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My princess

City hospital,

अभी-अभी डॉक्टर स के सामने आकर खड़ा हुआ था और डॉक्टर ने जो कहा था उसे सुनकर AS की आंखें नम हो गई थी। AS की तरफ देखकर बोले "मुबारक हो Mr Shekhawat, आपके घर बेटी हुई है" ,, जैसे ही AS ने अपनी बेटी के बारे में सुना उसका दिल जैसे धड़कन ही भूल गया। उसकी सांसों ने गहरा होना शुरू कर दिया था,, मानो एक पल के लिए जैसे समा रूक सा गया हो,,

AS की आंखों का पानी उसको गालों पर आ चुका था उसने धीरे-धीरे अपने कदम काजल के वार्ड की ओर बढ़ा दिए,, जैसे ही AS अंदर गया और अंदर का नजारा देखा उसका ,, AS के कदम जैसे वहीं पर जम गए,, उसकी आवाज जैसे मानो उसके गले में ही अटक गई हो,, वही अंदर काजल ने अपनी आंखें हल्की सी खोली हुई थी और उसके बगल में ही उसकी बेटी लेटी थी जो की हल्की-हल्के हाथ पर चल रही थी,,

वही दिव्यांश भी पीछे ही खड़ा था एक पल के लिए दिव्यांश भी य पल देख कर उसकी आंखों में भी पानी आ गया,, और अब तक आमिर भी वहां पर पहुंच चुका था जो की दिव्यांश के पीछे खड़ा था और उसकी आंखें भी आज नम थी। वही AS अब धीरे-धीरे अपने कदमों से काजल की ओर बढ़ा,, और अगले ही पल वह काजल के पास आकर खड़ा हुआ वहीं काजल उसके पास आते ही बेड से उठने को हुई पर AS ने उसे हाथ दिखाकर रोक दिया और प्यार से उसके माथे पर हाथ फेरते हुए उसे ना में सिर हिलाते हुए उठने से मना कर दिया,,,

और एक नजर अपनी बेटी को देखते हुए उसकी आंखें दोबारा से नाम हो गई,, काजल ने एस को बेटी को पकड़ने का इशारा किया पर AS ने नाम है सर हिला दिया,,, पर काजल अब नहीं मानी काजल अब अपनी जगह पर धीरे-धीरे कर उठी और उसने अपनी बेटी को अपनी गोद में लिया,,,

और अगले ही पल अपने हाथ AS की तरफ बढ़ा दिए क्योंकि वह भी जानती थी किAS इस घड़ी के लिए कितना तड़पा था। AS ने अब एक नजर काजल की और देखा और फिर अपनी बेटी की और देखा वह जो कि अपनी जीभ निकालकर AS की तरफ ही देख रही थी वह अपनी जीभ को हल्का-हल्का बाहर की तरफ निकल रही थी और अपने हाथों को हल्की-हल्के चल रही थी,,

जैसे ही काजल ने अपनी बेटी को AS की तरफ बढ़ाया तो उसका दिल की धड़कनें ने तेज होना शुरू कर दिया उसका दिल इस वक्त जोरों से ढक-ढक कर रहा था,, AS ने अब एक बार काजल को देख ना है सिर हिलाया,, तो काजल ने AS को आंखें दिखानी शुरू कर दी तो AS ने अब एक प्यारी सी मुस्कुराहट के साथ अपने हाथ थोड़े से ऊपर की तरफ उठाएं पर उसके हाथ इस वक्त बुरी तरह से कम रहे थे,,

AS का ऐसा रिएक्शन देख एक पर के लिए आमिर दिव्यांश और काजल भी उसकी तरफ देखते ही रह गए क्योंकि जिस इंसान ने इतने लोगों की जान ली थी। और हर वक्त उसे इंसान के हाथ में गण रहती थी तब भी कभी उसके हाथ नहीं करते थे आज अपनी बेटी को लेते हुए उसे इंसान के हाथ बुरी तरह से कम रहे थे,,

अब अगले ही पल काजल ने प्यारी सी मुस्कुराहट के साथ अपनी बेटी को AS के हाथ में दे दिया जैसे ही AS ने अपनी बेटी को पकड़ा तो एक पल के लिए उसकी सांसे जैसे थम गई,, उसकी आंखों में जैसे पानी का बांध टूट गया हो दिल धड़कना भूल गया हो जज्बातों ने जैसे अपनी ते तोड़ दी हो,,

आज सच में उसके अंदर का एक बाप बोल रहा था,, जिनके जज्बात उसके आंखों के जरिए बाहर आ रहे थे,, तभी AS अपनी बेटी की तरफ देखकर बोला "मेरी प्रिंसेस" ,,

काजल ने जैसे ही AS के मुंह से उनकी बेटी के लिए "प्रिंसेस" सुना तो एक पल के लिए उसकी भी आंखें नम हो गई,, तभी काजल बोली "प्रिंसेस को ही प्यार देंगे प्रिंसेस की मां को नहीं" ,, जैसे ही काजल बोली एक पल के लिए AS की आंखें बड़ी हो गई,, AS के जैसे एक पल के लिए रोंगटे खड़े हो गए,, आज उसने पूरे 1 साल बाद काजल की आवाज सुनी थी और उसे आवाज को सुनने के लिए वह पिछले एक साल से कहां-कहां किस-किस डॉक्टर के पास नहीं गया था।

यहां तक की यूरोप में भी इस चीज का इलाज नहीं मिल पाया था पर आज जैसे AS को उसकी पूरी कायनात मिल गई थी। एस ने अब princess को दिव्यांश को दिया और जल्दी से काजल के और बड़ा और उसका चेहरा पूरी तरह से हाथों में भरकर चूमने लगा,, वह उसकी तरफ देखते हुए बोला "कैसे तुम्हारी आवाज तो डॉक्टर ने कहा था कभी वापस नहीं आएगी पर आज मेरी प्रिंसेस सच में मेरे लिए लकी चार्म है" ,,,

"मेरी बेटी ने आते ही अपने शुभ कदमों से अपनी मां की आवाज भी लौटा दी है भगवान आज मुझे लगता है कि सच में ईश्वर भी है,,, जहां मैं सभी होप को दी थी आज तुम्हारी आवाज दोबारा पाकर आज मैं बहुत खुश हूं" ,,

उसकी बात पर काजल ने उसका चेहरा अपने हाथों में थमा और उसके माथे को चुनकर बोली "कभी-कभी हमारी जिंदगी में ऐसे भी मोड़ आ जाते हैं कि जिस चीज की हमने कभी अपेक्षा ना कि हो वह भी हो जाती है" ,,

उसकी बात पर AS ने हा में सिर हिलाते हुए से गले से लगा लिया। काजल के गले लगे हुए ही AS ने आमिर को कुछ इशारा किया,, और अगले ही पल AS के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई,, जिससे आमिर के चेहरे पर भी एक तिरछी मुस्कुराहट तैर गई,,

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वहीं दूसरी तरफ,,

शेखावत पैलेस में,,

अन्य इस वक्त बेड पर पहली बात थी और इस वक्त उसने अपने जिस्म पर कोई कपड़ा नहीं पहना हुआ था और उसकी आंखों में बसे हिसाब पानी बह जा रहा था,, क्योंकि अभी सुबह ही वह कोमा से बाहर आई थी और बाहर आते ही शेखावत पैलेस में रवि घुस गया था,, जो कि अभी कल रात ही आया था,, वही रवि ने इस वक्त अकेली पेट ही पहनी हुई थी। रवि अन्य के ऊपर झुकना ही वाला था कि तभी बाहर से "दिव्यांश की आवाज आई" ,,,

दिव्यांश की आवाज सुनकर एक पल के लिए अन्य की आंखें बड़ी हो गई वहीं रवि भी सुन हो गया,,,

दिव्यांश अंदर आते ही सीधा ही सौम्या के कमरे की तरफ चला गया और कमरे को लॉक देख अगले ही पल उसने अपना फिंगरप्रिंट उसे रूम के दरवाजे पर लगाया क्योंकि पिछले कुछ महीनो से इस ने उसका फिंगरप्रिंट सौम्या के कमरे के बाहर एडजस्ट करवा दिया था,, जिससे वह कभी भी अनन्या के रूम का दरवाजा खोल सकता था,,

अगले ही पल दिव्यांश ने दरवाजा खोला और सामने का नजारा देखकर दिव्यांश का दिल धक सा रह गया,,

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To be continue......

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