
London,,
Ontario में,,,
एक लडका सुबह सुबह,, जॉगिंग कर रहा था। उस लड़के ने ब्लैक हुड्डी,,ब्लैक लोअर पहने सड़क पर जॉगिंग कर रहा था। उसने सिर पर इस वक्त सिर पर उसने हुडी की कैप पहनी हुईं थी। और ऊपर से सर्दी का मौसम था।
वो लडका दिखने में काफी हैंडसम था। उस लड़के की उमर कम से कम 26 साल तक की होगी उसकी ग्रे चारकोल आईज,, हार्ड ब्राउन लिप्स,, गेहुआ रंग मैसी बाल,, हलकी हलकी बेयर्ड,, हाइट 6,3 inch,,, वो लडका हद से जायदा अट्रेक्टिव था।
उस लड़के ने अपने कान में ब्ल्यूटूथ लगा रखा था। उसमे से वो किसी से बात कर रहा था। दूसरी तरफ से किसी औरत की आवाज आ रही थी। मृत्यु कब तक आओगे तुम कल तुमरी बहन की हल्दी और मेहंदी है। आज तो तुम्हें इंडिया आ जाना चाहिए था। और तुम हो की अभी तक London में बैठे हो,,
तभी आगे मोम आप जानती है ना अगर mrtujaye rathore ने अगर कुछ कहा है। तो वो पुरा जरूर होगा,,and tommorow morning will be mine in indea,,so don't be stressed,,""
तभी,, दुसरी तरफ से संस्कृति जी जो की mritujaye,, की मोम थी,, वो मृतुजय से,,,,,,, शिकायती लहजे में,,मृत्यु,, अगर हमारी आंख खुलने से पहले अगर तुम नहीं आए,, तो I swear,, मैं तुमसे बात नही करूंगी,,
आगे से mrituejaye,,mom, I said tomorrow ""
इतना कह mrijujaye ने फोन काट दिया,,
और अगले ही पल mrituejaye ने,, अपने पर्सनॉल असिस्टेंट,, अरव को फोन मिला दिया,, एक ही बेल में अरव ने फोन उठाया,, तभी mrituejaye,, इंडिया की टिकेट बुक करो,,,and I'm goning to villa,,,, And you now na what I mean,,
वहीं अरव जी बॉस,, मैं अभी सेटलमेंट करता हू। और आपके विला पोहचाने से पहले,, आपके रूम में लडक़ी पहुंच जाएगी,,
आगे से मृतुजये good,, इतना कह वो फोन काटने ही वाला था। के अरव अपनी लड़खड़ाती आवाज में,, बॉस वो,, मानव चौहान,, ने डार्क पोर्टल में घुसने की कोशिश की है। और उसके साथ कुछ और भी लोग है। जो हमारे अड़े तक पहचाने की कोशिश कर रहें है। पर dark portal,, के हाइड होने की वजह से वो वहां पर पहुंच नही पाए,,
तभी mrituejaye अपनी कोल्ड वाइस में,, डार्क पोर्टल के बहर जितने भी bomb है। उन्हें एक्टिवेट कर दो,, और मशीन मिसाइल भी उन में से कोई भी,, बचना नही चाहिए ,,
आगे अरव ""जी बॉस ""
तभी मृत्युजय ने फोन काट कर दोबारा जॉगिंग करने लगा,, और तकरीबन 15 मिनिट बाद मृत्युजय राठौड़ विला पहुंच चुका था। जब मृत्युजय राठौड़ विला पहुंचा,, तो सामने हाल में सोफा पर एक लडक़ी बैठी थी। जिसने थाई तक ड्रेस पहनी थी।
वो लड़की दिखने ही पता चल रहा था। कैसी होगी उसका dress का गला बहुत जायदा दीप था। जिस वजह से उसकी ब्रेस्ट पुरी तरह से बाहर दिखाई दे रहीं थी,, बस निप्पल ही थे। जो ड्रेस के अंदर थे। और उसने अपने चहरे पर दुनिया जहां का mekup थोप रखा था।वहीं मृत्युजय जो की बाहर से आ रहा था।
उसके कदम उस ल़डकी को देख कर रुक गए थे,, उसने अपनी चारकोल ग्रे आईज से उस ल़डकी को देखा,,, उसके देखते ही उस ल़डकी,, जिसका नाम लीजा था। उसने आपनी ड्रेस की जिप खोल,, अपने कंधो से सरका दी, और अगले ही पल लीजा मृत्युजय के सामने,, पैंटी ब्रा में थी।
और उसको इस तरह से देख मृत्युजय की आंखो में मदहोशी छाने लगी थी। जब की हाल में आस पास काफी सर्वेंट भी थे। पर उन सर्वेंट के होने का उस ल़डकी पर कोई असर नहीं पड़ रहा था। वही वहा पर खडे सभी सर्वेंट ने अपना सिर झुका रखा था। किसी की हिम्मत नही थी। की नजर उठा कर लीजा को देख ले,,
वहीं मृत्युजय एक टक लीजा को देखें जा रहा था। और लीजा जो की सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। और उसने पैरो में हाई हील पहनी हुईं थी। वो अब कैट वॉक करते हुए,, मृत्युजय के पास आई,, उसकी कैट वॉक ऐसी थी। की लीजा की ब्रेस्ट काफी जायदा ऊपर निचे हील रही थी।
और मृत्युजय की सारी नजर लीजा की ब्रेस्ट पर थी। ऐसा लग रहा था। की कभी भी लीजा की ब्रेस्ट उसकी ब्रा से बाहर आ जायेगी,, जिसे देख मृत्युजय को अपने शरीर में गर्माहट फील होने लगी थी। वैसे ही उसका शरीर मॉर्निन वॉक की वजह से काफी गर्म था। और अब उसके शरीर में जो गर्माहट थी। वो अलग थी। उसे अपने di*ck में sensiation फील हो रही थी।
तभी लीजा मृत्युजय के पास आकर उसके di*ck पर हाथ चलाते हुए, अपनी मदहोशी से भरी आवाज में बोली,,can we,,
उसने इतना ही कहा था। के तभी मृत्युजय ने चुटकी बजाई,, और वहां पर खडे तकरीबन जितने भी सर्वेंट थे। वो राठौड़ विला से निकल कर बैकयार्ड बने सर्वेंट क्वार्टर में चले गए,, उनके जाते ही,, लीजा ने अपनी ब्रा को हक खोली और उसकी नेकेड ब्रेस्ट अब मृत्युजय के सामने थी। अगले पल वो ल़डकी मृत्युजय के सामने neel down होकर उसकी लोअर को थोड़ा सा निचे खिसका कर,, उसका di*ck बाहर निकाल कर,,, मृत्युजय का di*ck इस वक्त पुरा अपनी पुरी हार्डनेस में था।
और मृत्युजय का di*ck itna बड़ा था। के उस ल़डकी की आंखे उसके di*ck को देख कर लग भग बाहर आने को फिर रही थी।
मृत्युजय की आंखो में अब पुरी तरह से मदहोश हो चुकी थी। अगले ही पल मृत्युजय लीजा के बालो को कस कर पकड़ा,, किससे lizza की चीख निकल गईं,, और अगले ही पल मृत्युजय ने अपना di*ck पकड़ कर lizza के मुंह में डाल दिया,,,, और full प्रेशर से अपना di*ck लीजा के मुंह में थ्रस्ट कर रहा था।
लीजा की तो हालत ही खराब हो गई थी। उसकी आंखो में लगातार पानी जा रहा था। और उसकी घुट्टी हुई आवाज वहां,, हाल में गुंज रही थी।
थोड़ी देर लीजा को mouth fu*ck करने के बाद मृतुएजय ने लीजा को बालो से ही पककड़ कर सामने बने सोफा की तरफ की खींचता हुआ लेकर गया ,,,, ओर अगले ही पल लीजा को सोफा पर उल्टा कर पटक दिया,, और फिर से लीजा के बालों को फक्कड़ लिया,, वहीं lizza तो बस चिलाए जा रहीं थी।
वो पहले भी कइयों के साथ सेक्स कर चुकी थी। पर उसने किसी को भी मृत्युजय की तरह नही देखा था। पहले वो जितने कॉन्फिडेंस से मृत्युजय के सामने गई थी। अब उसकी हालत उतनी जायदा खराब हो गई,, थी। अब उसे यहां पर आने का भी पछतावा हो रहा था।
वहीं मृत्युजय ने अब उसकी पैंटी में अपनी उंगली फसा कर फाड़ दी,, अब लीजा उसके सामने पुरी तरह से नेक्ड थी,, उसकी ब्राउन ass और pu*ssy mrituejaye के सामने थी।
और बिना पल गवाए मृत्युजय ने बिना पल गवाए,, अपना di*ck lizza की ass crack पर रखा,, मृत्युजय का di*ck अपनी ass पर महसूस कर lizza की आंखे बडी हो गए,, और अगले ही पल मृत्युजय ने lizza के बालो पर ग्रिप बनाई और अगले ही पल मृत्युजय ने अपना di*ck lizza की ass में थ्रस्ट कर दिया,, और अगले ही पल lizza की जोर दार चीख उस विला में गुंज गई।
अब लगातार वो चीखे चार घंटे उस विला में गूंजती रही।lizza की चीखों की आवाजे,, पिछे सर्वेंट क्वार्टर गूंज रही थी। वहीं सर्वेंट को भी ये सब अब नॉर्मल लगाता था। क्युकी मृत्युजय के साथ रोज कोई न कोई लड़की होती थी।
जिसकी हालत मृत्युजय ऐसे कर देता था। की वो लड़की कभी दोबारा मुड़ कर वापिस नही आती थी। या यू कह लो की मृत्युजय दोबारा किसी लड़की को आने लायक नही चोडता था।
सारा दिन ऐसे ही निकल गया। लीजा की हालत अब इतनी खराब हो गई थी। वो वहीं हाल में नेक्ड बेहोश पड़ी थी। और मृत्युजय हाल में,, टावल पहन कर खड़ा था। थोड़ी देर बाद वहां पर अरव आया,, अरव को भी अब आदत पड़ चुकी थी। रोज रोज ऐसे लड़कियों को देखने की,, अब मृत्युजय ने आरव की तरफ देख कर बोला लीजा इस कूड़े को,, अब कल से ये ड्यूटी इंडिया निभाना,,
उसकी बात सुन अरव एक पल के लिए,, हैरान हो गया ,, पर वो जनता था। की मृत्युजय का ये एक नशा है। जिसके बिना वो रह नही सकता,, इसीके लिए चाहे वो इंडिया में अपने परिवार में क्यों ना हों फिर भी,,
वक्त निकाल ही लेगा,, अब वो बिना कुछ कहे वाहन से सर्वेंट क्वार्टर से दो फीमेल सर्वेंट को बुला कर लेकर आया,, और उन सर्वेंट को अपना काम बाखूब ही पता था।
उन्होने लीजा को नए कपड़े जो वहां के रुम में रखे थे। क्युकी हर रोज कोई न कोई लड़की आती थी। और उसके कपड़े फटे ही पड़े होते थे। अब उस सीवेंट ने कपड़े लिए,, और लीजा को पहनाए और अगले ही पल अरव उसे उठा कर बाहर गाड़ी में डाल कर लें गया,, ये काम अरव का रोज का था।
अब शाम के छे बज गए थे। अब थोड़ी देर में मृत्युजय रेडी हो कर वहां से आपनी कार में निकल चुका था। कुछ देर बाद मृत्युजय की कार एक खाली ग्राउंड में आकार रुकी,, जहा पर एक प्राइवेट जेट खड़ा था। उसके आस पास बहुत सारे बॉडीगार्ड खडे थे। मृत्युजय अब गाड़ी से निकल कर सीधा जेट में चढ़ गया,, उसके पिछे ही अरव था। जो की मृत्युजय साथ उसी जेट में चढ़ गया था।
और अगले ही पल वो जेट हवा में,, उड़ान भरने लगा,,
Next morning,,
India,,
मुंबई,,
राठौड़ विला,,
राठौड़ विला पुरा किसी दुलहन की तरह सजा हुआ था। क्युकी आज केशव राठौड़ और संस्कृति राठौड़ की इकलौती बेटी अरु राठौड़ की शादी की त्यारिया चल रही थी,, और आज अरु की हल्दी और मेहंदी थी।
घर में हर तरफ चहल पहल थी। वहीं अरु के रुम में एक लड़की गोरा दूध सा रंग,, हाईट 5,,4,,inch लंबे कमर तक आते बाल,, मोटी मोटी काली आंखे,, पतले होठ,, पतली सी नाक और ऊपर से उसके वो रैबिट टीथ जो उसपर इतने प्यारे लग रहे थे। को पूछो ही मत,, वो लड़की तो जैसे,, आसमान से उतरी हुई परी लग रही थी।
तभी उसके कानों में अरु जो की राठौड़ खानदान की बेटी जिसकी शादी थी। अरु भी काफी खुबसूरत थी। पर dhaani का तो पूछो ही मत,,, तभी अरु की आवाज ,dhaani के कान में पड़ी,,,यार चल ना सुबह से तू रूम में बैठी अपने कपड़े प्रेस कर रहीं है। चल चल कर खाना खाते है।
मैने कहा ना में सर्वेंट से बोल देती हु। वो प्रेस कर देगी, तभी धानी आगे से मैने भी कहा ना,, मैं अपने काम खुद करती हु। वैसे भी अब हो गया,, तभी अरु बोली हो गया ना,, इतना कह अरु ने धानी का हाथ पकड़ा और,, अरु धानी को खींचते हुए निचे की तरफ लेकर आई,,
वहीं संस्कृति जी कब से हाल के चक्कर काट रही थी। अरु अपनी मां की तरफ देख कर बोली मां भाई आ जायेंगे उन्होने कहा ना वो आ जायेगे,, तो वो आ जायेंगे,,
तभी धानी हां आंटी वो आ जायेगे,, इतना कह संस्कृति जी के हाथ पर अपना हाथ रख दिया,, वहीं संस्कृति जी,, का चहरा धानी की बात पर खिल गया,,
वो धानी की तरफ देख उसके गाल पर हाथ रख कर बोली,, बेटा आ तो वो जायेगा,, ये में भी जानती हू। पर अभी खाने का मन नहीं। कर रहा,, तभी पिछे से आवाज आई,, क्यों नही मन कर रहा,,
जैसे ही ये आवाज संस्कृति के कानों में पड़ी संस्कृति का चहरा एक दम खिल गया,, वो पिछे की तरफ़ घूमी और दरवाजे पर मृत्युजय को देख भाग कर उसके गले जा लगी,, वहीं अरु का भी कुछ ऐसा हॉल था। वो भी अपनी भाई को देख जल्दी से जाकर उसके गले लग गई।
वहीं उन दोनो के इस तरह से गले लगते ही मृत्यु जय के चेहरे पर एक गहरी मुस्कान आ गई। संस्कृति जी मृत्युजय की तरफ देख कर बोली,, कितना वक्त लगा दिया मृत्यु,, तभी अरु हां भाई,, अप ना बहुत रूढ़ हो जल्दी आते नही है।
अब उन दोनो की सवालों को झाड़ी शुरू हो चुकी थी। पर मृत्युजय कुछ नही बोल रहा था। वो बस उन दोनो की बाते सुन रहा था। पर तभी उसकी नज़र सामने खडी धानी पर गई,, धानी को देखते ही मृत्युजय नजर उस पर ठहर गई,, वो अपनी गहरी नजरो से धानी को ऊपर से निचे तक स्कैन कर रहा था। वहीं धानी तो एक गहरी मुस्कुराहट के साथ उन तीनो को देख रही थी।
पर उसे इस बात की कोई भनक नहीं थी। की मृत्यु जय उसे किन नजरो से देख रहा था।
वहीं मृत्युजय के मुंह से एक ही शब्द निकला hot 🥵 ...............
To be continued..............
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