19

Jalan,,tadpte dil

Ranavat farmhouse,,

Rudra's room,,,

बाथरूम में अहाना पूरी तरह से नेकेड शावर ले रही थी उसकी आंखें इस वक्त बंद थी और आंखों के सामने रुद्र का चेहरा घूम रहा था,,अहाना को बार-बार रुद्र की कहानी बातें उसके कानों में गूंज रही थी जिस वजह से उसका दिल बुरी तरह से तड़प रहा था,, उसकी आंखों में पानी तो बह रहा था पर कहीं ना कहीं शावर के पानी में वह आंखों का पानी दिखाई नहीं दे रहा था पर उसकी लाल आंखों से साफ पता चल रहा था कि वह कितना रो रही थी,,

वही बाहर बैठा रूद्र उसने अपने सिर पर हाथ रखा हुआ था,, कहीं ना कहीं उसे अपने किए पर अब पछतावा हो रहा था क्योंकि अहाना की उम्र सिर्फ 17 साल थी जिस वजह से रूद्र को और भी ज्यादा गिल्ट फील हो रहा था,,, रुद्र अहाना से पूरा 11 साल बड़ा था जिस वजह से,, उसे इस बात से बहुत ज्यादा फील हो रहा था कि कभी भी वह और आहना एक नहीं हो सकते क्योंकि दोनों की एज डिफरेंस बहुत ज्यादा था,,,

वही अंदर अहाना की भी हालत कुछ ठीक नहीं थी वह रोते-रोते शावर के नीचे बैठ चुकी थी और उसने अपने घुटनों में अपना चेहरा दे रखा था,, बाथरूम में रोते हुए अहाना को काफी टाइम हो गया था तकरीबन आधा घंटा अहाना वैसे ही बैठी रही पर उसे जैसे कोई होश ही नहीं था,, वही बाहर बैठा रूद्र अब परेशान होने लगा था क्योंकि अहाना अभी तक बाथरुम से बाहर नहीं आई थी,,

उसका दिल अब जोर-जोर से धक-धक करने लगा था बाथरूम से लगातार शावर की आवाज आ रही थी, पर उस पानी की धाराओं में छुपे हुए अहाना के सिसकियों की आवाज रूद्र के कानों तक साफ पहुँच रही थी। हर एक बूंद जैसे उसके दिल को चीर रही थी। रूद्र ने अपने माथे पर हाथ रखे बैठे-बैठे गहरी साँस ली।

"मैंने ये क्या कर दिया... क्यों किया? वो सिर्फ सत्रह साल की है... और मैं... मैं ग्यारह साल बड़ा... उसके साथ कभी कुछ सोच भी नहीं सकता था... पर दिल है कि ..."

उसकी आँखों में बेचैनी थी, होंठों पर गिल्ट। दिल बार-बार धड़क रहा था – तेज़... बहुत तेज़।

वो सोच रहा था बस दो मिनट में आहना बाहर आ जाएगी, पर अब आधे घंटे से ज्यादा हो चुका था।

रूद्र के कदम खुद-ब-खुद बाथरूम के दरवाज़े तक पहुँच गए। उसने धीरे से दरवाज़े पर नज़र डाली। अंदर से बस पानी की आवाज... और कोई हलचल नहीं।

दिल और डर से काँप उठा––

"कहीं उसने खुद को...?"

उसने तुरंत दरवाज़ा खटखटाया––

“आहना..! सुन रही हो?”

कोई जवाब नहीं।

दिल की धड़कनें और बढ़ गईं।

“आहना... दरवाज़ा खोलो... वरना मैं तोड़ दूँगा!”

अब भी कोई आवाज नहीं। रूद्र से सहा नहीं गया। उसने पूरा ज़ोर लगाकर दरवाज़ा धक्का मारकर खोल दिया।

---

बाथरूम के अंदर

सफ़ेद धुंध जैसे माहौल... शावर का पानी अभी भी पूरे ज़ोर से गिर रहा था। ठंडी टाइल्स पर बैठी अहाना सिकुड़ी हुई थी। उसके गीले बाल उसके चेहरे से चिपके हुए थे। आँखें लाल थीं, और चेहरा घुटनों में छुपा हुआ।

अंदर का नजारा देख रुद्र का दिल धक्क सा रह गया,, उसकी आंखों में गहरी लाली उतर आई ,,

अहाना जो की शावर के पानी के नीचे बैठी थी उसके चेहरे पर बालों की कुछ लेट उसके गालों पर झूल रही थी और शॉवर का पानी लगातार उसके चेहरे पर गिर रहा था जिस वजह से उसका चेहरा लाल पड़ चुका था और आंखें हद से ज्यादा लाल,,,

उसने एक नजर रुद्र की तरफ देखा और अगले ही पल अपनी नज़रें झुका ली,, इस वक्त अहाना शावर के नीचे पूरी तरह से नेकेड बैठी हुई थी। वही रूद्र अब अपने धीमे कदमों से उसके पास आया और आकर घुटनों के बल बैठ गया,,,

अन्यास ही रूद्र ने उसका चेहरा अपने हाथों में भरकर ऊपर की तरफ उठाया,, और अहाना की आंखों में देख कर बोला

“ये गलत है। मुझसे गलती हुई है। तुम बहुत छोटी हो मुझसे...”

तभी अहाना सिसक कर बोली––

“तो क्या हुआ? सर... क्या मैं आपके काबिल नहीं?”

अहाना की बात पर रुद्र का दिल जोरो से धड़क उठा,,, पर अगले ही पल उसने खुद को कंट्रोल कर बोला––

“ऐसी बात नहीं है, बच्चे... बस बात इतनी है। मैंने एक टीचर और स्टूडेंट के रिश्ते को शर्मसार कर...”

रुद्र ने अभी इतना ही कहा कि अहाना ने उसके होंठो पर हाथ रख बोली––

“आपका कोई कसूर नहीं है... अगर आप बहके तो मैं भी बहक गई थी। पर अब मैं आपसे...”

अभी वो बोल ही रही थी कि तभी रुद्र सर्द आवाज में बोला––

“ऐसा कभी नहीं हो सकता... तुम अभी एक बच्ची हो... अपनी पढ़ाई पर concentrate करो। अगर नहीं कर सकती तो मुझे बताओ मैं Mr. Malik से बात करता हूँ।”

रुद्र की बात सुन अहाना के दिल से हूक उठ रही थी। वही रूद्र ने अब अपने दिल को कड़ा कर अपनी जगह से खड़ा हुआ और अहाना की तरफ पीठ करके बोला––

“बाथरूम से जल्दी बाहर निकालो। मैं तुम्हें मलिक मेंशन छोड़ कर आता हूँ। और आज से जितना हो सके तुमसे दूरियां बनाने की कोशिश करूंगा। हो सके तो मुझे माफ कर दो...”

इतना कहते हुए रुद्र की आंखें इस वक्त बेहद लाल थी वहीं रुद्र की बात सुनकर अहाना का दिल मानो धड़कन ही भूल गया उसकी आंखों में आंसू अब लबालब बहने लगे पर कुछ देर रोने के बाद उसने खुद को संभाला और वहां से बाहर निकली,,, इस वक्त अहाना ने एक फ्रॉक सूट पहना हुआ था जो कि उसकी knees तक था। अहाना के बाल अभी भी गले थे और उसके चेहरे पर झूल रहे थे और उसका चेहरा रो-रो कर पूरी तरह से लाल हो चुका था,,,,

वहीं सोफे पर बैठा रूद्र जो की अखबार पढ़ने की जानबूझकर कोशिश कर रहा था कि ताकि अहाना को यह दिखा सके कि उसे उससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा,,, पर जैसे ही उसकी नज़रें आहना पर गई उसका दिल धड़क उठा,,, एक पल के लिए वह अहाना को देखा ही रह गया,,,,,

अहाना के वो गीले बाल,,,,, और ऊपर से उसके होंठों और गालों पर आई लाली हद से ज्यादा कहर ढा रही थी,,, पर अगले ही पल रूद्र ने अपना सिर झटक और अखबार में दोबारा से खुद को बिजी करने लगा,,, वही अहाना अब मिरर के सामने आकर खड़ी हुई और अगले ही पल अपने बालों को सूखने लगी और कुछ ही देर में बाल सुखाकर उसने पलट कर रुद्र की तरफ देखा,,, पर अगले ही पल रूद्र ने दोबारा से अखबार में अपनी नज़रें गढ़वाली ताकि अहाना को दिखा सके कि उसका ध्यान बिल्कुल भी उसमें नहीं था।

जैसे ही उसने दोबारा से रूद्र को खुद पर से नजरे फिरते देखा तो अहाना का दिल एक पल के लिए दोबारा से तड़प उठा और उसकी आंखों में नमी छा गई,,,

कुछ ही देर में रुद्र ने उसे गाड़ी में बिठाया और मालिक मेंशन के लिए निकल गया,,,,

---

दो दिन बाद.......

HM college,,,

अहाना इस वक्त कैंटीन में खाना खा रही थी और उसके सामने इस वक्त रॉबिन बैठा था खाना तो वह खा रही थी पर उसकी आंखों में इस वक्त रुद्र का चेहरा घूम रहा था,, पर तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रख तो अहाना ने पीछे पलट कर देखा एक पल के लिए अहाना की आंखें बड़ी हो गई,,,

वह चिल्ला कर बोली––

“आदि... तुम!!”

इतना कहते हुए वह अपनी जगह से उठी और अगले ही पल उसे लड़के के गले से लिपट गई,,,,,

वहीं दरवाजे पर खड़ा रूद्र यह चीज देख रहा था और अ

गले ही पल उसका चेहरा काला पड़ गया और हाथों की मुठिया काश गई.......

To be continue...

Write a comment ...

Write a comment ...