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Aditya ke pange robin se

HM College

In the Library

इस वक्त अहाना और रुद्र आमने-सामने खड़े थे। जो अहाना ने कहा था उसे सुनकर रुद्र का दिल जैसे धड़क उठा, उसकी आंखें हद से ज्यादा फैल गई थीं… क्योंकि अहाना ने अभी-अभी अपने प्यार का इज़हार किया था कि वह रुद्र से प्यार करती है। वही रुद्र के पास तो जैसे बोलने के लिए कोई शब्द ही नहीं बचा था।

अहाना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,

“मैं नहीं जानती सर कि आप मेरे बारे में क्या सोचते हैं… पर ये सच है कि मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूं। मुझे नहीं पता कैसे, क्यों और कब… पर मुझे आपसे प्यार हो गया।”

उसकी बात सुनकर जैसे रूद्र सुन्न सा पड़ गया। पर दोबारा जब अहाना ने अपने प्यार का इज़हार किया तो रुद्र अपने होश में आया और उसकी तरफ देखकर बोला,

“तुम्हारा दिमाग तो नहीं खराब हो गया? तुम्हें पता भी है तुम क्या बोले जा रही हो?”

उसकी बात पर अहाना की आंखों में नमी छाने लगी। वह तड़पकर बोली,

“ऐसा मत कहिए सर, मैं सच कह रही हूं… मैं आपसे—”

अहाना ने इतना ही कहा था कि रूद्र ने उसका हाथ कसकर पकड़ा और दीवार से लगाते हुए दांत पीसकर बोला,

“बकवास बंद रखो अपनी! अभी तुम बच्ची हो। तुम्हारी उम्र सिर्फ 17 साल है। तुम्हें पता भी है कि तुम क्या बकवास किए जा रही हो? हां, कल जो हुआ वह गलत हुआ… पर इसका मतलब यह नहीं कि तुम अपने होशो-हवास खो बैठो।”

रुद्र की बात पर अहाना की आंखों से आंसू गालों पर बह निकले। वह रोते हुए बोली,

“ऐसा मत कहिए सर… पहली बार ये एहसास मैंने किसी के लिए महसूस किया है। आज तक मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ।”

उसकी बात पर एक पल के लिए रूद्र उसे देखता ही रह गया। उसे अपने दिल से हूक उठती हुई महसूस हो रही थी। वह चाहकर भी अहाना को ‘हां’ नहीं कह सकता था क्योंकि उनकी उम्र का फासला बहुत बड़ा था। अगले ही पल उसने खुद को झटका और उसकी तरफ ठंडी नजरों से देखते हुए दांत पीसकर बोला,

“निकलो यहां से! आज के बाद मेरे आस-पास कभी नजर मत आना समझी तुम? और अब से मैं तुम्हें कभी ट्यूशन नहीं पढ़ाऊंगा… क्योंकि तुम्हारे इरादे सही नहीं हैं। तुम जैसी लड़कियों को मैं जानता हूं। पहले अपनी उम्र तो देख लो, फिर बाद में सैयां ढूंढते फिरना!”

रुद्र की बात सुनकर अहाना का दिल जैसे टूट गया। वह रोते हुए रुद्र के आगे हाथ जोड़ती हुई बोली,

“ऐसा मत कहिए सर… I really love you…”

तभी रूद्र दांत पीसकर बोला,

“Have you lost your mind, Ahana? तुम्हें पता भी है तुम्हारी और मेरी उम्र में कितना फर्क है? मैं 27 साल का हूं और तुम सिर्फ 17 की! लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे?”

अहाना रोते हुए बोली,

“I don’t care about that, sir… I love you… I love you so much…”

रुद्र तो बस अहाना को देखता ही जा रहा था। अहाना खुद तड़प रही थी और साथ ही रूद्र को भी तड़पा रही थी। वही रुद्र ने अब उसका हाथ खींचकर उसे लाइब्रेरी से बाहर धकेल दिया और बोला,

“आज के बाद मेरे आस-पास नजर मत आना समझी तुम!”

इतना कहकर उसने अहाना के मुंह पर लाइब्रेरी का दरवाजा बंद कर दिया और अंदर जाकर टेबल पर बैठ गया।

जैसे ही दरवाजा बंद हुआ, अहाना बुरी तरह से कांप गई। अगले ही पल उसकी आंखों से आंसू झर-झर कर बहने लगे। वह वहां से जाने लगी तभी पीछे से रॉबिन की आवाज उसके कानों में पड़ी,

“अहाना… क्या हुआ? तुम रो क्यों रही हो?”

रॉबिन की बात सुनकर अहाना ने जल्दी से अपने आंसू पोंछे और उसकी तरफ देखकर फीकी सी मुस्कान दी,

“ऐसा कुछ भी नहीं है रॉबिन, बस मेरी आंख में कुछ चला गया था।”

उसकी बात पर रॉबिन ने उसके चेहरे को गौर से देखते हुए कहा,

“लग तो ऐसा रहा है जैसे तुम रो-रोकर थक चुकी हो।”

अहाना फिर से फीकी मुस्कान देकर बोली,

“वहम है तुम्हारा… चलो अब क्लास में चलते हैं, टाइम हो रहा है।”

अहाना की बात पर रॉबिन ने सर हिला दिया और दोनों अपनी क्लास की तरफ बढ़ गए। सारा दिन रॉबिन अहाना को हंसाता रहा और अहाना को भी थोड़ा-सा सुकून मिला।

वहीं दूसरी तरफ… आदित्य प्रिंसिपल के केबिन में अपना एडमिशन फॉर्म भर रहा था। उसके चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट थी। उसकी आंखों के सामने रॉबिन का चेहरा घूम रहा था और उसे याद करते हुए आदित्य के होंठों पर शरारती मुस्कान आ गई।

वह खुद से बड़बड़ाया,

“अब किसी से पंगे लेने का बहुत मजा आने वाला है।”

इतना कहते ही उसके होठों पर तिरछी मुस्कान आ गई।

फॉर्म भरकर उसने प्रिंसिपल को दे दिया और अब वह अहाना की क्लासरूम की तरफ बढ़ गया। छुट्टी होने वाली थी और उसका मकसद सिर्फ अहाना को पिक करना था। उसे ये भी पता था कि रॉबिन भी वहीं होगा… और यह सोचकर उसके पेट में गुदगुदी सी होने लगी।

कुछ ही देर में वह क्लास के आगे खड़ा हुआ और उसकी नजर सीधे रॉबिन पर गई। रॉबिन को देखकर आदित्य के चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई। वह बोला,

“किसी को जलाने का वक्त आ गया है।”

कहते हुए उसके होंठों पर दिलकश मुस्कान फैल गई।

वही क्लास के बाहर खिड़की से कोई अहाना को देख रहा था… और वह कोई और नहीं बल्कि रूद्र था।

आदित्य क्लास में आया और अहाना की तरफ कदम बढ़ाने लगा। जैसे ही रूद्र और रॉबिन ने आदित्य को देखा, दोनों के चेहरे तन गए। उनकी आंखें सर्द हो गईं। रुद्र के गुस्से से उसके हाथों की नसें उभर आई थीं और जबड़े कस गए थे।

आदित्य अब अहाना के पास आया और बोला,

“क्या बात है, अभी तक तुम्हारा काम खत्म नहीं हुआ?”

अहाना बैग पैक करते हुए उसकी तरफ देखकर बोली,

“अरे तुम आ गए! अभी-अभी पैक कर रही थी, आज बुक्स बहुत ज्यादा थीं इसलिए टाइम लग गया।”

आदित्य मुस्कुराते हुए बोला,

“कोई बात नहीं, लो मैं कर देता हूं पैक।”

यह कहकर वह अहाना के हाथों से किताबें लेने लगा। खिड़की पर खड़े रुद्र की पकड़ कसती जा रही थी। लकड़ी की खिड़की उसके हाथों में चुभने लगी थी और हल्की-हल्की खरोचें आने लगी थीं।

रुद्र की आंखें इस वक्त लाल थीं। वही रॉबिन पानी की बोतल पी रहा था, पर गुस्से में बोतल लगभग पिचकने को आई थी।

अहाना जल्दी से बोली,

“नहीं, नहीं अदि… मैं खुद कर लूंगी।”

पर आदित्य ने उसके हाथ से किताबें खींच लीं और बोला,

“चुप रहो तुम, मैं कर रहा हूं। हमारे बीच इतनी फॉर्मेलिटी कब से होने लगी?”

रूद्र का गुस्सा अब बढ़ता जा रहा था। रॉबिन दांत पीसकर बोला,

“अगर वो खुद पैक करना चाहती है तो करने दो ना! क्यों बीच में दखल दे रहे हो?”

उसकी बात पर आदित्य मुस्कुराया और बोला,

“तुम्हें जलन हो रही है? अरे, मेरी फ्रेंड है… मैं उसके साथ बुक्स पैक नहीं कर सकता?”

रॉबिन चुप हो गया, पर रुद्र का खून खौल रहा था।

कुछ ही देर में अहाना ने अपना बैग पैक कर लिया और उठाने लगी। तभी आदित्य बोला,

“लो, मैं तुम्हारा बैग पकड़ लेता हूं… बहुत भारी है।”

अहाना फीकी मुस्कान के साथ बोली,

“नहीं, अदि… मैं उठा लूंगी।”

दोनों के बीच बैग को लेकर खींचातानी हो गई। रॉबिन की आंखें ठंडी पड़ गईं और रुद्र से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

आदित्य बैग खींच रहा था और अचानक अहाना का पैर डेस्क में अटक गया। वह आगे गिरने को हुई, तभी आदित्य ने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया।

यह देखकर रुद्र का दिल धक्क से रह गया। उसकी आंखें सर्द हो गईं और चेहरा पूरी तरह काला पड़ गया।

अब रूद्र बिना वक्त गवाएं उनकी तरफ आया और अगले ही पल उसने अहाना का हा

थ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया। उसकी ठंडी नजरें आदित्य पर जमी हुई थीं।

अहाना का दिल तो जैसे एक पल के लिए थम सा गया…

To be continued…

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