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Emotional break down

Kapoor mention,,,

मीरा इस वक्त शॉवर के नीचे खड़ी थी और इस वक्त वह पूरी तरह से नग्न थी। मीरा के बदन पर जगह-जगह नीले निशान पड़े हुए थे जो रात के अफसाने की गवाही दे रहे थे। उसकी आंखों के सामने रात को जो माइकल ने उसके साथ दरिंदगी दिखाई थी वह मंजर घूम रहा था। माइकल की वह दरिंदगी याद करते ही मीरा के शरीर में करंट सा दौड़ जाता था। मीरा के बार-बार रोंगटे खड़े हो रहे थे, लेकिन तभी उसने अपने पेट पर किसी का हाथ महसूस किया।

अपनी कोर पेट पर किसी का हाथ महसूस कर उसकी रूह जैसे कांप गई। मीरा का दिल ज़ोरों-ज़ोरों से धक-धक करने लगा।

वहीं जैसे ही उसने अपने पीछे देखा तो उसकी आंखें हैरत से फैल गईं, क्योंकि उसके पीछे माइकल खड़ा था जिसने उसके पेट पर बड़े प्यार से हाथ रखा हुआ था। माइकल की आंखों में इस वक्त बेहद गहर ehsaas the। वहीं मीरा का कलेजा तो जैसे उसके मुँह में आ गया था, उसके होंठ बुरी तरह से फड़फड़ा रहे थे और दिल सीने से बाहर आने को हो रहा था।

मीरा (रोते हुए, सर ना में हिलाते हुए): "प्लीज़ नहीं माइकल जी... प्लीज़..."

मीरा को इतना बेबस, लाचार और तकलीफ़ से भरा देखकर माइकल के दिल में टीस उठी। माइकल की आंखें हद से ज्यादा लाल हो गई थीं और ऊपर से मीरा का ऐसा हाल उसी की वजह से था, यह बात उसे अंदर तक चुभ रही थी। पर उसने जल्द ही गहरी सांस ली और अगले ही पल बिना सोचे-समझे अपने होंठ मीरा के होठों से उलझ दिए और उसे बड़े प्यार से सॉफ्टली किस करने लगा। वहीं मीरा तो जैसे अपनी जगह पर खड़ी-खड़ी जम सी गई। उसका दिल धक सा रह गया।

माइकल अपने मन में… "मुझे यह करना होगा… क्योंकि अभी भी सच पूरी तरह सामने नहीं आया। मैं जानता हूं तुम भी गुनाह पर हो। मुझे तुम्हारी आंखों में अपने लिए नफ़रत बनानी होगी ताकि तुम्हें नुकसान पहुंचाने वाले मेरे सामने आ सके।"

इतना सोचते हुए माइकल ने उसे चूमते हुए बाथरूम की वॉल से लगा दिया। अगले ही पल माइकल के हाथ मीरा के सीने पर आ गए। एक बार फिर से उसने मीरा के boobs को मसलना शुरू कर दिया। वहीं मीरा की आंखों से आंसू एक बार फिर से झर-झर बहने लगे।

वह अपने हाथों से माइकल को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी, पर माइकल ने अब दोनों हाथों को अपने एक हाथ में पकड़कर ऊपर वॉल से लगा दिया और खुद मीरा की सारी बॉडी को एक्सप्लोर करने लगा। बढ़ते पल के साथ उसकी किस और इंटेंस होती जा रही थी।

तकरीबन 20–25 मिनट बाद जब मीरा की सांसें उखड़ने लगीं तो माइकल ने उसे छोड़कर उसकी आंखों में देखते हुए कहा—

माइकल: "तुम जितना मर्ज़ी भाग लो, पर तुम जैसी गोल्डी करना मेरे बिस्तर पर ही आओगी। अब तुम कहीं नहीं जा सकती। तुम मेरी मिस्ट्रेस बनकर यहीं पर रहोगी।"

माइकल की बात सुनकर मीरा का दिल पूरी तरह से चकनाचूर हो गया।

मीरा (रोते हुए): "माइकल जी, आप मुझे ग़लत समझ रहे हैं। आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ, ऐसी बातें मत कीजिए। मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ।"

माइकल अपने मन में… "माफ़ कर दो मेरी जान। मुझे तुम्हें तकलीफ़ पहुँचानी होगी। यह नफ़रत सारी उम्र तो नहीं पर फिलहाल बहुत ज़रूरी है। मैं जानता हूँ तुम्हारी नफ़रत झेल नहीं पाऊँगा, पर फिर भी यह करना मजबूरी है…"

इतना अपने जहन में कहकर माइकल ज़ोर से बोला—

माइकल: "तो तुम ऐसी लड़की नहीं हो? तुम तो ऐसी ही लड़की हो जो कोठे पर जाकर…"

माइकल ने अभी इतना ही कहा था कि तभी वहाँ पर चट्टाक की आवाज़ गूँज गई। मीरा ने एक ज़ोरदार थप्पड़ माइकल के गाल पर जड़ दिया। माइकल का चेहरा दूसरी तरफ झुक गया था, पर उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट थी जो शायद मीरा को नहीं दिखी।

अगले ही पल उसने अपनी मुस्कुराहट को छुपाया और फिर से उसके हाथों को पकड़ कर ऊपर वॉल से लगाकर खुद को मीरा के अंदर इंटर कर दिया। वहीं मीरा की जोरदार चीख पूरे बाथरूम में गूँज गई, क्योंकि मीरा की pussy पूरी तरह से सूज चुकी थी। सारी रात माइकल ने उसके साथ सेक्स किया था जिसकी वजह से उसकी pussy में काफ़ी हद तक स्वेलिंग आ चुकी थी।

वहीं माइकल को अपने दिल में टीस तो उठी, पर फिर भी उसने खुद को भारी मन से मीरा के साथ जबरदस्ती करने पर मजबूर किया और खुद को उसके अंदर thrust करने लगा।

मीरा की आंखों से पानी अब उसके गालों पर बहने लगा। वह रोते हुए चिल्लाती रही—

मीरा: "मुझे दर्द हो रहा है… प्लीज़…"

पर माइकल बिल्कुल भी उसके साथ सॉफ्ट नहीं हुआ।

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दूसरी तरफ,

Singapore, Kapoor's Palace में…

सौम्या इस वक्त धानिष्क के नीचे लेटी हुई थी और उसकी आंखों में इस वक्त नमी तैर रही थी क्योंकि अभी-अभी धानिष्क ने उसे बाहर से लाकर बेड पर पटका था और खुद भी उसके ऊपर चढ़कर दाँत पीसकर बोला—

धानिष्क: "तुम्हें तैयार होने को किसने कहा था?"

यह बात सुनकर सौम्या का दिल एक पल के लिए तड़प उठा। वहीं सौम्या की आंखों में नमी देखकर धानिष्क के दिल को कुछ-कुछ होना शुरू हो गया।

अगले ही पल वह सौम्या के ऊपर से हटा और गहरी सांस लेकर बोला—

धानिष्क: "ठीक है, मैं तैयार होने जा रहा हूं। रेडी रहो, हम दोनों अभी पार्टी में निकल रहे हैं। और एक बात याद रखना, पति-पत्नी बनकर नहीं, एम्प्लॉयर और बॉस बनकर। अब तुम मेरी एम्प्लॉयी हो। और एक बात याद रखना, तुम्हें सिर्फ मैं थोड़ी देर के लिए जॉब पर रख रहा हूं, जब तक हमारा तलाक नहीं हो जाता। क्योंकि मैं लोगों को यह नहीं बताना चाहता कि तुम मेरी पत्नी हो।"

धानिष्क: "क्योंकि लोगों को मुझ पर बहुत विश्वास है, चाहे किसी को हो या न हो।"

धानिष्क की बात सुनकर सौम्या की आंखों से नमी उसके गालों पर आ गई।

सौम्या (तड़पकर): "कैसी बातें कर रहे हैं मिस्टर कपूर? मैं आपकी पत्नी हूं और पत्नी ही रहूंगी।"

जैसे ही सौम्या ने यह बात कही, धानिष्क ने उसकी बाँह पकड़कर दोबारा से दीवार से सटा दिया और गुस्से से उसकी आंखों में देखते हुए बोला—

धानिष्क (दांत पीसकर): "पत्नी का मतलब जानती हो तुम? विश्वास! और तुमने तो मेरा गुरूर ही तोड़ दिया।"

धानिष्क की बात सुनकर सौम्या ने अपनी आंखें कसकर बंद कर लीं। वहीं सौम्या को इस तरह आंखें बंद करता देख धानिष्क व्यंग्य से हंसा और बोला—

धानिष्क: "क्या हुआ? सच्चाई सुनी नहीं जा रही? मुझे भी सच्चाई मानने में टाइम लगा था। जब तुमने उस दिन बड़े आराम से किसी के कहने पर यह कह दिया कि तुम मुझे छोड़कर उससे शादी कर सकती हो। अपनी शादी तोड़कर। क्योंकि तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं था। तुम्हें लोगों पर विश्वास है, पर अपने इश्क़ पर नहीं। सॉरी… अगर इश्क़ होता तो विश्वास ज़रूर करती। जहाँ विश्वास नहीं, वहाँ इश्क़ ही क्या!"

इतना कहते हुए धानिष्क का लहजा बेहद सारकास्टिक था।

फिर अगले ही पल धानिष्क तड़प कर बोला—

धानिष्क: "मुझे भी बहुत तकलीफ़ हुई थी, पर अब मैं यह सच्चाई मान चुका हूं।"

इतना कहकर धानिष्क ने एक झटके से उसे छोड़ा और बाथरूम की तरफ चला गया। वहीं सौम्या अपनी जगह पर खड़ी सुनती रह गई। उसके दिल में एक टीस उठी। सौम्या वहीं खड़ी-खड़ी जड़ सी हो गई थी। उसकी धड़कनें धड़कने से इंकार कर रही थीं।

उसे अब सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वह अपनी गहरी-गहरी सांस भरते हुए बालकनी में जाकर खड़ी हुई। उसके कानों में इस वक्त धानिष्क की बातें गूंज रही थीं।

सौम्या (रोते हुए, तड़पकर): "बहुत दर्द दिया है मैंने आपको… पर अब नहीं। अब चाहे आप मुझे धक्के मारकर भी अपनी ज़िंदगी से बाहर निकालेंगे ना, मैं तब भी नहीं जाऊंगी। क्योंकि अब मुझे अपना इश्क़ साबित करना है ताकि आप भी मुझे बेझिझक, बेधड़क इश्क़ कर सकें।"

इतना कहते हुए उसने अपने आंसू पोंछे और बाथरूम की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए।

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वहीं दूसरी तरफ, बाथरूम में…

धानिष्क इस वक्त शॉवर के नीचे खड़ा था और वह पूरी तरह से नग्न था। उसने अपने दोनों हाथ वॉल पर लगाए हुए थे और आंखें कसकर बंद रखी हुई थीं। शॉवर का पानी उसके ऊपर गिर रहा था।

जैसे-जैसे शॉवर का पानी उसके सिर से होते हुए उसके जिस्म पर गिर रहा था, वैसे-वैसे उसका शरीर और भी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था। उसके abs बेहद सेक्सी लग रहे थे। पर अफसोस, धानिष्क इस वक्त गुस्से में वहाँ खड़ा था। उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि उसने सौम्या को इतना सब कुछ सुना दिया।

लेकिन तभी दरवाजा खुला और सौम्या अंदर आई।

जैसे ही सौम्या अंदर आई, अगले ही पल धानिष्क की आंखें खुल गईं। उसकी आंखें इस वक्त इतनी ज्यादा लाल थीं कि ऐसा लग रहा था मानो धानिष्क ने कितनी ही देर से नींद न ली हो। वहीं सौम्या सीधे उसके बराबर आकर खड़ी

हुई और अगले ही पल जो उसने किया उसे देखकर धानिष्क की आंखें हैरत से फैल गईं…

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To be continue...

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