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Pregnency

One month later.......

Shekhawat palace,,,

सुबह के 7:00 बजे,,

काजल खाना बना रही थी। दूसरी तरफ , वही AS अपने कमरे में रेडी हो रहा था। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से वह शेखावत इंडस्ट्रीज जा रहा था और उसने वहां का पूरा काम संभाला हुआ था। जब से काजल गायब हुई थी। तब से AS ने शेखावत इंडस्ट्रीज जाना छोड़ दिया था। काजल के आने के बाद भी कितनी ही दिन उसने शेखावत इंडस्ट्रीज नहीं संभाली थी। जिस वजह से वहां पर काफी लोस चल रहा था और अब कुछ दिनों से AS शेखावत इंडस्ट्रीज संभाल रहा था। वैसे भी पिछले एक महीने से घर में बहुत स्ट्रेस का माहौल बना हुआ था।

क्योंकि सौम्या कोमा में थी और इस वक्त अपने रूम में वेंटिलेटर पर थी। और दिव्यांश की हालत ऐसी हो गई थी कि वह हर पल सौम्या के पास ही रहता था। जब से सौम्या कोमा में गई थी। तब से धनिष्क हर पल उसका ध्यान रखता था। उसकी क्लीनिंग से लेकर हर एक चीज सौम्या की वही करता था और यह देखकर कहीं ना कहीं AS और काजल भी परेशान रहते थे। क्योंकि ना तो वह ठीक से खाता था और ना ही कुछ ठीक से बोलता था।

काजल को दिव्यांश की हालत देखकर उस पर बहुत ज्यादा तरस आता था। वही सौम्या में अभी तक कोई भी सुधार नहीं हुआ था।

वहीं दूसरी तरफ,

डायनिंग एरिया पर,

AS खाना खा रहा था और वही काजल उसे खाना सर्व कर रही थी। काजल का चेहरा पूरी तरह से मुरझाया हुआ था और AS भी उसकी परेशानी समझ रहा था। क्योंकि उसे आज सुबह से चक्कर आ रहे थे।

वही AS गौर से उसका चेहरा देखते हुए बोला, “Are you okk rabbit?” उसकी बात पर काजल ने hmm में सर हिला दिया। तभी अचानक से काजल को वॉमिटिंग जैसा फील हुआ और वह बाथरूम की तरफ भागते हुए गई। जिसे देखकर AS के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन आ गए। वह भी अपनी जगह से उठकर काजल के पीछे गया और देखा काजल बाथरूम के वाशबेसिन में vomit कर रही थी। AS ने उसके पेट पर हल्की-हल्की हाथों से रब की और उसका फेस धुलवा कर उसे बाहर लेकर आया।

वो काजल की तरफ देखकर बोला, “ मुझे लगता है । तुम्हें डॉक्टर की जरूरत है। मैं अभी डॉक्टर को कॉल करता हूं। लेकिन काजल ने उसे मना कर दिया । वह अपना सिर हिलाते हुए मना कर दिया और बोली, “कि मुझे डॉक्टर की जरूरत नहीं है। वही आज ने उसे छोटी आंखों से देखते हुए बोला तुम चुप करो मैने तुमसे पूछा नहीं है।

वही काजल का चेहरा आज AS को थोड़ा अजीब लग रहा था । क्योंकि उसका रंग पीला सा पड़ा हुआ था। वह काजल की तरफ देखकर बोला, “ रैबिट मुझे पता नहीं क्यों लग रहा है? तुम आज ज्यादा ठीक नहीं हो । तुम ऐसा करो तुम जाकर रेस्ट करो मैं भी डॉक्टर को बुलाता हूं।

AS की बात पर अब काजल ने ज्यादा कुछ नहीं कहा…और वह अपने कमरे की ओर बढ़ गई। जैसे ही वह पहली सीढ़ी चढ़ने को हुई । तभी उसे ज़ोर से चक्कर आया। वह गिरने ही वाली थी कि तभी AS ने उसे पीछे से जल्दी से संभाल लिया और वह उसकी तरफ देखकर बोला, “ थोड़ा ध्यान से रैबिट, क्या हुआ है आज तुम्हें??

वही काजल अपने कंधे उच्चकर ना में सिर हिलाने लगी। अब AS ने परेशान होते हुए उसे अपनी गोद में उठाया और उसे लेकर अपने रूम में चला गया, रूम में ले जाकर AS ने काजल को बेड पर लेटाया और डॉक्टर को फोन कर दिया।

कुछ ही देर में,,

एक डॉक्टर काजल के पास उसे चेक कर रही थी और चेक करते हुए उनके चेहरे पर एक अलग ही स्माइल थी। वही AS परेशान होते हुए डॉक्टर की तरफ देख रहा था। डॉ अब AS की तरफ देखकर बोली, “Congratulations Mr Shekhawat,, आप पापा बनने वाले हैं। Mrs Shekhawat is a pregnant.

डॉक्टर की बात सुनकर उन दोनों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन वही अगले ही पल काजल की आंखों में नमी आ गई। काजल अपने मन में बोली, “खुशखबरी भी मिली, तो किन हालातो में – एक तकलीफ से जूझ रही थी। चाहे कुछ भी था, कुछ खबरें तो आई थी। पर घर के हालात को देखकर उस खुशी को भी वो खुलकर जी नहीं पा रही थी।

वही AS भी उसकी अंदर की तकलीफ साफ महसूस कर पा रहा था।

वहीं दूसरी तरफ,,

दिव्यांश अनन्या के कपड़े चेंज कर रहा था और उसे अच्छी तरह से ड्रेस अप करते हुए उससे बातें कर रहा था तुम्हें पता है आज तुम्हें पूरा एक महीना हो गया है, और मेरा तुम्हें प्यार करने का बहुत दिल करता है। लेकिन तुम हो कि अपनी आंखें नहीं खोलती हो।

हां मैं जानता हूं कि तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो, पर मैं तो करता हूं ना । पूरा एक महीना हो गया कि मैं तुम्हें देख-देख कर जी रहा हूं । प्लीज आंखें खोलो ना, कभी तो मेरी बात मान जाओ। मैं मानता हूं यार, कभी कभी मेरे से भी गलती हो जाती है । मैंने उसे दिन तुम्हें किस किया । मुझे तुम्हें बिना बताए किस नहीं करना चाहिए था। आज के बाद ना, मैं तुम्हें कभी भी बिना बताएं kiss नहीं करूंगा । प्लीज अपनी आंखें खोलो…….

इतना कहते हुए दिव्यांश का गला अब भरने लग गया था और उसकी आंखें नम होनी शुरू हो गई थी। वह तड़प भरी आवाज में बोला , “प्लीज अनन्या आंखें खोलो , मेरे से ऐसे तुम्हें देखकर जिया नहीं जा रहा है । मेरा दिल हर पल तड़पता है । तुम्हें ऐसे देखकर,, तुम्हें पता है मैंने तो सोच लिया है। अगर फ्यूचर में मेरी तुम्हारे साथ शादी होती हैं ना, तो मैं तुमसे 2 बच्चे करूंगा और अगर नहीं होता है ना तो मैं 12 बच्चे करूंगा , ठीक है। अगर मतलब कि तुम मानोगी वैसे तो मेरा प्लानिंग था 12 बच्चों की । पर अगर तुम कहोगी, तो मैं छोड़ दूंगा। तो एक दो बच्चे कर लेंगे , ठीक है ना ज्यादा नहीं तो। मुझे पता है, तुम मुझे पसंद नहीं करती हो , पर फिर भी एक दिन ऐसा आएगा कि जब तुम मुझे पसंद करोगी और मुझसे प्यार करोगी । मुझे पूरा यकीन है ,तुम मुझे इतना प्यार करोगी, इतना प्यार करोगी, इतना प्यार करोगी।

कभी-कभी ना मैं खुद ही गिनती भूल जाता हूं कि तुम मुझे कितना प्यार करोगी। प्यार करोगी ना प्यार….. मुझसे बोलो ना ,,,, अनन्या प्लीज अपनी आंखें खोलो ना , देखो ना रोज मैं तुम्हें पुकारता हूं। पर तुम अपनी आंखें ही नहीं खोलती हो , इतना कहते हुए दिव्यांश की आंखों से अब आंसू झलकने लगे और धीरे-धीरे उसकी गालों पर आने लगे ,पर अनन्या कहां आंखें खोल रही थी।

दिव्यांश वैसे ही बैठा बैठा उसके पास लेट गया और अनन्या के चेहरे को बड़े शिद्दत से देखने लगा । वही बाहर खड़े AS और काजल भी अनन्या और दिव्यांश को देख रहे थे। उन दोनों की आंखें भी नम थी।

देखते ही देखते 6 महीने बीत गए,

इस बीच दिव्यांश हर पल अनन्या के पास रहता और उसकी देखभाल करता और हर दिन उसकी सेवा करता , पर अनन्या अभी तक होश में नहीं आई थी। वही AS और काजल भी अपने जिंदगी में अब मसरूफ होने लग गए थे । उन्हें दिव्यांश के लिए बुरा तो लगता था, पर कहीं ना कहीं वह समझ गए थे कि दिव्यांश अनन्या से बहुत प्यार करता है । और कभी ना कभी अनन्या को होश तो आएगा ही चाहे कुछ भी हो जाए ।

उनका दिव्यांश और अनन्या पर पूरा ध्यान था । वह पूरी तरह उनकी भी देखभाल करते थे। पर अब काजल का छठा महीना चल रहा था और उसका पेट भी बाहर की तरफ उभरने लग गया था। ऐसे 3 महीने और बीत गए।

आज काजल सुबह-सुबह खाना बना रही थी ,तो उसको अपने पेट में हल्का-हल्का दर्द महसूस हो रहा था, पर उसने ज्यादा रिएक्ट नहीं किया। क्योंकि ऐसा दर्द उसे पहले भी हल्का-हल्का होता रहता था। तो उसने सोचा शायद यह नॉर्मल दर्द है। AS जो सीढ़ियों से उतर कर नीचे की ओर आ रहा था। उसके ऑफिस का वक्त हो गया था और अब उसे ऑफिस जाना था । तो वह काजल की तरफ देख कर बोला, “रैबिट अभी मैं चलता हूं । मुझे भूख नहीं है। मैं आकर खा लूंगा, अभी मुझे ऑफिस में मीटिंग के लिए जाना है।

वही काजल ने AS को घर पर देखा तो AS चुप हो गया। वह अब ज्यादा कुछ कह नहीं पाया और अब उसे खाना खाना ही था । क्योंकि काजल उसे तिरछी आंखों से देख रही थी। तो AS बेचारा भीगी बिल्ली बनकर डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे। AS को देखकर कौन कह सकता था कि यही वह बंदा था? जिसने काजल को रातों-रात भूखा रखा था। आज उसके इशारों पर खुद नाच रहा था।

वहीं दूसरी तरफ,,

अनन्या का रूम,,

दिव्यांश अभी भी अनन्या से बातें कर रहा था और उसके हाथ पैर क्लीन कर रहा था। दिव्यांश का अवतार बिगड़ चुकी था और वह अपना ख्याल बिल्कुल रखना भूल गया था। वह सारा दिन सिर्फ अनन्या का ध्यान , ख्याल रखना और उसके पास ही रहता और आज भी वह अपनी रूटीन से अनन्या को नहला धुला कर साफ करके उसके कपड़े पहन रहा था।

जो कि उसकी रोज की रूटीन थी । हालांकि उसकी शादी अनन्या से नहीं हुई थी, पर फिर भी AS ने उसे एक बार भी नहीं रोका। क्योंकि वह कहीं ना कहीं समझता था कि दिव्यांश अनन्या से बहुत प्यार करता है। और उसने अंदर ही अंदर कहीं ना कहीं डिसाइड कर लिया था कि एक बार अनन्या को होश आ जाए, तो वह दिव्यांश और अनन्या की शादी करवा देगा।

दिव्यांशी ने अब अनन्या को कपड़े पहनाए और खुद जाकर वॉशरूम में शॉवर लेने लगा। वही बाहर ले

टी अनन्या की उंगलियां आज हल्की-हल्की हिल और उसकी पलकें हल्की-हल्की फड़फड़ाई।

To be continue….

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