
Dehradoon,,
City hospital,,
अखिल dr के पीछे दीवार से सट कर खड़ा था। उसकी आंखे हद से जायदा लाल थी। आज जो जो उसके साथ हुआ,, और जो जो उसने किया,, उसे सोच कर आज उसे एक बात समझ आ चुकी थी। की जिस भी इंसान के पास पॉवर होती है। वो इंसान ही सफल हो सकता है।
जिसके पास न पैसा है। ना पॉवर है। वो इंसान बस बेबस हो कर रह जाता है। आज उसके दिमाग में सोनिया का भी चेहरा घुम रहा था। वो एक बात सोच रहा था। अगर उसके पास उसकी खुद की पॉवर होती तो शायद उस दिन वो सोनिया को भी बचा सकता था।
पर अगले ही पल उसकी आंखो के सामने परी का चेहरा घुम गया,, जब परी को गोली लगीं थी। एक अजीब सा ऐहसास उसके अंदर आया था। पर वो खुद उस ऐहसास से अभी वाकिफ नहीं था। पर अब एक बार फिर उसकी नजर परी के चेहरे पर टिक गई,,
वो कुछ सोचते हुए,, अपने मन में,, आखिर क्यो मेरे दिल में एक अजीब सा दर्द उठा जब मैने तुम्हे गोली लगाते रेखा,, आखिर क्या था वो,, क्यू मेरी सांस एक पल के लिए रुक गई थी। तुम वहीं लड़की हो जिसने मुझसे मेरा परिवार छीन लिया,, और मेरी बहन को अगवा कर मुझे धमकाया,,
नही,, में तुम्हारे बारे में कुछ ऐसा नहीं सोच सकता हमारा रिश्ता सिर्फ जिस्म तक का है। बस और कुछ नही,, अब मुझे बस तुम्हे जिस्मानी सुख देना है। बस यहीं मेरा काम है। पर फिर क्यों मेरा मन बेचैन है। इतना कहते हुए,, उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी।
वहीं कैनेडा में,,
Kingdom में,,
Study room,,
रघुवीर इस वक्त ड्रिंक कर रहा था। के तभी उसका फोन बजा,, रघुवीर ने फोन उठाया और दुसरी तरफ से कुछ कहा गया,, जिसे सुन कर गुस्से से उसका चहरा कांपने लगा,, और अगले ही पल उसने फोन ज़मीन पर पटक दिया,, और गुस्से से तुम hospital तो पहुंच गई,,
पर अफसोस पर अब बच नही पाओगी,, इतना कहते हुए,, उसके चेहरे पर एक शातिर स्माइल आ गई,, जैसे उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा हो,,
वहीं दुसरी तरफ किंगडम के ही रूम में एक उम्रदराज औरत जो की स्वेटर बुन रही थी। उसके पास ही ही एक उम्र दराज बुजुर्ग बैठे थे। जो की चश्मा लगा कर,, एक किताब पढ़ रहे थे। तभी वो बुजुर्ग औरत,, सुनिए जी,, आज पांच दिन हो गए,, परी को गए,, अभी तक आई नही वो,, मन बहुत घबरा रहा है।
तभी परी के दादू स्त्यम जी,, उसकी दादी आराधना से,, अरे भाग्यवान कैसे बाते करती हो,, हमारी परी कोई कमसिन कली थोड़ी है। जिसे कोई भी ऐरा गैरा नुकसान पहुंचा जाए,, हमारी बिटिया,,turminator है tarminator,, और वो तो....
अभी वो बात कर ही रहे थे। के तभी उनका फोन बजा,, फोन देखते ही,, स्त्यम जी ने फोन उठाया,, और अगले ही पल उनके हाथो से फोन नीचे गिर पड़ा,,,
इंडिया,,dehradoon,,
City hospital,,
परी का opretion पूरे चार घंटे तक चला,, तब तक न अखिल ने कुछ खाया,, न पिया,, और ना ही कहीं बैठा,, अब रात गहरी हो चुकी थी। अखिल की आंखो से नींद कोसों दूर थी। परी की आंखे बंद देख जैसे उसके दिल को चैन ही नही मिल रहा था।
उसका दिल हद से जायदा बेचैन था। वहीं dr ने opration पूरा कर,,अब I C U की लाइट बंद की लाइट बंद होते ही dr अखिल से दिखाइए आपकी वाइफ का ऑपरेशन succesfull रहा उन्हे सुबह तक होश आ जाएगा,, और अब हम इन्हें नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट कर रहे है।
और आप भी आराम कर लिजिए,, तब तक जब तक आपकी वाइफ को होश नही आ जाता,, इतना कह dr वहा से,, बाहर चले गए,, थोड़ी देर में परी को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया,,
वहीं अखिल तो हर वक्त परी का साया बन उसके साथ था। उसने एक पल के लिए भी परी का साथ नही छोड़ा था। ऐसे ही अखिल की पूरी रात बीत गई एक पल के लिए भी अखिल ने अपनी आंख नही झपका कर देखी थी।
सुबह के 8 बजे,,
Dr परी के वार्ड में आए,, और परी को चेक करने लगें,, और अखिल भी उम्मीद भरी नजरो से dr को देख रहा था।dr अखिल की तरफ देख कर बोले,,mr डोबरियाल,, आपकी wife अब पूरी तरह से आउट ऑफ danger है।now इन्हे कभी भी होश आ सकता है।
इतना कह वो वहां से चले गए,, तक़रीबन आधे घंटे बाद परी की आंखे फड़फड़ाई,, और अब तक अखिल भी बैठें बैठे अपनी हाथ पर सिर रख उसे नींद आ गई थी। वहीं परी को जब होश आया तो एक पल के लिए,, वो अखिल को देखती रह गई,, फिर अगले ही पल जिस तरह से अखिल ने उसके लिए गन उठाई,, उसे याद कर उसके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई।
तभी बाहर से परी के एक गार्ड ने दरवाज़ा नोक कर अंदर आया,, और अखिल को सोया देख उठाने लगा,,तो उसकी नजर परी पर पड़ी जो उसे ही घूर रही थी। जैसे ही परी ने उसे घूरा,, वो बेचारा पीछे हो गया,, फिर अगले ही पल परी ने उसे अपने पास आने का इशारा किया,,
और धीरे से अपना oxygen mask हटा कर,, उसके बेहोशी में जानें के बाद की सारी डिटेल मांगने लगीं,, तो उसने जो जो अखिल ने परी के लिए कारनामे किए उसे बता दिए,, जिसे सुन परी,, के दिल को एक अलग ही सुकून मिल रहा था। आज पहली बार उसे किसी में कोई जैसे अपना नजर आया था।
वो bodyguard अपनी बात कह कर वहां से चला गया,, पर परी,, अब एक टक बस अखिल को expretion less होकर देख रही थी। तकरीबन एक घंटे बाद अखिल की आंखे खुली तो परी अभी भी उसी को देख रही थी।
पर अब परी की आंखे खुली देख अखिल को चैन मिला था। वो जल्दी से बोला,, तुम ठीक तो हो न,, बोलो तुम्हे कही दर्द तो नहीं हो रहा,, अखिल की बात सुन परी ने अखिल को अपने पास आने का इशारा किया,,
परी का इशारा समझ अखिल परी के ऊपर झूका और,, अपना कान परी के होंठों के पास ले आया,, वहीं परी ने अपना मास्क उतारा और,, अपनी धीमी आवाज में बोली,,, मुझे अपनी pussy में खुजली हो रही है।sex करने का दिल कर रहा है।
उसकी बात पर अखिल की आंखे बडी हों गई।.....
To be continue......
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