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Naya pdaav

Shekhawat Villa,

In the hall,

काजल इस वक्त हाल में बैठी हुई थी। और स्वेटर बुन रही थी। वही AS अब तक काम के लिए निकल चुका था। बैठे-बैठे ही काजल को पेट में दर्द तो हो रहा था जिस वजह से का हाथ अपने पेट पर बार-बार जा रहा था। और वो अपने होठों को अपने दांतों तले दबाकर उसे दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी।

जब कुछ देर उसका दर्द कम नहीं हुआ तो उठकर इधर-उधर टहलने लगी। उसे अभी भी यही लग रहा था कि ये दर्द नॉर्मल है।

वहीं दूसरी तरफ,

अनन्या के रूम में,

दिव्यांश बाथरूम से नहा कर बाहर निकला तो उसके सामने अभी भी अनन्या ऐसे ही लेटी हुई थी । अनन्या को देखकर दिव्यांश हल्का सा मुस्कुराया और फिर कबोर्ड की ओर बढ़ गया और कुछ अनन्या से बातें करते हुए...!

" अरे यार 9 महीने हो गए अब तो उठ जाओ क्यों मेरी जान लेने पर तुली हो दिल तो करता है , ना कि तुम्हें चुम्मी कर दूं , ऐसे ही वो दिन याद है, ना कि जब मैं तुम्हें पहली बार चुम्मी की थी।, oye hoye hoye , क्या मजा आया था उसे चुम्मी में...!

फिर कुछ पल रुक कर,

" तुम्हें पता है जब से तुम ऐसे लेटी हो ना , मेरा दिल नहीं लगता है ,चाहे कुछ भी हो, तुम्हें देखा था तो दिल में एक सुकून सा उतरता था , पर अब तुम वह सुकून देती नहीं हो, ऐसे आंखें बंद करके लेटी है, जैसे मानो कितने जन्मों का बदला मेरे से निकाल रही हो....!!!

इतना कहते हुए दिव्यांश की आंखें नम हो गई थी। अनन्या से बातें करते-करते ही उसने अपने कपड़े वेयर कर लिए थे।

अब एक बार फिर से अनन्या के पास आकर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ अपने हाथ में लेकर बोला...!

" उठ जाओ ना यार ,क्यों मेरी जान जला रही हो, तुम्हें पता है जब तुम्हें पहली बार देखा था ना तभी तुमसे प्यार कर बैठा था , पर मुझे नहीं पता कि तुम उठने के बाद मुझे कभी पहचान होगी नहीं पहचान होगी, या फिर हो सकता है कि तुम मुझसे नफरत करो ,क्योंकि कहीं ना कहीं तुमने अपना बच्चा खोया , उसकी वजह में ही हूं, अगर मैं तुम्हारे पास होता , तो शायद तुम अपना बच्चा खोती ही ना...!!!

पर यार मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं , प्लीज अपनी आंखें खोलो ना , तुम्हारे बिना तो जैसे ये दिल वीरान हो गया है। मैंने ये एहसास पहले कभी महसूस नहीं कीया है। तुम्हें पता है, जब तुमको किस किया था ना, जब तुमने मुझे थप्पड़ मारा था, तो यार उस थप्पड़ में भी इतनी मिठास थी क्या ही बताऊ , अरे यार मुझे ऐसे थप्पड़ खाना रोज मंजूर है बस अपनी आंखें खोलो...!!

तुम कहोगी ना तुम्हारी आंखें खोलने से पहले यही कहूंगा या मेरी गाल पर थप्पड़ जड़ दो बस तुम उठ जाओ..., अब और नहीं जिया जाता तुम्हारे बिना अगर तुम ऐसे ही लेटी रही ना इक दिन मैं मर जाऊंगा तुम्हें ऐसे देखकर...!!!

इतना कहते हुए उसकी आंखों से नमी उसके गालों पर आ गई और आंसू की एक बूंद उसे अनन्या के हाथ पर गिर गई..!

वहीं अनन्या के चेहरे पर आज कुछ तो था।

वहीं दूसरी तरफ,,

काजल अभी भी हाल में टहल रही थी और उसके पेट में अब दर्द बढ़ने लगा था। जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था। उसका दर्द और भी बढ़ते जा रहा था। वही AS जो की मीटिंग में बिजी था अभी-अभी अपने केबिन में आया था। और अगले ही पल उसने अपना फोन निकाल और फोन में कुछ करने लगा ,, पर तभी फोन की और देखते हुए उसकी आंखें बड़ी हो गई और अगले ही पल वह अपनी जगह से उठकर बाहर की तरफ भागा..!

वही शेखावत पैलेस में,

काजल का दर्द अब इतना ज्यादा बढ़ गया था कि वो दर्द से चिल्लाने लगी थी और जिसकी आवाज सुनकर दिव्यांश अपने रूम से जल्दी से बाहर आ चुका था।

और काजल को दर्द से तड़पते हुए देखकर उसके होश उड़ गए थे। वह जल्दी से काजल के पास आया और उसकी तरफ देखते हुए बोला

" क्या हुआ बेटू तुम ठीक तो हो ??

वही काजल का चेहरा पसीने में भीगा हुआ था, और दर्द के मारे उसकी जान निकल रही थी , और पसीने से उसके बाल उसके गालों तक चिपक रहे थे , क्योंकि उसे हद से ज्यादा दर्द हो रहा था , और , ऐसा लग रहा था उसका डिलीवरी टाइम हो चुका है।

दिव्यांश की बात पर काजल ने उसे अपने पेट पर हाथ रख दिया जैसे ही दिव्यांश ने काजल के पेट पर हाथ रख तो एक पल के लिए उसके चेहरे पर परेशानी झलकने लगी।

क्योंकि अनन्या वो अकेले कैसे छोड़ कर जा सकता था। जिस बारे में सोचकर उसका दिमाग खराब होने लगा था वही काजल का दर्द से बुरा हाल होने लगा था..!

जब काजल से ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं हुआ तो मजबूरन दिव्यांश को उसे गाड़ी में बिठाना पड़ा , और उसने सर्वेंट को बोल दिया कि अनन्या का ध्यान रखें, और उनके आने तक का एक पल के लिए भी सर्वेंट का ध्यान अनन्या से नहीं हटना चाहिए। दिव्यांश की बात पर सर्वेंट ने सर नीचे झुका कर हमें सर हिला दिया।

वही दिव्यांश अब काजल को लेकर अस्पताल के लिए निकल चुका था। वहीं दूसरी तरफ AS जो कि अपने फोन में अभी भी गाड़ी चलाते हुए काजल को ही देख रहा था वह समझ गया था कि दिव्यांश काजल को अस्पताल लेकर गया है और इसीलिए वो जल्दी से हॉस्पिटल की और ही निकल गया।

उससे पहले ही पता था कि काजल की डिलीवरी के लिए दिव्यांश उसे कहां ले जाने वाला है ,क्योंकि वह डॉक्टर काजल को पूरे 9 महीने तक देखभाल की थी, और उन्होंने ही काजल को प्रेगनेंसी के दौरान Treatment किया था। इसी लिए AS ने अपनी कर सीधा ही हॉस्पिटल की ओर बढ़ा दी...!

वहीं दूसरी और,

शेखावत पैलेस में,

अनन्या जोकि बेड पर लेटी हुई थी। उसने अपनी आंखें खोली और आंखें खोलते ही उसकी आंखों में नमी आ तैयार गई, वह खुद से बोली

" हमें माफ कर दीजिए दिव्यांश , पर हम आपकी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकते, इतना कहते हुए उसके नमी उसके गालों पर आ गई ..!

तभी रूम की दूसरी तरफ से कोई निकाल कर बाहर आया और उसके चेहरे पर डेविल स्माइल थी वहीं अनन्या उसे घिन भरी नजरों से देख रही थी।

वहीं दूसरी तरफ,,

सिटी हॉस्पिटल में,

AS डिलीवरी रूम के बाहर इधर से उधर चक्कर लगा रहा था। और इस वक्त उसका दिल जैसे उसके सीने से बाहर निकलने को हो रहा था ।वही दिव्यांश भी साथ में खड़ा था उसके चेहरे पर काफी परेशानी झलक रही थी। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर आए, और AS की तरफ देखकर उन्होंने अपनी पलके झुका ली..!

डॉक्टर के ऐसे पलके झुकने से AS का दिल जोरो जोरो से धक-धक करने लगा..!

और अगले ही पल जो डॉक्टर ने कहा उसे सुनकर AS की आंखों में नमी आ गई...!

To be continue.......

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