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dhaanishk ka gussa

Newziland,,

Car ke paas,,

अभी अभी सौम्या ने धानिष्क को किस्स किया था। जिस वजह से धानिष्क की धड़कने इतनी तेज हो गई थी। की उसकी धड़कनों का शोर सौम्या तक को सुनाई दे रहा था।

वहीं सौम्या लगातार अपने छोटे और पतले होंठों से धानिष्क के हार्ड लिप्स को किस्स करने की कौशिश कर रही थी। पर कर नही पा रही थी। वहीं धानिष्क तो एक दम से जम सा गया था। वहीं सौम्या आंख बन्द थी। पर धानिष्क की आंखे खुली थी।

पर अचानक ही ,,, धानिष्क ने सौम्या को पोछे धक्का देकर उसे गुस्से भरी निगाहों से देखने लगा,, और चिल्ला कर बोला,, अकल नाम की चीज है। तुम में,, या बेच आई हो। ये क्या हरकत थी तुम्हारी,,

तभी सौम्या इसे हरकत नही इश्क कहते है। उसकी बात पर धानिष्क एक पल के लिए उसे देखता ही रह गया। और अगले ही पल,, अपना हाथ सौम्या के बालो पर ले जा कर,, उसके बालो को मुट्ठी में भर कर बोला अपनी बकवास बंद करो,, अभी तुम्हारी आशिकी का भूत उतरता हु। इतना कह उसने कार का दरवाजा खौला और उसे अंदर बैठा कर मन में बोला पिछले एक महिने से तुम्हारी हरकते बर्दाश्त कर रहा हु।

पर अब बस बहुत हुआ। आज तुमने अपनी हद पार कर दी,, अब मुझे अपना फैसला लेने ही पड़ेगा,, मुझे यहां से दूर जाना होगा इससे पहले देर हो जाए,, इतना कह उसका चेहरा गुस्से में कांप रहा था।

वहीं दुसरी तरफ,,

पहाड़ों में लकड़ी के घर में,,

अभी अभी काजल की पलके फड़फड़ाई थी। वहीं कावेरी जी और संत जी इस वक्त खाना खा रहे थें। और आपस में बात कर रहे थें। संत जी कावेरी जी से कावेरी समझने की कौशिश करो इसे किसी हॉस्पिटल एडमिट करवा कर,, उनको बता देंगे की...

अभी संत जी बोल ही रहे थें। तभी उसक पिछले रूम जहां काजल थी वहा कुछ टूटने की आवाज आई कावेरी जी और संत जी ने एक दूसरे को देखा और फिर उठ कर जल्दी से उस कमरे की और भागे,,

वहीं अंदर काजल को अभी अभी होश आया था। वो अपने हाथो से उठने की कोशिश कर रही थी। जिस वजह से उसके पास पड़ा गिलास जमीन पर जा गिरा,, वो अपनी लड़खड़ाती आवाज से बोलने की कौशिश कर रही थी। पर कुछ बोल नही पा रही थी। उसकी आंखो से लगातार पानी बहे जा रहा था।

वो खटिया जिस पर वो लेटी थी। उठने की कोशिश कर रही थी। पर पिछले दो महिने से वो सिर्फ़ केनोला और ड्रिप पर जिंदा थी। जिस वजह से उससे उठा भी नही जा रहा था। तभी कावेरी जी की आवाज उसके कानो में पड़ी,, तुम ठीक तो हो न बेटा इतना कह,, वो काजल के पास आई,,

और उसे बैठने में हेल्प करने लगीं वहीं काजल तो उन्हे देखे जा रही थी। पर कुछ बोल नही रही थी। वहीं कावेरी जी उसकी बात पर समझे गई थी। की वो क्या सोच रही है। वो बोलि हमे तुम पहाड़ के नीचे एक पेड़ पर मिली थी। इतना बोलते हुए,, उन्होंने उसके सिर पर हाथ फेरा और बोली,, तुम अब बोल नही सकती बेटा जानती हू तुमसे बोला नही जा रहा होगा पर अब तुम बोल भी नहीं सकती,,

कावेरी जी को बात सुन काजल का दिल धक सा रह गया,, उसकी आंखे लबा लब आंसू से भर गई। वहीं कावेरी जी बुली उस दिन जब तुम पहाड़ से गिरी तुम्हारे गले की हड्डी में एक लकड़ी धस गई,, वहीं काजल को तो उनकी कोई बात सुनाई ही नहीं देर रही थी।

उसके आंखो के सामने बस एक चेहरा घूम रहा था। और वो था।AS का,, और अगले ही पल वो बूरी तरह से अपने चेहरे को अपने हाथो में रख रोने लगीं,, और मन में बोली"" devil """

वहीं cottege में,,

AS का मन बहुत बेचैन हो रहा था। रात के दस बज गए थे। उसके मन में एक अलग ही बेचैनी हो रही थी।

वो अपने आप से बात करते हुए,, रैबिट तुम ठीक तो हो न मेरा इतना बैचेन क्यों हो रहा है।

वो अभी बेचैन हो ही रहा था। के तभी बाहर से गड़ी की आवाज आई,, और गड़ी की आवाज़ सुन AS ने बाहर की और देखा,, जहा से से धानिष्क सौम्या को खींचते हुए अंदर की और ला रहा था। और अगले ही पल उसने सौम्या को चौड़ा जिससे सौम्या सामने सोफा पर जाकर गिरी,, और उसकी आंखो में नमी आ गई।

एक पल धानिष्क ने सौम्या को देखा,, और फिर अपना मुंह फेर कर

और अगले ही पल उसने AS की और देख कर बोला,, इसका दिमाग खराब हो गया है। आशिकी का भूत चाड गया है। और उम्मीद करता हू। इसका भूत तू उतार देगा,, उसकी बात पर AS उसे बिना किसी एक्सप्रीशन के देख रहा था।

और अगले ही पल धानिष्क की और देख कर बोला कहा जा रहा है। उसकी बात पर धानिष्क बीना पलते कहीं भी,, बस यहां से दूर जा रहा हू। इससे पहले देर हो जाए इतना कह वो वहा से चला,, गया,, और धानिष्क के जाते ही सौम्या फुट फुट कर रोते हुए,,AS के गले से लग गई।

वहीं AS उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए चिंता मत कर सब ठीक हो जायेगा,,

AS मन में बोला,, देर तो अब हो चुकी mr धानिष्क कपूर तुम्हारी आंखे बेचैनी बयान कर रही है।

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