
Fire Villa,,
अभी-अभी AS काजल को लेकर फायर विला में आया था और अंदर आते ही उसे बेसमेंट में लेकर गया था।
AS जैसे ही काजल को बेसमेंट के नीचे लेकर गया तभी एक खौफनाक चीख काजल के कानों में पड़ी और उसे सुनकर काजल का दिल धक-सा रह गया।
काजल ने AS का हाथ कसकर पकड़ लिया। उसका दिल इस वक्त ज़रूर से धक-धक कर रहा था।
काजल ने AS की तरफ देखकर कहा –
“आप मुझे कहां पर लेकर आए हैं और ये चीखों की आवाज़ किसकी है?”
काजल की बात सुनकर AS के चेहरे पर अब तिरछी मुस्कराहट तैर गई।
उसकी मुस्कराहट को देखकर काजल का दिल और भी ज़्यादा ज़ोरों से धड़कने लगा क्योंकि AS की मुस्कराहट कोई नॉर्मल नहीं थी और ये बात काजल बहुत अच्छे से जानती थी।
वो अब AS को शिकायती नज़रों से देखते हुए बोली –
“मुझे पता नहीं क्यों बहुत ज़्यादा डर लग रहा है… जब आप ऐसे मुस्कुराते हैं ना तो कोई ना कोई लोचा ज़रूर होता है।”
काजल की बात सुनकर AS को एक पल के लिए हंसी आ गई और वह हंसते हुए बोला –
“तुम बहुत पहचानने लगी हो मुझे आजकल।”
वहीं काजल ने AS की तरफ देखकर कहा –
“पहचानती तो मैं तब से आपको हूं जब हमारी शुरुआत हुई थी… जब आप कहते थे मैंने खाना खा लिया जबकि मुझे सब पता होता था कि आपने खाया कुछ भी नहीं।”
उसकी बात पर AS एक पल के लिए उसकी तरफ देखता ही रह गया।
AS को अब अपने पुराने दिन याद आ गए… जब पहली बार वह काजल से मिला था और उसके बाद जो-जो उसने काजल के साथ किया और खुद भी भूखा रहता और काजल को भी भूखा रखता… ये सब याद करते ही AS की आंखें एक बार फिर से लाल होने लगीं।
AS ने अब अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम लिया और आगे की तरफ बढ़ने लगा कि तभी काजल ने उसका हाथ पकड़ लिया।
काजल के ऐसे हाथ पकड़ने से AS का दिल ज़ोरों-ज़ोरों से धड़कने लगा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि इस वक्त काजल उसकी आंखों में आई हुई नमी को देख ले।
जबकि काजल ये चीज़ पहले ही भांप चुकी थी।
काजल अब बिल्कुल उसके पीछे जाकर AS को पीछे से हग करते हुए बोली –
“आपको मुझसे कुछ छुपाने की ज़रूरत नहीं… मैं अर्धांगिनी हूं आपकी। अगर आप हैं तो मैं हूं… अगर आप नहीं तो मैं भी नहीं। जो बातें बीत गईं उनका कोई मतलब नहीं… जो आने वाला कल है वह तो हमारा है ना।”
इतना कहते हुए उसने AS की पीठ को चूम लिया।
वहीं उसके ऐसा करते ही AS को अंदर तक जैसे सुकून पहुंच गया। उसकी आंखें इस वक्त कसकर बंद हो गईं और वह काजल की तरफ घूम गया और अगले ही पल उसने कसकर काजल को गले लगा लिया।
वहीं काजल ने भी अपनी बाहें उसके पीठ पर लपेट दीं।
वो अभी अपना सुकून जी ही रहे थे कि तभी एक और भयानक चीख वहां पर गूंजी जिसे सुनकर दोबारा से AS के चेहरे पर गहरी मुस्कराहट आ गई।
वहीं काजल का तो दिल जैसे धड़कन ही भूल गया।
इस बार चीख और भी ज़्यादा तेज़ी से आई थी।
अब AS ने काजल का हाथ पकड़ा और अंदर की तरफ ले जाना शुरू किया।
जैसे-जैसे AS काजल को अंदर की तरफ ले जा रहा था वैसे-वैसे काजल अपना थूक घटकते हुए बड़ी मुश्किल से अपने कदम आगे बढ़ा रही थी।
वहीं AS लगातार उसे अंदर की तरफ ले जा रहा था।
जैसे-जैसे अंदर की तरफ जा रहे थे वैसे-वैसे चीखें भी तेज़ होती जा रही थीं।
तकरीबन 5 मिनट में AS अब उसे पूरी तरह से अंदर ले आया और सामने का नज़ारा देखकर काजल का जो हाल हुआ… अगले ही पल काजल ने अपना मुंह दूसरी तरफ घुमाया और वहीं पर उल्टियां करनी शुरू कर दीं।
उसे उल्टियां करता देखकर AS ने अपने माथे पर हाथ मार लिया।
वहीं सामने रवि जो की एक टेबल पर लेटा हुआ था और सामने समलैंगिक पूरी तरह से उसकी pussy में अपना dick डाले खड़ा था और एक समलैंगिक उसके नीचे लेटा हुआ था जो कि उसकी ass में अपना dick डाले उसे नीचे से fuck कर रहा था।
रवि की pussy से पूरा खून जा रहा था क्योंकि ऑपरेशन को अभी हफ्ता ही हुआ था और AS ने एक भी दिन ऐसा नहीं छोड़ा था जिस दिन उन समलैंगिकों ने रवि का बलात्कार न किया हो।
वहीं रवि की हालत को देखकर काजल पूरी तरह से मुंह दूसरी तरफ घुमाए खड़ी थी। उसकी आंखों में अब धुंधलापन छाने लगा। देखते ही देखते वह बेहोश होकर गिरने को हुई तभी AS ने उसे संभाल लिया और रवि की तरफ देखकर बोला –
“कैसा लग रहा है? अब पता चला जब किसी लड़की की इज़्ज़त लूटते हैं तो कैसा लगता है?”
इतना कहते हुए वह अपने डेविल नज़रों से रवि को देख रहा था।
इस वक्त उसने अपने एक हाथ से काजल को संभाल रखा था, जो की उसके कंधे पर सिर रखकर बेहोश खड़ी थी।
अब उसने उसे पूरी तरह से अपनी गोद में उठाया और समलैंगिकों की तरफ देखकर बोला –
“इसको सांस नहीं आनी चाहिए… जितना दिन इसके साथ रेप कर सकते हो करो। रेप करते-करते इसका दाम टूटना चाहिए।”
जैसे ही AS ने ये बात कही रवि एक बार फिर से चीख उठा।
वह हाथ जोड़ते हुए बोला –
“नहीं… मुझे छोड़ दो प्लीज़… मुझसे गलती हो चुकी है। मुझे एक बार माफ करके तो देखो।”
रवि चिल्लाता ही रह गया पर AS ने उस पर कोई तरस नहीं किया।
वहीं समलैंगिक अपना काम फिर से शुरू करने लगे और तीसरे समलैंगिक ने उसका मुंह पकड़ कर अपना dick पूरी तरह से उसके मुंह में ठूंस दिया।
अब वहां पर रवि की घुटती चीख भी गूंजने लगी जिसे सुनकर AS के चेहरे पर और भी गहरी मुस्कराहट आ गई।
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Shekhawat Palace,,
कल्याणी जी इस वक्त सोफा पर बैठी थीं और हरजीत जी से बात कर रही थीं और पास ही शालिनी जी भी बैठी हुई थीं और सरगम भी उनके सामने बैठी थी।
जहां सरगम सोफे पर बैठी थी वहीं आमिर उसके सामने खड़ा था जो की आंखों ही आंखों में उससे बातें कर रहा था, जिससे सरगम का चेहरा पूरी तरह से लाल पड़ गया।
वह अपना चेहरा बार-बार नीचे की तरफ झुका रही थी… जो कि वहां बैठी कल्याणी जी भी देख रही थीं।
उनके चेहरे पर अब मंद-मंद मुस्कुराहट थी।
तभी आमिर ने सरगम को अपने कमरे में आने का इशारा किया, जिससे सरगम ने ना में सिर हिला दिया।
तो आमिर ने उसे घूर कर देखा, तो सरगम ने अपना चेहरा नीचे की तरफ झुका लिया।
वहीं कल्याणी जी ने ये बात नोटिस कर ली थी।
और अगले ही पल उन्होंने सरगम से कहा –
“सरगम बेटा, जाओ… चाय बनाकर लेकर आओ। हमारे लिए भी ले आओ और मुझे लग रहा है आमिर अपने कमरे में चला गया है… तो एक कप चाय उसे भी देना।”
जैसे ही कल्याणी जी ने ये बात कही, सरगम ने हाँ में सिर हिला दिया और किचन की तरफ चली गई।
15 मिनट बाद उसने चाय बनाकर ला दी और कल्याणी जी, हरजीत जी और शीला जी के आगे रख दी।
फिर एक कप उठाकर आमिर के कमरे की ओर कदम बढ़ा दिए।
जैसे ही उसने आमिर के कमरे की ओर कदम बढ़ाए, पीछे बैठी शीला जी और हरजीत जी भी अपने मुंह पर हाथ रखकर हंसने लगीं और उनका हंसना सरगम के कानों तक भी पहुंचा, जिसे सुनकर सरगम का चेहरा अब शर्म से और भी लाल पड़ गया।
वह जल्दी से आमिर के कमरे में चली गई।
वहीं जैसे ही सरगम ने कदम अपने आमिर के कमरे में रखे, उसकी दिल की धड़कन एक पल के लिए स्किप हो गई क्योंकि आमिर दरवाजे के बिल्कुल करीब खड़ा था और उसने अगले ही पल उसे वहां पकड़कर सामने दीवार से सटा दिया था।
जिस वजह से सरगम के हाथों में पड़ी हुई चाय टेढ़ी होने वाली थी पर आमिर ने उसे संभाल लिया और उसे चाय पकड़कर टेबल पर रखते हुए बोला –
“थोड़ा ध्यान से… कहीं गिर जाती तो जल जाती अभी तुम।”
वहीं सरगम अपना सिर झुकाते हुए बोली –
“गिरती भी तो आपकी वजह से ना…”
सरगम की बात सुनकर आमिर ने छोटी आंखें करके उसे देखते हुए बोला –
“तुम मुझ पर इल्जाम लगा रही हो?”
वहीं सरगम बड़ी मासूमियत से बोली –
“नहीं तो… मैंने कब आप पर इल्जाम लगाया।”
अभी वह बोल ही रही थी कि आमिर बिल्कुल उसके पास आकर खड़ा हो गया, जिससे सरगम का दिल ज़ोरों-ज़ोरों से धक-धक करने लगा।
दोनों की सांस आपस में टकरा रही थीं, जिससे सरगम का सीना पूरी तरह से ऊपर-नीचे होने लगा।
आमिर का इस तरह से इतना करीब होकर खड़ा होना, सरगम का दिल और भी ज़्यादा बेकरार कर रहा था।
और अगले ही
पल जो हुआ… उससे सरगम की सांस वहीं पर थम गई क्योंकि आमिर ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए थे…
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To be continued…









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