
Singapore,,,
Palace of Kapoor's,,
Daanishk’s room,,
इस वक्त सौम्या धानिष्क की tarzo पर बैठी हुई थी, और धानिष्क के ऊपर झुक कर उसे चूम रही थी। वही सौम्या के इस move के लिए धानिष्क कभी तैयार नहीं था, उसका दिल जैसे एक पल के लिए रुक सा गया था। ऐसा लग रहा था जैसे उसके लिए समय वहीं पर ठहर गया हो। वही सौम्या wildly उसके होठों को चूम रही थी। धीरे-धीरे सौम्या उसकी चेस्ट को सहलाने लगी हुई थी।
धानिष्क को उसके वो सॉफ्ट होंठ अपने हार्ड लिप्स पर गुदगुदी की तरह महसूस हो रहे थे। धानिष्क के पेट में इस वक्त जैसे बटरफ्लाइज उड़ रही थीं। न चाहते हुए भी धानिष्क कहीं-ना-कहीं सौम्या में दोबारा खोने लगा था। धीरे-धीरे अब धानिष्क की आंखें भी बंद होने लगीं और वह भी सौम्या को रिस्पॉन्स देने लगा था। वही सौम्या, जो उसकी tarzo पर बैठी हुई थी, धीरे-धीरे अपनी pussy दानिश्क के dick पर रगड़ने लगी थी।
धानिष्क को उसकी pussy की softness अपने dick पर साफ महसूस हो रही थी। भले ही दोनों ने लोअर बॉडी पर कपड़े पहन रखे थे—सौम्या ने इस वक्त lace वाली panty पहन रखी थी। इसके साइड पर knots बंधे हुए थे और नीचे से सिर्फ एक डोरी थी जो उसकी pussy के बीच से बंधी हुई थी। एक हिसाब से उसकी pussy पूरी तरह से visible हो रही थी। वही धानिष्क ने इस वक्त pant पहनी हुई थी, पर pant के ऊपर से भी उसे सौम्या की pussy की softness बहुत अच्छे से feel हो रही थी।
धानिष्क का body अब reacting mode में आने लगा था। उसकी hardness अब सौम्या को भी feel होने लगी थी। सौम्या भले ही धानिष्क को चूम रही थी, पर उसकी hardness महसूस कर उसका दिल जोर-जोर से धक-धक करने लगा था।
दोनों के दिल इस वक्त बेहद जोर-जोर से धड़क रहे थे। धानिष्क तो जैसे अब किसी और ही दुनिया में चला गया था। इस पल में उसे यह तक भूल गया था कि वह इस वक्त सौम्या से बेहद नाराज़ है। अब धानिष्क ने सौम्या को अपने ऊपर से नीचे की तरफ लिटा लिया और खुद उसके ऊपर हावी होने लगा और उसे शिद्दत से चूमने लगा। सौम्या की तरफ से जो शुरुआत हुई थी, अब धानिष्क की तरफ से होने लगी। दोनों इस वक्त पागलों की तरह एक-दूसरे को चूम रहे थे। वही सौम्या, जो धानिष्क को चूम रही थी, उसने चूमते-चूमते ही अपनी shrug की knot खोली और पूरी तरह से shrug उतार कर नीचे फेंक दिया।
अब वह सिर्फ midi में थी, पर उसने वह भी अपने ऊपर टिकने नहीं दी। उसने उसके shoulder की knots खोली और midi हाथों से नीचे की तरफ सरकाकर पूरी तरह उतार दी। अब सौम्या सिर्फ एक panty में रह गई थी, और वह panty net की थी और हर तरफ से डोरियों से बंधी हुई थी। जिसमें से एक डोरी उसकी ass में होकर पीछे की तरफ बंधी हुई थी और आगे से उसकी vagina साफ दिखाई दे रही थी।
वही धानिष्क की आंखों में अब जैसे नशा छा गया था। कभी सौम्या धानिष्क के ऊपर आ रही थी, तो कभी धानिष्क सौम्या पर हावी हो रहा था। दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे। चूमते हुए ही सौम्या ने उसकी shirt भी उतार कर जमीन पर फेंक दी। कुछ देर के लिए उनकी kiss break हुई और सौम्या अब धानिष्क के गले को चूमते हुए नीचे की तरफ जाने लगी। वही धानिष्क का दिल इस वक्त जोर-जोर से धड़क रहा था।
इसी बीच अचानक फोन बजा।
जैसे ही फोन बजा, धानिष्क ने आंखें खोलीं और अब जाकर उसे होश आया कि वह दोबारा से क्या करने जा रहा था। वही फोन की आवाज सुनकर सौम्या ने अपनी आंखें कसकर बंद कर लीं। कहीं-ना-कहीं वह जानती थी कि अब धानिष्क उसे नहीं छोड़ने वाला।
अगले ही पल धानिष्क ने सौम्या को अपने ऊपर से पीछे की तरफ धकेला और दांत पीसते हुए बोला –
“यह क्या हरकत है?”
उसकी बात पर सौम्या सीधी होकर खड़ी हुई जिससे उसके boobs ऊपर की तरफ bounce होने लगे। सौम्या उसकी तरफ देखकर बोली –
“आप देख ही सकते हैं कैसी हरकतें कर रही हूं… चुम्मा दे रही थी आपको।”
इतना कहते हुए सौम्या ने अपनी आंखों को बड़े शरारती अंदाज़ में blink किया। उसे देखकर धानिष्क बस देखता ही रह गया। सौम्या की हरकतें वैसे ही उसका दिल धड़काती थीं, पर आज सौम्या जैसे उसकी जान निकाल रही थी। ऊपर से उसकी हरकतें उसके दिल में आग लगा रही थीं।
धानिष्क ने उसे डांटते हुए बोला –
“अपने कपड़े पहनो और निकलो यहां से! समझी ना? मैंने कहा ना—तुम्हें तलाक मिल जाएगा। और अब मेरे आस-पास भी फटकना मत।”
उसकी बात पर सौम्या के चेहरे पर थोड़ी सी मायूसी छाई, पर अगले ही पल वह खुद को संभालकर फिर से धानिष्क के ऊपर चढ़ गई। धानिष्क इस वक्त बेड के नीचे खड़ा था, वही सौम्या बेड के ऊपर खड़ी थी। जिस तरह से सौम्या धानिष्क पर कूदी, उसकी आंखें बड़ी हो गई थीं। जैसे ही सौम्या उस पर कूदी, धानिष्क की धड़कन एक पल के लिए जैसे रुक गई थी। क्योंकि अगर सौम्या नीचे गिर जाती, तो उसे चोट भी लग सकती थी।
अगले ही पल उसने जल्दी से सौम्या को पकड़ लिया। वही सौम्या ने फौरन उसके गले में बाहें डाल दीं और उसकी tarzo पर अपने पैर लपेट दिए। सौम्या के boobs अब धानिष्क की chest से रगड़ खा रहे थे, जिससे धानिष्क का control टूटने लगा था।
सौम्या, जो एक लंगूर की तरह उछलकर उसकी गोद में चढ़ गई थी, उसे देखकर धानिष्क ने गुस्से में दांत पीसते हुए कहा –
“जहां से दफा होने का है, वहां से दफा हो जाओगी या नहीं? तुम्हें समझ नहीं आ रहा… अब मुझे तुमसे इश्क नहीं है। नफरत करता हूं मैं तुमसे।”
जैसे ही धानिष्क ने कहा, अगले ही पल सौम्या की आंखों में नमी तैर गई। उसके पैर धानिष्क की कमर से ढीले हो गए और वह सीधी होकर खड़ी हो गई। धानिष्क की इस बात से उसका दिल जैसे मानो तड़प उठा था। आंखों से आंसू उसके गालों पर बह निकले।
वही धानिष्क ने जब सौम्या के आंसू देखे तो उसका दिल एक पल के लिए थम गया। पर अगले ही पल उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया और सौम्या की तरफ पीठ कर ली।
धानिष्क की इस हरकत पर एक पल के लिए सौम्या के चेहरे पर फीकी सी मुस्कान आई और वह तड़प कर बोली –
“आंसू तो मेरी आंखों से देख नहीं पा रहे हो… और कहते हो नफरत हो गई।”
जैसे ही धानिष्क ने उसकी यह बात सुनी, उसकी आंखें बड़ी हो गईं। क्योंकि इसीलिए ही तो उसने सौम्या की तरफ पीठ की थी।
वही सौम्या अब उसकी पीठ से उसे गले लगाते हुए बोली –
“माफ कर दीजिए मुझे धानिष्क… मुझसे गलती हो गई। मैं आज के बाद कभी ऐसा नहीं करूंगी। मुझे आप पर विश्वास है पर…”
सौम्या ने इतना ही कहा था कि धानिष्क ने उसके हाथ झटकते हुए कहा –
“मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी। और अब मैं तुम्हें तलाक दे चुका हूं, समझी? तुम मेरा फैसला अब चेंज नहीं कर सकती।”
इतना कहकर धानिष्क बाथरूम की ओर चला गया। वही सौम्या बस अपनी जगह पर जैसे जम ही गई।
जहां एक तरफ तकरार हो रही थी, वही दूसरी तरफ…
Mumbai,,
Kapoor Mansion,,
सुबह के 6:00 बज चुके थे और माइकल अभी भी मीरा के अंदर खुद को thrust कर रहा था। वही मीरा की आंखों से जैसे आंसू सूख चुके थे। वह एक तरफ ceiling की तरफ देख रही थी मानो जैसे उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो। वह जिंदा लाश की तरह माइकल के नीचे लेटी हुई थी।
उसका ऐसे चुप रहना माइकल को खटक रहा था। वह वक्त के साथ अपनी wildness और बढ़ाता जा रहा था ताकि मीरा कुछ कहे, पर मीरा एक शब्द भी नहीं बोल रही थी।
मीरा का कुछ ना बोलना माइकल को अपनी हार जैसा लग रहा था। जब मीरा काफी देर तक कुछ नहीं बोली तो माइकल ने उसके ऊपर से उठकर उसकी तरफ देखते हुए कहा –
“आज की बहुत… तुम्हें रोज मेरा जानवरों जैसा सुलूक मिलेगा, क्योंकि तुम हो ही इसी लायक।”
इतना कहते हुए माइकल सीधा बाथरूम में चला गया। वही माइकल की बात सुनकर मीरा की आंखों में आंसू फिर से बह निकले और उसके गालों पर लुढ़क आए।
वह तड़प कर बोली –
“इश्क किया था… पर ऐसा लग रहा है कि इश्क ही मेरे लिए बद्दुआ बन गया। जब सच्चाई मालूम ना हो तो कैसे आप किसी को जज कर सकते हैं…”
मीरा की आवाज में दर्द साफ झलक रहा था। उसने आगे कहा –
“मेरा एक बार फिर से कहना है… आप रोएंगे माइकल जी। पर फिर भी मैं आपको माफ नहीं करूंगी, क्योंकि आप माफ करने लायक हैं ही नहीं।”
इतना कहकर बिस्तर पर लेटी हुई मीरा फूट-फूट कर रोने लगी।
वही बाथरूम में माइकल, जो गुस्से में अंदर गया था, अगले ही पल उसने shower चालू किया और shower के नीचे खड़ा हो गया। उसकी आंखों के सामने मीरा का दर्द भरा चेहरा घूम रहा था जिससे उसके जबड़े कस गए। अगले ही पल उसने गुस्से में जोर से एक पंच दीवार पर दे मारा और चिल्लाते हुए बोला –
“तुम इस बार मुझे नहीं पिघला सकती… नो
नेवर! You will be nothing to me.”
इतना कहते हुए उसकी आंखें बेहद सर्द थीं।
To be continued…









Write a comment ...