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Mickal aur meera

Highway,,

In the car,,,

माइकल ने अभी-अभी हाईवे के बीचो-बीच कार रोकी थी और हाईवे पूरी तरह से इस वक्त सुनसान था। कोई भी कार या फिर कोई भी इंसान वहाँ पर दिखाई नहीं दे रहा था। दोनों इस वक्त कार में बिल्कुल अकेले थे। दोनों की धड़कनों की आवाज़ उस कार में बेहिसाब गूंज रही थी।

वह लड़की जो इस वक्त माइकल के साथ बैठी थी, उसकी आवाज़ सुनकर ही माइकल ने कार की ब्रेक लगाई थी, जिस वजह से हाईवे पर कार के टायर्स की आवाज़ सन्नाटे को चीरते हुए गूंजी।

इस अचानक ब्रेक से लड़की की हंसी जैसे उसके हलक में ही अटक गई थी। उसका दिल इस वक्त जोर-जोर से धड़क रहा था। कुछ देर कार में बैठे-बैठे दोनों चुप रहे, फिर लड़की ने दोबारा माइकल की तरफ देखते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में कहा—

“माइकल… एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए।”

जैसे ही लड़की ने इतना कहा, माइकल ने उसके सर के पीछे हाथ रखकर उसके बालों को मुट्ठी में भर लिया और उसे अपने चेहरे के बिल्कुल पास खींचकर उसकी आँखों में देखते हुए बेहद सर्द आवाज़ में बोला—

“तुम्हारी वाहियात बातों के लिए मेरे पास वक्त नहीं है समझी? बहुत इश्क़ किया था मैंने तुमसे, पर तुम तो निकली बेवफ़ा। क्या सोचकर तुमने मुझे छोड़ा था? एक ऐसे लड़के के लिए, जो तुम्हें सिर्फ जिस्म से प्यार करता था! वैसे बात भी सही है… तुम ठहरी एक slut… अब एक slut कहां से किसी की वफ़ादार हो सकती है?”

माइकल की बात सुनकर लड़की ने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं और अगले ही पल उसकी आँखों से एक कतरा आँसू गाल पर बह निकला। तभी माइकल ने तुरंत अपनी उंगली से उस आँसू को छूते हुए तंज कसकर कहा—

“अरे-अरे… बंजारों औरत को रोना आ रहा है? अब मैं तुम्हें सच बताऊँ… आज की रात मैं तुम्हें सही मायनों में अपनी slut बनाऊँगा। तुम्हें पता है? आज रात तुम मुझे खुश करने वाली हो… और एक बात और—आज पूरी रात मैं तुम्हारे जिस्म को ऐसे नचाऊँगा कि तुम सारी उम्र अपने ज़िंदा होने पर पछताओगी।”

माइकल की बात पर वह लड़की बस उसे देखती रह गई। अपनी लड़खड़ाती आवाज़ में उसने कहा—

“पर माइकल… एक बार मेरी बात तो सुन लीजिए…”

जैसे ही उसने कहा, माइकल ने उसके बालों पर पकड़ कसते हुए गुस्से से बोला—

“अपनी बकवास बंद करो, मीरा! और क्या कहा था तुमने उस लड़के के साथ जाते हुए? कि मैं तुम्हारे काबिल नहीं हूँ? और उस रात… जब मैंने तुम्हें उसके साथ रात बिताते देखा… क्या सुकून था उस वक्त तुम्हें उसके साथ देखते हुए। तभी मुझे पता चला कि तुम सच में… you are such a bitch and slut!”

माइकल की बात पर मीरा ने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं। उसे अपने दिल में कुछ चुभता हुआ महसूस हो रहा था। वही माइकल उसकी आँखें बंद देखकर व्यंग्य से हँसते हुए बोला—

“क्या हुआ? अपने आप पर जिन आ रही है? तो मर क्यों नहीं रही थी अब तक? तुम्हें तो पहले ही मर जाना चाहिए था… because you are a bad warmer anyone. And you know what… tonight you will be my bed warmer. And trust me… I will satisfy you inside very much…”

माइकल की बात पर मीरा ने अपना चेहरा घुमाने की कोशिश की, पर अगले ही पल माइकल ने उसके गाल कसकर पकड़कर अपनी तरफ घुमाया और अचानक उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए। वह उसे ज़बरदस्ती वाइल्डली किस करने लगा।

मीरा का तो दिल जैसे धक-सा रह गया।

जहाँ एक तरफ नफ़रत की शुरुआत हुई थी, वहीं दूसरी तरफ शायद एक रिश्ता नफ़रत की तरफ दोबारा से जाने वाला था…

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Royal Blue Hotel,,,

सौम्या की कार रॉयल ब्लू होटल के आगे आकर रुकी। कुछ ही देर में सौम्या कार से बाहर निकली और सीधा अंदर की तरफ चली गई।

थोड़ी ही देर में वह रूम नंबर 302 के आगे आकर रुकी। सौम्या का दिल इस वक्त बेइंतहा ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।

जैसे ही सौम्या कमरे में दाखिल हुई, एक शख्स जो खिड़की के बाहर मुँह करके बैठा हुआ था, उसकी पीठ सौम्या की तरफ थी। कमरे में अंधेरा होने की वजह से उसका चेहरा साफ़ नजर नहीं आ रहा था।

वह शख्स सोफे पर बैठा था और पूरे वक्त खामोश था। तभी सौम्या ने हिम्मत जुटाकर कहा—

“क्या कहना चाहते हो तुम मेरे पति के बारे में? तुम मेरे पिता के बारे में क्या जानते हो?”

सौम्या की बात पूरी होने से पहले ही उस शख्स के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई और उसने गहरी आवाज़ में कहा—

“पहले यह बताओ… अगर मैं तुम्हें सब कुछ बता दूँ… तो क्या मेरी शर्त मान पाओगी?”

उसकी बात सुनकर सौम्या के चेहरे पर परेशानी साफ झलक गई। उसका दिल जैसे धड़कना ही भूल गया।

तभी वह शख्स दोबारा बोला—

“अगर तुम्हें मेरी शर्त याद नहीं… तो मैं तुम्हें याद दिला देता हूँ। शर्त यह है कि तुम्हें दानिश से शादी तोड़नी होगी… और मेरी पत्नी बनना होगा। बोलो, अगर मंज़ूर है… तो मैं तुम्हें तुम्हारे बाबा के क़ातिल का नाम बता दूँगा।”

उस शख्स की बात सुनते ही सौम्या की हार्टबीट एक पल को स्किप कर गई।

उसने अब तक कोई जवाब नहीं दिया था। गला सूख चुका था। कुछ बोलने की कोशिश की, पर आवाज़ जैसे गुम हो चुकी थी। आखिरकार उसने गहरी सांस लेकर कड़वा घूँट भरा और बोली—

“ठीक है… मुझे तुम्हारी शर्त मंज़ूर है।”

जैसे ही सौम्या ने यह बात कही, उसी पल उस शख्स ने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं। उसकी आँखों से एक कतरा आँसू गाल पर लुढ़क गया।

अगले ही पल उसने अपनी चेयर घुमाई… और उसे देखकर सौम्या का दिल जैसे रुक गया।

वह शख्स और कोई नहीं… बल्कि धानिश्क था।

धानिश्क की आँखें इस वक्त बेहद लाल थीं… और अगले ही पल वहाँ कुछ टूटने की ते

ज़ आवाज़ गूंजी… जिसे देखकर सौम्या का दिल दहल उठा।

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To be continued…

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