
Hospital में,,
आज परी और अखिल को तक़रीबन हफ्ता हो गया,, और पूरा हॉस्पिटल समाज परी से डरा हुआ था। परी की over load गालियों की वजह से वहां का माहोल ऐसा था। मानो उन लोगो के कानो से खून बह रहा हो,, हर दिन परी की नई गाली सुनने को मलती थी। पर इन सब में अखिल ने पूरी तरह से परी का ख्याल रखा था। कभी कभी परी की हरकतों से परेशानी होती थी। पर वो संभाल लेता था। आज परी को हॉस्पिटल से छूटी मिलने वाली थी।
परी का वार्ड,,
अखिल सामान पैक कर रहा था। क्युकी छूटी मिल चुकी थी। और डिस्चार्ज पेपर भी,, परी उसके पास ही खड़ी थी। उसके फेस पर कोई भाव नहीं था। पर ऐसा लग रहा था। परी के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। पर वो खुद ऐसी शख्स थी। के चाहें जितना मर्जी अंदर कुछ चल रहा हो पर दुसरे को कुछ समझ नहीं आता था।
वो अखिल को एक टक देखे जा रही थी। पर उसने अभी तक अपनी मुंह से एक शब्द नही निकाला था। वहीं अखिल पूरी तरह से उससे नजर चुरा रहा था। तभी परी सर्द लहजे में,, तुमने उन्हे इंडिया रुकने के लिए,, क्यू कहा,,
Pari की बात पर अखिल के हाथ जो सामान पैक कर रहे थे। वो वहीं रुक गए,, जो अभी थोडी देर पहले अखिल के चेहरे पर थोड़े बहुत भाव थे। पर अब उसका चेहरा पूरी तरह से expressionless था। वो एक ही शब्द में स्पॉट लहजे में,,, वो तुम्हरे दादी दादा है। और तुम्हें देखने आए थे।
वहीं परी अब दांत पीस कर बोली,, वो मेरी सीरदर्दी है। तुम्हारी नही,, और मैने उन्हे घर जानें को कहा था। भूलो मत मैं कौन हूं। उसकी बात पर अखिल ने कुछ देर उसे देखा,,, और बोला नही भूलूंगा रानी साहेबा,,
उसकी मुंह से रानी सुन कर ,, एक पल के लिए परी उसकी तरफ देखती रह गई। वही अखिल ने अब समान उठा कर बाहर की तरफ जानें लगा,, के तभी परी अपनी सर्द आवाज में,, मैने तुम्हें जानें को नही कहा gimcrack उसकी बात पर अखिल के कदम रुक गए,, उसने अब पलट कर परी की तरफ देखा,, और बोला,, मुझे माफ कर दिजिए,, रानी साहिबा मैं भूल गया था। की मैं आपका गुलाम हूं। जैसा आप कहेंगी वैसा ही करूंगा,,
इतना कह परी के सामने अपना सिर झुका कर खड़ा हो गया,, वहीं उसकी बात सुन अब पारी के जबड़े कस गए थे। वो अपने दांत पीस कर बोली good तुम्हे अपनी औकात पता है। इतना कह वो बाहर की तरफ जाते हुए,, बोली पता नही,, पता नही आज किस बोंडू की शक्ल देखी जो,, आज मेरा दिन इतना ख़राब जा रहा है। कसम से अगर सामने आ जाए ना उस बहन के लौड़े को,, उसका लूली काट कर नंगा नाच करवाऊंगी,,
वो अपने में ही बड़बड़ाते हुए जा रही थी। के तभी उसकी नजर उसी dr पर पड़ी जो उसे सुबह चेक करने आया था। उसे देख अब परी का गुस्सा सातवे आसमान पर चला गया,, बोली यही है। वो लुली के मुंह वाला,, इसकी वजह से मेरा सारा दिन ख़राब जा रहा,, आज ना मैने इस लुल्ली के मुंह वाले के लौड़े लगाए न,, तो मेरा नाम भी,, परी डोबरील नही,,
अब वो dr के पास आकर खड़ी हुई,, वहीं अखिल थोड़ी देर बाद निकला था। तो वो पीछे छूट गया था। और परी का गुस्सा हद से जायदा था। तो वो अपने तेज कदमों से चल रहे थी।
परी अब उस dr के सामने आकर खड़ी हुई,, वहीं dr की तो सांस ही जैसे उसके गले में अटक गई थी। उसने उस दिन से जो परी की गलियां सुन रहा था उसे सुन कर dr के कानो से खून निकलना रह गया था बाकी कोई कमी नही रह गई थी।
अब परी उसके पास आई,, और उसका कॉलर को पकड़ कर बोली,, भोंसड़ी के तेरी वजह से मेरी मेरे gimcrack से लड़ाई हो गई,, वो आज मुझसे बहुत नाराज़ है। साली लुल्ली के मुंह वाले,,, ऐसा लगता है। के तेरे मुंह को ही किसी की भोंसड़ी में डाल दी ना,, तो उस लड़की को चार दिन लौड़ा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी,,
बेहेंचोद सुबह सुबह गांड़ उठा कर मेरे वार्ड में आ गया,, तेरी वजह से मैंने अपने gimcrack का दिल दुखा दिया,, तेरी तो ना मैं आज लुल्ली बेच कर इसके पैसे कमा कमाऊंगी,, परी की बात पर dr के होश उड़ गाए,, उसने जल्दी से अपने dick पर हाथ रखते हुऐ,, बोला,, पर मैडम मैं तो अपको चेक करने आया था।
तू मुझे चेक नही,, तू मुझे अपने लौड़े जैसा मुंह दिखाने आया था। ताकि मेरा सारा दिन ख़राब जाएं,, इतना कह परी ने उसके चेहरे पर पंच जड़ दिया,, और पांच सीधा dr की आंख पर जाकर लगा,, वहीं आस पास के लोग वहां पर खडे होकर तमाशा देख रहे,, थे। सब एक लड़की को,, गाली देता देख उनके होश उड़े हुए थे।
तभी वहां पर एक नर्स भाग कर आई,, वहीं परी तो जैसे पता नही कौन से जन्म का बदला dr से ले रही थी। तभी नर्स उसे छुड़ाते हुए बोलि,, ये क्या तमीज है। अपको अकल नही,, की एक dr के साथ अभी वो बोल ही रही थी। के तभी परी ने dr को छोड़ा और नर्स ने जो जुड़ा बना रक्खा था। उसका जुड़ा पकड़ कर बोली,,
साली भोसडी की,, तेरी कौन सी गांड़ में मैने उंगली कर दी अब तू मुझे,, अकल सिखाएगी,, हां
वहीं dr परी को ने जब परी को नर्स के साथ उलेझे देखा,, तो वो जल्दी से अपनी जगह पर खडा होकर जल्दी से वहां से भागा,, और नर्स बेचारी अब परी के चंगुल में फंस गई थी। वहीं परी अब नर्स की तरफ देख कर बोली,, ले वो बेहेंचोद जिस तू बचाने आई थी। वो भाग गया,,
अब तू देख तेरी गांड़ मैं कैसे मरती हु। जो तेरी गांड़ के कीड़े मचल रहे थे। ना है। मेरे पास है दवाई उन कीड़ों को निकालने की,, उसकी बात पर नर्स अब डर गई,,
वहीं अखिल ने अब जाकर परी को देखा,, परी को नर्स के बाल पकड़े देख अखिल की आंखे बडी हो गई,, वो जल्दी से,, उसके पास आकर बोला,, ये क्या हो रहा है। तभी परी इसकी गांड़ चौड़ी कर रही हु। जो सिकुड़ गई है। तभी अखिल,, थोड़ी ठंडी आवाज में___"" छोड़ो उसे ""
अब परी ने एक नजर उसकी तरफ देखा,, और अगले ही पल उसके जबड़े कस गए,, और उसने अगले ही पल उसके बाल छोड़ दिए,, और अपने पैर पटक कर बाहर की तरफ चली गई,,
वहीं अखिल ने एक नजर नर्स की तरफ देख,, जो बहुत जायदा,, शर्मिंदा हो गई थी । फिर वो नर्स से माफी मांग कर वहा से चला गया,,
अब वो कार में आकर बैठा,, और उसके पास ही परी बैठी थी। जिसके चेहरे पर आज पहली बार अखिल ने फ्रस्टिशन देखी थी। वो भी इस लिए क्युकी अखिल उससे नाराज था। वहीं अब उनकी कार वहा से निकल गई,, अभी पांच मिनट ही हुए थे। के परी ने पार्टीशन on कर दिया,, वहीं अखिल ने अब एक बार partition को देखा,, और फिर बाहर देखने लगा,,
तभी उसके कानो में परी की आवाज पड़ी,,sorry ""
परी के मुंह से sorry सुन अखिल का दिल एक पल के लिए,, धड़कना ही भूल गया,,
To be continue....
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