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Piriods khatam ho gaye na rebbit

Shekhawat palace,,

Ananya's room,,

Arun दिव्यांश को लेकर अनन्या के कमरे में आया था। और जैसे ही दिव्यांश ने अनन्या को देखा तो एक पल के लिए देखता ही रह गया,, गोरा दूध सा चहरा,, वो फीके पड़ चुके होंठ जो हर वक्त लाल रहते थे। उसका वो मुरझाया चेहरा अभी भी बेहद खुबसूरत था। हलकी पहले से अनन्या की सेहत में बहुत फरक पड़ा था। पर उसकी खूबसुरती अभी भी वैसे ही थी।

अनन्या को देख कर दिव्यांश का दिल जोरो जोरो से धक धक कर रहा था। आज पहली बार उसे अपने दिल में हलचल महसूस हो रही थी। हलकी उसे AS और काजल ने बता दिया था। की उसके पति ने उसे धोखा दिया और अभी अनन्या प्रेगनेंट है।

ये सब जानने के बाद भी जैसे दिव्यांश अपने दिल को नही रोक पा रहा था। पर फिर अपने जज्बातों पर काबू पाकर थोडी देर दिव्यांश ने उसको एक्जामिन किया । और फिर AS को देख कर बोला जीजू dr ने कहा तो बिलकुल ठीक है। पर क्या एक बार आप,, अपनी बहन को मेरे ऊपर छोड़ सकते है।

दिव्यांश की बात पर AS ने उसे अजीब नजरो से देखा,, पर फिर दिव्यांश ने अपनी बात संभालते हुए,, बोला मेरा मतलब एक महीना क्या आप मुझे चांस देंगे,, एक महीने के अंदर मैं इन्हें पहले जैसा कर दूंगा,, अगर आपको कोई एतराज़ ना हो तो,, पर हमे alone जगह चाहिए,, ताकि ये किसी को नुकसान न पहुंचा सके और ऐसी जगह हो जहां पर कोई कांच की चीज,, और कोई चूरी चाकू,, नोकर चाकर कुछ न हो,,

दिव्यांश की बात पर AS ने काजल को देखा,, और काजल ने पलके झपका दी,, तो AS ने उसे कहा शाम तक सारा इंतजाम हो जायेगा,, इतना कह उसने एक नजर अनन्या को देखा और,, फिर वहां से चला गया,, वहीं काजल भी अब AS के पीछे वहा से चली गई।

पर दिव्यांश अभी भी अनन्या के पास खड़ा था। और वो अनन्या को बड़े गौर से देख रहा था। और अब उसके सिरहाने बैठ उसके,, सिर को सहलाने लगा,, तकरीबन,, शाम के पांच बजे AS दिव्यांश के रूम में आया,, और उसकी तरफ देख कर बोला आपका इंतजाम हो गया है। ड्राइवर अपको ले जायेगा,,

आपकी कार रेडी है। वहीं AS की बात सुन दिव्यांश ने हां में सिर हिला दिया,, वहीं अनन्या अभी भी बेहोश थी। तभी AS उसके रूम में आया,, और उसे गोद में उठा कर,, कार में बैक seat पर लेटा दिया,, और वहीं दिव्यांश का पूरा focus ananya के चेहरे पर था। जो पूरी तरह से मुरझा गया था।

उसे अनन्या के लिए काफी बुरा लग रहा था। की उसे अपने पति की वजह से इतना सफर करना पड़ रहा था। उसे रवि पर इतना गुस्सा आ रहा था। की उसका दिल था। की अगर कभी रवि सामने आया तो उसे जान से मार दे,,, पर वो क्या ही कर सकता था। उसने तो रवि को कभी देखा भी नहीं था। तो वो कैसे ही रवि को ढूंढता,,

वहीं थोड़ी ही देर में उनकी कार अब शेखावत पैलेस से निकल चुकी थी। और अब AS भी अंदर की तरफ आगया,, वहीं कल्याणी जी भी अपना बैग पैक कर खड़ी थी। और कल्याणी जी को बैग पैक खडे देख,,AS हैरानी से कल्याणी जी को देख रहा था। फिर उसने एक नजर काजल पर डाली,, काजल ने भी AS को देख ना में सिर हिलाते हुए अपनें कांधे उसका दिए,,

अब AS ने फिर से कल्याणी जी की तरफ देखा,, और बोला दादी ये सब क्या है। उसकी बात पर कल्याणी जी,, बेटा हम एक महीने के लिए आचार्य जी के आश्रम जा रहे है। और थोड़ी देर बाहर रहेंगे तो शायद हमरा मन बेहल जाए,, क्यू अब तो जैसे दिल टूट सा गया है। थोड़ी देर हमे भी छूटी चाहिए घर से अब तो अनन्या भी नही है। और रही बात काजल की वो बेचारी को भी अकेले में तुम्हारे साथ वक्त बिताने की जरूरत है।

कल्याणी जी की बात पर काजल का चहरा एक पल के लिए लाल टमाटर की तरह हो गया,, वहीं AS ने भी काजल को तिरछी नजर से देखा,, और AS की नजर खुद पर पाकर काजल जल्दी से किचन की तरफ चली गई,, वहीं कल्याणी जी उसकी हरक़त पर हल्का सा मुस्कुराई,, पर अगले ही पल उसने AS के गाल पर हाथ रख बोली,,

बेटा अब उसे दुख मत देना बहुत दुख भोग चुकी,, उसे भी अपनी हिसे की खुशियां देने की कौशिश करो,, कल्याणी जी की बात पर AS ने कल्याणी जी को गले से लगा कर बोला दादी अब उसकी जिंदगी में खुशियां ही होंगी बस,,

अब AS ने दादी को गाडी बैठा दिया और थोड़ी देर में कल्याणी जी भी अब वहां से,, जा चुकी थी।,, अब AS अंदर की तरफ आया और उसकी नजर अब किचन पर पड़ी जहां काजल किचन में गई थी। और अब उसने अपनें कदम रसोई की तरफ बड़ा दिए,, वहीं अंदर काजल जो की AS के लिए black काफी बना रही थी।

क्युकी अब शाम हो चुकी थी। और अब उसकी कानो में किचन के दरवाजे पर से कदम की आहट हुई तो उसकी दिल की धड़कनों ने अपनी रफ्तार पकड़ ली थी। हलकी वो जानती थी। की ऐसा कुछ नही हो सकता,, क्युकी अभी भी वो अपने periods में थी

पर AS के पास आते मेहसूस कर उसके दिल में कुछ कुछ हो रहा था। उसके पेट में butterfly उड़ रही थी। वहीं AS उसके पास आकर खड़ा हुआ और पीछे से उसे हग कर बोला क्या कर रहा है। मेरा,, रैबिट,, इतना कहते हुऐ,, उसने अपनें होंठ काजल के कालर बोन पर रख दिए थे। और AS के इतना करते ही काजल के रोंगटे खडे करने के लिए काफी था।

उसकी सांसे गहरी होने लगी थी। वो जल्दी से काफी कप में डालते हुए AS की तरफ पलटी और उसकी हाथ में काफी देकर जल्दी से किचन से बाहर की तरफ भाग गई,, वहीं उसे देख AS की हँसी छूट गई जनता तो वो भी था। की अभी कुछ नही होगा,, पर वो जान बूझ कर अपने रैबिट को तंग कर रहा था।

ऐसे ही एक हफ्ता और बीत गया,,

दूसरी तरफ,, फॉर्महाउस में,,

सुबह के 8 बजे ,,

अनन्या, डाइनिंग टेबल पर बैठी थी। और दिव्यांश उसे खाना खिला रहा था। अनन्या तो जैसे हंसना ही भूल गई थी। उसकी वो सुनी आंखे देख दिव्यांश को अपने दिल में एक अनकही सी तड़प उठ रही थी। आज एक हफ्ता हो गया था। वो बड़े प्यार से अनन्या को संभाल रहा था।

वहीं अनन्या भी ये चीज मेहसूस करती थी। पर उसके दिमाग में तो कही न कही रवि उसके दिमाग में घर कर गया था। और जिस कारण वो अंदर ही अंदर घुट कर रह गई थी। वहीं दिव्यांश कुछ सोचते हुए,, उसे देखते हुऐ,miss ananya ,, तो अपनें सोचा,, अप अपने बेबी का क्या नाम रखेंगी,,

दिव्यांश की बात पर,, अनन्या जो की उसकी हाथ से खाना खा रही थी। उसके मुंह में बाइट थी। जो वो चबा रही थी। उसका मुंह एक दम से रुक गया,, और उसने अब दिव्यांश की तरफ देखा,, वहीं जैसे ही अनन्या ने दिव्यांश की तरफ देखा तो,, दिव्यांश का दिल जोरो से धक धक करने लगा,,

वहीं दूसरी तरफ,, शेखावत palace,, में

काजल अभी अभी बाथरूम से नहा कर निकली थी। उसके बाल अभी गीले थे। और उसने एक लाइट lemon कलर की साड़ी पहनी थी। आज उसके पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो गए थे। अब वो काफी हद तक ठीक थी

उसने टाइम देखा,, सड़े 8 बज गए थे। और अब उसने जल्दी से अपनी गीले बालों में कंघा किया और नीचे जानें को हुई तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ उसे दीवार से लगा दिया,, और काजल की दिल की धड़कन एक पल के लिए ड्रॉप हो गई,,, उसने कस कर अपनी आंखे बंद कर ली,,

वहीं AS अब उसके कान पर झुक कर बोला,, पीरियड्स खत्म हो गए ना रैबिट,, उसकी बात पर काजल की दिल की धड़कन धम सी गई,, और अगले ही पल उसकी आंखे बडी हो गई,, उसने अब AS की तरफ देखा जो बेहद हसरत भरी नजरो से उसे देख रहा था।

जिससे काजल के रोंगटे खडे हो रहे थे।...

To be continue...........

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