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Pari in the pain

Kingdom,,

बाथरूम में,,

अखिल अभी भी अपनी जगह पर जमा खड़ा था। उसकी आंखों के सामने परी का रोता हुआ चेहरा घूम रहा था क्योंकि अभी-अभी अखिल ने परी को अपने प्यार का इज़हार किया था। इसे सुनकर परी का दिल एक पल के लिए धड़कना ही भूल गया था। परी पूरी तरह से अखिल के प्यार को नकार रही थी। और आज पहली बार अखिल ने परी को रोते हुए देखा था। परी को पहली बार रोते हुए देखकर अखिल का दिल जैसे धड़कना ही भूल गया। परी का चेहरा पूरी तरह से लाल और आंखें लाल देखकर अखिल का दिल तड़प उठा।

वह अपने तड़पते हुए दिल से बोला –

अखिल (गुस्से और दर्द से): "आखिर ऐसा भी क्या कह दिया मैंने? तुम खुद आई थी मेरे पास, मैं तो नहीं आया था। तुम्हीं ने जबरदस्ती की थी। और अब जब मेरा दिल तुम्हारे लिए धड़कना शुरू हो गया तो तुम मेरे प्यार को नकार रही हो!"

अखिल मन ही मन बड़बड़ा रहा था और इस वक्त उसकी आंखें हद से ज्यादा लाल हो रही थीं। उसे कुछ देर पहले वाला परी का पजेसिव नेचर याद आ रहा था, लेकिन अगले ही पल उसकी आंखों के सामने कुछ कड़ियां जुड़ती हुई महसूस हुईं। इन्हें जोड़ते हुए सबसे पहले उसके दिमाग में मॉरिस का चेहरा घूमा।

अखिल (खुद से): "कुछ तो है जो तुम मुझसे छुपा रही हो। वरना इन दो महीनों में इतना तो जान ही चुका हूं कि तुम मुझसे प्यार तो करती हो, पर उसे एक्सेप्ट नहीं करती। पर मुझे छोड़ना... यह तुम्हारा डिसीजन नहीं हो सकता।"

इतना कहते हुए अखिल के चेहरे पर अजीबोगरीब भाव थे।

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वहीं दूसरी तरफ, वार्डरोब में…

परी इस वक्त वार्डरोब का दरवाज़ा बंद करके उससे टिककर नीचे जमीन पर बैठकर रो रही थी। आज से पहले परी का यह रूप किसी ने नहीं देखा था। और आज पहली बार अखिल ने परी को रोते देखा।

परी (सिसकते हुए खुद से): "नहीं… तुम मुझसे प्यार नहीं कर सकते। बिल्कुल नहीं! मैं तुम्हें खुद से प्यार नहीं करने दूंगी, कभी नहीं। अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी। मैंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ खोया है… मां, बाप और इसके अलावा अपना बचपन भी।"

इतना कहते हुए उसकी आंखों के सामने अपनी मां-पापा का चेहरा घूम रहा था। अगले ही पल अपने आंसू पोंछते हुए बोली –

परी: "अब मैं तुम्हें नहीं खो सकती… नो, नेवर! मुझे तुमसे दूरियां बनानी होंगी, चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े।"

अपनी बात कहते हुए परी के चेहरे पर मिस्टीरियस एक्सप्रेशन थे। ऐसा लग रहा था जैसे अब वह अखिल को अपने से दूर करने की तैयारी में है।

वह अपनी जगह से उठी, खुद को मजबूत करते हुए कपड़े पहने और बाहर निकल आई। जैसे ही वह बाहर आई, सामने ही उसकी नजर अखिल पर पड़ी। वह अभी-अभी बाथरूम से नहा कर निकला था और केवल टॉवल में था। उसके शरीर पर पानी की बूंदें बेहद अट्रैक्टिव लग रही थीं। एक पल के लिए परी उससे अपनी नजर हटाना भूल गई।

परी को अपना गला सूखता हुआ महसूस होने लगा। वहीँ खुद पर परी की नजर पाकर अखिल के चेहरे पर एक बार फिर से तिरछी मुस्कराहट तैर गई। पर इस वक्त अखिल के दिमाग में भी बहुत कुछ चल रहा था। अब उसे सच्चाई की तह तक जाना था।

अखिल अपने कदम परी की तरफ बढ़ाने लगा। परी हड़बड़ा गई और बाहर जाने लगी। तभी अखिल ने उसका हाथ पकड़कर दोबारा दीवार से सटा दिया।

परी (धड़कते दिल के साथ): "ये क्या हरकत है? मुझे बाहर जाने दो!"

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🎶 गाना शुरू होता है…

Tu Paas Hai Mere Paas Hai Aise

Mera Koi Ehsaas Hai Jaise

Tu Paas Hai Mere Paas Hai Aise

Mera Koi Ehsaas Hai Jaise

वहीं अखिल बिना कुछ कहे उसके चेहरे की तरफ देखता रहा। उसकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं जिसे परी पूरी तरह से इग्नोर कर रही थी। उसकी आंखें इधर-उधर घूम रही थीं। परी का ऐसे इग्नोर करना अखिल के चेहरे पर गहरी मुस्कान ला रहा था, क्योंकि वह जानता था कि परी उसकी आंखों में देखने से कतरा रही है।

तभी परी के कानों में अखिल की गुनगुनाहट सुनाई दी और उसने आंखें कसकर बंद कर लीं।

Haaye Main Mar Hi Jaaun

Jo Tujhko Na Paaun

Baaton Mein Teri Main Raatein Bitaaun

Honthon Pe Lamha Lamha

Hai Naam Tera Haaye

Tujhko Hi Gaaun Main Tujhko Pukaaroon

जैसे ही अखिल ने ये शब्द गाए, परी ने आंखें खोलकर अखिल की आंखों में देखा। अगले ही पल उसकी आंखें नम हो गईं। पहली बार परी हेल्पलेस महसूस कर रही थी। वह पूरी तरह से अखिल की बाहों में बिखरना चाहती थी लेकिन ऐसा कर नहीं सकती थी।

अखिल ने उसके गाल पर हाथ रखकर प्यार से माथे को चूमा और गाने के आगे के लिरिक्स गुनगुनाने लगा –

Saiyaara Tu Toh Badla Nahin Hai

Mausam Zara Sa Rootha Hua Hai

Saiyaara Tu Toh Badla Nahin Hai

Mausam Zara Sa Rootha Hua Hai

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अखिल के शब्द सुनकर परी को अपना दिल टूटता हुआ महसूस हुआ। वह रोते हुए सिर हिला रही थी। वहीं अखिल ने उसके गाल को सहलाते हुए गाने के आगे के लिरिक्स गाए –

Haaye Main Mar Hi Jaaun

Jo Tujhko Na Paaun

Baaton Mein Teri Main Raatein Bitaaun

Honthon Pe Lamha Lamha

Hai Naam Tera Haaye

Tujhko Hi Gaaun Main Tujhko Pukaaroon

Saiyaara Tu Toh Badla Nahin Hai

Mausam Zara Sa Rootha Hua Hai

---

इतना सुनते ही परी ने अखिल को धक्का दिया और चिल्लाई –

परी (गुस्से और आंसुओं में): "दूर रहो मुझसे! नफरत है मुझे तुमसे। क्यों नहीं समझते हो? मैं तुम्हें हासिल करना चाहती थी, वो मैंने कर लिया। अब हमारे रास्ते अलग हैं। बहुत जल्द हमारा तलाक होने वाला है… और मेरी शादी भी!"

इतना कहकर परी बाहर भाग गई।

वहीं उसकी चीख सुनकर अखिल के चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट तैर गई। वह मुस्कराते हुए बिस्तर पर फैलकर लेट गया और गाना गाने लगा –

Jis Roz Hum Tum Phir Se Milenge

Yeh Saari Baatein Tujhse Kahenge

Duniya Mein Chaahe Ban Jaayein Jo Bhi

Tere Bina Tab Kuch Na Rahenge

Haaye Main Mar Hi Jaaun

Jo Tujhko Na Paaun

Jo Tujhko Na Paaun

Main Mar Hi Jaaun

Honthon Pe Lamha Lamha

Hai Naam Tera Haaye

Tujhko Hi Gaaun Main Tujhko Pukaaroon

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जैसे ही अखिल ने यह गाया, परी जो नीचे भाग रही थी उसके कदम रुक गए। वह सीढ़ियों पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगी। उसे अपने दिल में एक टीस महसूस हो रही थी जो वह किसी को बता नहीं सकती थी।

दूसरी तरफ, कोई और था जो परी की हालत देखकर खुश था। यह कोई और नहीं बल्कि परी का सौतेला पिता था जो रेलिंग से खड़ा होकर उसे देख रहा था।

परी ने अपने आंसू पोंछे, चेहरा सख्त किया और नीचे आ गई। डाइनिंग टेबल पर दादा-दादी बैठे थे। तभी परी ने जोर से चिल्लाकर कहा –

परी (गुस्से से): "अबे गांडू हो… कहां मर गए सब नौकर? अभी इसी वक्त हाल में इकट्ठे हो जाओ!"

उसकी आवाज इतनी तेज थी कि सभी घर के मेंबर और नौकर इकट्ठे हो गए। अखिल भी नीचे आ गया।

परी ने सबकी तरफ देखते हुए कहा –

परी (सख्त आवाज में): "आज शाम को मेरी सगाई है। और शाम तक की सारी तैयारी हो जानी चाहिए!"

यह सुनकर निरंजन जी की नजरें अखिल पर गईं। वह कुछ कहना चाहते थे लेकिन अखिल ने उन्हें हाथ से रोकते हुए कहा –

अखिल (डोमिनेटिंग आवाज में): "नहीं दादाजी, आप कुछ मत कहिए। मैं भी देखना

चाहता हूं कि यहां किसकी इंगेजमेंट होती है।"

अखिल की यह आवाज सुनकर पहली बार परी का दिल जोर से धड़कने लगा।

To be continued…

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