
Shekhawat Palace
Lunch Time
इस वक्त सब टेबल पर बैठे हुए थे और खाना खा रहे थे। वहीं दादी कल्याणी जी सूफियाना को लेकर सामने हॉल में सोफे पर बैठी थी। उन्होंने खाना खा लिया था और वह उसके कपड़े बदल रही थी।
टेबल पर बैठे हरजीत जी, अनंत जी, आमिर और शीला जी, साथ ही सरगम भी बैठी हुई थी। सरगम अपनी तिरछी नजरों से आमिर को देख रही थी और आमिर का भी ध्यान सरगम पर ही था। इस वक्त आमिर का दिल ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा था। वहीं सरगम भी अपनी करारी नज़रों से पूरी तरह से आमिर पर नज़रें बनाए हुई थी।
---
Kitchen
काजल इस वक्त गरमा-गरम पुड़ियां तल कर बाहर ला रही थी और सभी बड़े चाव से खा रहे थे। काजल ने सूफियाना की ठीक होने की खुशी में घर जाकर आलू पूरी, पालक पनीर कोफ्ता, रायता और मिक्स वेज चावल बनाए थे। सब खाकर बहुत खुश थे।
हालांकि काजल अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुई थी, फिर भी उसने इतना सबकुछ बनाया। वहीँ AS उसे घूर-घूर कर देख रहा था और काजल कहीं न कहीं उससे नज़रें चुरा रही थी। क्योंकि यह सब काजल ने AS से ज़िद करके ही बनाया था।
काजल के पैर जैसे ज़मीन पर नहीं लग रहे थे क्योंकि सूफियाना अब घर पर थी और उसकी किलकारियां इस घर में गूंज रही थी। AS भी अब काजल को ज्यादा कुछ नहीं कह रहा था क्योंकि वह जानता था कि सूफियाना से दूर रहने पर काजल पर क्या बीती होगी।
वहाँ सब लोग बड़े चाव से खाना खा रहे थे। सबको काजल के हाथ का बना खाना बहुत पसंद आ रहा था।
लेकिन दो जनों का ध्यान खाने पर कम और एक-दूसरे पर ज़्यादा था।
अचानक उनके कानों में जो बात पड़ी उसे सुनकर दोनों की खाँसी छूट गई।
---
आमिर और सरगम अब बुरी तरह खाँस रहे थे और उनकी नज़रें सामने टेबल पर बैठे AS पर थी। वहीं आमिर अपनी छोटी-छोटी आंखें सिकोड़ कर AS को देख रहा था और AS तिरछी मुस्कुराहट से आमिर को।
दरअसल, AS ने अभी-अभी शीला जी से आमिर और सरगम की रिश्ते की बात की थी।
AS की बात सुनकर सरगम शर्मा कर वहाँ से उठकर कमरे में चली गई।
पर आमिर शर्म के मारे न उठ पा रहा था और न ही कुछ कह पा रहा था। उसकी आंखें झुकी हुई थी और वह बस खाने पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था।
शीला जी मुस्कुराते हुए बोलीं –
"जमाई साहब, आप क्या कहते हैं? मैं भी आपसे यही बात करने वाली थी।"
शीला जी की बात सुनकर आमिर की आंखें हैरत से फैल गई और वह हैरानी से उनकी तरफ देखने लगा।
अनंत जी, जो खाना खा रहे थे, आमिर का रिएक्शन देखकर हंस पड़े।
हरजीत जी ने उनकी पीठ पर मुक्का मारते हुए कहा –
"आप भी ना बच्चों की टांग खींच रहे हैं। अपना खाने पर ध्यान दीजिए, ज्यादा दाँत फाड़ने की ज़रूरत नहीं है।"
हरजीत जी का रिएक्शन देखकर AS भी ठहाका मारकर हंस पड़ा।
अनंत जी घूर कर AS को देखने लगे।
AS चुपचाप खाना खाने लगा।
तभी हरजीत जी ने दोबारा उनकी पीठ पर मुक्का मारा और बोलीं –
"मेरे जवाई को ऐसे मत घूरो, समझी? खाना खाओ अपना।"
अब वहां बैठे सभी लोग हंसने लगे।
काजल जो पुड़ियां तल रही थी, वह पीछे से आकर AS की पीठ पर हल्की चपत लगाते हुए बोली –
"आप क्यों हंस रहे हैं?"
काजल के ऐसे चपत लगाने पर AS हैरानी से काजल को देखने लगा।
वह छोटी आंखें करते हुए काजल को घूरते हुए अपनी जगह से खड़ा हुआ और उसके कान के पास बोला –
"कमरे में आना जरा… बताता हूं क्यों हंस रहा हूं।"
इतना कहकर AS कमरे की तरफ चला गया।
AS की बात सुनकर काजल का चेहरा पूरी तरह से लाल पड़ गया।
बाकी सब लोग काजल का रिएक्शन देखकर जोर-जोर से हंसने लगे।
तभी सूफियाना के रोने की आवाज आई।
काजल ने सूफियाना की तरफ देखा तो हरजीत जी ने उसके हाथों से पुड़िया लेकर कहा –
"बस कर, अब सबने खा लिया। तू ही रह गई है। जा, जाकर मैं तेरे लिए खाना लेकर आता हूं तेरे कमरे में। बिटिया को दूध पिला दे अपना।"
हरजीत जी की बात पर काजल ने हामी में सिर हिलाया और कल्याणी जी की तरफ बढ़ गई।
कल्याणी जी सूफियाना को चुप कराने की कोशिश कर रही थी।
जैसे ही काजल उनके पास आई, कल्याणी जी मुस्कुराते हुए बोलीं –
"ये नातो अपने बाप पर जाएगी। पूरा वो भी बहुत गला फाड़ता था जब छोटा था।"
कल्याणी जी की बात सुनकर काजल हंस पड़ी और बोली –
"दादी ऐसा मत कहिए।"
कल्याणी जी छोटी आंखें करते हुए बोलीं –
"हां तो चल कमरे में… तुझे पता चलता है कि ऐसा न बोलूं तो कैसा बोलूं।"
कल्याणी जी की बात सुनकर काजल के चेहरे पर फिर से लाली छा गई और वह शरमाते हुए कमरे में चली गई।
उसे शर्माते देख सब लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे।
आज कितनी देर बाद घर में खुशियों के दिन आए थे।
ऐसा लग रहा था कि मानो खुशियां इस घर में लौट आई हों।
---
2 दिन बाद...
पंडित जी हॉल में बैठे थे और आमिर व सरगम की शादी की तारीख फिक्स कर रहे थे। वहीं सरगम और आमिर दोनों गायब थे।
---
आमिर का कमरा
जबसे सूफियाना घर पर आई थी, AS ने आमिर को भी यहीं रहने के लिए कह दिया था।
आमिर अलमारी से कुछ निकाल रहा था कि तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खटखटाया गया।
आवाज़ सुनकर आमिर के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई।
सरगम अंदर आई और अपनी प्यारी आवाज़ में बोली –
"जी सुनिए… वो काजल दी ने आपके लिए ब्लैक कॉफी भेजी है।"
इतना कहकर उसने कॉफी टेबल पर रखी और जाने लगी।
तभी आमिर ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे दीवार से सटा दिया।
आमिर (मुस्कुराते हुए): "बस कॉफी देने आई हो?"
सरगम ने पलके झुका लीं और सिर हिला दिया।
दोनों के बीच अब तक ज्यादा बातचीत नहीं हुई थी, न ही कोई नज़दीकी।
फिर भी दोनों इतने cute थे कि छोटी-छोटी बातों में ही उनका दिल खुश हो जाता था।
आमिर ने कॉफी उठाई, होंठों से लगाई और मुंह बनाते हुए बोला –
"ये तो फीकी है।"
सरगम ने आंखें उसकी तरफ घुमाई और बोली –
"नहीं, मैंने चीनी डाली थी।"
आमिर (शरारत से): "तुम तो कह रही थी काजल भाभी ने बनाई है।"
अब सरगम झेंपते हुए बोली –
"वो… मुझे लगा आपको कॉफी की ज़रूरत होगी, इसलिए मैं बना लाई।"
सरगम की बात सुनकर आमिर और भी मुस्कुरा दिया।
सरगम ने गर्दन झुकाते हुए कहा –
"कसम से मीठा डाला था।"
आमिर: "नहीं है इसमें मीठा… मैंने पीकर देखा। बिल्कुल फीकी।"
सरगम ने कप मांगते हुए कहा –
"दिखाइए ज़रा।"
उसने कप लेकर सिप किया और बोली –
"अरे… इसमें तो मीठा है।"
आमिर ने फिर कप लिया और उसी जगह से सिप किया जहां सरगम के होंठ लगे थे।
मुस्कुराते हुए बोला –
"अरे हां… इसमें तो बहुत मीठा है।"
सरगम उसकी बात का मतलब समझ गई।
उसके रोंगटे खड़े हो गए।
वह जाने लगी, लेकिन आमिर ने दोबारा उसका हाथ पकड़कर दीवार से सटा दिया।
आमिर (धीरे से): "एक किस कर लूं तुम्हें…?"
सरगम का दिल धड़कना भूल गया।
उसने हल्का सा धक्का दिया और बाहर भाग गई।
आमिर बालों में हाथ फेरते हुए बोला –
"कब तक बचेगी… शादी के बाद तो इससे भी ज्यादा होगा।"
फिर मुस्कुराते हुए बोला –
"हाय… बड़ा इंतजार है अब तेरा।"
---
दूसरी तरफ
काजल गाड़ी में बैठी थी और AS को घूर रही थी क्योंकि AS उसे सबके बीच से उठाकर ले आया था।
शादी का मुहूर्त निकल रहा था और AS उसे खींचकर बाहर ले गया।
काजल (झुंझलाकर): "ये कहां ले आए हैं हम? सूफियाना को भूख लग जाएगी। अभी वो सो रही है, बाद में चिल्लाएगी तो कौन संभालेगा?"
AS (छोटी आंखें करते हुए): "दादी है उसके पास। और दूसरा दूध भी पी लेती है। ज्यादा मत चिपको उससे। मुझे रात को रोमांस भी करना होता है और वो बीच में आ जाती है रोज़। जानती हो न।"
AS की बात सुनकर काजल हंस पड़ी और बोली –
"अब थोड़ा बहुत तो बेटी को आपके रोमांस में कलर डालना बनता है।"
AS मुंह बनाते हुए बोला –
"जल्दी उतरो। घर जाकर मुझे थोड़ा सा रोमांस करना है। रात को तो बैंड बजती है, आज दिन में करूंगा।"
काजल हैरानी से बोली –
"कैसी बातें कर रहे हैं आप? सब घर में हैं, क्या सोचेंगे हमारे बारे में? मम्मी-पापा भी वहीं हैं।"
AS (शरारत से): "तुम्हारे मां-बाप ने भी वो सब किया था तभी तो तुम आई थी।"
इतना कहकर AS बाहर निकल गया।
काजल हैरानी से उसका चेहरा देखती रह गई।
कुछ ही देर में दोनों बेसमें
ट में पहुंचे।
बेसमेंट सुनसान था।
जैसे-जैसे काजल आगे बढ़ रही थी, उसे बेचैनी हो रही थी।
तभी उसके कानों में किसी की चीखने की आवाज़ आई।
काजल का दिल धक से रह गया…
---
To be continued…









Write a comment ...