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Dhaanishk's angry mode

Kapoor farmhouse,,

In the Garden ,,

Dhaanishk इस वक्त Mr खुराना के साथ बीजी था। तक़रीबन 10 मिनिट बाद Mr खुराना अपनी बात कह वहां से चले गए, उसके जाते ही धानिष्क की नजर सामने गई। जहां पहले सौम्या बैठी थी। पर अब वहां पर कोई नही था। सौम्या को अपनी जगह न देख धानिष्क के माथे पर टिओरिया आ गई।

अब उसकी नजर चारो और घूमने लगी पर सौम्या उसे कहीं नजर नहीं आई,, जब उसे सौम्या कहीं नजर नहीं आई तो उसने अब Kapoor farmhouse के अंदर ढूंढने लगा,, धानिष्क ने पूरा फॉर्महाउस अंदर से छान मारा पर उसे सौम्या कहीं नहीं मिली,, बढ़ते पल के साथ धानिष्क का दिल जोरो से धक धक कर रहा था।

पर उसका चहरा बिलकुल expressionless था। पर सौम्या जब कहीं नहीं मिली,, धानिष्क के चेहरे पर भाव बदलने लगे,, पूरा farmhouse अंदर से explore करने के बाद धानिष्क बाहर आया एक बार फिर से सौम्या को देखने,, लेकिन तभी उसके दिमाग में बात आई,, उसने जल्दी से गार्डन एरिया से सीधा सिक्योरिटी रूम की तरफ गया जहां पर कैमरा सेक्शन लगा हुआ था।

धानिष्क अब उस रूम में गया,, और वहां के कैमरा से अभी कुछ देर पहले की फुटेज देखने लगा,, जब उसमे फुटेज देखी तो अगले ही पल उसकी आंखे डार्क हो गई,, और उसके जबड़े कस गए,,

कहीं दूसरी तरफ,,

देवदत,, सौम्या के ऊपर झुका उसके गले को चूम रहा था। जो की सौम्या को बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था। और वो लागतार देवदत को खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी। पर देवदत बहुत जायदा हटा कटा था। वो चाह कर भी उसे आपने ऊपर से हटा नही पा रही थी।

देवदत के इतने पास होने से सौम्या को अजीब सी बेचैनी सी हो रही थी। और ऊपर से,, जब देवदत उसके गले पर अपने होंठ रख रहा था। उसे घिन सी महसूस हो रही थी। वो बोली___""दूर रहो मुझसे मुझे बहुत गंदा फील हो रहा है। पीछे हो जाओ,, मेरे Mr kapoor तुम्हे छोड़ेंगे नहीं,,

गंदे प्राणी,, उसकी बात पर देवदत उसकी और देख कर हंसा और बोला,, जब तक तुम्हरे Mr kapoor को पाता चलेगा,, तब तक मैं अपना काम निकाल बहुत दूर चला जाऊंगा,, इतना कह उसने सौम्या के सीने से उसकी साडी का पला खींचा,, और साइड कर दिया,, सौम्या बेचारी नशे की हालात में कुछ कर भी नही पा रही थी। सिवाए तड़पने के,,

पालू हटाते ही सौम्या का सीना,, देवदत के सामने था। और ब्लाउज बोल्ड होने की वजह से सौम्या के क्लीवेज बहुत जायदा रिवील हो रहे थे। जिसे देख,, देवदत पूरी तरह से मदहोश हो रहा था। वो एक बार फिर से सौम्या के ऊपर झुकने लगा,, वहीं सौम्या अपने मुंह में बडबडा रही थी।Mr kapoor please आ जाइए,,

कहां है। आप,, तभी देवदत ने उसके सीने पर होंठ रख दिए,, जिससे,, सौम्या के चेहरे पर एक दर्द भरी लहर दौड़ गई। इससे आगे देवदत कुछ कर पाता,, उस्से पहले झटके से दरवाज़ा खुला,, और अगले ही पल देवदत आंखे हैरानी से फैल गई,, क्युकी सामने धानिष्क खड़ा था। और उसकी आंखो में जैसे आज खून उतर आया था।

धानिष्क की नजर देवदत पर एसे बनी हुई थी। की मानो आज उसको नोच कर खाने वाला हो,, वहीं सौम्या जो की बेड पर लेटी थी। जब उसकी नजर धानिष्क पर पड़ी तो उसकी आंखो से आंसू उसके गालों पर आ गए हलकी,, उसकी आंखे बंद हो रही थी। उसका नशा सिर पर चढ़ा हुआ था। पर अभी तक वो नशा अपनी हद तक नही उतरा था,,

सौम्या अब अपनी जगह से उठी,, और अपने लड़खड़ाते कदमों से धानिष्क की और जानें लगीं के तभी,, देवदत ने उसकी बह पकड़ उसकी पीठ खुद से सटा कर अपनी बैक से गन निकाल कर सौम्या के ऊपर तान दी,, और बोला अगर इसकी जान बचाना चहते हो तो मुझे जानें दो,,

और इससे धानिष्क का चहरा और भी काला पड़ गया,, धानिष्क इस वक्त साक्षात यमराज से कम नहीं लग रहा था। और जिस तरह से देवदत ने,, सौम्या के पेट पर हाथ रखा था। उसे देख धानिष्क पागल होने लगा था। वहीं पीछे खड़ी इलियाना के चेहरे पर पसीना आने लगा था। पर अगले ही पल इलियाना का कलेजा मानो मुंह को आ गया,,

क्युकी धानिष्क ने देवदत संभालने तक का मौका नहीं दिया था। धानिष्क ने एक बार अपना हाथ झटका उसके हाथ पर उसकी आम के कपडे में से गन नीकल आई,, और अगले ही पल,, और ये बात देवदत को पाता ही नही चली,, आगले ही पल एक के बाद एक फायरिंग हुई,, और वो सारी देवदत के सिर के बीचों बिच हुई थी।

धानिष्क ने 6 की 6 गोलियां देवदत के सिर के बीचों बिच उतार दी थी। और अभी भी उसका गुस्सा ठंडा नही हुआ था। वहीं देवदत का हाथ सौम्या के पेट पर से हट गया और वो निढाल हो कर ज़मीन पर जा गिरा,, और सौम्या एक बार फ़िर से लडखडा गई,, इससे पहले वो गिरती,, धानिष्क ने उसकी बह पकड़ी और अपनी और खींच लिया,,

वहीं उसकी नजर सौम्या पर बेहद गहरी थी। उसकी हद से जायदा लाल आंखे,, अब बेहद गुस्से में थी। वहीं इलियाना तो सदमे में चली गई थी। क्युकी देवदत उसका सर्फ friend नही बेड पार्टनर भी था।

वहीं धानिष्क ने अब सौम्या को देखा जो अपनी नशे से भरी आंखो से देख रही थी। वो धानिष्क की और देख अपनी लड़खड़ाती जुबान से बोली Mr kapoor,, मुझे कुछ हो रहा है। उसकी बात पर धानिष्क ने उसे गोद में उठाया और वहां से ले गया,,

कहीं इलियाना अब जाकर होश में आई जब धानिष्क सौम्या को गोद में उठा कर,, वहां से ले गया,, वो जल्दी से बाहर की तरफ भागी पर तब तक धानिष्क सौम्या को कार में बैठा चूका था। और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ बड़ी तेज़ी से वहां से नीकल गया,, इलियाना तो बस उसे रोकती रह गई,,

वहीं धानिष्क की कार मुंबई की सड़को पर बड़ी तेज़ी से दौड़ रही थी। उसकी आंखो के सामने वहीं पल घुम रहा था। जब धानिष्क ने उसके पल्लू को हाथ में पकड़ कर साइड कर उसके ऊपर झुक रहा था। जिससे उसकी आंखे हद से जायदा लाल थी। उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था। की क्यू ?उसने एक पल के लिए भी सौम्या पर नजर हटाई,,

ना वो नजर हटाता और ना देवदत सौम्या को लेकर जाता,, उसका चेहरा गुस्से से कांप रहा था। और जबड़े गुस्से से कसे हुए थे।

Mat aazma re, phir se bula re

Apna bana le, hoon beqaraar

Tujhko hi chaaha dil hai ye karta

Haan, betahaasha tujhse hi pyaar

Dhaanishk की गाडी की स्पीड बढ़ते पल के साथ तेज होती जा रही थी। उसकी आंखो के सामने कभी धानिष्क का उसकी कमर पर हाथ रख उसके साथ डांस करना तो कभी सौम्या का हाथ देवदत के हाथ में देना,, और फिर देवदत के साथ रूम में इस हालात में मिलना,, uske अंदर हद से जायदा आग पैदा कार रहा था। उसका दिल बूरी तरह से जल रहा था। के तभी उसकी आंखे बड़ी हो गई। क्युकी सौम्या जो कब से नशे में झट पटा रही थी। उसका शरीर हद से जायदा तप रहा था। वो उसकी गोद में आकर बैठ गई,, और अगले ही पल उसका चहरा अपने हाथो में पकड़ बेनितेहा चूमने लगी,,

Hasratein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Khwahishein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Chaahatein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Mannatein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

वहीं धानिष्क जो की बड़ी तेजी से सड़क पर car चला रहा था। उसने झटके से ब्रेक पर पैर रखा और गाडी के टायर घिसने ने निशान सड़क पर बन गए थे। जिसकी आवाज भी सड़क पर गूंज गई थी। पूरी सड़क सुनसान थी। आस पास कुछ नही थी। सिवाए पेड़ो के,, और ऊपर से रात का 1:30 बज चूका था। और सौम्या लागतार धानिष्क के होंठो को चूमे जा रही थी। वहीं धानिष्क का दिल एक पल के लिए जैसे धड़कना ही भूल गया था,, क्युकी सौम्या ने उसकी शर्ट पर हाथ रख अगले ही पल उसकी शर्ट के बटन पूरी तरह से तोड़ दिए थे।

Hum zaar-zaar rote hain, khud se khafa bhi hote hain

Hum ye pehle kyun na samjhe? Tum faqat mere

Dil ka qaraar khote hain, kahan chain se bhi sote hain

Humne dil mein kyun bichhaaye shak ye gehre?

सौम्या बेइंतहा धानिष्क को चूमे जा रही थी। और वो बहुत जायदा वाइल्ड थी। धानिष्क भी आंखे बंद कर अब उसे महसूस कर रहा था। उसका चेहरा पूरी तरह से,, लाल पड़ गया था। अब उसने खुद अपना पल्लू अपने सीने से हटाया,, और उसका सीना देख धानश्क का दिल धक धक करने लगा,, सौम्या थोड़ा और पीछे की तरफ हटी उसने पीछे से अपने ब्लाउज की डोरी खोली और अगले ही पल ब्लाउज अपने बदन से अलग वहीं कार के साइड फेंक दिया,, और अब सौम्या के वो बूब्स धानिष्क के सामने थे। थोडी देर पहले धानिष्क का गुस्सा उसके सर पर तांडव कर रहा था। पर सौम्या के किस करते ही उसका गुस्सा कही हवा हो गया था।

Hasratein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Khwahishein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Chaahatein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Mannatein baar-baar, baar-baar yaar ki karo

Tere hi khwaab dekhna, teri hi raah taakna

Tere hi vaaste hai meri har wafa

Teri hi baat sochna, teri hi yaad odhna

Tere hi vaaste hai meri har dua

Dhaanishk ने आस पास देखा,, और सौम्या की तरफ देखा जो खुद पर अब बिल्कुल कंट्रोल नही कर पा रही थी। वो फ़िर से धानिष्क को चूमने लगी तभी धानिष्क उसके चहरे पर हाथ रख बोला,, थोड़ा वेट करो,, हम अभी मेरे kapoor painthouse पहुंचने वाले है। पर सौम्या कहा समझने वाली थी। वो धानिष्क के कॉलर पकड़ कर बोली हमसे ये बर्दाश्त नहीं हो रहा हमारे यहां कुछ कुछ हो रहा है। इतना कह इसने धानिष्क का हाथ अपनी साडी के अंदर लेजाना शुरू किया,, पर धनिष्क ने अपना हाथ पीछे खींच,, दोबारा कार स्टार्ट कर ली,, वो नही चाहता था। की अधि रात वो किसी मुसीबत में फसे,, आस पास घना जंगल था। तो कुछ भी हो सकता था। अब धानिष्क ने car start कर कार चलानी शुरू की वहीं सौम्या to जैसे शांत होने का नाम ही नही ले रही थी। वो लगातार धानिष्क के सीने को चूमे जा रही थी। वहीं धानिष्क के चेहरे पर पसीने की बूंदे आने लगी थी। क्युकी सौम्या निचे से अपनी pussy कपड़ो के ऊपर से धानिष्क के dick पर रगड़ रही थी।

जिससे धानिष्क का dick इरेक्ट पोजीशन में आ गया था। और उसके शरीर में गर्मी पैदा होने लागी थी। बड़ी मुश्किल से आधे घंटे का सफर उसने 20 मिनिट में तय कर Kapoor पेंटहाउस पहुंचा,, और अपनी कार पार्किंग एरिया में आकर रूकी,, अब उसमे हल्दी से सौम्या की साड़ी का पल्लू लिया,, और अगले ही पल उसे अच्छे से लपेट दिया,, और लेकर पेंटहाउस में चला गया,, बाहर ही गार्ड खड़ा रहता था जो हर वक्त कपूर पेंटहाउस की देखभाल करता था।

अब उसने धीनिष्क के लिए लॉक खोला,, और धानिष्क जल्दी से सौम्या को लेकर लिफ्ट में चला गया और अगले ही पल लिफ्ट में टॉप फ्लोर का बटन दबा दिया,, वहीं सौम्या,, धानिष्क को देख please कुछ किजिए Mr kapoor मैं मर जाऊंगी,, वो अभी बोल ही रही थी। के अब उनका फ्लोर आ चूका था। और अगले ही पल धानिष्क उसे अपने कमरे में ले गया,, और बेड पर पटक दिया,, और अपनी शर्ट उतार कर ज़मीन पर फैंक दिया,,

उसकी नजर सौम्या की गरदन पर थी। जहा देवदत ने उसे चूमा था।

To be continue ...

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