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Accident

Kapoor painthouse,,

Somya इस वक्त धानिष्क के गले लगी हुई थी। वहीं धानिष्क ने अब उसे अपनी गोद में उठाया और अंदर की तरफ लेकर आया,, और वार्डरोब से कपडे निकाल कर सौम्या को पहना दिए,, जो की अभी अभी उसका असिस्टेंट दे कर गया था। उसने उठा कर वार्डरोब में रख दिए थे।और उसे बेड पर लेटा दिया,, और सीधा होकर टेबल की तरफ बड़ने ही वाला था। के सौम्या ने उसका हाथ,, पकड़ लिया,, वहीं धानिष्क के कदम वहीं पर रुक गए,,

पर उसने अभी तक सौम्या की और नही देखा था। क्युकी वो जितना सौम्या से दूर रहने की कौशिश कर रहा था। अमानत का प्यार उसे और भी जायदा उसकी और खीच रहा था। जैसे सौम्या ने धानिष्क का हाथ पकड़ा था। धानिष्क का दिल जोरो से धक धक कर रहा था।

उसे डर था। कही सौम्या उसे रात के बारे में ना पूछ ले,, पर सौम्या ने ऐसा कुछ नही कहा,, उसने बस धानिष्क का हाथ पकड़े रखा,, पर जब धानिष्क ने कुछ देर पलट कर नही देखा,, तो सौम्या तड़प कर बोली,, अब क्या तब मेरी तरफ देखेंगे जब मै जाऊंगी,,

उसकी बात पर एक पल के लिए धानिष्क का दिल तड़प उठा,, पर अगले ही पल वो दांत पीस कर बोला,, कब तक तुम्हारी ये वाहियात बाते सुननी पड़ेगी मुझे,, तुम कभी चुप नहीं हो सकती,, इतना कहते हुऐ,, धानिष्क ने सौम्या की तरफ देखा,, वहीं सौम्या की आंखो में दुनिया जहान के आंसू थे।

और आज सौम्या के आंसुओ को देख धानिष्क को कुछ कुछ हो रहा था। कर जायेंगे चुप,, जब हमारी जान इस जिस्म से निकल जायेगी,, उसकी बात पर धानिष्क का दिल धड़कना भूल गया,, पर वो अपने जबड़े भींचते हुए उसने सौम्या का गला पकड़ लिया,,बोला बकवास बंद करो,,,

वहीं सौम्या हंस कर बोली,, बोला तो है कर लूंगी मरने....

अभी वो बोल ही रही थी। की चटाक....

धानिष्क ने एक चांटा जोर से सौम्या के गाल पर जड़ दिया,, समझती क्यू नही हो तुम,, कितनी जिद्दी हो तुम,, अपनी जिद छोड़ दो हम कभी एक नही हो सकते,, और मैं तुमसे प्यार नहीं करता,समझी?,, और कल रात तुम कितनी बेशर्म हो,, रात को इतना कह वो चुप हो गया,,,, और अपनी आंखे कस कर बंद कर ली,, उसने खुद की मुठिया कस ली थी। की बात पर सौम्या के दिल से हुक उठ रही थी। वो तड़प कर बोली,,

अगर आप मुझसे प्यार नही करते तो मेरी और देख कर यही बात मेरी आंखो में देख कर बोलिए Mr kapoor ""पर धानिष्क अब उसकी और नही पलटा और बोला,, जल्दी खाना फिनिश करो,,

अगर नही खाना तो बताओ,, मुझे और भी बहुत से काम है। यही एक काम नही की तुम्हारे आगे पुछे घूमता रहु,, मेरी पत्नी मेरा इन्तजार कर रही है। वहीं सौम्या अब हंस कर बोली,, हां वो नकली बीवी अगर इतना ही बीवी का खयाल था। तो रहने देते,, उस इंसान के साथ नोच लेने देते,, क्यू आए,, क्या हो जाता,,

वहीं करता ना वो भी जो आप कर रहे है। उसकी बात पर धानिष्क ने उसके बालों से पकड़ कर अपने दांत पीस कर बोला अब अगर तुमने अपनी बकवास बंद नही की तो मैं तुम्हारी जान ले लूंगा,,

उसकी बात पर सौम्या एक बार फिर से बोली तो ले लिजिए,, जान वैसे भी आपके बीना भी कौन सा जी पा रही हु। सौम्या की बात पर धानिष्क का दिल तड़प उठा,, पर अब उसने सौम्या के बालों को छोड़ा,, और अपना चेहरा दुसरी तरफ घुमा लिया,, और बोला,,

समझ जाओ अभी भी वक्त है। हम कभी साथ नही हो सकते,, धानिष्क ही जनता था। की कितना तड़प कर वो बोल रहा था। पर सौम्या,, ने अब अपने,, आंसू पोंछे और बोली,, कोई बात नही Mr kapoor,, इतना कह उसके सामने आकर खड़ी हुई,, वहीं धानिष्क ने अपनी आंखे बंद कर ली,, वो सौम्या से नजरे नही मिलाना चाहता था। इसी लिए,, उसने अपनी आंखे बंद कर ली थी।

वहीं सौम्या अब धानिष्क के सामने आकर बोली ,, मां पार्वती ने भी तो शिव को बड़े तप से पाया था। अब मैं भी वहीं तप करूंगी,, इतना कह वो नील डाउन हुई,, और उसने अपना सिर शानिष्क के कदमों में रख दिया,,

वहीं जब धानिष्क ने अपनी आंखे खोल सौम्या को ऐसे देखा,, उसकी तो जैसे सांस थम सी गई। वो जल्दी से नीचे झुक कर बोला,, पागल हो गई हो तुम sweet marshmellow,, उठो यहां से,, इतना कहते हुऐ,, उसने सौम्या के कंधो पर हाथ रखा,, और उसे उठाने की कौशिश करने लगा पर सौम्या ना में सिर हिला कर बोली,, नही जब तक आज आप ये कबूल नहीं करेंगे की आप मुझसे इश्क करते है। तब तक तो हरगिज नहीं,,

तभी धानिष्क,, अब expressionless होकर बोला ये क्या बदतमीजी है। मैं तुमसे इश्क कभी नही कर सकता,, तुम जैसी जिद्दी लड़की.....

वो अभी बोल ही रहा था। के सौम्या उसकी बात बिच में काट कर बोली,, तो बता दिजिए,, की अपको कैसी लड़की पसंद है। मैं वैसी बन जाति हु। अपको जिद नहीं पसंद तो मैं आज के बाद कभी जिद नहीं करूंगी,, आप जैसा कहेंगे मैं वैसे करूंगी,, अपनी मर्जी से सांस भी नही लूंगी,, सौम्या की बात पर धानिष्क का दिल धड़क उठा,,

पर अब उसकी हद खत्म हो गई थी। क्युकी सौम्या उसकी खितिर खुद को भी भुल जाना चाहती थी। अब उसने एक बार,, सौम्या की आंखो में देखा,, और बोला,, तुम चाहती हो की मैं खुश रहु,, उसकी बात पर सौम्या ने हां में सिर हिला दिया,,

फिर आगे जो धानिष्क ने कहा,, उसकी दिल की धड़कन रुक गई। उसकी सांसे चौक होने लगी,, धानिष्क बोला,, भुल जाओ मुझे,, मेरी घुटन मत बनो,, जीने दो मुझे,,

धानिष्क के इन शब्दों ने जैसे सौम्या के बदन से प्राण निकाल लिए थे। वो पत्थर की तरह निढल हो गई थी। उसके आंसू वहीं पर थम गए थे। ऐसा लग रहा था। जैसे समा रुक सा गया हो,, वो अब अपनी जगह से उठी,, और अब बिना धानिष्क से कुछ कहे दरवाजे की और चल दी,,

वहीं धानिष्क की आंखे भी अब हद से जायदा लाल हो गई थी। क्युकी वो जानता था। की सौम्या बिखर चुकी है। और वो चाह कर भी उसे समेट नही पाएगा,,

वहीं सौम्या अब बाहर की तरफ आई,, और धानिष्क भी उसके पीछे था। धानिष्क ने आगे आकर गाडी का दरवाज़ा खोला,, वहीं सौम्या की आंखे अब खाली हो चुकी थी। वो चुप चाप कार के पिछला डोर खोल कर पीछे बैठ गई,,

और अब धानिष्क की कार थोड़ी देर बाद स्टार्ट हुई। और पेंटहाउस की तरफ निकल गई। तावरीबान 15 मिनिट बाद उसकी कार एक दुकान के आगे रूकी शायद उसे दुकान से कुछ काम था। तो वो उतर कर अभी आगे आया,, और दुकान में चला गया,, तक़रीबन 5 मिनट बाद वो दुकान से निकला,, के तभी सामने से bhoom,, एक ट्रक ने उसकी कार को तकर मार कर निकल गया था। वहीं धानिष्क तो अपनी जगह पर थम सा गया,,

उसका दिल जैसे धड़कने से इंकार कर रहा था।

To be continue......

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