
Singapore,,
Palace of Kapoors,
इस वक्त सौम्या धानिश्क को पैशनेटली किस कर रही थी… और वह पूरी तरह पंजों को ऊपर की तरफ उठाकर खड़ी थी क्योंकि धानिश्क की हाइट काफी लंबी थी और सौम्या की हाइट उससे काफी छोटी थी।
वही धानिश्क का दिल इस वक्त जोर-जोर से धक-धक कर रहा था। उसकी आंखें हैरत से फैल चुकी थीं क्योंकि उसे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि सौम्या बाथरूम में आकर उसे ऐसे चूमने लगेगी। धानिश्क वहीं अपनी जगह पर खड़ा-खड़ा फ्रिज हो चुका था।
सौम्या लगातार धानिश्क को चूम रही थी, किसी तरह वह अपनी जीभ को धानिश्क के मुंह में डालने की कोशिश कर रही थी पर धानिश्क अपना मुंह खोल ही नहीं रहा था। जब कुछ देर तक धानिश्क ने उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया तो सौम्या ने अपना चेहरा पीछे किया और उम्मीद भरी नज़रों से देखते हुए बोली –
“Reply दीजिए ना मिस्टर कपूर…”
सौम्या ने यह बात इतनी मासूमियत से कही थी कि धानिश्क उसकी तरफ देखता ही रह गया। उसे अपनी धड़कनें बेकाबू होती महसूस हो रही थीं। वह एकटक सौम्या के चेहरे को देख रहा था, जो पाउट बनाकर उसे ही देख रही थी। उसके मोटे होंठ देखकर धानिश्क को अपना गला सूखता हुआ महसूस हो रहा था।
सौम्या इस वक्त उन्हीं कपड़ों में थी जिनमें वह तैयार हुई थी और शॉवर के पानी से भीगने की वजह से उसका मेकअप हल्का उतर चुका था। उसकी लिपस्टिक भी धुल चुकी थी, पर उसके पिंक-पिंक होंठ और भी ज्यादा आकर्षक लग रहे थे।
कुछ देर तक तो धानिश्क उसे देखता ही रहा, लेकिन फिर उसने खुद को संभालते हुए सौम्या के कंधों से पकड़कर पीछे करते हुए बोला –
“यह क्या हरकत है? जब तुम्हें पता है मैं बाथ ले रहा हूं तो….”
जैसे ही धानिश्क ने यह कहा, सौम्या ने फिर से अपनी एड़ियां उठाकर उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। यह होते ही एक बार फिर धानिश्क की आंखें बड़ी हो गईं।
और अगले ही पल उसका दिल धक सा रह गया, जब सौम्या ने उसे दूसरा झटका दिया… क्योंकि सौम्या ने धानिश्क का dick अपने हाथों में पकड़ लिया और सहलाने लगी।
आज तक सौम्या ने कभी ऐसी हरकत नहीं की थी, और उसे ऐसा करते देखकर धानिश्क के हावभाव जैसे रुक से गए थे। ऊपर से सौम्या उसके होंठों को चूम रही थी और नीचे से उसके dick को सहला रही थी।
धानिश्क पहले से ही hard पोज़िशन में था क्योंकि जब से सौम्या उसके पास आई थी, उसे चूम रही थी। उसका यह चूमना धानिश्क के अंदर एक अलग सी सेंसेशन क्रिएट कर रहा था।
अगले ही पल सौम्या ने धक्का देकर उसे दीवार से लगा दिया। धानिश्क ने सर्द नजरों से देखकर दांत पीसते हुए कुछ कहने को ही हुआ था कि सौम्या ने फिर से उसके होंठों पर कब्जा जमा लिया।
ऐसा नहीं था कि वह सौम्या को पीछे नहीं कर सकता था, फर्क सिर्फ इतना था कि जैसे उसका दिल मान चुका था और वह चाहकर भी उसे पीछे नहीं कर पा रहा था।
ना चाहते हुए भी वह सौम्या के एहसासों में कहीं खोता जा रहा था।
अब सौम्या उसकी नेक पर किस करने लगी, जिससे धानिश्क की सांसें गहरी हो गईं। उसके पेट में अजीब सी हलचल होने लगी थी। उसने सौम्या का यह रूप पहले कभी नहीं देखा था। उसे अपने dick में एक अलग सी सेंसेशन महसूस हो रही थी।
सौम्या किस करते-करते उसके सीने पर आ गई और फिर धीरे-धीरे उसके एब्स पर चुंबन देने लगी, साथ ही उसकी स्किन को होंठों में दबाकर love bites भी देने लगी।
अब सौम्या का यह रूप देख धानिश्क की मानो जान निकल रही थी।
और अगले ही पल जब सौम्या ने उसका dick अपने होंठों में भर लिया तो धानिश्क की सांस ही रुक गई।
क्योंकि उनके बीच इंटिमेसी बहुत बार हो चुकी थी, लेकिन सौम्या ने कभी उसका dick अपने मुंह में नहीं लिया था।
आज जब उसने यह किया तो धानिश्क ने उसके बालों से पकड़कर उसे खड़ा किया और सर्द नज़रों से देखते हुए बोला –
“यह क्या हरकत है?”
वही सौम्या हसरत भरी आंखों से देखते हुए बोली –
“क्यों? आप भी तो करते हैं… मैंने कभी आपको रोका? तो आप क्यों मुझे रोक रहे हैं? आज…”
इतना कहकर उसने उसके हाथ अपने कंधों से झटका और फिर से घुटनों के बल बैठकर उसका dick अपने हाथ में पकड़कर मुंह में ले लिया।
जैसे ही उसने ऐसा किया, धानिश्क की आंखें खुद-ब-खुद ऊपर रोल हो गईं और वह उन्हें बंद कर बैठा।
उसका दिल इस वक्त जोर-जोर से धक-धक कर रहा था। सौम्या के गर्म होंठ उसकी गरमाहट को और बढ़ा रहे थे। उसकी सांसें गहरी होती जा रही थीं।
पर अगले ही पल जब उसकी आंखों के सामने वह मंजर आया जब सौम्या ने शादी तोड़ने की बात कही थी… उसे याद करते ही उसके दिल में दर्द उठ गया।
उसने सौम्या के बालों को फिर से पकड़कर खड़ा किया और बोला –
“पति नहीं हूं मैं तुम्हारा… अब समझी? और अगर कुछ और बनाकर यह सब करना है तो… वह तुम्हारी मर्जी। ‘कुछ और’ से मतलब समझी ना तुम…”
धानिश्क की बात सुनकर सौम्या का दिल तड़प उठा। उसकी आंखों में नमी तैर गई। पर अगले ही पल उसने अपने आंसुओं को रोककर हल्की मुस्कान के साथ कहा –
“कोई बात नहीं… अगर आपको वह भी बनकर मुझे satisfy करना पड़ा, I don’t care about that… because I love you a lot.
अरे यह ‘love’ शब्द तो बहुत छोटा है… मैं तो आपसे इश्क करती हूं… इश्क।”
सौम्या की बात पर धानिश्क के चेहरे पर दर्द और व्यंग्य भरी मुस्कराहट तैर गई। उसने तकलीफ भरी आवाज़ में कहा –
“काश… यह तुम्हें पहले एहसास हुआ होता… तो तुम यह शादी तोड़ने की बात ना करती।”
इतना कहकर उसने सौम्या को पीछे किया और खुद बाथरूम से बाहर चला गया।
धानिश्क की बात पर सौम्या का दिल फिर से तड़प उठा। उसे अपने दिल में दर्द की चुभन महसूस हुई।
वह तड़पकर बोली –
**“जितना मर्जी दूर भाग लीजिए मिस्टर कपूर… पर अब मैं आपको पाकर ही रहूंगी।
गलती मेरी है… मैं मानती हूं। मुझे आप पर विश्वास करना चाहिए था, अपनी मोहब्बत पर विश्वास करना चाहिए था, इश्क पर विश्वास करना चाहिए था… पर मैं नहीं कर पाई।
मैं मजबूर थी… मुझे अपने पिता के कातिल का पता लगवाना था।
पर अब ऐसी कोई गुंजाइश ही नहीं होगी। अब मैं आपको अपने से दूर कभी नहीं होने दूंगी।”**
इतना कहकर उसने अपने कपड़ों पर हाथ रखे और धीरे-धीरे उन्हें उतारने लगी।
वही बाहर धानिश्क तौलिया लपेटे बालकनी में खड़ा सिगरेट पी रहा था। उसके अंदर दर्द का तूफान उमड़ रहा था।
उसके कानों में सौम्या का इश्क बार-बार गूंज रहा था कि वह उससे कितना ज्यादा इश्क करती है। यही बात धानिश्क को अंदर ही अंदर बेचैन कर रही थी।
पर तभी उसे अपने सीने पर मुलायम हाथों का स्पर्श महसूस हुआ। और जैसे ही उसने यह महसूस किया, उसकी धड़कनों
ने फिर से रफ्तार पकड़ ली। उसका दिल एक बार फिर जोर-जोर से धक-धक करने लगा।
To be continued…









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