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Can dhaanishk now's truth

Kapoor farmhouse,,

SD room,,

रात के 8:00 बजे,,

सौम्या इस वक्त खिड़की में बैठी थी और बाहर की ओर देख रही थी। धानिष़क जो दोपहर से बाहर निकला हुआ था पर अभी तक घर वापस नहीं आया था। दोपहर की बहस के बाद,,,, धानिष़क अभी तक घर वापिस नहीं आया था। वही सौम्या की खिड़की में बैठी धानिष़क का ही इंतजार कर रही थी। इंतजार करते-करते एक घंटा और बीत गया पर अभी तक धानिष़क के आने का कोई अता पता नहीं था।

वही सौम्या अपनी सूनी आंखें दरवाजे की ओर लगा कर बैठी थी भले ही वह बालकनी में खड़ी थी आज दोपहर से ही वह बालकनी में खड़ी धानिष़क का इंतजार कर रही थी। उसे धानिष़क के लिए बेहद बुरा लग रहा था कहीं ना कहीं उसे गिल्टी फील हो रहा था कि उसे धानिष़क से ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी।

सौम्या की आंखों में इस वक्त बार-बार नमी तैर रही थी। और उसे अपनी की हुई गलती का पछतावा हो रहा था। पर वह भी पूरी तरह से मजबूर थी। सौम्या अब बालकनी में नीचे ही बैठकर धानिष़क का इंतजार करने लगी,, वह अपने आप में बड़बड़ाते हुए हमें माफ कर दीजिए धानिष़क हम मजबूर हैं। अब हम चाह कर भी आपको प्यार नहीं दे सकते,, इतना कहते हुए उसकी आंखों में आंसू लबा,,लब बहने लगे। वह अभी रो ही रही थी ।के तभी उसका फोन बजा और अगले ही पल सौम्या ने फोन उठाया दूसरी तरफ से कुछ ऐसा कहा गया जिसे सुनकर सौम्या की आंखें हैरत से फैल गई,, और वह अपनी जगह से खड़ी हुई अगले ही पल वह पार्किंग एरिया की तरफ आई और ड्राइवर से"" ब्लूबेरी बार""इतना कहकर सौम्या गाड़ी में बैठ गई

वहीं दूसरी तरफ,,

ब्लूबेरी बार,,,

एक लग्जरियस रूममें धानिष़क अपने रूम में ड्रिंक कर रहा था और उसकी आंखों के सामने बार-बार सौम्या का चेहरा घूम रहा था जिस तरह से सौम्या ने उसे आज बात की थी उसे याद करके उसका गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा था। इस वक्त धानिष़क के उस हाथ से बेहिसाब खून निकल रहा था जिस हाथ पर उसने खुद सुबह कट लगाया था। हालांकि उसे हाथ पर अभी भी पट्टी की हुई थी पर उसे पट्टी में से खून बुरी तरह से निचोड़ रहा था।

पर धानिष़क को इस चीज से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था उसके कानों में सिर्फ और सिर्फ सौम्या की की गई बातें ही घूम रही थी।,, ""this is not fair sweet marshmallow you are my life you,, are my love,, but you know what sometimes you hurt me very much,, but this time you broke my heart very badly,, I'll never forget your words ever

धानिष़क इस वक्त बेहद ही ड्रिंक कर रहा था जिस वजह से उसकी आंखें बेहद लाल थी। बेशक से उसने काफी ड्रिंक कर रखी थी पर उसके चेहरे पर नशे का कोई भी नामो निशान नहीं था। उसकी आंखें इस वक्त बेहद लाल हो रखी थी। वह अपने आप में एक बार फिर से बड़बड़ाया मुझे तुम्हारा जिस्म नहीं चाहिए मुझे तुम चाहिए तुम्हारा प्यार चाहिए पर तुमने क्या किया तुमने आज मुझे बुरी तरह से हर्ट किया यह कहकर कि मुझे तुम्हारे जिस्म की आरजू है नहीं मैं तुमसे इश्क कर बैठा इश्क कर बैठा मैं तुमसे,,, बहुत रोका मैं अपने दिल को कि मैं तुमसे इश्क ना करूं क्योंकि मैं तुम्हें अपने साथ रख कर दर्द नहीं देना चाहता था मैं एक काली दुनिया का साया हूं।

पर अब ऐसा लग रहा है कि मेरे साये मैं ही तुम महफूज रह सकती जो आज हुआ अगर तुम्हें कुछ हो जाता,,,, इतना कह। धानिष़क एक पल के लिए चुप हो गया........

धानिष़क को वो पल दोबारा से याद आने लगा जब उसे लगा था कि सौम्या उसे कार में बैठी है और एक पल के लिए उसकी सांसे ही जैसे मानो थम गई हो,, धानिष़क की सांस एक बार फिर से गहरी होनी शुरू हो गई थी। उसके हाथों की मुट्ठियां कस्ती जा रही थी। जिस वजह से उसके हाथ में लगा हुआ कट का घाव और भी गहरा होने लगा था। और धानिष़क के घाव का रुका हुआ खून जो अभी कुछ देर पहले ही रुका था। वो एक बार फिर से चलने लगा।

गुस्से से उसकी आंखें एकदम आग उगल रही थी। बढ़ते पाल के साथ उसका गुस्सा और भी बढ़ते जा रहा था उसके माथे की नसें उभरने लगी थी। वह अभी अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था । के तभी रूम का दरवाजा खुला अगले ही पल सौम्या अंदर की तरफ आई। और सौम्या को देखकर धानिष़क ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया। धानिष़क को ऐसा मुंह पलटते देखा सौम्य की आंखों में एक बार फिर से नमी तैर गई,,,

सौम्या को अपने दिल में कुछ टूटा हुआ महसूस हो रहा था। वहीं धानिष़क जिसे अपना मुंह पूरी तरीके से घूम लिया था तो गुस्से में बोला कि अब क्या करने आई हो मुझे नहीं चाहिए तुम्हारा कुछ भी मुझे तुम्हारे जिस्म की कोई भूख नहीं है। नहीं सौम्या जिसकी आंखें नम हो गई थी उसने अपनी नमी को बाहर नहीं आने दिया और गुस्से में धानिष़क ने सौम्य की तरफ

देखकर,, तभी सौम्य बोली और आपको क्या लगता है हम आपको मनाने हैं बिल्कुल भी नहीं,,, हम कभी भी आपसे इश्क नहीं करेंगे,, कि आप हमारे इश्क के काबिल ही नहीं है।

इतना कहते हुए सौम्या ने भी अपना मुंह दूसरी और घूमा लिया,, वही सौम्या की कही गई बात से धानिष़क का दिल तड़प उठा,,, उसकी लाल आंखों में जैसे अब खून ही उतर आया था,, अब वो सौम्या की तरफ पलटा अगले ही पल उसने सौम्या की बाजू से कसकर पकड़ और खींचते हुए बाहर की तरफ ले जाते हुए बोला तो क्या जरूरत पड़ी थी यहां आने की अगर इतना ही था अगर मेरे लिए इश्क दिल से खत्म ही हो गया है तो छोड़ क्यों नहीं देती मुझे,,

धानिष़क की बात पर एक पल के लिए सौम्या के दिल की धड़कन मानो रुक सी गई थी। पर फिर उसने अपने आप को संभालते हुए बोली चले जाएंगे हम आपकी जिंदगी से बहुत दूर पहले अपने हाथ में पट्टी करवा लीजिए,, वही धानिष़क जो कि उसे लेकर दरवाजे की ओर बढ़ रहा था उसकी बात सुनकर उसके कदम वहीं पर रुक गए,, और अगले ही पल उसके जबड़े कस गए,,

उसने अब सौम्या को दीवार से सताते हुए दरवाजा बंद कर उसके ऊपर झुक कर बोला यह जो तुम जिसके पीछे लगकर मुझे छोड़ना चाहती हो ना यह मत समझना कि मैं कुछ जानता नहीं हूं। घनिष्ककी बात सुनकर सौम्य के होश उड़ गए,,,

To be continue........

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