
City hospital,
ICU ward,
सूफियाना इस वक्त बिस्तर पर बेजान सी लेटी थी और डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे। उसके मुंह से इस वक्त झाग निकल रहा था। वहीं AS उसी के पास खड़ा था और सूनी आंखों से सूफियाना को देख रहा था। काजल तो आते ही बेहोश हो गई थी, इसीलिए उसे साइड के रूम में जो कि रेस्ट रूम था उसमें लिटा दिया गया था। डॉक्टर इस वक्त सूफियाना का इलाज कर रहे थे।
तकरीबन 2 घंटे डॉक्टर अपना काम करते रहे, पर AS अपनी जगह से नहीं हिला। डॉक्टर ने उन्हें कई बार कहा कि—
डॉक्टर – “आप बाहर जा सकते हैं।”
पर जब भी डॉक्टर ने उसे कहा तो AS अपनी कातिलाना नजरों से डॉक्टर को देखने लगा। जिसके डर से डॉक्टर की आवाज उसके गले में ही अटक गई। इसीलिए डॉक्टर ने दोबारा AS को कुछ नहीं कहा। अब तकरीबन 2 घंटे हो गए थे पर AS अपनी जगह से हिला तक नहीं था। वह बस लगातार सूफियाना की तरफ देखे जा रहा था।
जो डॉक्टर सूफियाना का इलाज कर रहे थे, तभी उनकी आंखों में एक अलग सी चमक आ गई और अगले ही पल उनके होठों पर हल्की तिरछी मुस्कराहट तैर गई। और वह AS की तरफ पलटे। AS भी अपनी आस भरी निगाहों से डॉक्टर को देख रहा था।
तभी डॉक्टर ने कुछ कहा, जिसे सुनकर अगले ही पल AS की आंखों में एक चमक दौड़ गई।
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Shekhawat farmhouse,
AS तेज कदमों से फार्महाउस में आया और सीधा बेसमेंट में चला गया। जाते ही उसके हाथ में किलो वाला हंटर एक बॉडीगार्ड ने पकड़ा दिया। और अगले ही पल AS ने सामने पड़े रवि और उसके साथ ही पड़े बॉडीगार्ड, जो कि खून से लथपथ था, उन पर किलो वाला हंटर बरसाना शुरू कर दिया।
AS रवि और बॉडीगार्ड को इतनी बुरी तरह से मार रहा था कि उनकी मार से मांस के लोथड़े बाहर की तरफ आ गए थे। वहीं रवि, जिनको इतनी देर से हंटर पड़ रहे थे, वह हंटर पड़ने के बावजूद पागलों की तरह हंस जा रहा था।
वहीं दूसरी तरफ बॉडीगार्ड तो चीख रहा था, उसकी तो जैसे जान ही उसके बदन से निकल जा रही थी। AS रवि को हंसते हुए देखकर बोला—
AS – “और हंस... आज तेरी हंसी गायब करता हूँ। चल... हंस... और हंस...”
उसकी बात सुनकर एक पल के लिए रवि के चेहरे पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं आ गईं और अगले ही पल सवालिया एक्सप्रेशन से AS को देखने लगा। अगले ही पल AS ने जो हाथ में हंटर पकड़ा था, वह उसके गले में लपेटते हुए बोला—
AS – “तेरा बहुत-बहुत शुक्रिया मेरी बेटी को ज़हर देने के लिए...”
उसकी बात पर रवि व्यंग्य से हंसा और बोला—
रवि – “तू इसी लायक था... आखिर मेरा सपना पूरा हो गया। मैंने तुझे तोड़ दिया... बिखेर दिया। मैंने तेरी बेटी को... तेरी जिंदगी को खत्म कर दिया...”
उसकी बात पर AS अब जोर-जोर से हंसने लगा। AS को हंसता देखकर रवि के चेहरे पर हैरानी के एक्सप्रेशन आ गए। वह हैरानी से AS की तरफ देखते हुए बोला—
रवि – “लगता है पागल हो गया साला... अपनी बेटी का ग़म बर्दाश्त नहीं कर पाया।”
उसकी बात पर AS और भी ऊंची-ऊंची हंसी हंसने लगा। AS को इतना ऊंचा हंसते देखकर रवि को अब अपने मन में एक अजीब सा डर महसूस होने लगा।
तभी AS ने बाहर से किसी को आने का इशारा किया। तभी वहां पर सर्जिकल डॉक्टर की एक बड़ी सी टीम आकर खड़ी हो गई।
AS अब रवि की तरफ देखते हुए बोला—
AS – “तुझे अब सज़ा देने का टाइम आ गया है...”
उसकी बात सुनकर एक पल के लिए रवि हक्का-बक्का रह गया। वह लड़खड़ाती हुई जुबान से बोला—
रवि – “पर... तेरी बेटी का एंटीडोट मेरे पास है।”
AS और जोर से हंसते हुए बोला—
AS – “तुझे पता है तू कितना बेवकूफ है... तूने आज जो किया ना उसके लिए मैं तेरा जिंदगी भर शुक्रगुज़ार रहूंगा। पर अफसोस... अब तू ज़िंदा नहीं बचेगा। और वो भी ऐसी मौत मरेगा कि तुझे मौत देते हुए मुझे खुद को अजीब सा लग रहा है।”
रवि उसकी बात पर कांपते हुए बोला—
रवि – “ये कैसी बकवास कर रहे हो... तुम्हारी बेटी तो मर गई ना... और उसको बचाने का अब एक और रास्ता है... वह जिंदा हो सकती है दोबारा...”
AS उसकी तरफ गहरी निगाहों से देखते हुए बोला—
AS – “तेरा वह ज़हर... जो तूने उसे दिया ना... वही उसके लिए एंटीडोट बन गया। कहते हैं ना ज़हर ही ज़हर को काटता है... और वही काम तेरे ज़हर ने कर दिया।”
AS की बात पर हैरानी से रवि उसकी आंखों में देखने लगा।
अगले ही पल रवि के जबड़े कड़कने शुरू हो गए। वह अपनी जगह से खड़ा होकर हिम्मत करके अपने गले को छुड़ाने की कोशिश करने लगा। पर AS ने अपनी पकड़ हंटर पर और मजबूत कर दी और रवि के गले को और ज्यादा दबा दिया।
और अगले ही पल AS ने बड़े ही सर्द लहजे में जो कहा, उसने रवि
को अंदर तक हिला दिया। उसके होंठ अब सूखने लगे...
To be continued...









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