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Kiss 💋/ murder

Shekhawat palace,,

AK room,,

AS ने अभी अभी काजल को दीवार से सटा दिया था। और उसके गीले बालों के छींटे AS के मुंह पर आकर पढ़ी थी। एक पल के लिए वो ठंडी बूंदे अपने चेहरे पर मेहसूस कर AS की आंखे बंद हो गई थी। वहीं AS के एसे काजल को दीवार से लगाते ही काजल का दिल धक धक करने लगा,,

AS ने अब अपनी आंखे धीरे से काजल के चेहरे को देखा,, जो अपनी आंखे बंद किए खड़ी थी। काजल की वो गहरी चलती सांसे,,AS साफ देख सकता था,, जिसका उफान काजल के सीने में उठ रहा था। जिससे काजल का सीना ऊपर की तरफ उठ रहा था। जिसे देख AS को कुछ कुछ होने लगा था। वो अब काजल के ऊपर झुका,, और उसके कान के पास अपनी गर्म सांस छोड़ते हुऐ,,

बोला ____"" piriods खत्म हो गए ना ""

जैसे ही AS ने काजल से कहा,, काजल का दिल जिसे धड़कना ही भुल गया,, अगले ही पल उसने अपनी आंखे खोली और अब उसकी आंखे बड़ी हो गई,, वो हैरान थी। की AS को कैसे पता की उसके पीरियड्स बंद हो गए,, है।

काजल के expression देख कर एक पल के लिए,,AS को हंसी आ रही थी। क्युकी काजल उसे बडी बडी आंखो से देख रही थी। पर AS ने अपनी हँसी को कंट्रोल कर,, उसके expression देख कर बोला,, क्या हुआ? ये सोच रही हो की मुझे कैसे पता चला,,

उसकी बात पर काजल ने कोई इशारा नही किया,, बस एक बार फिर से अपनी पलके झूका ली,, क्युकी AS नजरे आज बहुत कुछ बोल रही थी।AS की नजरे जैसे आज उसे पागल करने पर तुली हुई थी। उसे कुछ कुछ हो रहा था। जिसे वो बयान नही कर सकती थी।

वहीं AS अब एक बार फिर उसके कान के पास झुका और अगले ही उसने काजल के कान में बहुत सेडेक्टिव और धीमी आवाज में बोला,, जहां से तुम्हारी सोच खत्म होती है। वहां से मेरी सोच शुरू होती है। रेब्बिट और इस जिस्म के हर अंग को बेहद गौर से और अंदर तक मेहसूस किया है। मैने,, और तुम ये कैसे भुल,, तुमसे ज्यादा तुम्हारे ऊपर मेरा हक है।

AS की बात पर काजल के रोंगटे खडे हो रहे थे। उसकी सांसे तेज होना शुरू हो गई थी। वहीं अब एक बार फिर से बोला क्या बात है रैबिट,, कुछ कुछ हो रहा है। इतना कह AS ने earlobe को अपने होंठो में भर कर उसे चूम लिया,

वहीं काजल का दिल की धड़कन तो पहले से ही तेज थी। पर अब तो AS उसकी जान निकालने पर आ गया था। अब उसने जल्दी से AS के सीने पर हाथ रख उसे पीछे धक्का दे दरवाजे की और भागी और सीधा बाहर निकल गई,, वहीं उसका AS को हिलाना मुनकिन तो नही था। पर AS ने जान बूझ कर खुल को ढीला छोड़ दिया था। अब वो भी काजल को जायदा परेशान नहीं करना चाहता था।

वो अब हंसा और बोला,, अब तो बच गई रैबिट पर आज रात,, तुम मुझसे खुद को नही बचा सकती,, आज की रात हम दोनो की कभी ना भूलने वाली रात थी।

वहीं दूसरी तरफ,,

Hongkong,, में,,

एक छोटे से 3bhk फ्लैट में एक इंसान जो बेड पर उल्टा लेटा था। शायद वो सो रहा था। उसने एक काली पैंट पहनी थी। कुछ ही देर में उस फ्लैट की डोर बेल बजी,, और उस इंसान ने उठ कर door खोला और अगले ही पल देखा,, तो सामने एक लड़की खड़ी है। उस लड़की को देख उस इंसान ने बिना हेसिटेशन के उसका बूब को कस कर पकड़ा,, अभी वो दरवाजे पर ही खड़ी थी।

उस इंसान ने उसे बूब से पकड़ा और बूब से खींचता हुआ अंदर की तरफ लेकर आया,,वो लड़की बूरी तरह से तड़प उठी,, अब उस इंसान ने अगले hi पल उस लड़की के कपडे फाड़ दिया,, वहीं वो लड़की अब बूरी तरह से डर चुकी थी।

वो उसके सामने हाथ जोड़ते हुए बोली please मुझे छोड़ दिजिए,, वो अभी बोल ही रही थी। की इस आदमी ने उसे उल्टा लेटाया और अगले ही पल उसकी ass खोल कर अपना dick निकल और उस पर split कर उसे झटके से उस ल़डकी की Ass में डाल दिया,,

वो लड़की बूरी तरह से चीख उठी,, पर उस इंसान को जारा भी उस पर तरस नहीं आया,, अब ये चीखों का सिलसिला कितने ही घंटे चलता रहा,, तक़रीबन चार घंटे बाद,, उस रूम में खून ही खून फ़ैला हुआ था। क्योंकि उस शख्स से उस ल़डकी मार डाला था। और अब उसके अंग के बैठ कर टुकड़े टुकड़े कर रहा था ।

पर तभी उसका फोन बाजा और फोन किसी और का नही उसके assistant का था। दूसरी तरफ से sir AS को अपके बारे में पता चल चूका है। तभी वो शख्स london की ticket book करो,, जब तक अनन्या की डिलीवरी नही हो जाती,, तब तक मुझे छुपना होगा,, और बस 5 महीने और उसके बाद,,, मुझे भी आजादी मिल जायेगी,,

इतना कह रवि पागलों की तरह हंसने लगा,,

वहीं दूसरी तरफ,,

इंडिया में,,

Shekhawat farmhouse,,

दुपहर हो गई थी। ना तो अनन्या कुछ कहती थी। ना कोई बात करती थी। किससे दिव्यांश बहुत जायदा परेशान रहने लग गया था। पर अब दिव्यांश उसके पास आकर बोला,,

Miss अनन्या आप कुछ खाएंगी,, उसकी बात पर अनन्या ने कोई जवाब नही दिया,, उसने एक बार फिर से पूछा क्या में आपको कहीं बाहर लेकर चालू पर अनन्या तो जैसे मोन धारण कर बैठी थी। वो कुछ बोल ही नहीं रही,, ऐसे आधा पोना घंटा,, दिव्याँश उससे पूछता रहा,, अब वो पूरी तरह से फ्रस्टेट हो चूका था।

अब उसे कुछ सूझ नही तो,, पता नही उसके दिमाग में कया आया,, उसने अनन्या को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया,, और अगले ही पल उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिया,, वहीं अनन्या की तो एक पल के लिए,, दिल की धड़कन ही रुक गई,, पर अगले ही पल उसने दिव्यांश को दूर धक्का दिया,, और उसके गाल पर एक जोर दार थप्पड जड़ दिया,,

चटाआक्ककक......

दिव्यांश का चहरा एक तरफ हो गया,, पर अगले ही पल उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट तैर गई,,,

To be continue.......

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