
Mumbai,,
Rathore menshion,,,
मृत्युजय जो की दरवाजे पर खडा था। संस्कृति जी और अरु,, मृत्युजय के गले लगी हुई थी। पर मृत्युजय की नजर उन दोनो पर से हट कर सामने खडी धानी पर थी। जो उन तीनो को देख कर मुस्कुरा रही थी।
और मृत्युजय उसे अपनी गहरी नजरो से उसे ऊपर से निचे तक स्कैन कर रहा था। उसकी नजरें धानी के हर एक अंग को स्कैन कर रहीं थी। जब की धानी ने एक व्हाइट फ्रॉक सूट डाला हुआ था। और ऊपर से अपनें सीने को दुपट्टे से कवर कर रखा था। पर फिर भी उसका परफेक्ट फिगर,, मृत्युजय की आंखो में एक अलग ही तपिश दे रहा था।,, मृत्युजय उसे देख कर एक ही वर्ड निकला,, परफेक्ट फिगर,,
वहीं धानी इन सब चीजों से अंजान की मृत्युजय उसे किस नजरो से देख रहा था। बस उन तीनो को गले लगे मुस्कुराए जा रही थी।
वहीं संस्कृति जी और अरु अब पूछे हट कर मृत्युजय की तरफ देख बोली अब वक्त लगा है। तुम्हें और अब न हम तुमसे बात नहीं करेंगे क्योंकि,, आप ना अब हमसे प्यार नही करते,, अब जाकर मृत्युजय की नजर संस्कृति जी पर पड़ी,, धानी को देख एक पल के लिए,, वो सब भूल गया था। तभी अरु बीच में बोली बिलकुल सही कहा मां भाई, अब हमसे प्यार नही करते,,
उसकी बात सुन मृत्युजय then ok,, अब फिर यहां मेरा तो कोई काम नही,, तो मैं अब चलता हु। दोबारा london,, मृत्युजय के मुंह से London का नाम सुन,, उन दोनों की आंखे बडी हो गई,,
वहीं मृत्युजय अब दरवाजे की तरफ घुमा और बाहर की और जाने लगा,, के तभी संस्कृति जी कबरदार अगर एक कदम भी आगे बढ़ाया तो,, टांगे तोड़ दूंगी तुम्हारी,,, संस्कृति जी की बात पर मृत्युजय को हँसी आ रहीं थी। पर फिर भी उसने अपना चेहरा expretionless रखा और,, बोला आप खुद ही तो कह रहीं है। की मुझे आप सब से प्यार नही,, तो मुझे भी याद आ गया,, में भी न ऐसे ही यहां मुंह उठा कर चला आया,,
तो बस अब वापिस जा रहा हु,, अब संस्कृति जी की आंखो में नमी आ गई,, बड़ा बेदर्द हो गया है। मृत्यु,, तुझे तो मैने मजाक किया था। वहीं अपनी मोम की आंखो में नमी देख अरु के आंखे भी भर आई थी।
Ooohhh mom आप भी न पहले खुद पंगे लेती है। और फ़िर आपकी आंखो से पानी आ जाता,, यार आप जानती है। न मुझे ये फीलिंग वगेरह जताना नही आता,, तो क्यू ऐसा बोलती,, मृत्युजय बात पर संस्कृति जी,, अब फीका सा मुस्कराई,, क्युकी मृत्युजय की बाते उसे अब पेन दे रही थी।
अरु और धानी को भी ने भी ये चीज महसूस कर ली थी। पर तभी धानी बात संभालते हुए बोली,,anti खाना ठंडा हो रहा है। क्यों ना पहले खाना खा लिया जाए,, उसकी बात सुन एक बार फ़िर से मृत्युजय की नजरे उस पर टिक गई थी।
इस बार धानी को भी ये चीज महसूस हुई। पर उसने कुछ जायदा रिएक्ट नही किया। मृत्युजय अपनी गहरी नजरो से धानी को देख रहा था। पर धानी संस्कृति जी की तरफ देख रही थी।
पर उसे खुद पर मृत्युजय की नजर साफ महसूस हो रही थी। अब धानी संस्कृति जी को डाइनिंग टेबल पर लेकर आई,, और अरु भी उनके बगल में आकर बैठ गई। उसे उसे भी मृत्युजय की बाते अच्छी नहीं लगी थी,,cruel तो मृत्युजय पहले से ही था। पिछले पांच साल से वो लंदन में रह रहा था।
सस्कृति जी ने सोचा शायद,, अब मृत्युजय थोड़ा शायद बदल गया हो,, पर वो आज भी वैसा ही था। जिसे किसी से कोई फरक नही पढ़ता था। चाहे किसी भी इंसान की फीलिंग हर्ट हो रहीं हो,,
सभी डाइनिंग टेबल पर बैठ गए,,पर मृत्युजय अपनी जगह पर खडा,, हुआ था। और धानी को एक टक देखे जा रहा था। अब धानी ने भी पूछे मुड़ कर नजर उठा कर मृत्युजय को देखा,,, धानी की आंखे,, मृत्युजय की चारकोल ग्रे eyes से टकरा गई। एक पल के लिए धानी का दिल धड़क उठा,, वहीं मृत्युजय के चेहरे पर कोई भाव नहीं थी। वो बस एक टक धानी को देखे ही जा रहा था।
अब धानी ने जल्दी से अपनी नजर मृत्युजय से हटाई क्यूकी उसकी धड़कन हद से ज्यादा तेज चल रही थी। धानी की हालत देख मृत्युजय के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई। वो अपने मन में बोला,, innocent And hot,,impressive I like it,,
इतना कह उसने अपने कदम डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ा दिए,, जैसे ही मृत्युजय अपने कदम डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ाए,, धानी का दिल धक धक करने लगा,, वहीं मृत्युजय अब धानी के बगल वाली सीट पर आकर बैठ गया,,, वहीं ससकृति जी का चहरा एक बार फ़िर से खिल गया,, तभी मृत्युजय,, संस्कृति जी से मोम मुझे भी भूख लगी है।
मुझे भी पहले खाना खाना है। उसकी बात सुन संकृती जी का चहरा और भी,, खिल गया,, अभी थोड़ी देर पहले उनकी भूख मर गई थी। और अब अरु को भी ये बात अच्छी लगी थी। किसी बहाने सही उनकी मोम हंसी तो,, पर मृत्युजय अपनें साथ खाता देख,, संस्कृति जी,, जरूर बेटा,, इतना कह उन्होने धानी बेटा,, जरा मृत्यु को खाना सर्व करना,,
संस्कृति जी की बात पर धानी की धड़कनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया था। धानी के एक तरफ मृत्युजय और दुसरी तरफ संस्कृति जी बैठी थी। और संस्कृति के साथ वाली चेयर पर अरु बैठी थी,, बाकी सब खाना खा कर जा चुके थे। मृत्युजय के डैड केशव और दादू देवदत जी office जा चुके थे। क्युकी,, आज जल्दी घर आना था। उसके बाद शादी की त्यारिया फिर दो दिन office की छूटी तो इस लिए अपना आज कम खत्म कर,, देना चाहते थे।
वहीं अब धानी मृत्युजय को खाना सर्व करने लगीं तो उसके हाथ बुरी तरह से कांप रहे थे। मृत्युजय उसकी हर चीज नोटिस कर रहा था। उसके कांपते हाथ देख मृत्यु जय के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई।
धानी ने अब बाउल उठा कर खडी हुई,, और खडे होते ही उसका दुपट्टा सीने से सरक कर उसके गले में डल गया,, पर धानी ने तब ये चीज नोटिस नही की,, अब वो सब्जी,, मृत्युजय की कटोरी में डालने लगी,,वहीं मृत्युजय की नजर जैसे धानी खडी हुई,, उसकी ब्रेस्ट पर गई ,,, जहां से उसके सीने की क्लिवेज लाइन शो हो रही थी।
धानी की क्लीवेज लाइन देख कर,, जैसे एक पल के लिए,, मृत्युजय का दिमाग घूम गया,, उसकी आंखो में अलग ही खुमारी छा गई। पर जब धानी ने उसकी नजर अपने सीने पर महसूस की तो उसका दिल धक सा रह गया,, वो जल्दी से अपना,, दुपट्टा ठीक कराने लगी,, पर तभी उसका हाथ से बाउल छूटने लगा,, इससे पहले वो गिरता,, मृत्युजय ने उसे संभाल लिया। पर फिर भी अधि सब्जी,, धानी के कपड़ो पर गिर गई थी। वहीं मृत्युजय अपनी ही धुन में उसका हाथ,, धानी की ब्रेस्ट को छू गया था। जिससे धानी ने तुरंत बाउल छोड़ दिया,
और संस्कृति की तरफ घूम कर बोली,,anty वो... वो... गलती से कपड़ो पर गिर गई। में फ्रेश होकर आती हू। इतना कह वो बिना संस्कृति जी,, की बात सुने अपने रूम की तरफ भाग गई।
वहीं उसे देख,, मृत्युजय मुस्कुराहट और भी गहरी हो गई। वो अपने मन में बोला,,,,,ufff this shy girl make me,,it make me crazy,,now time play,,with a toy,,
इतना कहते हुए उसके चहेरे पर डेविल expretion आ गए,, और अब वो अपनी जगह से उठा और ऊपर की तरफ चला गया,, वहीं संस्कृति जी कुछ कहने को हुई,, पर मृत्युजय ने उनकी तरफ देखा भी नहीं,, और वैसे ही ऊपर की तरफ चला गया।
टेबल पर बैठी अरु को भी ये बात थोड़ी अजीब लगी पर उसने जायदा ध्यान नहीं दिया। पर अब संस्कृति का चहरा एक बार फ़िर से मुरझा गया था। और अब वो भी बिना खाए रूम में उठ कर चली गई। और ये देख अरु ने उन्हें रोकना तो चाहा पर वो रूकी नही,, ओर अब उसने भी ठीक से खाना नही खाया और अपने रूम में चली गई।
वहीं धानी का कमरा,,,
धानी भागते हुए कमरे में आई इस वक्त उसकी सांसें हद से जायदा तेज थी। धानी अंदर आई,, रूम लॉक कर बुरी तरह से हांफ रही थी। उसने अब अपने सीने पर हाथ रखा उसे बार बार मृत्युजय उसके सीने को सेडेक्टिवली छूना याद आ रहा था। जिस वजह से उसकी बॉडी में गुसबंप उठ रहे थे।
पर फिर कुछ देर ऐसे ही खडे रहने के बाद,, खुद को शांत करने के बाद उसने अपने कपड़ो की तरफ देखा,, जो पुरी तरह से खराब हो गए थे।
उसने एक बार फ़िर दरवाजा चेक किया,, दरवाजा अच्छी तरह लॉक्ड था। और अगले ही पल इसने वहीं पर अपने सारे कपड़े उतारे,,, और अब धानी पुरी तरह से नेक्ड थी। उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था।
और अगले ही पल धानी सीधा बाथरूम में गई। पर उसने बाथरूम का दरवाजा बंद नही किया क्यूको,, बाहर का दरवाजा already लॉक्ड था। अब धानी शॉवर के निचे जाकर खड़ी हो गई। सब्जी बेशक से कपड़ो पर गिरी थी। पर कही न कही उसे अपनी स्किन में अजीब सी इरिटेशन हो रही थी।
अभी तो शुक्र था। की बाते करते हुए सब्जी काफी ठंडी हो गई थी। नही तो धानी बुरी तरह से जल जाती,,
धानी अपनी ही मस्ती में,, शॉवर ले रही थी।अब वो थोड़ा रिलेक्स फील कर रही थी। तभी बाहर से रूम का दरवाजा खुला,, पर धानी बाथरूम में थी। जिस वजह से धानी को डोर खुलने की आवाज नही आई।
ओर मृत्युजय अंदर की तरफ आया,, अंदर आकर उसने दरवाजा अंदर से अच्छे से लॉक किया,, और दोबारा अंदर की तरफ घुमा और अब उसकी नजर धानी के कपड़ो पर गई। जो फर्श पर पढ़े,, ब्रा पैंटी फ्रॉक सब कुछ बिखरा पड़ा था। धानी के कपड़े यू बिखरे देख,, मृत्युजय के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई अगले ही पल इसने धानी की पैंटी को उठा कर अपने फेस पर लगा कर snif करते हुए,,,smells good,, इतना कह उसने अपनी जीभ अपने होंठों पर घुमाई,,
फिर उसकी नजर बाथरूम के दरवाजे पर पड़ी,, अगले ही पल उसने अपने कदम बाथरूम की तरफ बड़ा दिए,, और बाथरूम का दरवाजा जो हल्का सा खुला था। वो पुरी तरह से खोल दिया,, और सामने का नजारा देख मृत्युजय का भी दिल धड़क उठा,,
धानी शॉवर के निचे नेक्ड खड़ी थी। उसकी आंखे इस वक्त बंद थी। और उसका चहरा मृत्युजय की तरफ था। मृत्युजय अब अपनें होंठों को अंदर की तरफ दबाया और धानी को बडी शिद्दत से देखने लगा,, पहले आंखे जो बंद थी। फिर नाक जो लाल हो चुकी थी। और फ़िर गाल जो पिंकिश हो चुके थे।
और फिर उसके गुलाबी मुलायम होंठ,, फिर उसकी वो सुरईदार गर्दन से होते हुए,, उसके वो परफेक्ट साइज बूब्स और उपर से पिंक पिंक निप्पल और उनपर ठहरी पानी की बूंदे,, मृत्युजय को और भी पागल कर रही थी।
और फ़िर उसकी नेवेल जो छोटी सी थी,, और अब उसकी की पिंक पिंक pussy जहा पर पानी आकर ठहर कर निचे गिर रहा था। उसकी pussy को देख अब मृत्युजय को अपनें dick में sensiation फील हो रहीं,, अब उसने अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाए,, वहीं धानी को अब भी ये पता नही चला था।
मृत्युजय उसके रूम में घुस आया है। और अब वो धानी के पास आकर खडा हुआ,, और अगले ही पल उसने अपना हाथ,, धानी के पेट पर रखा,, जैसे ही धानी को अपने पेट पर किसी की छुअन महसूस हुई,, अगले ही पल वो अंदर तक कांप उठी,, और अगले ही पल उसने अपनी आंखे खोल ली,, और जैसे ही उसकी नजर मृत्युजय की चारकोल ग्रे आईज से मिली,, उसका दिल धक सा रह गया,, वहीं मृत्यु जय अपनी
मदहोशी भरी नजरो से,, धानी को देख रहा था।
To be continued....✍️✍️✍️✍️✍️
Write a comment ...