
Kapoor Villa,,,
रात के 3 बज चुके थे पर फिर भी सौम्या अभी तक धानिष्क का वेट कर रही थी। उसके चेहरे पर उसकी बेचैनी साफ दिखाई दे रही थी।
ना चाहते हुए उसका ध्यान बार-बार अपने फोन पर जा रहा था, जहां पर कई मैसेज आए थे––
"अगर अपने पति का सच जानना चाहती हो तो रॉयल ब्लू होटल पर आकर मिलो… तुम्हारे पति ने ही तुम्हारे पिता की जान ली है।"
इस मैसेज ने सौम्या को अंदर तक हिला दिया था। आज सुबह से ही सौम्या धानिष्क को पूरी तरह से अवॉइड कर रही थी…
जो कि कहीं ना कहीं धानिष्क भी जानता था और शायद वो ये भी समझ रहा था कि सौम्या क्यों उसे अवॉइड कर रही है।
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वहीं दूसरी तरफ…
Highway पर…
धानिष्क इस वक्त सामने की ओर देख रहा था, जहां माइकल एक लड़की को घसीटते हुए अपनी गाड़ी तक लेकर जा रहा था। माइकल का चेहरा इस वक्त गुस्से से कांप रहा था।
वह निर्दई होकर उस लड़की को खींचते हुए कार तक ले गया। तभी पीछे से धानिष्क की भारी आवाज गूंजी––
"माइकल… ये क्या हरकत है?"
जैसे ही माइकल के कानों में धानिष्क की आवाज पड़ी, उसकी आंखें बड़ी हो गईं। अभी तक उसने धानिष्क को देखा ही नहीं था। उसका ध्यान तो सिर्फ उस लड़की पर था जो सड़क के बीचों-बीच गाड़ियों के आगे आ गई थी।
पर अब धानिष्क की आवाज सुनकर माइकल के मुंह से धीमे स्वर में निकला––
"भाई…"
माइकल अपनी जगह पर जम चुका था। उसकी पकड़ लड़की के बालों पर ढीली पड़ गई। लड़की भागने ही वाली थी कि माइकल ने झटके से उसकी बाजू पकड़कर, कार का दरवाजा खोला और उसे अंदर धकेल दिया।
फिर उसने पीछे मुड़कर देखा तो धानिष्क अब भी उसे देख रहा था। धानिष्क के चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं था।
अगले ही पल उसने ठंडी आवाज में कहा––
"घर क्यों नहीं आए अभी तक? तुम्हें कनाडा से आए दो हफ्ते हो चुके हैं… पर अभी तक तुमने घर पर कदम नहीं रखा। पूछ सकता हूं––क्यों?"
धानिष्क ने एक बार भी उस लड़की के बारे में नहीं पूछा, जिसे माइकल अभी-अभी घसीटकर गाड़ी में डाल चुका था।
माइकल ने धानिष्क की तरफ देखा और बिना कुछ कहे सिर्फ एक तिरछी मुस्कान के साथ अपनी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर जाकर बैठ गया।
धानिष्क अब भी उसे गहरी नजरों से देख रहा था। दोनों के बीच कोई खास कन्वर्सेशन नहीं हुई, पर देखने से साफ लग रहा था कि उनका रिश्ता काफी गहरा है।
असल में माइकल और धानिष्क सगे भाई थे। माइकल, धानिष्क से 3 साल छोटा था।
जहां धानिष्क शुरू से न्यूयॉर्क में रहा था, वहीं माइकल का ड्रीम वर्ल्ड कनाडा था और वह हमेशा वहीं रहा।
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माइकल अपनी तेज़ कार सड़क पर दौड़ा रहा था।
साथ में बैठी लड़की डर से कांप रही थी। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
वह लड़की कोने में सिमट कर बैठ गई थी, उसके चेहरे पर पसीने की बूंदें थीं।
वह दिखने में बेहद खूबसूरत थी, लेकिन उसके चेहरे के किनारे पर कुछ कट थे––ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी बड़ी मुसीबत से बचकर यहां आई हो।
गुलाबी होंठ… झील सी गहरी आंखें… गोरा दूध-सा रंग… चेहरा ऐसा कि चाँद भी शर्मा जाए।
लड़की के होंठ डर से बुरी तरह फड़क रहे थे। माइकल अपने जबड़े कसे हुए तेज़ रफ्तार से गाड़ी चला रहा था, जबकि उसकी आंखों के सामने कुछ पुरानी यादें घूम रही थीं।
तभी लड़की ने कांपती हुई आवाज़ में कहा––
"माइकल जी…"
उसकी मीठी आवाज़ कानों में पड़ते ही अगले ही पल माइकल ने अचानक ब्रेक मार दिए।
कार के टायर सड़क पर घिसट गए और उनकी चीख पूरे हाईवे पर गूंज उठी।
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वहीं दूसरी तरफ…
Kapoor Villa…
सौम्या इस वक्त रेड कलर की साड़ी में तैयार हो रही थी।
कुछ देर बाद वह हॉल में आई और बाहर की तरफ निकल गई।
उसने ड्राइवर को आदेश दिया––
"रॉयल ब्लू होटल चलो।"
और अगले ही पल कार में बैठकर बाहर निकल गई।
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Highway पर…
धानिष्क अपने फोन पर कुछ देख रहा था। उसका चेहरा बेहद सर्द था और जबड़े पूरी तरह से भींचे हुए थे।
अगले ही पल उसने आंखें बंद कीं, सर पीछे कार की सीट पर टिकाया और बर्फ-सी ठंडी
आवाज़ में बोला––
"ये तुमने ठीक नहीं किया… स्वीट मार्शमैलो।"
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To be continued…
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