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Pari ki nafrat

Dehradun ,,

in the car,,

परी और अखिल इस वक्त दोनों कार में थे। परी ने कार का पार्टीशन ऑन कर दिया था और उसने अभी-अभी जो कहा था उसे सुनकर अखिल का दिल जैसे धड़कन ही भूल गया हो,, अखिल की आंखें बड़ी हो गई थी वह अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में अपने मुंह में बोला,,,""इसने अभी क्या कहा ?,,,क्या इसने मुझे माफी मांगी""

पर अगले ही पल अखिल ने खुद को नॉर्मल किया क्योंकि वह परी की हरकतों से अब थोड़ा इरिटेट हो चुका था क्योंकि अखिल इस एक हफ्ते में यह बात समझ चुका था। की परी सिर्फ जुबान की बुरी है पर उसके मन में कुछ भी नहीं ना चाहते हुए भी अब अखिल उसकी और थोड़ा-थोड़ा अट्रैक्ट होने लग गया था।

अब यह अट्रैक्शन था या कुछ और यह तो समय ही बताने वाला था। वही परी ने एक बार फिर से अखिल की ओर देखकर बोली अच्छा यार छोड़ो ना बात गलती हो गई मुझसे मुझे ऐसा नहीं बोलना चाहिए था तुम्हारे साथ पर अखिल ने अभी भी उसकी तरफ नहीं देखा वह कंटीन्यूअस बाहर की तरफ देख रहा था जबकि उसे परी की बातें उसके कानों में साफ सुनाई दे रही थी पर वह पूरी तरह से परी की बातों को इग्नोर कर रहा था।

जब अखिल ने पारी की बात का कोई जवाब नहीं दिया तो परी भी चुप हो गई और कुछ देर उसके बोलने का इंतजार करती रही पर तकरीबन 15 20 मिनट बीत गए पर अखिल कुछ भी बोलने को तैयार ही नहीं था जिससे परी के दिल में कुछ-कुछ हो रहा था बढ़ते पाल के साथ परी की दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी और कारण था अखिल का ना बोलना

परी दिखने में भले ही पत्थर थी उसने अपने पास्ट में कुछ ऐसी यादें थी जिससे वह पत्थर हो गई थी। पर अखिल के आने से उसकी जिंदगी में बहुत कुछ बदला था इस एक हफ्ते में उसने अखिल के साथ क्या कुछ नहीं किया था पर फिर भी अखिल शांत रहता था पर आज जब अखिल ने पारी को इनडायरेक्ट उसका गुलाम बताया तो पता नहीं क्यों परी को यह चीज बहुत बुरी लगी,,, भले ही परी ने अखिल को खरीदा था पर कभी भी उसने यह जाहिर नहीं होने दिया था कि अखिल को उसने खरीदा है एक हफ्ते में कभी भी परी ने अखिल को डीसरिस्पेक्ट नहीं किया था।

भले ही परी किसी को भी गलत बोल देती थी पर कभी भी परी ने अखिल को गाली नहीं दी थी क्योंकि शायद उसके मन में अखिल के लिए भावनाएं जगने लगी थी। जब तकरीबन 20 मिनट हुए तो परी का सब्र का बांध टूट गया और अब परी अपनी सीट से उठकर अखिल की गोद में आकर बैठ गई। वहीं अखिल की आंखें तो हैरानी से बड़ी हो गई क्योंकि परी सिर्फ उसकी गोद में आकर बैठी नहीं थी उसने उसके होठों को अपने होठों में भर लिया था और उसे चूमना शुरू कर दिया था।

पर अखिल परी को बिल्कुल भी रिस्पांस नहीं दे रहा था जिससे परी को इरिटेशन हो रही थी। परी अब और भी वाइल्डली अखिल को किस करने लगी पर अखिल का उसे पर कोई भी असर नहीं हो रहा था क्योंकि अखिल उसे रिस्पांस नहीं देना चाहता था क्योंकि कहीं ना कहीं उसके अंदर आज परी की सॉरी ने एक आस जागी थी कि वह परी को सुधार सकता है।

वही परी पागलों की तरह अखिल को किस किया जा रही थी पर अखिल को इस चीज का कोई असर ही नहीं हो रहा था वह बस आंखें खोल परी को देखे जा रहा था। जिसकी आंखें बिल्कुल ही बंद थी। जब परी ज्यादा फ्रेस्टेट हो गई तो वह अपना चेहरा पीछे हटकर अखिल की तरफ देखते हुए___""response me God damn it""

जैसे ही परी ने इतना कहा तो अखिल ने अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया पर अब परी की आंखें सर्द होने लगी,, वह अखिल की तरफ देखकर बोली__""look into my eyes gimcrack""पर अखिल ने एक बार भी उसकी तरफ पलट कर नहीं देखा,,, तभी परी एक बार फिर अपनी सर्द आवाज में ,,___""I said look into my eyes gimcrack""

वही आखिर का दिल अब जोरों से धक-धक करने लगा क्योंकि कहीं ना कहीं उसे अंदाज़ा हो गया था कि वह अब परी के सामने ज्यादा देर नहीं टिक पाएगा क्योंकि परी का गुस्सा अब सातवें आसमान तक पहुंचने में वक्त नहीं लगने वाला था,, और अब उसने एक नजर परी की ओर देखा,, परी उसकी आंखों में देख कर बोली___""kiss me widely unless consequences is not good for you""

इतना कहते हुए परी की आवाज बहुत ज्यादा ठंड थी। वहीं अखिल कुछ देर तो परी को देखता रहा और फिर उसने परी के सिर के पीछे से हाथ ले जाकर उसके होठों पर होंठ रख उसे चूमने लगा,, वही परी भी अब उसे वाइल्ड होकर चूमने लगी ,, अखिल को चूमते हुए ही उसने अखिल के मुंह के अंदर अपनी जीव डालकर उसके मुंह को एक्सप्लोर करना शुरू कर दिया,,

उनकी कि तकरीबन 15 20 मिनट चली पर आज अखिल में कुछ अलग था जो की परी भी महसूस कर पा रही थी। उसने एक नजर दोबारा अखिल की तरफ देखा और फिर अपनी जगह पर आकर बैठ गई। उसने अब अखिल को कुछ नहीं कहा ना उसकी तरफ देखा ना कुछ बोला,,

और अब बेचैन होने की बरी शायद अखिल की थी। परी अब अपने ध्यान बाहर खिड़कियों की ओर देखते हुए बैठी रही उसने अपना मौन बिल्कुल नहीं तोड़ा जबकि अंदर से वह पूरी तरह से बेचैन थी पर फिर भी वह जानती थी कहीं ना कहीं अखिल उसके पीछे जरूर आएगा,,, एक हफ्ते में वह अखिल को इतना जानती थी कि शायद उसे कहीं ना कहीं अखिल पर का खुद से ज्यादा भरोसा होने लग गया था। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से जो हमला हुआ था उसे देखते हुए उसने अस्पताल में जो टाइम स्पेंड किया था जिसे देखकर उनके दिल में थोड़ी-थोड़ी फिलिंग्स जो थी वह बदलने लगी थी।

जो कि अखिल भी अपने दिल में महसूस कर रहा था पर वह उसे फीलिंग से दूर भाग रहा था क्योंकि उसका कहना था कि उसने सिर्फ सोनिया से प्यार किया था जो कि उसकी एक्स गर्लफ्रेंड थी। जबकि अखिल परी और उसके बीच में जो भी सब कुछ था वह सिर्फ एक जिस्मानी रिश्ता समझ रहा था। उसे सिर्फ लग रहा था कि वह सिर्फ परी की जिस्मानी जरूरत पूरी करने के लिए है पर कहीं ना कहीं अब अखिल के मन में भी फिलिंग्स डेवलप होनी शुरू हो गई थी।

जिससे वह खुद अनजान था। देखते ही देखते 30 मिनट बीत गए और अब उनकी गाड़ी हयात होटल के आगे,, आकर रुकी,, और अगले ही पल परी का गाड़ी से बाहर निकली और सीधे होटल के अंदर चली गई वहीं अखिल अभी भी गाड़ी के अंदर ही बैठा था न जाने क्यों उसे परी के ऐसे जाने से,, दिल में एक अजीब सा दर्द उठा जो वह महसूस तो कर रहा था पर करने को तैयार नहीं था कुछ ही देर में अखिल भी कार से बाहर आया और सीधा अपने फ्लोर पर चला गया अंदर जाकर उसने देखा कि सारा सामान पेस्ट है जिसे देखकर अखिल के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन आ गए,,

वही परी अभी वॉशरूम में गई हुई थी जो की वह अब जब से उसे गोली लगी थी तब से अखिल ही उसे वॉशरूम जाने में हेल्प करता था और उसे स्टीम टॉवल बॉथ दिलाता था,, और आज पानी बिना अखिल को कहीं ही वॉशरूम उसे करने चली गई थी। परी जो की बाथरूम में थी और मिरर के सामने खड़ी थी वह खुद से बोली____""no gimcrack no you can't handle me like this""MD Mafia queen and not a similar girl,,, No one control me like a doll no one,,

आज परी को खुद में महसूस हो रहा था कि कहीं ना कहीं वह अखिल के सामने झुकने लगी है जिसे सोचकर उसने अब खुद में फैसला लिया कि वह कुछ भी हो जाए पहले की तरह ही रहेगी और कभी अखिल के सामने भी नहीं झुकेगी,,,, उसका सॉरी बोलना कहीं ना कहीं उसके लिए बहुत बड़ी बात थी। वही जो कि अखिल बाहर बैठा था उसके दिमाग में कई बातें चल रही थी।

वहीं दूसरी तरफ,,

होटल हयात के एक दूसरे लग्जरियस रूम में,,

परी के दादा दादी एक दूसरे के सामने बैठे थे और उनके भी सामान पूरी तरह पैक्ड हुए पड़े थे। तभी परी के दादाजी सत्यम जी उसकी दादी की तरफ देखकर बोले___""आराधना मुझे तो कुछ समझ में नहीं आता कि आखिर परी को हुआ क्या है वह इतना गुस्सैल कब से हो गई मैं तो कभी उसे ऐसे नहीं देखा था और कुछ महीने से तो ऐसे लग रहा है जैसे उसका गुस्सा उफान पर है पर कल जो मैंने देखा वह एक अलग ही परी का रूप था जो कि उसे लड़के को देखकर बाहर निकल रहा था,,, न जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि हमारी कोई हुई परी कहीं ना कहीं वापस लौट कर जरूर आएगी और मुझे लगता है हमें इस लड़के को एक चांस देना चाहिए,,

सत्यम जी की बात पर आराधना जी बोली पर वैसे तो आप सही कह रहे हैं मैंने इसीलिए ही उस दिन आपको इशारा किया था पर न जाने परी की असली कहानी क्या है मुझे भी पता नहीं चला कि वह कब हमसे इतनी दूर चली गई वह हमें भी अपने मां की हत्या में शामिल समझ रही है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है हम तो सिर्फ रघुवीर को अपने साथ रखना चाहते थे क्योंकि सृष्टि की यह आखिरी इच्छा,थी।

पर तब से तो हमने अपनी परी को ही खो दिया वह रघुवीर से तो नफरत करती है पर हमसे भी करने लग गई हमने क्या गलती कर दी तभी सत्यम जी उसकी बात बीच में काटते हुए आराधना यही हमारी गलती है कि हमने रघुवीर को घर पर रखा वह इंसान इंसान कहलन लायक नहीं है तुम हमेशा उसके खिलाफ कुछ शब्द नहीं सुनती हो पर वह इंसान सही नहीं है कहीं ना कहीं परी यह बात जानती है ।

तभी आराधना जी आप चुप कीजिए कैसी बातें करते हैं वह हमारा जवाई है चाहे कुछ भी है वह हमारा जवाई है हम उसे ऐसे घर से बाहर नहीं निकाल सकते कैसी बातें करते हैं आप भी वह तो बच्ची है अभी,,

तभी सत्यम जी यही तो तुम गलती कर रही हो कि वह हमारा जवाई था मैं मानता हूं कि वह हमारा जवाई था पर कुछ चीज पता नहीं क्यों आराधना मुझे लग रहा है कि हमसे भी छुपी रह गई है जो हमारी आंखों के सामने तो हैं पर हमें हम ही अंधे बनकर बैठे हुए हैं कुछ दिखाने का नाम नहीं ले रहा है जो की परी देख पा रही है।

सत्यम जी की बात पर आराधना चाहिए चुप कर गई उन्होंने भी अब आगे कुछ बहस करनी जरूरी नहीं समझी क्योंकि कहीं ना कहीं उन्हें भी आज एक अनकहा एहसास जरूर हुआ था। की हो ना हो कोई बात जरूर है की परी रघुवीर को बिल्कुल पसंद नहीं करती,,

वहीं दूसरी तरफ,,

परी के कमरे में,,

परी अपना मुंह धो वॉशरूम से बाहर आई और उसने देखा कि अखिल सामने सोफे पर बैठा उसी का इंतजार कर रहा है। अखिल ने अब एक नजर उसकी तरफ देखा और उसकी नजरों को देखा परी अच्छी तरह से समझ गई। आखिर अखिल पूछना क्या चाहता है।

वह अगले पल वह बोली___"" हम यहां से कनाडा वापस जा रहे हैं और तुम भी हमारे साथ चलोगे क्योंकि तुम मेरे पति हो परी की बात सुनकर अखिल का चेहरे का रंग उड़ गया,,""

अखिल का दिल जैसे मानो धड़कन ही भूल गया,,

To be continue.......

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