
Ranavat farmhouse
Rudra's room
रुद्र और आहना दोनों के इस वक्त होश उड़े हुए थे क्योंकि इस वक्त दरवाजे के बाहर रॉबिन खड़ा था, जो कि आहना की हालत के बारे में पूछ रहा था।
वही रुद्र दांत पीसकर अपने मन में बोला –
"यह मेरा भाई है या मेरा साला है… इसमें तो सच में मेरा जीना हराम किया। कुत्ते, मैं तुझे मार डालूंगा किसी दिन।"
"यार, समझ में नहीं आता इस लुखे-लुचे का मैं करूं तो करूं क्या…"
रुद्र मन ही मन बड़बड़ाते हुए अपना मुंह बनाए जा रहा था।
वही आहना जल्दी से अपने आप को ब्लैंकेट से ढकते हुए रुद्र को देखती है और रुद्र भी इस वक्त आहना को देख रहा था। दोनों का दिमाग इस वक्त सुन पड़ चुका था, कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि करें तो क्या।
अगले ही पल रुद्र ने कुछ सोचते हुए आहना की तरफ देखा।
आहना ने भी रुद्र की तरफ देखा।
रुद्र ने अब आहना की तरफ देखकर कुछ कहा और अगले ही पल आहना की आंखें बड़ी हो गईं।
वही दूसरी तरफ, दरवाजे पर खड़ा रॉबिन लगातार दरवाजा पीट रहा था और रुद्र को आवाज़ लगा रहा था।
वह मन ही मन बोला –
"भाई, इतना टाइम क्यों लग रहा है यार? पता नहीं क्यों मुझे अच्छा नहीं लगता जब आहना को कुछ होता है। मुझे कुछ-कुछ होने लग जाता है… कहीं मैं आहना से प्यार तो नहीं करने लग गया?"
"अरे नहीं यार, इतनी जल्दी प्यार नहीं होता।
पर उसकी चिंता भी रहती है… छोटी-छोटी बात पर जब वह मुंह बनाती है और मैं उसे छेड़ता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। पता नहीं यार, समझ में नहीं आ रहा कि हो क्या रहा है।
वही मेरा खड़ूस भाई हर वक्त उसकी बॉडीगार्ड की तरह इर्द-गिर्द घूमता रहता है। जब भी उसके पास आओ तो ऐसे पड़ जाता जैसे खूंखार शेर अपने शिकार को पड़ता है। किसी दिन मुझे लगता है, मैं ना शिकार बन जाऊंगा शेर का…"
इतना कहते हुए रॉबिन मुंह बनाए जा रहा था।
लेकिन तभी दरवाजा खुला और रुद्र लोअर-शर्ट पहने बाहर की तरफ आया और रॉबिन की तरफ देखकर बोला –
"तेरे को कोई काम नहीं है? तेरे को कितनी बार कहा है कि मेरे फार्महाउस में मत आया कर। समझ नहीं आता तुझे एक बार?"
वही रॉबिन मुंह बनाते हुए बोला –
"क्या भैया, आप भी… मैं तो क्यूट गर्ल को देखने आया था।"
रोबिन के मुंह से क्यूट गर्ल सुनकर रुद्र दांत पीसकर बोला –
"बकवास बंद कर! हर वक्त उसे क्यूट गर्ल बुलाना बंद कर दे, तेरा मुंह तोड़ दूंगा मैं।"
रुद्र की बात पर रॉबिन का और भी ज्यादा मुंह बन गया।
वो मुंह बनाकर बोला –
"बस यही तो करना आता है।"
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पर अगले ही पल उसे आहना का ख्याल आया तो उसने कहा –
"मुझे आहना को देखना है, मुझे देखने दीजिए।"
जैसे ही वह अंदर जाने को हुआ, रुद्र ने पीछे से उसका कॉलर पकड़कर कहा –
"किधर जा रहा है? दफा हो जा, मेरे फार्म से निकल चल।"
रुद्र की बात सुनकर रॉबिन ने रुद्र को तिरछी नजरों से देखा और बोला –
"क्या भैया, कैसी बातें कर रहे हो? एक तो आहना के साथ इतना बुरा हुआ और आप मुझे उसे देखने नहीं दे रहे हो।"
रुद्र टेढ़ा सा मुंह बनाकर बोला –
"ठीक है, अब चल निकल। घर निकल। मुझे कल से रुद्र विला में मिलना। अगर तुम मुझे मेरे फार्महाउस में नजर आए ना, तो मैं तेरी टांगे तोड़ दूंगा।"
"भाई, क्या यार! अगर आपकी प्रॉपर्टी है, इसका मतलब ये थोड़ी कि आप मुझे यहां पर कम नहीं रहने दोगे। मैं भी आपका छोटा भाई हूं। ऐसा मत किया कीजिए यार, मुझे भी आपसे प्यार है। ये थोड़ी है कि मैं ऐसे ही आता हूं… मैं तो आपसे बहुत प्यार करता हूं।"
रोबिन की बात सुनकर रुद्र ने उसे तिरछी नजरों से देखा और बोला –
"चल चल… बस बस… निकल अब। विला को निकल जा। नहीं तो मैं यहीं पर सच में तेरी टांगे तोड़ दूंगा।"
"अगर टांगे नहीं तोड़ पाया ना, तो तेरी-तेरी ही तो मैं पक्की कूट दूंगा।"
उसकी बात पर रॉबिन अब उसके हाथ जोड़ते हुए बोला –
"भैया प्लीज, एक बार आहना को देख लेने दीजिए ना। मैं उसे देखकर चला जाऊंगा।"
रुद्र अब उसे घूरकर देखते हुए बोला –
"बकवास बंद कर। उसे बुखार है। जब उसका बुखार ठंडा होगा, मैं उसे घर छोड़ आऊंगा। चल निकल अब।"
"भैया, बस करो यार। पत्थर मत बन जाया करो। मुझे देखने दो। मैं उसे देखकर ही जाना है, ऐसे नहीं मैं जाऊंगा।"
इतना कहते हुए रॉबिन ने रुद्र को धक्का देना शुरू किया, पर रुद्र तो जैसे पत्थर का बना हुआ था। उसके धक्का देने पर वह हिला भी नहीं। रुद्र ने अपने हाथों को फोल्ड किया हुआ था और sarcastic way में रॉबिन को देखे जा रहा था।
वही रॉबिन अपनी पूरी जान लगाकर रुद्र को पुश करने की कोशिश कर रहा था, पर रुद्र दरवाजे से हिला तक नहीं।
रुद्र अब रॉबिन की तरफ देखकर बोला –
"तूने अपनी टुई का जोर लगा लिया? अब इससे पहले कि मैं तेरी टुई पर लात मारकर तुझे यहां से बाहर निकाल दूं, निकल यहां से। निकल, नहीं तो मैं सच में तेरी टुई पर लात मार दूंगा।"
जब रुद्र ने कहा – "मैं सच में तेरी टुई पर लात मार दूंगा" – तो रॉबिन ने मुंह बनाकर अपनी टुई पर हाथ रखते हुए कहा –
"ऐसा मत कहिए भैया, यार। मेरी टुई है, कोई मजाक थोड़ी है जो ऐसे ही आप तोड़ दोगे। और आप तो मम्मी से भी दो कदम आगे निकले। वो जब देखो डंडा लेकर मेरे पीछे पड़ जाती है और आप आज सच में मेरी टुई तोड़ने पर तुले हुए हैं।
देखने दो ना यार, आहना को… कोई एक बारी।"
अब रॉबिन के जिद करने पर रुद्र ने उसे सर्द नजरों से देखते हुए कहा –
"इससे पहले कि मैं तेरा यहां पर आना बंद कर दूं, दफा हो जा यहां से। मैंने तुझे एक बार कहा, दूसरी बार कहा। अगर तू प्यार से नहीं मानेगा तो मजबूरन मुझे गार्ड्स को यहां बुलाना पड़ेगा।"
उसकी बात पर रॉबिन ने अब मुंह बनाया और बोला –
"जाता हूं, जाता हूं। ज्यादा धमकियां मत दिया करो। किसी दिन ना देखना, मेरा भी इससे बड़ा फार्महाउस होगा। और उस दिन मैं आहना को अपने फार्महाउस में लेकर जाऊंगा। तब आपको भी उससे मिलने नहीं दूंगा।"
रॉबिन का इतना कहना ही था कि पता नहीं क्यों रुद्र को यह चीज बहुत बुरा लगा और वो रॉबिन को पीछे से आवाज़ देते हुए बोला –
"रुक!"
जैसे ही रुद्र ने "रुक" कहा, रॉबिन फटाफट वहां से भागते हुए बाहर चला गया। वह जानता था कि अब उसकी खैर नहीं, क्योंकि रुद्र की आवाज बेहद सर्द थी, जिसका आभास रॉबिन को हो चुका था। इसीलिए उसने वहां न रुकना ही अपनी भलाई समझी।
वही अंदर, आहना ब्लैंकेट को अपने मुंह तक ओढ़कर आंखें बंद करके लेटी हुई थी। अब उसकी रुद्र से आंख मिलाने तक की हिम्मत नहीं थी।
वही रुद्र को भी अंदर जाने में अब हिचकिचाहट सी महसूस हो रही थी।
पर कुछ सोचकर रुद्र कमरे में आया और उसने आहना को देखा, जो कि पूरी तरह से ब्लैंकेट में ढकी हुई थी। उसने अपना चेहरा भी पूरी तरह से ब्लैंकेट से कवर किया हुआ था।
ब्लैंकेट के अंदर आहना ने अपनी आंखें कसकर बंद की हुई थीं और उसके होठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी, जो कि थमने का नाम ही नहीं ले रही थी।
जैसे ही उसने रुद्र की आहट सुनी तो उसका दिल एक बार फिर से जोर-जोर से धक-धक करने लगा।
वही रुद्र की भी धड़कनें इस वक्त बेहद तेज थीं।
रुद्र धीरे-धीरे आहना की तरफ बढ़ने लगा और उसके पास आकर उसने अपना हाथ उसकी ब्लैंकेट को नीचे करने के लिए बढ़ाया ही था कि फिर पीछे की तरफ खींच लिया।
आहना के मुंह से ब्लैंकेट हटाने की उसकी हिम्मत तक नहीं हो रही थी।
उसे इस वक्त चिंता खाए जा रही थी कि पता नहीं आहना के दिल में उसके बारे में क्या चल रहा होगा।
थोड़ी देर बाद रुद्र सोफे पर जाकर बैठ गया। तकरीबन आधा घंटा ऐसे ही बीत गया। दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था।
रुद्र आपस में हाथ जोड़कर सोफे पर बैठा था। वही आहना अपने चेहरे से ब्लैंकेट भी नहीं हटा रही थी।
उसका दिल तो जैसे आज पूरी रफ्तार पर धड़क रहा था और जोर-जोर से धड़क रहा था। उसकी धड़कनों की आवाज कहीं ना कहीं रुद्र को भी सुनाई दे रही थी, पर वह इस चीज को बढ़ावा नहीं देना चाहता था।
इसलिए उसने एक गहरी सांस ली और अपनी भारी आवाज में बोला –
"देखिए मिस आहना, आज जो भी हुआ उसके लिए… आई एम रियली सॉरी। और मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई।"
जैसे ही रुद्र की यह बात सुनी, आहना का दिल एक पल के लिए जैसे रुक गया। उसकी सांसें जैसे थम सी गईं और आंखों में अब आंसू भरने लगे। जिन आंखों में अभी थोड़ी देर पहले चमक थी, वह अब पूरी तरह से खामोश हो गई थीं।
वही रुद्र अपनी बात को आगे जारी करने लगा।
इससे पहले कि वह कुछ कहता, आहना अपनी जगह से उठी और उसने जल्दी से अपने आप को ब्लैंकेट में ढका और बाथरूम की तरफ भाग गई।
और यह देखकर रुद्र ने अपनी आंखें कसकर बंद कर लीं।
To be continued…
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