09

Overload gaali

Dehradun,,

City hospital,,

परी बेड पर आंखे बंद करके लेटी थी। और उसे देख ऐसा लग रहा था।जैसे वो किसी गहरी सोच में हो,, पर तभी उसके कानो में एक जानी मानी आवाज पड़ी,,angle कैसी हो हमारी बची,, इस आवाज को सुनते ही अगले पल परी ने अपनी आंखे खोल ली,, आंखे खुलते ही उसकी आंखे हद से जायदा लाल और सर्द थी।

वो अपनी कोल्ड वाइस में बोली आप दोनों यहां पर क्या कर रहे है। तभी परी के दादू सत्यम जी,, पर बेटा तुम्हारी हालत के बारे में सुनकर हमसे रहा.....

अभी वो बोल ही रहे थे। दादू हम मर नही गए,, जिंदा है। और आप किसकी इजाजत लेकर यहां आए,, अपने मुझसे पूछा,, तभी परी की दादी aradhna ji,, बेटा मेरे कहने पर आए है। वहीं सर्द लहजे में हमने आप सबको लाख बार समझाया है। हमे किसी की कोई जरूरत नही है। समझे अब आप लोग यहां से जा सकते,,

Aradhna ji रूई सी आवाज में पर बेटा,, तभी परी आप जा सकते है। देख लिया न हमे जिंदा है। हम,,

अभी उन सब की बात ही चल रही थी। के तभी वहां पर अखिल अंदर की तरफ आया,,उसकी नजर अभी अपने हाथ में पकड़े हुए,, पॉलिथिन पर थी। और वो अंदर आते हुए बोला,,firefly मैंने ये दवाई ले ली है। और अभी तुम्हें इन में से ये टैबलेट अभी लेनी है।, इतना कहते हुऐ,, परी के नजदीक आ चूका था।

वहीं परी के दादा दादी तो अखिल को ही देखें जा रहे थे। उनकी आंखे हैरानी से फैल गई थी। क्युकी अखिल ने ही अभी थोडी देर पहले परी की दादी और दादू की हेल्प की थी और अब जाकर अखिल की नजर उन पर गई,, अखिल उनको देख कर बोला,, अरे anty ancle आप यहां,

और क्या हुआ,, फिर से उस बन्दे ने परेशान किया क्या अपको,, उसकी बात पर परी की दादी ना में सिर हिला दिया और बोली नही बेटा पर तुम यहां? तभी अखिल बोला जी anty ये मेरी पत्नी है।Mrs pari chowdry dobrial,, अखिल के मुंह से chawdry और dobreal सुन कर परी के चेहरे पर एक छोटी और प्यारी सी मुस्कुराहट तैर गई। जिसे वहा खडे किसी ने नोटिस किया हो या न किया हो,,

पर दादी ने उसकी चेहरे पर वो मुस्कुराहट देख ली जिसे देख उनकी आंखे नम हो गई ना जानें कितने देर बाद परी की छोटी ही सही पर स्माइल देखी थी। तभी उन्होंने सत्यम जी की तरफ देख परी की तरफ इशारा किया,, तो उनकी आंखो में भी नमी तैर गई,,

जब से परी के पेरेंट्स की डेथ हुई थी। तब से उन्होंने परी के चेहरे पर आज मुस्कुराहट देखी थी। उनके चेहरे पर आज खुशी का ठिकाना नहीं था। तभी सत्यम जी ने आगे बडकर अखिल को गले से लगा लिया,, और जैसे ही अखिल ने परी को गले लगाया,, परी की आंखे सर्द हो गई,, उसकी मुठिया कस गई,,

वहीं अखिल के चेहरे पर सवालिया expression आ गए,, अब सत्यम जी पीछे हुए और बोले बेटा हम तुम्हरे दादाससुर है। और ये तुम्हारी दादीसास है ,, उनकी बात पर अखिल ने परी की और देखा तो परी ने हां में सर हिला दिया,, वहीं अखिल उनके पैर छुने लगा तो,, परी सर्द आवाज में बोली,,

तुम सिर्फ़ मेरे हो और तुम किसी के पैर नही छू सकते समझे,, उसकी बात पर अखिल को थोड़ा अकवर्ड फील हो रहा था। पर फिर परी के दादा जी (सत्यम जी) बोले बेटा तुम्हें पैरो को छूने की जरूरत नही है। दामाद,, भी घर का बेटा होता है। और दामाद हमारे यहां तो दामाद को बेटे से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है।

वहीं परी,, अब एक बार फिर से बोली अब आप लोग यहां से जा सकते हैं। परी की बात पर उन दोनों का चहरा उतर सा गया था। वहीं अखिल ने भी ये चीज नोटिस की थी। पर वो परी के खिलाफ नही जा सकता था। इसी लिए अभी वो चुप रहा,,

वहीं दादा दादी,, अब वहा से बाहर की और चले गए,, तभी परी ने अब अखिल की तरफ देख कर बोली,, मेरे पास आओ,, उसकी बात पर अखिल के चेहरे पर सवालिया expression आ गए,, पर तभी वार्ड का दरवाज़ा नोक हुआ,,

वहीं परी ने अब अपने जबड़े कस लिए,, और बोली,, एक तो इन बहन के लौड़े dr को भी चैन नहीं,, जब देखो gand उठा कर यहां चले आते है। लगाता है। इनकी gand में कुछ जायदा ही,, कीड़े चल रहे है। dr अंदर की तरफ आए और परी का चेकअप करने लगें,, के तभी परी बोली,, अबे ओ लौडू,, अभी तो तुझे चेकअप करवाने लगी हु। पर अगर अब तू आया ना gand उठा कर,,

जिस स्टेटिकस्कोप से तू मुझे चेक कर रहा है। न इसी से तेरी गांड़ के कीड़े निकालुगी,, और फ़िर तेरी गांड़ अपने बॉडीगार्ड से मरवाऊंगी,, अगर कहे तो हाथी का लोड़ा भी,, लाइन में है अगर लेना चाहें तो,, और जब तेरी gand फटने पर आ जायेगी ना इसी स्टेटिस्कॉप को तेरी गांड़ में डाल कर भेजूंगी,, जब देखो कोई न कोई,, मेरे और मेरे gimcrack के बिच टपक पड़ता है।

वहीं बाहर खडे गुड्स भी ये बात सुन रहे थे। तभी परी ऊंची बोली अगर अब कोई बहन का लोड़ा अंदर आया न,, अब उसकी गांड़ में wale मछली का लोड़ा डाल दूंगी,, फिर बोली अरे नही यार वो तो बहुत बड़ा होगा,, उसमे तो खुद ये सन घुस जायेंगे,, रहने दो,,dinosur का डाल दूंगी,, वैसे तो वो भी बड़ा ही होगा पर सब की gand को फाड़ कर चार करने के लिए काफी है।

इतना कह अब उसने dr की और देखा,, और बोली अब तू क्या सच में गांड़ फड़वाने के लिए रूका है। जल्दी कर bhosdi के,, उसकी बात पर dr के तो होश ही उड़े हुए थे। वो बेचारा यहां आने के लिए पछता रहा था।

वहीं अखिल तो नोरमली खड़ा था। जेसे परी की गालियों की पता नही कितनी आदत लग गई हो,, वहीं dr अब जल्दी से परी को एग्जामिन कर फटा फट नीकल गया,, वरना परी का तो पता भी नही था। की सच में डायनासोर का लड़ उठा लाती,,

वहीं अखिल ने अब गहरी सांस ली और बोला चलो अब लेटो तुम्हें सोना है। उसकी बात पर परी पहले पप्पू निकालो एक बार चूसना है। उसकी बात पर अखिल ने अपने माथे पर हाथ मर लिया....

To be continue .....

Write a comment ...

Write a comment ...