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Chepter 3,4

Kajal hui behosh

A S काजल और सुन्नत जी को छोड़ कर बाहर आ गया था।की तभी वहाँ पर बम धमाका हुआ।

और ये बम धमाका AS के इतने नज़दीक हुआ था।की कुछ। भी हो सकता था पर ऐन वक्त आमिर ने आकर AS को धक्का दिया।AS इस धक्के के लिये तैयार नहीं था,जिस वजह से पीछे की और घर की दीवार से जा लगा।

वही काजल जो के बाहर AS के पीछे आई थी।उसका धमाके को देख कर दिल धक सा रह गया।

एक पल के लिये उसे ऐसा लगा जैसे उसका दिल निकल कर बाहर ही आ जायेगा,,,तभी वहाँ फिर से फायरिंग होनी शुरू हो गई।

तभी AS ने आमिर को कुछ इशारा किया।वही ये चीज़ काजल ने भी नोटिस की AS ने आमिर कुछ इशारो से कुछ कहा है।

के तभी वहाँ पर एक के बाद एक धमाके हुए,,,सब कुछ जल कर रख हो गया।पर काजल के घर को एक खरोंच तक नहीं आई थी।

वहाँ पर हर जगह लाशें बिछी हुई थी।काजल उन लाशों को घर के दरवाज़े पर खड़ी देख रही थी।

बाहर का ख़ौफ़ नाक खूनी मंज़र देख काजल की हार्टबीट ही जैसे थम गई।

उसकी आँखों में लबा लब आंसू बहने लगे।उसके कदम जैसे दरवाज़े पर ही जम से गये थे। ,, तभी वहाँ पर कबीर आया और उसने काजल की कलाई पकड़ कर खिच कर घर के बाहर लेकर आया।।

वही बाहर लाते ही सामने AS खड़ा था।और उसके पीछे मानो उसकी पूरी आर्मी खड़ी थी।

वही AS के साथ आमिर खड़ा था।AS कबीर को बिना किसी भाव के देख रहा था,इस वक़्त सब बाहर गार्डन में खड़े थे।बाहर गार्डन एक दम बिखर चुका था।अभी कुछ देर पहले जो खूबसूरत मंडप लगा वो अब वीराने में बदल गया था।

वही AS की नज़र काजल की कलाई पर थी।जिसे कबीर ने पकड़ा हुआ था।

वो शांत खड़ा था।पर पीछे खड़ा आमिर इस बात से वाक़िफ़ था।की इस टाइम AS के अंदर एक आग का तूफ़ान चल रहा होगा।

और ये तूफ़ान कबीर को अपनी लपटों में लेकर जलने वाला था।

तभी कबीर ने काजल घुमा कर अपने सीने से लगा लिया और आगे से उसकी गर्दन को पकड़ लिया था।और काजल की पीठ ,,इस वक़्त कबीर के सीने से लगी हुई थी।दूसरे हाथ से कबीर ने गन को काजल के माथे पर रख दिया था।

वही काजल की आँखें बढ़ी हो गई थी।वो कबीर से बोली

“”कबीर”” ये आप क्या कर रहे है।छोड़ दीजिए हमे आप तो हमसे प्यार करते थे ना।

ये क्या कर रहे है आप,,हम मानते है।हमारी शादी नहीं हुई।पर इसमें हमारा क्या क़सूर ?

वही काजल की बात पर AS की नसें तन गई।उसके हाथों की मुठिया कस गई।

वही कबीर ज़ोर से हंसा और बोला,,,,ओह हट तुझसे और शादी ? तुझ जैसी खूबसूरत बला तो लोगो को बिस्तर पर सिर्फ़ मज़े लेने के लिए होती है।

और तुमने सोच कैसे लिया।की मैं तुम जैसी लड़की से शादी करूँगा।ये मैंने नक़ली शादी इस लिये रचाई थी।

ताकि तुम्हें rightclaim कर सकु पर इस AS ने मेरी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।पर कोई बात नहीं।

शादी तो तुम्हारी AS से हो गई।पर सुहागरात मेरे साथ मना लेना।वही कबीर की बात सुन काजल की तो जैसे पैरो तले ज़मीन ही खिसक चुकी थी।

वही AS जो कब से ये बात सुन रहा था।अब उस के ग़ुस्से की हद हो चुकी थी।वही कबीर अपनी ही धुन में काजल के साथ बात कर रहा था उसका एक हाथ काजल के खुले पेट पर था।जिसे वो काजल के पेट को हल्का हल्का सहला रहा था।

वही काजल को उसका छूना जैसे तीर की तरह चुभ रहा था।

तभी AS इतनी तेज़ी से उन दोनों के पास पोहोंचा ,,की कबीर को कुछ सोचने का मौक़ा ही नहीं मिला ,,,

वही AS ने एक झटके से काजल हाथ पकड़ा अपनी और खिचा और पीछे से तलवार निकाली जो शायद पहले से उसने अपनी बैक में रखी हुई थी।

AS ने तलवार निकाल सीधा कबीर गर्दन पर चला दी,,और अगले ही पल कबीर की गर्दन उसके धड़ से अलग होकर ज़मीन पर गिर गई।वही काजल की ज़ोरदार चीख वहाँ पर गूंज गई।

और खून का फुवारा छूत पड़ा।कबीर के खून के छीटे AS और काजल के चेहरे पर गिरे,,

वही काजल अंदर तक पूरी काँप गई।उसके पैरो जैसे जान ही ना बची हो,,और अगलें ही पल वो बेहोश हो गई।

फ़्लैशबैक एंड,,,

फिर जब काजल को होश आया तो रात हो चुकी थी।और वो उसी छोटे से घर में बेड पर लेटी थी।

जब उसकी आँख खुली तो उसकी आंखों के सामने AS का भयानक रूप घुम रहा था।फिर वो अपनी बेड से उठ कर नीचे दीवार के साथ ज़मीन पर बैठ गई

काजल इस वक़्त आँखें बन्द कर वही सब याद कर ही रही थी की तभी,,उस घर का दरवाज़ा खुला और आमिर अंदर आया।

आमिर ने अपना सिर झुका रखा था।और उसे काजल को ग्रीड करते हुए,,कहा क्वीन प्लीज़ मेरे साथ चलिए।वही काजल उसके मुँह से क्वीन सुन थोड़ी हैरान थी पर उसने जायदा ध्यान नहीं दिया।

वही काजल डरी सहमी अपनी जगह से उठी।क्योंकि उसके पास कोई चारा नहीं था।उसे डर था।कही जो कबीर के साथ हुआ।कही उसके साथ भी ना हो जाये।

इतना कह उसने घर के अंदर की तरफ़ आया ,,,घर के पीछे एक आलमिराह बनी था।वही काजल जो डरी सहम उसके पीछे धीमे धीमे कदमों से चल रही थी।

ना जाने क्यों उसे बहुत ज्यादा डर लग रहा था।ऐसा लग रहा था जैसे उसके साथ कुछ ग़लत होने वाला है।

पर फिर भी अपने डर को कंट्रोल कर आमिर के पीछे चलती रही।वही आमिर अब आलमिराह के सामने आ कर खड़ा हुआ।

और उसने आलमिराह को खोला,,और अंदर चला गया।वही आलमिराह को देख काजल हकी बाक़ी रह गई थी।

अंदर एक गुफा थी।जो काफ़ी आगे जा रही थी।जिस में जगह जगह लाइट लगी हुई थी।जिस वजह से हर तरफ़ रोशनी थी।

गुफा को देख काजल की हालत और जायदा ख़राब हो गई थी।पर फिर थोड़ी हिम्मत कर काजल आगे की तरफ़ बढ़ने लगी।थोड़ी आगे जा कर एक ऐसा मोड़ आया।

जहां गुफा में दो रास्ते थे।काजल उस दो राह जगह पर खड़ी हुई।और देखने लगी।

वही आमिर ने जबपीछे मूड देखा तो काजल को दूजे रास्ते को देख कहा।क्वीन प्लीज़ जल्दी चलिए किंग आपका वेट कर रहे है।

तभी काजल फिर आमिर की और देखा और एक बार फिर उस दूसरे रास्ते को देखा जहां पर अंधेरा था।

फिर वो दोबारा आमिर के पीछे चल दी।

थोड़ी देर में वो गुफा एक कमरे में जाकर रुकी जोकि उस कमरे की अलमारी थी,आमिर वही पर खड़ा हो अलमारी के दरवाज़े को खोल।

काजल को रूम में जाने का इशारा किया।ख़ुद वही पर खड़ा रहा।

वही काजल ने एक नज़र आमिर को देखा,,फिर उस दरवाज़े को देखा जो की किसी दूसरी अलमारी का था।

फिर काजल अंदर की तरफ़ गई।वही आमीर वही से वापिस चला गया।उसे अंदर जाने की इज़ादत नहीं थी।

वही जब काजल अंदर गई।तो सामने का नज़ारा देख काजल का दिल धक सा रह गया।उसकी आँखें बढ़ी हों गई।

to be continue……………

काजल उस आलमिराह से बाहर निकली जहां पर आमिर उसे छोड़ कर गया था।वही अंदर आते ही काजल का दिल धक सा रह गया।

सामने AS किंग साइज़ सोफा पर बैठा सामने काँच के टेबल पर ऊपर पाव पर पाव चढ़ाह कर बैठा था।उसके हाथ में एक वाइन की बोतल थी।जो वो अपने होंठों से लगा रखी थी।

AS के दूसरा हाथ जिससे खून बह रहा था वो सोफ़े पर एक साइड लटका रखा था।साफ़ पता चल रहा था।की हाथ में कोई नुकीली चीज लगी है।

वही काजल बस एक तक AS को देख रही थी।जो अपनी लाल आँखों से उसे ही देख रहा था। और इस वक़्त उसने अपने होंठों से वाइन लगाई हुई थी।

पर उसकी लाल नज़रे काजल को घूर रही थी। वही काजल AS को देख डर के मारे पीछे की और खिसक रही थी।

पीछे की तरफ़ जाते हुए काजल की पीठ अलमारी से जा लगी।जो की अब बंद हो चुकी थी।

अलमारी के दरवाज़े को बंद देख काजल अब डर से काँपने लगी।वही AS जिसने अब अपनी वाइन ख़त्म कर सामने टेबल पर रख दी थी।वो अब अपनी जगह से खड़ा हुआ।

और अपने कदम काजल की और बढ़ा दिए।वही AS को अपनी तरफ़ बढ़ता देख काजल का दिल काँप उठा।

वो AS को देख बोली प्लीज़ हमे छोड़ दीजिए।हम हम हम….. हम हमारे पास मत आइए।प्लीज़ हमे छोड़ दीजिए।

वही AS बिना उसकी बात पर ध्यान दिये।काजल की और चले आ रहा था।

वही काजल अब पूरी तरह से आलमिराह से लग चुकी थी।वही AS भी अब बिलकुल उसके क़रीब आकर खड़ा हो चुका था।और अग़ले ही पल AS ने अपने हाथ पीछे से लेजा कर काजल के बालों को मुट्ठी में जकड़ लिया।

जिससे काजल को बहुत दर्द हो रहा था।वही AS का चेहरा जो अब तक एक्सप्रेशनलेस था।वो अब डार्क होने लगा।

AS अब काजल के ऊपर झुकने लगा।वही काजल AS को अपने ऊपर झुकता देख,,,प्लीज़ ऐसा मत कीजिए हम मानते है।हमारी आपसे शादी हुई है,पर आप हमे थोड़ा वक़्त दे दीजिए।

वही AS बिना उसकी बात पर ध्यान दिये।काजल के चेहरे पर झुका और उसके कान के नज़दीक आकर बोला।।

क्या ? तुम कबीर से मोहब्बत करती हो ?

वहीAS की बात सुन काजल जो पहले डरी हुई थी।वो एक टक AS को देखने लगी।

फिर कुछ सोच कर बोली नहीं हम उनसे प्यार नहीं करते।पर वो….

अभी उसने इतना कहा था।की तभी AS की पकड़ उसके बालो पर कस गई,””अरुण सिंग शेखावत”” की चीज और किसी की हो भी नहीं सकती ।

इतना कहते हुए उसके चेहरे पर गरुर झलक रहा था।वही काजल उसकी और देखते हुए बोली हम कोई चीज नहीं है।

तभी जो AS बस उसको एक टक नज़रों से देख रहा था।उसने झटके काजल का दुपट्टा सिर से खिच कर ज़मीन पर फैंक दिया।

वही काजल का दिल अब धक धक करने लगा।उसे अंदर तक डर लग रहा था।

तभी AS ने उस अपने कंधे पर उठा कर बिस्तर पर ले आया।और एक झटके से बिस्तर पर पटक दिया।

वही बिस्तर पर पटकते ही काजल हड़बड़ा कर उठ कर बैठ गई।और AS कि तरफ़ देख कर पीछे की खिसकने लगी।

और बोली प्लीज़ डेविल हम आपके आगे हाथ जोड़ते है।हमे छोड़ दीजिए हम आपको नहीं जानते प्लीज़,,

हमे तो ये तक नहीं पता आख़िर आप है कौन ?

वही AS उसके मुँह से अपने लिए डेविल सुन कर उसके होंठों को किनारे मुड गये।बिलकुल ना मात्र की स्माइल उसके चेहरे पर आ गई।

और वो मन में बोला डेविल नाम तो अच्छा दिया।””little rebbit””तुमने बट अफ़सोस में तुम्हारी मासूमियत के जाल में अब नहीं फँसने वाला ,,अब नियति ख़ुद को नहीं दोहरायेगी।मैं अच्छे से जानता हूँ।तुम्हारी ये मासूमियत एक ढोंग है,एक छल है।ये तुम्हारा मासूम चेहरे के पीछे का नक़ाब मुझसे कभी नहीं छुप सकता !!!

वही काजल की तो अब धड़कन के रफ़्तार पकड़ ली,,,क्योंकि AS ने अब अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिये।

AS ने अपनी शर्ट को खोल कर ज़मीन पर फेंक दिया।और अपना एक घुटना बेड पर और झुक कर काजल का एक पैर पकड़ कर अपनी और खिच लिया।

काजल जो AS खिंचती चली गई।उसकी तो सांस ही अब हलक में अटक गई।अब उसने आख़िरी बार AS के आगे जैसे ही हाथ जोड़ने को हुई।

अगले ही पर वहाँ कपड़ा फटने की आवाज़ गूंजी,,,AS ने उसके ब्लाउज को फाड़ कर उसके शरीर से अलग कर दिया था।

और उसकी हाथों को अपने हाथों में भर कर ऊपर बेड पर लगा दिया था।वही ब्लाउज फटने से काजल का खुला सीना अब AS के सामने था।

और AS अपनी इंटेंस नज़रों से काजल को देख रहा था।पर AS का आँखें अभी भी काजल के चेहरे से नहीं हिली थी।वही काजल की आँखें शर्म के मारे बंद हो चुकी थी।और उसकी आँखों के कोनों में आंसू बह रहे थे।

तभी AS अब काजल पर झुकने लगा और उसके कान बोला”” little rebbit”” अब तो तुम्हें हर रोज़ बर्दाश्त करना पड़ेगा।

तुम्हें मेरी नीड्स तो पूरी करनी होगी ना because know,,you are my wife,,and im your husband””क्योंकि अरुण सिंह शिखावट को बिलकुल नहीं पसंद जब उसे कोई ना कहता है।

और तुम तो एक good गर्ल हो ना जो अपने पापा की बात अच्छे से मानती है,,याद है ना तुम्हें तुमने अपने पापा को प्रॉमिस किया है।

की तुम ये रिश्ता पूरी दिल से निभाओगी।जैसे ही AS ने काजल को बाबा की बात याद दिलाई अब काजल ने अपनी आँखें एक झटके से खोल और पापा का वादा याद आते ही उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया।

वही काजल का रिएक्शन देख अब AS के फेस पर डेविल स्माइल आ गई।और वो मन में बोला__”” दिल से चाहे तुम कितनी भी घटिया हो पर मानना पड़ेगा,,अपने बाप से प्यार तो बहुत करती हो।””

अब AS काजल के ऊपर झुका और उसके गले को धीरे धीरे चूमने लगा। वही काजल की अब साँसे अब गहरी होने लगी।

काजल अपने मन में ठीक ही तो कह रहे है।ये,,,,पति है।मेरे और हमने अपने पापा से भी वादा किया है।हम ये रिश्ता पूरी तरह से निभायेंगे।

ये सोचते हुए ही काजल ने ख़ुद को ASके आगे सरेंडर कर दिया।

वही AS जो काजल के गले को चूम रहा था,अब वो धीरे धीरे नीचे की और जाने लगा।रूम में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था,और बस एक व्व्हाइट डिम लाइट ऑन थी।और काजल की साँसों आवाज़ उस कमरे में गूंज रही थी।

तभी सन्नाटा को चीरते हुए।AS का फ़ोन बजा,,,फ़ोन के बजते ही AS ने अपनी आँखें कस कर मिच ली और उसके हाथों की मुठिया कस गई।क्यूकी AS अभी काजल के शरीर को छूने जा ही रहा था।

पर अब उसे ग़ुस्सा आ रहा था।उसके चेहरे को देख साफ़ पता चल रहा था।की वो अपना ग़ुस्सा कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है।

वही काजल एक तक बस उसके चेहरे को ही देख रही थी।वही फ़ोन बज कर अपने आप बंद हो गया।

वही AS ने अब गहरी सास ली और एक बार फिर काजल पर झुकने लगा के तभी फिर से फ़ोन बजा इस बार AS ग़ुस्से से काजल के ऊपर से उठा और उसके ऊपर उठते ही बोला ___””don’t move “”

वही काजल जो उठने वाली थी वो वही पर रह गई।पर उसने जल्दी से ब्लैंकेट खिच कर ख़ुद को कवर कर लिया।

वही AS जिसका टेबल पर रखा बज रहा था।उसने अपने फ़ोन देखा तो फ़ोन पर हो रहे नाम को देख कर उसका चेहरा अब डार्क हो गया।

to be continue…………..

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