी की फटी रह गई। पर अगले ही जो हुआ। उससे धानी बूरी तरह से कांप उठी।

मृत्युजय एक झटके से धानी का पल्लू नीचे फैंका उसकी साडी का ब्लाउज भी उसके बदन से अलग कर जमीन पर फैंक दिया था।

To be continue..........

Jin logo chepter padha hai thankyou itna sport karne ke liye guys ek baat kehna chehti hu jo log chepter ka wait karte hai unke liye agar wo log ko daily update chahiye to please join me WhatsApp chennel dm me this no 7978079731 me apko group aur chennel ka

link send kar dungi aur yaha par link sare nahi ho paa raha

Write a comment ...

Write a comment ...