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Gunshot


Gunshot
Dehradun in car,,

परी अखिल के सामने बेलीबास बैठी थी। और अखिल को छोटी आंखे करके घूर रही थी। क्युकी अभी अभी वो दोनों inti*te हो कर हटे थे। और अखिल ने परी की पीछे spa*nk कर कर के उसकी तशरीफ पूरी तरह से सूजा दी थी। और अब परी की तश*रीफ पर ऐसा नक्शा बना था। उसकी एक तरफ की तशरी*फ,, पूरी बंदर की तश*रीफ की तरह लाल हों गई थी।

वहीं अखिल बड़े आराम से अपनी आंखे बंद कर बैक रेस्ट पर रख कर बैठा था। और उसका लोअर पार्ट अभी भी वैसा का वैसा था। जिसे देख परी को एक बार फ़िर अपनी सेन्सिटिव लोअर पार्ट में खुजली होने लगीं थी। वो अखिल के लोअर पार्ट को देख कर भुल ही गई। की अभी अभी अखिल ने उसकी तशरीफ का क्या हाल किया था।उसकी आंखो में एक बार फ़िर से मदहोशी छाने लगीं थी। परी का हाथ दोबारा अखिल के लोअर पार्ट पर जानें लगा,,

उसने अभी अपना हाथ अखिल के dick की तरफ बढ़ाया ही था। के अखिल ने परी का हाथ पक्कड़ लिया,, और फ़िर अपनी आंखे खोल कर कर बोला,, अब तो मुझे बख्श दो,, मेरे पप्पू को भी आराम चाहिए होता है।

परी अखिल के dick की तरफ देख कर बोली ऐसा कुछ लगाता तो नही है। जिस तरह से तुमहरे पप्पू का reaction है। उससे तो ऐसा लग रहा है। उसे अभी भी अपनी गुफा की जरूरत है। इतना कह परी ने अपनी pussy की तरफ देखा,, वहीं अखिल दांत पीस कर अपने मन में बोला,, दृंदी कहीं की एक तो कहीं भी शुरु हों जाती है।

उपर से इसे इतना भी नही पता के यार मुझे भूख भी लगती है। आगर मैं खाऊंगा तभी तो,, मेरे पप्पू में भी जान आयेगी,,तभी तो इसे पे*लू गा हा*वसी औरत कहीं की बिलकुल मुझ पर तरस नहीं करतीं,, अरे आदमी तो इसे होना चाहिए था। भगवान इससे अच्छा तो,, मुझे लड़की बना देता,,

वहीं परी उसके फेस के रंग बि रंगे एक्सप्रीशन देख रही थी। उसने अब कार की बैकसीट खोली और उसमे से अपने और अखिल के कपड़े निकाले जो वो जानती थी। की उसे कभी भी जरूरत पड़ सकती है।वो अखिल को कपड़े देते हुए बोली अभी तुमने मेरी हवस देखी कहा है। और आज रात मैं तुम्हें,, अपनी हवस
अच्छी तरह दिखाऊंगी,, और जल्दी चलो,,तुम्हारे पप्पू की तो भूख मैं रात में शांत करूंगी पहले,, तुम्हारी भूख शांत कर दू उसकी बात पर अखिल के होश उड़ गए,

,की परी को कैसे पता चला की वो क्या सोच रहा है। वहीं परी ने अब अपने कपड़े पहन लिए थे। पर तभी उसका फोन बाजा,, और फोन की तरफ देख कर उसके चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट आ गई।परी अब कार से बाहर निकली,, और उनकी कार अब होटल के बाहर ही खड़ी थी। वहीं दुसरी तरफ एक आदमी,, बिल्डिंग के सबसे ऊपर के फ्लोर पर खडा था। और उसके हाथ में गन थी।

जो उसने परी पर तानी हुईं थी।
वहीं परी अपनी ही धुन में फोन पर किसी से बात कर रही थी।और उसके चहरे पर कभी ना दिखाने बाली मुस्कुराहट थी। वो फोन पर जिसका कॉल था। उससे हंस कर बाते कर रही थी। वो कभी इधर टहल रही थी तो कभी उधर,, जिस वजह से top floor पर जो आदमी टेरेस पर बंदूक ताने खडा था। वो परी को देख इरिटेट हो रहा था।

वहीं अखिल अब कार से बाहर निकला और परी को एसे हंस कर  किसी से बात करते देख,, उसने एक पल के लिए अजीब सा मूंह बनाया,, क्योंकि उसे परी का यू किसी से बात करना अजीब सी वाइब दे रहा था।पता नही क्यू उसे परी का यू हंस के बात करना जैसे खल सा रहा था। वहीं जो शख्स परी को गोली मरने वाला था। अब उसने अपनी लेजर गन निकाली ताकि उसका निशाना ना चुगे वहीं परी के body guard थोड़ी दुरी पर खडे थे। पर अखिल उनके पास खडा था।
वहीं परी तो एक टक बस परी को ही देख रहा था। और अजीब से मूंह बना रहा था। तभी,, उसकी आंखे बड़ी हो गई,, परी के ऊपर लाइट पड़ती देख,, उसने बिना सोचे समझे पास खडे बॉडगर्ड की बैक में से गन निकाली,, और अगले ही पल वहां दो गन शॉट हुई,,
अखिल ने बिना सोचे समझे वो गोली उस आदमी पर चाला दी थी। और गोली सीधा आदमी के सिर के बीचों बिच लगीं थी।

वहीं अखिल की आंखे अब हद से जायदा लाल थी। आज तक उसने कभी किसी आदमी को नही मारा था। पर आज खुद ब खुद उसके हाथ किसी को मरने के लिए उठ गए थे।
अखिल के हाथ बूरी तरह से कांप रहे थें। उसने हाथ धीरे धीरे नीचे किए,, फिर परी की तरफ देखा,, जो एक टक शांत नजरो से उसे देख रही थी। पर तभी अखिल की आंखे बडी हो गई। क्युकी परी एक दम से निढ़ल होकर जमीन पर जा गिरी थी। और अखिल ज़ोर से चिल्ला उठा......,,""firefly........

अखिल अपने घुटनों के बल बैठ कर परी के चेहरे को थाप थापा रहा था,,तभी अखिल ने वहाँ खड़े परी के बॉडीगार्ड्स से हेल्प माँगने की कोशिश की तो वो भी एक कदम पीछे हो गए वहीं अखिल के तो अब होश ही उड़ गए थे,,मतलब साफ़ था,,

ये सब बना बनाया षड़यंत्र था,,जो परी के लिए रचा गया था,,

वहीं परी की आँखे बंद होने लगी थी,,और अखिल का तो पूरी तरह से दिमाग़ घूम गया था,,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था,,की वो परी को बचाए कैसे,,तभी उसकी नज़र कार के टायर के पास पड़ी गन जो अखिल ने ही फेंकी थी उस पर गई,,अखिल ने जल्दी से गन उठाई और वहाँ खड़े बॉडीगार्ड पर तान दी,,

वहीं बॉडीगार्ड थोड़ा पीछे होकर खड़े हो गए वहीं अखिल ने अब ड्राइवर से कार key माँगी तो ड्राइवर ने तुरंत कहा साहब हम qween के वफादार है,,उनकी वजह से हमारा घर चलता है,,उनसे बेईमानी नहीं कर सकते,,

तभी अखिल ने हाँ में सिर हिला दिया,,और परी को गोद में उठाने लगा तभी किसी ने अखिल के सिर पर कुछ दे मारा……..आआआआह्ह……..
To be continue...........
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